फ्रेशर पार्टी में बीसीए के छात्रों ने दिखाई अपनी प्रतिभा
दरभंगा : स्थानीय सीएम कॉलेज के कर्पूरी-ललित भवन में बीसीए प्रथम वर्ष के छात्रों का स्वागत समारोह ‘आगाज़-ए-फ्रेशर कार्यक्रम’ आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को आशीर्वचन देते हुए अपनी प्रतिभा को फलक पर स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।
साथ ही उन्होंने छात्रों के द्वारा आयोजित कार्यक्रम की भूरी-भूरी सराहना करते हुए कहा कि छात्र अपनी पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं जो किसी भी शिक्षण संस्थानों के लिए सुखद और शुभ संदेश है।सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने से छात्रों की आंतरिक प्रतिभा में निखार आता है। यह कार्यक्रम छात्रों के स्वर्णिम पल के रूप में हमेशा यादगार रहेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना-नृत्य से करते हुए छात्रों ने सभी को कार्यक्रम के आगाज से रूबरू कराया। उसके बाद सभी छात्रों ने अपने सभी गुरुओं को मंच पर सुशोभित कर उनकी गुरु वंदना की,जिससे सभी गुरु भावुक हो गए।इस भावुक पल पर कॉलेज के बीसीए कोऑर्डिनेटर डा अशोक कुमार पोद्दार ने कहा कि बच्चों ने गुरु और शिष्य की प्रचलित परंपरा को जीवंत कर दिया,जो यह साबित करता है कि संस्कार की बुनियाद को बनाने में अभी भी शिक्षण संस्थानों का समाज में महत्वपूर्ण स्थान है।
उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ाते हुए बासुकी ने अपने गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही साक्षी,प्रगति, सुरुचि ने अपने नृत्य से कार्यक्रम को जीवंत किया।
अपनी कलाओं को बिखेरने में अभिनीत आनंद,अभिषेक कुमार,प्रशांत मिश्रा,शिवम शेखर,सनाया,श्रुति और मानसी ने एक के बाद एक कार्यक्रम प्रस्तुत कर एक सांस्कृतिक छटा के समागम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के सहयोगी के रूप में लीट के प्रायोजक तकरिम फातमा और सेवेंथ हेवेन के प्रायोजक मोहित खंडेलवाल ने छात्रों को कार्यक्रम की शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर कॉलेज के बीसीए डिपार्टमेंट के फेकल्टी मेम्बर के रूप में ई० प्रेरणा श्रीवास्तव,मो० शब्बीर,रवि कुमार के साथ ही प्रो डीपी गुप्ता,प्रो सी एस मिश्रा,डॉ आर एन चौरसिया,डॉ वासुदेव साहू,प्रो ललित शर्मा, प्रो मीनू कुमारी,डॉ रूपेंद्र झा,डॉ संजीत कुमार झा,बिंदेश्वर यादव,सृष्टि चौधरी,स्नेहा कुमारी,नीरज कुमार,प्रतुल कुमार,प्रणव नारायण आदि छात्रों के उत्साहवर्धन करने के लिए मौजूद रहे।
उत्तर छायावाद व आचार्य जानकी बल्लभ शास्त्री विषय पर व्याख्यान
दरभंगा : दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं प्रसिद्ध आलोचक डॉ गोपेश्वर सिंह ने कहा कि संस्कृत की पृष्टभूमि से आने के बावजूद आचार्य जानकी बल्लभ शास्त्री की कविताओं में उत्तर छायावादी काव्य की विशेषताएं प्रखरता से अभिव्यंजित हुई हैं। बच्चन, दिनकर, भगवती चरण वर्मा नेपाली आदि की तरह शास्त्री ने भी काव्य भाषा को जन भाषा के करीब लाकर मुहावरों को कविता में ढालने का सफल प्रयास किया।
जनता धरती पर बैठी है या कुपथ कुपथ रथ दौडाता जैसी पंक्तियों में उनका यही वैशिष्टय परिलक्षित होता है। डॉ सिंह आज ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग में उत्तर छायावाद और आचार्य जानकी बल्लभ शास्त्री विषय पर व्याख्यान दे रहे थे।
डाॅ सिंह ने कहा कि उत्तर छायावाद के अधिकांश कवि बिहार के थे।वह कालखंड वस्तुतः बिहार के साहित्यिक पुनर्जागरण का काल था।उस धारा के कवियों ने मुख्यतः मस्ती और दीवानगी के तराने गाए-हम दीवानों की क्या हस्ती ।हैं आज यहां कल वहां चले।मस्ती का आलम साथ चला हम धूल उडाते जहां चले।उन्होंने कहा कियह दीवानगी वस्तुतः तदयुगीन राष्ट्रीय आकांक्षाओं की ही अभिव्यक्ति थी।
आरंभ में डॉ सिंह ने उत्तर छायावाद की मुख्य प्रवृतियों को रेखांकित किया और कहा कि इस धारा के कवि छायावादी काव्य की अवधारणाओं से भिन्न अपनी पहचान बनाना चाह रहे थे। इसकी झलक दिनकर की उस पंक्ति में मिलती है जहां उन्होंने कहा कि हम पंत के सपनों को मैथिलीशरण गुप्त की भाषा में लिखना चाहते हैं। इन कवियों ने बोलचाल की भाषा को काव्यभाषा में ढाल दिया। इसलिए उनकी कविताएं लोगों की जुवान पर चढ गई।कलान्तर में यह आन्दोलनों की भाषा भी बन गई।
इसके पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो चन्द्रभानु प्रसाद सिंह ने हिन्दी आलोचना में गोपेश्वर सिंह के अवदान पर प्रकाश डालते हुए उनकी पुस्तक आलोचना के नए परिसर की विशेष रूप से चर्चा की।पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ रामचन्द्र ठाकुर एवं समाजविज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार झा ने मिथिला की परम्परा के अनुरूप डॉ गोपेश्वर सिंह को पाग और चादर से सम्मानित किया।
इस अवसर पर डॉ विजय कुमार, डॉ सुरेन्द्र प्रसाद सुमन, डॉ कृष्ण कुमार झा, डॉ अमरकांत कुमर, डॉ तीर्थनाथ मिश्र, डॉ सतीश कुमार सिंह, डॉ रमण कुमार प्रसाद, डॉ प्रीति त्रिपाठी, अखिलेश कुमार, डॉ उमेश कुमार शर्मा समेत बडी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
23 दिसंबर को दरभंगा आएंगे राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश
दरभंगा : आगामी 23 दिसंबर को राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह दरभंगा आएंगे। वे इसमाद फाउंडेशन की ओर आयोजित आचार्य रमानाथ हेरिटेज सीरीज के तहत आयोजित 12 माह 12 व्याख्यान के तहत ‘गांधी ही विकल्प’ विषय पर विष्णुकांत झा स्मृति व्याख्यान देंगे। कार्यक्रम कामेश्वर नगर स्थित जुबिली हॉल में पूर्वाह्न 11.30 से शुरू होगा।
इस संबंध में फाउंडेशन की ओर से एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें जानकारी देते हुए इसमाद फाउंडेशन के न्यासी व कार्यक्रम के संयोजक संतोष कुमार ने बताया कि राज्यसभा के उप सभापति का मिनट टू मिनट प्रोग्राम फाइनल हो गया है। वे 22 दिसंबर की शाम दरभंगा पहुंचेंगे। 23 की सुबह वो कामेश्वर नगर में हेरिटेज वाक में शामिल होंगे।
उपसभापति राज लाइब्रेरी में जाकर वहां की दुर्लभ पांडुलिपियां भी देखेंगे। उनका महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कल्याणी फाउंडेशन जाने का भी कार्यक्रम है। वे वहां दुर्लभ पुस्तकें, फोटोग्राफ और पांडुलिपियों को देखेंगे। 23 को 11.30 बजे पूर्वाह्न में मुख्य कार्यक्रम होगा। उपसभापति का रात्रि विश्राम महात्मा गांधी सदन में होगा। वे यहां के इतिहास से परिचित होंगे।
मुरारी ठाकुर