21 सितंबर : नवादा की मुख्य ख़बरें

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जन आरोग्य योजना के कार्ड से गरीब का नहीं हो रहा इलाज

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड के हरदिया पंचायत की सेक्टर बी निवासी मोती रविदास अपनी पुत्री पुत्री काजल कुमारी (15वर्ष) की इलाज के लिए सरकारी अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनका कोई सुनने वाला नहीं है। काजल को किडनी और लीवर में दिक्कत है और वह काफी दर्द से परेशान है। काजल के पिता मजदूर हैं और गरीब भी इतना कि महंगा इलाज उनकी औकात से बाहर की बात है।

प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना के तहत काजल के नाम से एक कार्ड है जिस पर 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज किसी भी अस्पताल में किया जा सकता है। लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है। कार्ड लेकर बिहार-झारखंड के बड़े-बड़े अस्पतालों का चक्कर काट चुके हैं, लेकिन किसी भी अस्पताल में इस कार्ड का कोई सुध लेने वाला नहीं मिला।

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काजल के परिवार की माली हालत इतनी खराब है कि इलाज कराने के लिए उनके पास कुछ नहीं बचा है। अब काजल जिदगी और मौत की घड़ियां काट रही है। दर्द से जब परेशान होती है तो दर्द की दवा खाकर अपने पीड़ा को दबा लेती है। वह कर भी कुछ नहीं सकती है क्योंकि अब उसके परिवार के पास कुछ बचा नहीं है।

पिता मोती रविदास ने नम आंखों से बताया कि बहुत मेहनत से 10 कट्ठा जमीन बचा कर रखा था लेकिन बेटी के इलाज के लिए 10 हजार रुपए कट्ठा के दर से उसे भी बेच दिया। इलाज के लिए सूद पर पैसा भी लिया। अबतक कुल 4 लाख रुपये खर्च कर चुका है लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।

दर्द होने पर मोहल्ले वाले से चंदा लेकर बेटी की दवा लाता हूं। काजल कहती है कि दर्द कितना तेज होता है कि लगता है कि इससे बेहतर मौत ही आ जाती जो बढि़या होता।

सेव के भाव पहुंच गया प्याज, कीमत 55 के पार

नवादा : जिले के में इन दिनों प्याज की कीमत आसमान छू रही है। बीते एक सप्ताह के अंदर प्याज की कीमतों में जबर्दस्त उछाल आया है। हालात यह है कि चूल्हा-चौंका से प्याज गायब होना शुरू हो गया है।

महंगाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बाजार में एक किलो प्याज की कीमत 55-60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। कहीं 55 तो कहीं 60 रुपये तक प्याज बिक रहा है। जबकि फल मंडी व सब्जी मंडी में सेव की कीमत 40 रुपये से लेकर 60 रुपये किलो तक बिक रही है। उत्तम क्वालिटी का प्याज कहीं 60 से भी अधिक तक नहीं चला जाए इसे लेकर उपभोक्ता परेशान हैं।

सबसे मजे की बात यह है कि 60 रुपये किलो बिकने वाला सेव शाम ढलने तक रेट गिरकर 40 रुपये तक चला आता है वहीं प्याज की कीमत टस से मस नहीं हो रही है। प्याज की बढ़ी हुई कीमत के कारण गृहणियों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।

कल तक जो ग्राहक सब्जी मंडी या राशन दुकान से दो से 5 किलो तक प्याज खरीदकर घर ले जाते थे। लेकिन वही ग्राहक अब आधा किलो या मुश्किल से एक किलो प्याज ही खरीद रहे हैं। दुकानदार भी प्याज महंगा होने की बात कह रहे हैं। विजय बाजार सब्जी मंडी, भगत सिंह चौक सब्जी मंडी समेत राशन की दुकानों में भी प्याज महंगा बिक रहा है। खाने की थाली से सलाद में प्याज नजर नहीं आ रहा है। उन लोगों को भी दिक्कत हो रही है जो मांसाहारी भोजन पसंद करते हैं।

प्याज की महंगाई से मटन-मुर्गा खाने वाले परेशान

मटन, मुर्गा, अंडा कढ़ी बनाकर खाने वाले लोगों के लिए प्याज अधिक इस्तेमाल करना काफी परेशानी दायक हो गया है। प्याज की अधिक कीमत के चलते शाकाहारी से लेकर मांसाहारी सभी परेशान नजर आ रहे हैं। जिले के उपभोक्ता सरकार को मन ही मन कोस रहे हैं। यह भी चर्चा है कि कालाबाजारी होने से प्याज की कीमतें अचानक से इस कदर बढ़ गई है। बाजार में अभी तक मद्रासी प्याज नहीं दिखाई पड़ रहा है।

बच्चों क़ो कुपोषण से बचाने क़े लिए रखना होगा विशेष ध्यान : डॉ. मृत्युंजय

नवादा : जिले क़े हिसुआ प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार में राष्ट्रीय पोषण दिवस क़े अवसर पर पोषण मेला का आयोजन किया गया। हिसुआ प्रखंड सभागार में आयोजित पोषण मेला की अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी ने किया। उपस्थित महिलाओं क़ो संबोधित करते हुए उन्होंने कहा नवजात बच्चों क़ो पौढावस्था तक विशेष ख्याल रखने की आवश्कता है।

वेहतर रख रखाव औऱ पौष्टिकयुक्त भोजन बहुत जरूरी है। बच्चों क़ो समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी जरूरी है। इसके लिए मां एवं बच्चों दोनों क़ो पोषण की आवश्यकता है। संतुलित आहार एवं कैल्शियम औऱ आईरन क़े लिए दवाइयों, सब्जियां, फल दूध आदि अगर संतुलित मात्रा में जरूरी होता है। मौके पर आंगनबाड़ी सेविका औऱ सहायिकों ने भी अपनी जवाबदेही को बताते हुए कहा कि हर आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों क़े लिए स्वास्थ्य चेकअप, वजन मापी एवं जांच की व्यवस्था है। इस कार्यक्रम में सभी स्वास्थकर्मियों ने पोषण पर अपना विचार दिया।

कृषि वैज्ञानिकों ने बच्चों को दी स्वच्छता की जानकारी

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल प्रखण्ड के सोखोदेवरा गांव में शुक्रवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्राम निर्माण मंडल सर्वोदय आश्रम सोखोदेवरा के बैनर तले स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया गया।

इस दौरान केवीके के डॉ धनंजय कुमार, अरविन्द कुमार राय एवं विकास कुमार ने स्कूली बच्चों को जीवन में स्वच्छता का महत्व बताते हुए लोगों से स्वच्छ रहने की अपील की। साथ ही बच्चों से पोलीथिन एवं प्लास्टिक से बनी सामानों का इस्तेमाल नहीं करने की अपील की गई।

कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि स्वस्थ समाज से ही स्वस्थ पर्यावरण सम्भव है। जिसको लेकर लोगों को अपने साथ साथ अपने रहने सहने के स्थानों, धार्मिक स्थानों, तालाबों, सार्वजनिक स्थानों आदि की भी साफ सफाई जरुरी है। मौके पर दर्जनों स्कूली बच्चे मौजूद थे।

स्वचालित मौसम केंद्र के लिए भूमि उपलब्ध कराने का आदेश

नवादा : समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में जल जीवन हरियाली से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वे डाटा के अनुसार मृत पड़े तालाव, कुंआ, आहर, पइन का रिर्पोट सभी अंचल से प्राप्त हो गयी है।

जल जीवन हरियाली अभियान के तहत नवादा जिला में 337 तालाव, 374 पोखर, 748 रेन वाटर हार्वेस्टिंग, 281 चेक डैम, 2244 चापाकल के पाससोख्ता निर्माण का लक्ष्य मिला है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्होंने संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिये। अभी वर्तमान में 02 अक्टूवरको सार्वजनिक एवं सरकारी स्थलों पर कम से कम एक योजना का सभी पंचायतों में एक एकड़ से कम तालाव का जीर्णाद्धार किया जाना है।

उन्होंने कहा कि 02 अक्टूवर तक प्रत्येक पंचायत में कार्यरत चापाकल के पास वाटर हार्वेस्टिंग की दो योजना संबंधित सहायक अभियंता एवं मनरेगा पी0ओ0 निश्चित रूप से करेंगे। उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान के अन्तर्गत पानी को रोकने के लिए चेक डैम का निर्माण एवं पहाड़ी क्षेत्रों में पइन का निर्माण करने की योजना निश्चित रूप से ली जाय। वैसे जगहों को लें जो विवादित न हो। रेन वाटरहार्वेस्टिंग सोख्ता का निर्माण सभी स्कूलों, प्रखंड कार्यालयों, सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों, सभी बाल विकास परियोजना भवनों में कराने का निर्देश दिया गया।

उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में दो स्थलों पर जल जीवन हरियाली से संबंधित दिवालों पर स्लोगन लिखने को कहा साथ ही सार्वजनिक भवनों, दिवालों पर भी स्लोगन लिखने का निर्देश दिया। इस कार्य में मनरेगा के पीटीए, पीआरएस, जे0ई0, पी0ओ0 दिवाल पर स्लोगन लिखने का कार्यकरेंगे। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही होने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।

डीएम कौशल कुमार ने कहा कि सभी प्रखंड मुख्यालय में स्वचालित मौसम केन्द्र के अधिष्ठापन हेतु स्थल चयन करने का निर्देश सभी अंचलाधिकारी को दिया गया। इसे हर हाल में सोमवार तक जमीन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। मौके पर जिले के कई अधिकारियों के साथ मनरेगा से जुड़े कर्मी मौजूद थे।

विभागीय लापरवाही के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित लोग

नवादा : जिले के पकरीबरांवा प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग दम तोड़ती नजर आ रही है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर विभाग द्वारा लोगों को ठगने का काम किया जा रहा है।

पूर्व में लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उप स्वास्थ्य केंद्र खोले गए थे। परंतु पकरीबरावां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को छोड़ बाकी गांवो में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उप स्वास्थ्य केंद्र कार्य में आने से पहले ही दम तोड़ चुकी है। पकरीबरावां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील हो चुका है, लेकिन सुविधाओं का घोर अभाव है। प्रखंड का एकमात्र अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धमौल लगभग मृतप्राय हो चुका है। यह कई वर्षों से कार्य में नही है। हमेशा ताला लटका रहता है। वर्तमान में स्थिति यह है कि यह जर्जर हो चुका है। कुछ कमरों में लोगों ने अतिक्रमण कर जानवरों का चारा रख दिया। शुक्रवार को ग्रामीणों ने अस्पताल बंद रहने का विरोध जताया।

नहीं पहुंचते हैं डॉक्टर :

जानकारी के अनुसार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धमौल में एक डॉक्टर व दो एएनएम की नियुक्ति की गयी, परंतु न डॉक्टर पहुंचते हैं और न ही एएनएम ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंचती है। जानकारों की माने तो आयुष चिकित्सक डॉ. रामाकांत निषाद की पोस्टिंग यहां की गई है, परंतु वे नहीं आते हैं। लोगों की माने तो स्थानीय स्तर के पदाधिकारियों की अनदेखी के कारण अस्पताल बदहाल है।

पच्चीस हजार की आबादी स्वास्थ्य सुविधा से हैं वंचित जमुई व शेखपुरा जिले की सीमा से लगे धमौल बाजार स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद रहने से तीन जिलों के लगभग 25 हजार की आबादी स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं। कोई घटना-दुर्घटना या आपातकाल की स्थिति में मरीजों को या तो 13 किमी दूर पकरीबरावां सीएचसी ले जाना होता है या फिर 12 किमी दूर जमुई जिला के अलीगंज पीएचसी ले जाना पड़ता है। इस स्थिति में कई मरीजों की जान भी जा चुकी है।

होगा आंदोलन :

अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बंद रहने से लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। धमौल बाजार निवासी दिनेश आर्य, महेश वर्मा तथा नंदे प्रसाद सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि अस्पताल को चालू कराने की वर्षों से मांग की जाती रही है, परंतु लगातार विभाग द्वारा अनदेखी की जा रही है।

लोगों ने कहा कि अगर स्वास्थ्य विभाग अपनी व्यवस्था में सुधार कर शीघ्र ही स्वास्थ्य केंद्र को पूर्णरूपेण चालू नही करती है तो विभाग के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

अन्य स्वास्थ्य केंद्रों का है यही हाल

अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र धमौल के अलावे अन्य उप स्वास्थ्य केन्द्रों का भी यही हाल है। उप स्वास्थ्य केंद्र डोला में सुविधा के नाम पर केवल विभाग का बोर्ड लगा है। किराये के मकान में टंगे बोर्ड के अलावे यहां कोई सुविधा नही है।

ग्रामीणों के अनुसार कई बार चालू कराने के लिए विभाग से मांग की गई, परंतु विभाग की कुम्भकर्णी निद्रा टूटती ही नही है। जिसके उप स्वास्थ्य केंद्र उद्घाटन के बाद से ही बंद है।

क्या कहते हैं सीएस

धमौल एपीएचसी के बंद रहने के सम्बंध में सीएस डॉ श्रीनाथ प्रसाद ने बताया कि धमौल एपीएचसी में डॉक्टर की पोस्टिंग है। डॉक्टर नहीं पहुंच रहे हैं तो इसकी जांच की जाएगी।

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