पौधरोपण कर युवाओ ने कहा प्रकृति बचाना हमारा कर्तव्य
मधुबनी : जिला जयनगर के बाजार समिति के समीप बिजली पावर ग्रिड के परिसर में मोर्निंग वाक ग्रुप के युवकों ने मॉर्निंग वॉक के दौरान पेड़ लगाया। आज जिस तरह से पर्यावरण में प्रदूषण की बेतहाशा वृद्धि हो रही है उसी के अनुरूप पर्यावरण को बचाने हेतु पेड़ लगाओ अभियान के तहत आज इसकी शुरूआत जयनगर के युवकों ने किया है।पेड़ लगाओ अभियान के तहत समाज के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक रविवार को जयनगर के विभिन्न जगहों पर पेड़ लगाया जाता हैं।
इस अवसर पर मोर्निंग वाक ग्रुप के युवाओं ने संयुक्त रूप से कहा कि पौधा जरूर लगायें ताकि वृक्ष हमारे लिए कई प्रकार से लाभदायक होते हैं. जीवों द्वारा छोड़े गए कार्बन डाइ-ऑक्साइड को ये जीवनदायिनी ऑक्सीजन में बदल देते हैं. इनकी पत्तियों, छालों एवं जड़ों से हम विभिन्न प्रकार की औषधियां बनाते हैं, हमारा मकसद पौधा लगाने से नही होगा, पौधा को जीवित रखने से होगा और समय समय पे पानी देना वो सही मायने मे पौधा लगाना मान्य रखता है। इस अवसर पर संतोष कुमार शर्मा,लक्ष्मण कुमार,नरेश कुमार, विवेक कुमार,मोहन सिंह, अशोक कुमार यादव,संजीव कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
विश्व अल्जाइमर्स दिवस पर विशेष
- बुजुर्गों के प्रति अपनापन दिखाएँ, भूलने की बीमारी से बचाएं
मधुबनी : उम्र बढ़ने के साथ ही तमाम तरह की बीमारियाँ हमारे शरीर को निशाना बनाना शुरू कर देती हैं । इन्हीं में से एक प्रमुख बीमारी बुढ़ापे में भूलने की आदतों (अल्जाइमर्स -डिमेंशिया) की है, ऐसे बुजुर्गों की तादाद बढ़ रही है । इसीलिए इस बीमारी की जद में आने से बचाने के लिए हर साल 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स-डिमेंशिया दिवस मनाया जाता है । इसका उद्देश्य जागरूकता लाना है ताकि घर-परिवार की शोभा बढ़ाने वाले बुजुर्गों को इस बीमारी से बचाकर उनके जीवन में खुशियाँ लायी जा सकें ।
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.एस पी सिंह का कहना है कि बुजुर्गों को डिमेंशिया से बचाने के लिए जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य उनके प्रति अपनापन रखें । अकेलापन न महसूस होने दें, समय निकालकर उनसे बातें करें, उनकी बातों को नजरंदाज कदापि न करें बल्कि उनको ध्यान से सुनें । ऐसे कुछ उपाय करें कि उनका मन व्यस्त रहे, उनकी मनपसंद की चीजों का ख्याल रखें । निर्धारित समय पर उनके सोने-जागने, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था का ध्यान रखें । अमूमन 65 साल की उम्र के बाद लोगों में यह बीमारी देखने को मिलती है या यूँ कहें कि नौकरी-पेशा से सेवानिवृत्ति के बाद यह समस्या पैदा होती है । इसके लिए जरूरी है कि जैसे ही इसके लक्षण नजर आएं तो जल्दी से जल्दी चिकित्सक से परामर्श करें ताकि समय रहते उनको उस समस्या से छुटकारा दिलाया जा सके । इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक है कि जीवन शैली में एकदम से बदलाव आना जैसे- शरीर में आलसपन का आना, लोगों से बात करने से कतराना, बीमारियों को नजरंदाज करना, भरपूर नींद का न आना, किसी पर भी शक करना आदि ।
डिमेंशिया के लक्षण :
रोजमर्रा की चीजों को भूल जाना, व्यवहार में परिवर्तन आना, रोज घटने वाली घटनाओं को भूल जाना, दैनिक कार्य न कर पाना आदि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं । इसके चलते बातचीत करने में दिक्कत आती है या किसी भी विषय में प्रतिक्रिया देने में विलम्ब होता है । डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रोल, सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक, एनीमिया और कुपोषण के अलावा नशे की लत होने के चलते भी इस बीमारी के चपेट में आने की सम्भावना रहती है ।
जागरूक बनें, डिमेंशिया दूर करें :
इस भूलने की बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखें । नकारात्मक विचारों को मन पर प्रभावी न होने दें और सकारात्मक विचारों से मन को प्रसन्न बनाएं। पसंद का संगीत सुनने, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करने, खेलकूद आदि जिसमें सबसे अधिक रुचि हो, उसमें मन लगायें तो यह बीमारी नहीं घेर सकती । इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम और योगा को अपनाकर इससे बचा जा सकता है । दिनचर्या को नियमित रखें क्योंकि अनियमित दिनचर्या इस बीमारी को बढ़ाती है । धूम्रपान और शराब से पूरी तरह से दूरी बनाना ही हित में रहेगा । यदि डायबिटीज या कोलेस्ट्रोल जैसी बीमारी है तो उसको नियंत्रित रखने की कोशिश करें ।
क्या कहते हैं आंकड़े :
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली की तरफ से अभी हाल ही में जारी एक एडवाइजरी में कहा गया है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश में करीब 16 करोड़ बुजुर्ग (60 साल के ऊपर) हैं । इनमें से 60 से 69 साल के करीब 8.8 करोड़, 70 से 79 साल के करीब 6.4 करोड़, दूसरों पर आश्रित 80 साल के करीब 2.8 करोड़ और 18 लाख बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनका अपना कोई घर नहीं है या कोई देखभाल करने वाला नहीं है ।
11 सूत्री मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे एमएसयू कार्यकर्ता
मधुबनी : जिले के झंझारपुर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष झंझारपुर को जिला बनाने की मांग समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के छात्र नेताओं ने शनिवार से ही अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गया है, जो आज भी जारी है।
एमएसयू छात्र संगठन के नेताओं ने आमरण अनशन के माध्यम से कहा मिथिला के क्षेत्र व क्षेत्र के विकास के लिए विगत 5 वर्षों से संघर्षरत एक मिथिला वादी नौजवानों का संगठन है, जो मिथिला की मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करने का काम किया है। भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं ने अपने मांगों में कहा है कि झंझारपुर को जिला का दर्जा देने और झंंझारपुर नगर पंचायत को नगर परिषद को दर्जा देने, एतिहासिक मिथिला विजय स्तंभ कंदरपी घाट को पर्यटन स्थल घोषित करने समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दिया है।
भूख हड़ताल पर जिला अध्यक्ष कुंदन कुमार, संगठन मंत्री दिपक मिश्रा, मुरारी मंडल, विनय झा भारद्वाज, अजय झा, मिहीर झा, जितेंद्र मंडल, गोविंद झा, जफर राजा राफी आदि लोग शामिल हैं।
संस्कृत भाषा के प्रथम अन्तर्वीक्षा की हुई शुरुआत
मधुबनी : संस्कृत एवं सांस्कृतिक धरोहर हेतु वर्तमान विश्व शान्ति एवं ज्ञान-विज्ञान पाने के लिए भारत की ओर देख रहा है। वहीं दूसरी ओर गुरुजनों के द्वारा बताए गये मार्ग पर भारतीय युवाओं के द्वारा नित्य नूतन अनुसन्धान किए जा रहे हैं।
राजकीय शिक्षक सम्मान प्राप्त सह कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्य डॉ० रामसेवक झा ने बताया कि युवाओं को दृष्टिगत करते हुए जाह्नवी संस्कृत ई शोधपत्रिका के द्वारा आयोजित संस्कृत अन्तर्वीक्षा The First International Sanskrit Interview Series for Youngsters इन्हीं शोधों मे एक है। जिनका उद्देश्य विश्वस्तर पर विभिन्न क्षेत्र के विद्वानों के द्वारा संस्कृत हेतु किये गये, किये जा रहे एवं किये जाने वाले कार्यों को विश्व पटल लानें है।
प्रथम अन्तरराष्ट्रीय संस्कृत अन्तर्वीक्षा शृंखला का प्रथम चरण मिशिगन विश्ववद्यालय एवं पेंसिलवनिया विश्वविद्यालय के प्रो० माधव देशपांडे, कैलिफोर्नया से मैनेजमेण्ट की छात्रा प्रज्ञा, वेदों को जनभाषा में प्रसारित करने हेतु जीवन समर्पित करने वाले डा० मुरलीधर चान्दनीबाला, कम्बोडिया सेमरन थबांखमुम विश्वविद्यालय के प्राध्यापक हाक छेंखी के इण्टर्व्यू के साथ 15 सितंबर को शुरू किया गया। अन्तर्वीक्षकों मे डा० नारायणदत्त मिश्र, डा० मीनाक्षी, डा० श्लेषा, डा० सुमन आचार्य थे।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो० राजाराम शुक्ल ने कहा कि इस इंटरव्यू के द्वारा छात्रों को अपना भविष्य निर्माण करने के लिए कई मार्ग मिलेंगे, साथ ही विश्व संस्कृत से संबंध प्रतिभाओं से एक मंच पर मिलकर लोग लाभान्वित हो पाएंगे।
इस कार्यक्रम की मूल संकल्पना डॉ० विपिन कुमार झा के द्वारा बनाई गई है, जिससे कि संस्कृत के विद्यार्थियों को मार्गदर्शन मिल पाए। इस अवसर पर विभिन्न देशो के चयनित 86 विद्वान् उपस्थित रहें, जिनमें संस्कृत के अतिरिक्त अन्य विषयों में शोध कर रहे छात्रों की संख्या भी उत्साहवर्धक रही। वहीं भारतीय विद्वानों ने भी इस तरह के नवीन कार्यक्रम को मील का पत्थर बताया।
इस अवसर पर श्रीलंका के डा० प्रियन्त बोण्डावेना, जामिया मिल्लिया के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ० जयप्रकाश नारायण, डा० धनंजय मणि त्रिपाठी, लोयोला कालेज चन्नै के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा० सुमन् आचार्य, जैन यूनिवर्सिटी बंगलुरु के डा० सुनील आचार्य, पूर्वांचल से प्रो० गीता शुक्ला, कामिनी, संजू, डॉ० प्रतिभा पांडेय, बीएचयू के प्रो० सच्चिदानंद मिश्र, अरविन्दो फाउण्डेशन के डाइरेक्टर प्रो० संपदानंद मिश्र, पवन मेहता, सुहासिनी पांडे, लगमा महाविद्यालय, दरभंगा के सोनी झा, डा० लम्बोदर झा, डॉ० रामसेवक झा, मोहित मिश्रा, डा० लक्ष्मी मिश्रा, मेनका, ममता, सुनीता, डा० सरिता श्रीवास्तव, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के डा० राम नारायण ठाकुर, नालन्दा विश्वविद्यालय के डा० सरोजकर, डा० वीना गौड, वशिम पलाश, नवांग जेपा राहुल कश्यप, जगन्नाथ विश्वविद्यालय के श्री होता, डा० सरिता, रश्मि प्रभा आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रतीक्षा मिश्रा के मंगलाचरण से हुई,वहीं स्वागत भाषण प्रो० ब्रजभूषण ओझा ने किया। जबकि प्रास्ताविक भाषण सेण्ट स्टीफेंस दिल्ली विश्वविद्यालय के डा) पंकज मिश्र ने प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम का संचालन डा० मीनाक्षी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ० बिपिन कुमार झा ने किया। सम्पूर्ति पं० सन्तोष झा के शान्तिपाठ से हुई। वहीं, पत्रिका के मुख्य सम्पादक डा० सदानन्द झा ने समस्त टीम को साधुवाद सन्देश दिया।
शशीनाथ झा के कुलपति नियुक्त होने पर संस्कृत भारती के कार्यकर्त्ताओं में हर्ष
मधुबनी : सारस्वत साधना में सतत तल्लीन सैकड़ों ग्रन्थों के रचयिता व संपादनकर्त्ता प्रो० शशिनाथ झा की नियुक्ति कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर किया गया है।
प्रो० झा फरवरी 2019 में इसी विश्वविद्यालय के व्याकरण विभाग से प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अपने विद्वता एवं छात्र वत्सलता के कारण समाज में इनका एक आदर्श छवि रहा है, जिनके बदौलत सेवानिवृत्ति के उपरांत भी राजभवन द्वारा शनिवार देर शाम अधिसूचना जारी कर कुलपति नियुक्त किया गया है.
वहीं प्रो० झा के कुलपति पद पर नियुक्त होने पर संस्कृत भारती बिहार प्रांत के कार्यकर्त्ताओं में हर्ष का माहौल व्याप्त है। राजकीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित सह संस्कृत भारती के प्रांतप्रचार प्रमुख डॉ० रामसेवक झा ने कुलपति प्रो० शशिनाथ झा को शुभकामना देते हुए प्रसन्नता जाहिर की है।
इस बाबत डॉ० रामसेवक झा ने कहा कि इनकी नियुक्ति से विश्वविद्यालय में अध्ययन-अध्यापन का माहौल कायम रहेगा, साथ ही शास्त्र संरक्षण को एक नूतन आयम प्राप्त होगा।
कुलपति नियुक्त होने पर संस्कृत भारती बिहार प्रान्त के प्रांत मंत्री डॉ० रमेश कुमार झा, क्षेत्र मंत्री प्रो० श्रीप्रकाश पांडेय, सह मंत्री डॉ० रामेश्वरधारी सिंह, दरभंगा जिला संयोजक डॉ० त्रिलोक झा, डॉ० योगानन्द झा, डॉ० दीप्तांशु भाष्कर, डॉ० राजनाथ झा, कृष्ण कुमार मिश्र, राघव नाथ झा, गोविंद झा, अंशु कुमारी, गायत्री देवी सहित दर्जनों कार्यकर्त्ताओं ने बधाई दी है।
केन्द्र व राज्य में एक सरकार होगी तो राज्य का विकास तेज रफ्तार से होगा : संजय जायसवाल
मधुबनी : सुपोल से मधुबनी जाने के क्रम में भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ० संजय जायसवाल परसा चौक स्थित डी मोटल होटल में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक करते हुए शनिवार कहा कि भाजपा ने सभी वर्गों और सभी धर्मों का सम्मान किया है।भाजपा ने युवाओं को राजनीतिक में मौका दिया है, क्योंकि युवा ही देश की रीढ़ है। भारत विश्व में सबसे ज्यादा युवा वाला देश है। युवाओं में असीम उर्जा और जोश होता है, जो हर कार्य को पलक झपकते ही कर लेते हैं।
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मिथिलांचल को एक से बढ़कर एक सौगात देकर मिथिलांचल को नया आयाम दिया है। दरभंगा में एयरपोर्ट का निर्माण कराकर लोगों को बहुत बड़ा सौगात दिया है, साथ ही एम्स अस्पताल के दरभंगा में बनने की कवायद से लोगों में असीम खुशीयाँ हैं।
उन्होंने कहा कि पन्द्रह साल के जंगल राज ने बिहार को तबाह और बर्बाद कर दिया, जिसका दंश अभी तक हमलोगों को झेलना पड़ रहा है। जब केन्द्र और राज्य में एक पार्टी और विचारधारा की सरकार होती है, तो राज्य का विकास तेज रफ्तार से होता है। उदाहरण के लिए युपी, मध्यप्रदेश और हरियाणा है। उन्होंने कहा की बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर चुनाव जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहें हैं।
इस अवसर पर प्रदेश मंत्री देवेश जी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नीतीश मिश्रा, मधुबनी विधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ, राजनगर विधायक रामप्रीत पासवान, झंझारपुर पूर्व सांसद वीरेन्द्र चौधरी भी साथ थे। इस बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष सियाराम साह, आशीष कुमार और मोहन शर्मा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सम्राट चौधरी के मधुबनी आगमन पर कुशवाहा महासभा के लोगों ने किया भव्य स्वागत
मधुबनी : पूर्व मंत्री सह एमएलसी सम्राट चौधरी के मधुबनी के मधुबनी आगमन पर कुशवाहा महासभा के द्वारा उन्हें मिथिला के परंपरा अनुसार पाग, दोपट्टा एवं फूल के मालाओं से मिथिला परिधान से भव्य एवं जोरदार स्वागत किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के अध्यक्ष ई० प्रमोद कुमार ने किया, जबकि मंच संचालन संरक्षक पवन कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर श्री चौधरी को कुशवाहा महासभा की ओर से प्रतीक चिन्ह एवं अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया।
अपने सम्बोधन में बिहार विधान परिषद् के सदस्य श्री चौधरी ने कहा कि एकजुटता में ही ताकत है। संगठनात्मक विधि के साथ हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा, तभी राजनीतिक में भाभेदारी और दावेदारी बढे़गी। युवाओं को आगे आना होगा। युवा सबसे बड़ी ताकत है, चाहे वह पार्टी का हो संगठन का युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने कुशवाहा महासभा की तारीफ करते हुए कहा कि आपलोगों ने संगठन बनाकर युवाओं को बेहतरीन मंच बनाया है। अब जरुरत है उर्जा लगाने की, फिर देखिये कैसे हम रफ्तार पकड़ते हैं। हाथ पकड़ने वाला कोई नहीं होगा।
इस दौरान उनके साथ चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय कुशवाहा एवं मुंगेर जिला परिषद् के अध्यक्ष रविन्द्र कुशवाहा उर्फ कल्लू जी को कुशवाहा महासभा के द्वारा स्वागत किया गया।
इस अवसर पर कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष एवं अन्य लोगों ने श्री चौधरी से आग्रह किया कि कुशवाहा समुदाय को एकजुट करने का काम करें, और राजनीतिक में नई दिशा दिखाने का कार्य करें। इस अवसर पर खजौली प्रमुख उषा देवी, सुरेन्द्र कुशवाहा राजेन्द्र प्रसाद महतो, पूर्व जिला परिषद् सदस्य रविन्द्र कुमार सिंह समेत सैकड़ों लोग समाज के मौजूद थे।
माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन 66 दिनों से लगातार खिला रहा असहायों को भोजन
मधुबनी : माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन, जिसका मकसद सड़क किनारे, रेलवे स्टेशन पर व शहरी क्षेत्र में भूखे लोगों को खाना उपलब्ध कराना है। पिछले 66 दिनों में एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ, जिस दिन भूखों को खाना ना दिया गया हो।
यह संस्था पिछले 66 दिनों से हर शाम शहर में घूम-घूम कर रेलवे स्टेशन, पटना गद्दी रोड, भेलवा चौक, यू-टर्न रोड, कमला पुल सहित अन्य जगह भूखे लोगों को लिए खाना देने का कार्य करती है।
वहीं, संस्था के मुख्य संयोजक समाजसेवी अमित राउत ने बताया कि हम पिछले 66 दिनों से लगातार पौष्टिक खाना पैक कर शहर के लगभग सभी जगहों पर जैसे कि रैलवे स्टेशन परिसर, शहीद चौक, पटना गद्दी चौक, भेलवा टोल, यू-टर्न सड़क, कमला पुल के दोनों छोड़ के तरफ निःस्वार्थ भावना से उच्च गुणवत्ता वाले भोजन के 100 पैकेट का वितरण किया करते हैं, और अब जनसहयोग मिलने से हमारा मनोबल बढ़ा है। आशा और उम्मीद के साथ शुरू किया हुआ ये नेक कार्य अब अनवरत जारी रहेगा। पिछले दो महीनों में काफी सहयोग लोगों से मिला है, अब ओर भी मिल रहे हैं।
आज के भोजन के दाता श्री सुमित अग्रवाल जी हैं, जिन्होंने आज अपनी धर्मपत्नी के जन्मदिवस के अवसर पर आज जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर में आके खाना वितरण में माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन के सदस्यों का सहयोग कर उनका मनोबल बढ़ाया।
इस नेक कार्य मे प्रवीर महासेठ, विजय नायक, अमित अमन, अमित महतो, मनीष कुमार रोहिता, जितेंद्र मंडल, लखन महासेठ, मिथिलेश महतो, विशाल नायक, मुकेश राउत, किशन महतो एवं अन्य लोग भी इसमें इनका सहयोग कर रहे हैं।
बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ ने मांगो को ले दिया धरना
मधुबनी : जिले के खजौली विधानसभा अंतर्गत जयनगर के बाबा पोखर प्रांगण में बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के द्वारा विभिन्न मांगों के आलोक में दोये गया विशाल धरना। वहीं कार्यक्रम के अंत मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला भी फूंका गया। इस पर कार्यक्रम के दौरान नीतीश सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सुबे बिहार में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण जीविका मिशन (N.R.L.M) के तहत संचालित जीविका ने महिला सशक्तिकरण की अलख जगाने के साथ-साथ गांव के तस्वीर और तकदीर बदलने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्र या राज्य सरकार द्वारा दिए गए हरेक दायित्व को पूरा करने में इनके द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है। चाहे वह सामाजिक या आर्थिक सशक्तिकरण हो, या फिर वित्तीय। साक्षरता, शराबबंदी, मानव श्रृंखला, मनरेगा सर्वेक्षण, विद्यालय सर्वेक्षण, स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण ही क्यों ना हो, सबों में जीविका जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं (कैडरों) और जीविका दीदियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, और इनको सफल बना कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
पर भरे दुख के साथ कहना पड़ता है, आज जीविका में इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीण गरीब महिलाओं के हितों की अनदेखी की जा रही है। इनको मिलने वाली राशि में भारी कटौती की गई है। वही जमीनी स्तर के कार्यकर्ता कैडरों को मिलने वाली पराश्रमिक इतनी कम है, की जीवनयापन की बात तो छोड़िए, लोगों को अपने मिलने वाली और पारश्रमिक और मिलने के तरीके भी बताने में शर्म आती है। सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है की सरकार कि कोई पहली स्कीम है, जिसमें काम के बदले लाभार्थियों को मानदेय का भुगतान करना पड़ता है।
विदित हो की जीविका में जमीनी अस्तर और काम करने वाले कैडरों की कुल संख्या पूरे बिहार में लगभग 85,000 है। इन्हीं कैडरों द्वारा स्वयं सहायता समूह का कार्य मुख्य रूप से जमीनी स्तर पर किया जाता है, और वर्तमान समय में स्वयं सहायता समूह की संख्या लगभग 8.25 लाख है, जिससे बिहार की कुल ग्रामीण गरीब महिलाओं का जुराब लगभग एक करोड़ है।
बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ (संबद्ध : भारतीय मजदूर संघ,) जीविका में कार्यरत जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं कैडर और जीविका दीदियों का एक संगठन है। जिनकी सरकार से 10 सूत्रीय जायज मांगे है। अतः हैम बिहार सरकार से मांग करते है की इनकी मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की कृपा करें।
इनकी मांगें निम्न हैं :
1). सभी कैडरों को जीविका की ओर से नियुक्ति पत्र ,पहचान पत्र और निर्धारित ड्रेस मिलें।
2). मानदेय कंट्रीब्यूशन सिस्टम और अविलंब रोक लगे
3). मानदेय का भुगतान नियमित और बैंक खाते में हो।
4). काम से हटाने की धमकी पर रोक लगे और धमकी देने वाले पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
5). प्रखंड स्तर पर काम करने वाले कैडरो का मानदेय 18000, संकुल (C.L.F) स्तर पर 15000, ग्राम संगठन (V.O) स्तर पर 13000 स्वयं सहायता समूह (S.H.G) स्तर पर 12000 रुपए प्रतिमाह हो और सरकार इन सबों की नौकरी कम से कम 60 साल तय करें।
6). सभी कैडरों को क्षेत्र भ्रमण के लिए क्रमशः प्रखंड स्तर पर 4000 संकुल स्तर पर 3000 ग्राम संगठन स्तर पर 2000 स्वयं सहायता समूह स्तर पर 1000 रुपए यात्रा भत्ता मिले ।
7). सभी अध्यक्ष सचिव और कोषाध्यक्ष को संकुल स्तर पर 500 ग्राम संगठन स्तर पर 300 सिंह सहायता समूह स्तर पर ₹200 बैठक भत्ता मिले।
8). स्वयं सहायता समूह को ICF और RF के रूप में मिलने वाली राशि एक लाख हो।
9). परियोजना में 3 साल पूरा करने वाले कैडरों के लिए स्टाफ के रूप में पदोन्नति की व्यवस्था हो।
10). सभी कैडरों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ अवकाश महिला कैडेटों को विशेष अवकाश मातृत्व अवकाश 1.5 लाख का मेडिक्लेम एवं 5 लाख का डेथ क्लेम मिले।
इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
तेज रफ्तार से आ रही ट्रक ने साइकिल सवार को रौंदा, मौत
मधुबनी : जिले के फुलपरास अनुमंडल मुख्यालय में एनएच 57 पर अनुमंडलीय अस्पताल के सामने ट्रक की ठोकर से साइकिल सवार वृद्ध की मौत हो गई। मृतक की पहचान फुलपरास थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुर निवासी 60 वर्षीय अनुपलाल यादव के रूप में हुई है। घटना के बाद चालक ट्रक लेकर भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे ग्रामीणों ने लोहिया चौक के निकट पकड़ लिया।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है। इधर, घटना से आक्रोशित लोगों ने एनएच को जाम कर दिया था। मिली जानकारी के मुताबिक ब्रह्मपुर निवासी अनुपलाल यादव फुलपरास से वापस अपने घर आ रहे थे, कि इसी बीच अनुमंडलीय अस्पताल के सामने दरभंगा की ओर से तेज गति से आ रहा ट्रक ने उन्हें रौंद दिया, जिससे उनकी मौत घटना स्थल पर ही हो गई। दुर्घटना से आक्रोशित लोगों ने सरकारी मुआवजा देने की मांग को लेकर एनएच 57 को जाम कर प्रदर्शन किया।
घटनास्थल पर पहुँचे बीडीओ अशोक प्रसाद, सीओ धर्मनाथ बैठा और थानाध्यक्ष कुमार कीर्ति के द्वारा जाम हटाने का प्रयास विफल रहा। बाद में एसडीपीओ प्रभात कुमार शर्मा व उपस्थित पदाधिकारियों के द्वारा सरकारी मुआवजा देने के आश्वाशन पर लोगों ने सड़क जाम हटाया।लगभग ढाई घंटा एन एच जाम रहने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई, एवं आम राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
वहीं, थानाध्यक्ष कुमार कीर्ति ने कहा कि शव का पोस्टमार्टम के लिए मधुबनी भेजा गया है। उन्होंने कहा कि ट्रक जब्त कर प्राथमिकी दर्ज किया जा रहा है।कहा कि चालक फरार हो गया।
कार से 261 लिटर देशी नेपाली शराबी के साथ दो कारोबारी गिरफ्तार
मधुबनी : जिले के झंझारपुर थाना क्षेत्र के मझौरा गांव में दुर्गा मंदिर के नजदीक देर रात रात्रि गश्ति के दौरान झंझारपुर पुलिस ने वैगनार कार की तलाशी ली। तलाशी में भारी मात्रा में मामा श्री ब्रांड के नेपाली शराब बरामद किया है। शराब के साथ-साथ एक कार समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मारुति वैगनार कार का नम्बर एमएच 47Y1441 है।
इस बाबत झंझारपुर थानाध्यक्ष चन्द्रमनी ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी की मझौरा गांव में शराब तस्कर सक्रिय हैं, और शराब की बिक्री होती है। सूचना के आधार पर थानाध्यक्ष चन्द्रमनी ने टीम गठित कर असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर उमेश कुमार सिंह के अध्यक्षता में पुलिस बल के साथ छापेमारी कर वैगनर कार से 9 जूट बोरा और 1 प्लास्टिक बोरी बरामद किया है। 300 एमएल का प्रति पीस 870 बोटल, इस तरह कुल शराब 261 लिटर के साथ दो लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की पहचान लदनियां थाना क्षेत्र के गजहारा गांव निवासी राज कुमार कामत के 20 वर्षीय पुत्र उमेश कामत के रुप हुई है, जबकि दूसरे व्यक्ति का पहचान फुलपरास थाना क्षेत्र के भरही गांव निवासी शिवाजी कामत के 30 वर्षीय पुत्र श्रवण कामत के रुप में हुई है। इधर डीएसपी आशीष आनंद ने कहा कि शराब माफीया बख्शे नहीं जाएंगे। शराब कारोबारी के गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
रामरत्न कुशवाहा के परिजनो से मिल विधायक सुधांशु शेखर ने की आर्थिक मदद व न्याय का भरोसा
मधुबनी : जिले के झंझारपुर के जदयू नेता रामरत्न कुशवाहा हत्याकांड के में अभी तक फरार चल रहे अपराधी के गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज परिजनो ने कुशवाहा महासभा के पदाधिकारीयों से मिलकर इंसाफ की गुहार लगाये थे। कुशवाहा महासभा परिजनो के साथ डीएसपी और एसपी से मिलकर न्याय का गुहार लगाया था। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। अपराधी खूलेआम जान से मारने का धमकी दे रहा है। ऐसे में कुशवाहा महासभा ने विधायक सुधांशु शेखर से मिलकर मदद का गुहार लगाया था।
हरलाखी विधायक सुधांशु शेखर कुशवाहा महासभा के पदाधिकारीयों के साथ उनके परिजनो से मिलने उनके निवास स्थान घड़मोहना पहुंचकर परिजनो को हरसंभव मदद का अश्वासन दिया, और कहा कि अपराधी कितना भी बड़ा माफीया और पैसा वाला हो बच नहीं सकता हर हाल में सलाखे के अंदर जाना होगा।
उन्होंने कहा कि बिहार के डीजीपी से मिलकर एसआइटी गठित कर जांच की मांग करेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि आर्थिक मदद भी किया जाएगा।
इस दौरान उनके साथ कुशवाहा महासभा के ई० प्रमोद कुमार समेत कई और लोग मौजूद थे। विदित हो रामरत्न कुशवाहा की हत्या 28/04/2020 को कर दिया गया था, जिसे पुलिस ने एक्सीडेंट करार दिया। जबकि शरीर में खरोच तक नहीं लगा था।
भाजपा-अमात वर्चुवल सम्मेलन में गूंजा टिकट का मुद्दा
मधुबनी : वर्चुवल रैली में युवाओं ने अमात जाति के नेताओं के साथ राजनीति में भेदभाव का लगाया आरोप,कहा अजादी के 74 वर्ष बाद भी आजतक न तो एक भी केन्द्रीय मंत्री बना न ही सांसद :- रितेश कुमार राय।
भाजपा ने जाति वोट को साधने के लिए आधुनिक समय के सबसे बेहतरीन मंच सोशल मिडिया को अपना हथियार बनाया है, क्योंकि सबसे ज्यादा युवा सोशल मिडिया से जुड़ा है। और हर गांव से लोग सोशल मिडिया का इस्तेमाल करते हैं। बीते दिन को भाजपा अतिपिछड़ा मोर्चा के द्वारा अमात जाति के नेताओं और युवाओं के साथ जूम एप पर वर्चुवल अमात सम्मेलन का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भाजपा अतिपिछड़ा मोर्चा कार्यालय से किया गया।
इस कार्यक्रम का मंच संचालन भाजपा अतिपिछड़ा मोर्चा के प्रदेश मंत्री भानू प्रकाश राय ने किया। अपने स्वजातिय लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अमात जाति के साथ राजनीतिक में हमेशा से विश्वासघात हुआ है। भाजपा छोड़ हर पार्टी ने अमात जाति को नजरअंदाज किया है जो न केवल दुखद है, बल्कि निंदनीय भी है। बिहार में अमात जाति की 42 लाख आबादी है। इतना आबादी रहने के बावजूद भी अमात जाति आज भी अपने वजूद और पहचान के लिए संघर्षरत है। हर पार्टी ने अमात जाति के लोगों का इस्तेमाल वोट बैंक के रुप में किया है। लेकिन अब युवा जाग चुका है। जाति के संगठन ने जाति को नई पहचान दिलाई है। जाति के युवाओं ने राजनीति में नई क्रांति ला दी है। इसके बाद पहले वक्ता के रुप में राम कुमार राय भाजपा जिलाध्यक्ष सुपोल को पहले वक्ता के रुप में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया।
वहीं, जिलाध्यक्ष श्री राय ने अपने सम्बोधन में कहा की अमात जाति को अगर किसी पार्टी ने सम्मान दिया तो वो है भारतीय जनता पार्टी। जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे पहले टिकट का ऐलान किया और निर्मली विधानसभा से हमें चुनाव लडा़या जिसमें हमें कुछ वोटों से हार हुई थी। फिर भी मैंने पार्टी के लिए दिनरात एक कर काम करता रहा और आगे भी करता रहूँगा। इसके बाद कुलानंद कुमार को बोलने के लिए कहा गया। कुलानंद राय ने कहा कि अमात जाति को अगर किसी पार्टी ने किया तो वो है भाजपा, जिसने युवाओं को पार्टी में लाकर अमात जाति को राजनीति में स्थान और सम्मान दिया इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारीयों धन्यवाद। इसके बाद रितेश कुमार राय को बोलने के लिए मंच संचालक सह अमात जाति के होनहार नेता भानू प्रकाश राय ने आमंत्रित किया। इस पर रितेश कुमार राय ने कहा कि अब वो दिन दूर नहीं जब अमात के वोट के बिना कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकार बना ले।
सत्ता और शासन के लिए अमात जाति को प्राथमिकता देना ही होगा, नहीं तो राजनीतिक पार्टी की नींव हिलाकर रख देंगे। अमात जाति के वोट पर विभिन्न जातियों ने राज किया है, जो अब नहीं कर सकता। अमात जाति की बिहार के कई जिलों में बड़ी आबादी है, जो विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती रही है। खासकर मधुबनी, दरभंगा, सीतामढी़, सुपोल सहरसा, समस्तीपुर, खगरिया, मुजफ्फरपुर और अररिया जिला में अमात जाति की बड़ी आबादी है। उसमें भी मधुबनी,सीतामढी और अररिया अमात जाति का गढ़ माना जाता है। इसके बावजूद भी आजादी के 74 वर्ष बाद भी एक भी सांसद,केन्द्रीय मंत्री और राज्यपाल का नहीं होना दर्शाता है, की अमात जाति को गुमराह किया गया है। जो दुखद और निंदनीय है। इस दौरान कृषि मंत्री प्रेम कुमार और भाजपा अतिपिछड़ा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जयनाथ चौहान ने भी सम्बोधित किया।
कुमारी अम्बे बनी रहिका कांग्रेस प्रखण्ड महिला अध्यक्ष
मधुबनी : महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष आभा पाण्डेय के द्वारा रहिका प्रखण्ड मुख्यालय के निवासी कुमारी अम्बे को आज रहिका प्रखण्ड महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया और उनको मनोनय पत्र भी दिया।
कुमारी अंबे ने कहा कि सुबह बिहार में लगातार हो रहे महिलाओं के साथ अत्याचार हत्या अपहरण से देश में शर्मसार हुई है। एक और सुबह के मुखिया नीतीश कुमार और भाजपा सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ 50% महिलाओं को आरक्षण देने की बात महज तो करते है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि न्याय के लिए अभी भी महिलाओं को भटकना पड़ रहा है। बिना घूस दिए हुए एक भी काम नहीं पूरा होता है।
उन्होंने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने ठान लिया है कि एनडीए सरकार को हराना है, और कांग्रेस समर्थित सरकार को सत्ता में लाना है। बधाई देने वाले प्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव प्रमोद कुमार मंडल, जिला महिला कांग्रेस सचिव रेनू देवी, भारती देवी, चंद्रिका झा, इंद्रकला देवी, मोनिका देवी, कुंती कुमारी शामिल हैं।
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर कराया अन्नप्राशन
मधुबनी : जिले में 1 सितंबर से 30 सितंबर तक पोषण माह मनाया जा रहा है। इसको लेकर जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के आंगनवाड़ी सेविका द्वारा अपने पोषक क्षेत्र मे अन्नप्राशन दिवस आयोजित कर पोषण की विशेषता व महत्व पर चर्चा की गई। इसके लिए आंगनवाड़ी सेविका के द्वारा एक आमंत्रण पत्र बनाकर लाभार्थी को 1 दिन पूर्व सूचना दी गई। कार्यक्रम के दौरान छह माह से ऊपर के बच्चों को अनुपूरक आहार दिया गया। बच्चों को बेहतर पोषण प्रदान कराने के उद्देश्य से प्रत्येक माह के 19 तारीख को अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है।
अनुपूरक आहार की जरूरतों पर हुई चर्चा:
डीपीओ रश्मि वर्मा ने बताया अन्नाप्राशन दिवस के असवर पर 6 माह से ऊपर के बच्चों के अभिभावकों को बच्चों के लिए पूरक आहार की जरूरत के विषय में जानकारी दी गयी। 6 माह से 9 माह के शिशु को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाने की सलाह दी गयी। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को शामिल करने की बात बताई गयी। चावल, रोटी, दाल, हरी सब्जी, अंडा एवं अन्य खाद्य पदार्थों की पोषक तत्वों के विषय में चर्चा कर अभिभावकों को इसके विषय में जागरूक किया गया। आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा 7 माह एवं इससे बड़े उम्र के ऐसे बच्चें जिनको खाने की आदत है, उन्हें अपने हाथों से खाना खिलाकर अन्नप्राशन कराया गया। इसके अलावा सेविकाएं खाने की इच्छा के संकेतों को पहचानकर साफ़ हाथ या चम्मच से खाना खिलाया।
कोरोनावायरस के प्रति सजग व सतर्क रहने की जरूरत:
अन्नप्राशन दिवस के अवसर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा बच्चों के परिजनों को कोरोनावायरस के प्रति सजग व सतर्क रहने के लिए सचेत किया गया है। साथ ही सेविकाओं द्वारा बताया गया कि बच्चों को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छे से साफ करें । उसके बाद ही बच्चों को छुए ताकि किसी तरह के संक्रमण की खतरा ना हो।
ऐसे दें बच्चों को पौष्टिक आहार:
पोषण अभियान के जिला समन्वयक स्मित प्रतीक सिन्हा ने बताया 6 माह से 8 माह के बच्चों के लिए नरम दाल, दलिया, दाल-चावल, दाल में रोटी मसलकर अर्ध ठोस (चम्मच से गिरने पर सरके, बहे नहीं), खूब मसले हुए साग एवं फल प्रतिदिन दो बार, दो से तीन भरे हुए चम्मच से देना चाहिए। ऐसे ही 9 माह से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन तीन से चार बार तथा 12 माह से 2 वर्ष की अवधि में घर पर पका पूरा खाना एवं धुले एवं कटे फल प्रतिदिन भोजन एवं नाश्ते में देना चाहिए।
इन बातों का रखें ख्याल:
• 6 माह बाद स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार शिशु को दें
• स्तनपान के अतिरिक्त दिन में 5 से 6 बार शिशु को सुपाच्य खाना दें
• शिशु को मल्टिंग आहार(अंकुरित साबुत आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर) दें
• माल्टिंग से तैयार आहार से शिशुओं को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है
• शिशु यदि अनुपूरक आहार नहीं खाए तब भी थोडा-थोडा करके कई बार खिलाएं
जिले में मनाया जा रहा है पोषण माह
मधुबनी : जिले में है 1 सितंबर से 30 सितंबर तक पोषण माह मनाया जा रहा है जिसके दौरान आईसीडीएस विभाग के द्वारा पोषण का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिदिन नए-नए क्रियाकलाप कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है इसी संदर्भ में सदर अस्पताल में पोषण परामर्श केंद्र खोला गया है जहां लोगों को पोषण के परामर्श के साथ-साथ मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना एवं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के आवेदक का ऑन द स्पॉट निष्पादन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए इन दस्तावेज की होगी जरूरत:
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में आवेदन करने वाली गर्भवती महिलाओ की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। इस योजना के अंतर्गत उन महिलाओ को भी पात्र माना जायेगा जो 1 जनवरी 2017 या उसके बाद गर्भवती हुई है, राशन कार्ड,बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र,माता पिता दोनों का आधार कार्ड, बैंक खाते की पासबुक, माता पिता दोनों का पहचान पत्र होना चाहिए।
जिले में योजना के लाभार्थी की स्थिति:
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के जिला समन्वयक अंजनी कुमार झा ने बताया जिले में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए अभी तक कुल 65,177 लाभार्थी को इसका लाभ दिया गया है।वही इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 16,659 लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया है। साथ ही जिले में अब तक मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के 20772 लाभार्थी को लाभ दिया गया है.
क्या है कन्या उत्थान योजना के उद्देश्य :
डीपीओ रश्मि वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का उद्देश कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, लड़कियों का जन्म निबंधन व संपूर्ण टीकाकरण, लिंग अनुपात में वृद्धि, शिशु मृत्यु दर में कमी, बालिका शिक्षा को बढ़ावा, बाल-विवाह पर अंकुश, प्रजनन दर में कमी, आत्मनिर्भर बनाना, सम्मानपूर्वक जीवन-यापन, परिवार-समाज में लड़कियों के आर्थिक योगदान बढ़ाना है।
क्या है योजना का लाभ:
• बच्ची के जन्म होने 2000 रुपए दिए जाएंगे
• एक वर्ष का होने पर और आधार पंजीयन कराने पर 1000 रुपए दिए जाएंगे
• बच्ची के दो वर्ष होन व पूर्ण टीकाकरण होने पर 2000 रुपए दिए जाएंगे
• वर्ग 1 से 2 प्रतिवर्ष पोशाक के लिए 600 रूपये दिये जाएंगे
• वर्ग 3 से 5 प्रतिवर्ष पोशाक के लिए 700 रूपये दिये जाएंगे
• वर्ग 6 से 8 प्रतिवर्ष पोशाक के लिए 1000 रूपये दिये जाएंगे
• वर्ग 9 से 12 प्रतिवर्ष पोशाक के लिए 1500 रूपये दिये जाएंगे
• सैनेटरी नैपकिन के लिए 300 रुपए
• 12 क्लास पास करने पर 10000 रुपए दिए जाएंगे
• स्नातक डिग्री हासिल करने पर 25000 रुपए दिए जाएगें
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का उद्देश्य :
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का उद्देश्य दैनिक काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और आर्थिक प्रोत्साहन के माध्यम से सहायता प्रदान करना है।
योजना के लाभ :
इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होगा। योजना की लाभ राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दी जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार निम्नलिखित किश्तों में राशि का भुगतान करेगी।
पहली किस्त: 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय
दूसरी किस्त: 2000 रुपए,यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं । तीसरी किस्त: 2000 रुपए, जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीभी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है ।
सुमित राउत