21 जून : चंपारण की मुख्य ख़बरें

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चंपारण की मुख्य ख़बरें

प्राकृतिक संरचना को बनाए रखने में नदियों की भूमिका अहम : डीएम

चंपारण/मोतिहारी : जिले के रक्सौल स्थित सरिसवा नदी इन दिनों अस्तित्व संकट के दौर से गुजर रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप पर्यावरण पर इसका बुरा प्रभाव जहां देखा जा रहा है, वहीं पेयजल स्रोत पर भी ग्रहण लग गया है। इसके कारण इस इलाके के पानी दुषित हो रहे। इस संकट को दूर करने के लिए सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन समिति का एक प्रतिनिधि मंडल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी रमण कुमार से मुलाकात की और नदी की स्थिति से अवगत कराते हुए उसके अस्तित्व को बचाने के लिए उचित कदम उठाने की मांग करते हुए मांग पत्र सौंपा। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में नदियों की अहम भूमिका होती है। इसे किसी सुरत में नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। साथ ही सरिसवा नदी को बचाने एवं स्वच्छ रखने की हर संभव पहल होगी।

जिलाधिकारी ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि आप जिस समस्या को लेकर के यहां आए हैं उस समस्या के निदान के लिए ईमानदार प्रयास मेरी जिम्मेवारी है। इस समस्या से आम जनता के साथ-साथ सीमांचल क्षेत्र के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।

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समस्या के निदान के लिए प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी के समक्ष यह मांग रखा कि जहां सरिसवा नदी भारत में प्रवेश करती है वहां और नगर की गंदगी को साफ करने के लिए दो स्थानों पर एफफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाए। साथ ही नेपाल सरकार से वार्ता कर नो मैंस लैंड पर गिराये जा रहे कूड़ा कचरे को  शीघ्र रोकें।  जिलाधिकारी ने मांगों को जायज ठहराते हुए एसडीओ रक्सौल अमित कुमार से टेलीफोन पर वार्ता भी की। उन्होंने एसडीओ, रक्सौल को निर्देशित किया कि कुछ मांगे जो हम से और आप से संबंधित है जिसे हम उसे दूर कर सकते हैं। रक्सौल नगर परिषद के द्वारा जो कूड़ा कचरा नदी के किनारे रिहायशी इलाकों में गिराया जा रहा है उसे शीघ्र रोकने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि यह नहीं रूकने की स्थिति में धारा 133 तीन के तहत कार्रवाई करें। जिलाधिकारी ने एसडीओ रक्सौल को अविलंब बीरगंज के जिलाधिकारी से वार्ता करके नो मैन्स लैंड पर कूड़ा करकट गिराना बंद करने को कहा।जिलाधिकारी ने नेपाल के कल कारखाने के अवशिष्ट  नदी में बहाए जाने को लेकर एक रिपोर्ट तैयार कर एक सप्ताह के अंदर प्रेषित करने का निर्देश भी दिया ताकि बिहार सरकार एवं भारत सरकार को भेज कर उस पर उचित कार्रवाई हेतु अग्रसारित कर सके। प्रतिनिधि-मंडल का नेतृत्व सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर डॉ० अनिल कुमार सिन्हा एवं भाजपा सांगठनिक जिला रक्सौल के जिलाध्यक्ष प्रमोद शंकर सिंह कर रहे थे।

प्रतिनिधि-मंडल में भोला गुप्ता, सुरेश कुमार, रजनीश प्रियदर्शी, गुड्डू सिंह, प्रोफ़ेसर मनीष दुबे, राज किशोर राय भगत, इं. जितेंद्र कुमार, मदन पटेल, विजय कुशवाहा, संतोष कुमार आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

तिरहुत कैनाल का बांध टूटा, सैकड़ों एकड़ में फसल नष्ट

मोतिहारी : पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धि प्रखंड क्षेत्र के भादा गांव के समीप स्थित गंडक-तिरहुत नहर की बांध गुरुवार की देर रात टूट गई। जिसके कारण इलाके की सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी गन्ना, मूंग एवं धान बीज की फसल नष्ट हो गई है। इस बांध के टुटने के पीछे बीएसएनएल के केबल पाइप बिछाने के लिए खोदे जा रहे गड्ढों से नहर के पानी रिसाव शुरू होना बताया जा रहा है। वही नहर के बांध टूटने की खबर दिए जाने के बावजूद दोपहर तक संबंधित विभाग के अधिकारी तटबंध मरम्मत की दिशा में कार्य नहीं शुरू कर सके थे, जिससे लोगों में आक्रोश था। वहीं दूसरी ओर किसानो के फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि भादा गांव के समीप उत्तरी दिशा के बांध टूटने से नहर का पानी तेजी से फैल रहा है। जिससे इस क्षेत्र में लगे ईख, धान का बिचड़ा और मूंग सहित गरमा फसलो को भारी मात्रा मे नुकसान हुआ है। बांध टूटने के बाद पानी का फैलाव तेजी से आसपास के गांव पैठानपट्टी, भादा, ओलहा, रामनगर गांव की ओर हो रहा है। इस बांध के टुट जाने से सिंचाई विभाग एवं प्रशासन की बड़ी बदइंतजामी सामने आई है। प्रत्यक्षदर्शी किसानो के अनुसार अगर जल्द से जल्द इसकी मरम्मत नहीं की गई तो भारी नुकसान से इंकार नही किया जा सकता।

राजन दत्त द्विवेदी

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