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2 अक्टूबर : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

गांधी की 150वीं जयंती पर गांधी प्रबंधन-भवन का हुआ शिलान्यास

दरभंगा : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का संपूर्ण जीवन-दर्शन विश्वकल्याणकारी एवं मानवीय मूल्यों का रक्षक है। आवश्यकता है कि हम लोग गांधी-दर्शन और उनके मूल्यों को अपने जीवन में शामिल करें, ताकि समाज की दिशा और दशा बदल सके। उक्त बातें मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह ने कही। प्रो सिंह स्थानीय सीएम कॉलेज, दरभंगा में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के ऐतिहासिक अवसर पर बीबीए एवं बीसीए सम्पोषित “गांधी प्रबंधन-भवन” की आधारशिला रखने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज व्यावसायिक पाठ्यक्रम की मांग बढ़ती जा रही है और सी एम कॉलेज मिथिलांचल का एक ऐतिहासिक संस्थान है। इसलिए कॉलेज में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना और नए विषयों की पढ़ाई शुरू करना समय की मांग है। प्रोफ़ेसर सिंह ने कॉलेज परिवार को बधाई देते हुए कहा कि आप सब ने एक ऐतिहासिक दिवस के अवसर पर “गांधी प्रबंधन-भवन” की आधारशिला रखकर राष्ट्रपिता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि दी है। कुलपति ने गांधी के चित्र पर माल्यार्पण किया और लोगों से सादा जीवन व्यतीत करने की अपील की। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा कि कॉलेज परिवार की हार्दिक इच्छा थी कि राष्ट्रपिता की 150 वीं जयंती को यादगार बनाया जाए और इसलिए कुलपति महोदय के द्वारा “गांधी प्रबंधन-भवन” की आधारशिला रखी गई है। डॉ अहमद ने कहा कि आज भूमंडलीकरण के दौर में गांधी जी की शिक्षा और आर्थिक नीतियों की प्रासंगिकता बढ़ गई है।

नयी पीढ़ी के लिए गांधी जी की लेखनी एवं उनके दर्शन मिसाल साबित हो सकती है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कार्यपालक अभियंता सोहन चौधरी, विश्वविद्यालय ई.एस.एम. इकबाल, विश्वविद्यालय वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो डीपी गुप्ता, स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक डॉ दिवाकर झा, बीबीए के कोऑर्डिनेटर प्रो सी एस मिश्रा, बीसीए के कोऑर्डिनेटर डॉ अशोक कुमार पोद्दार,प्रो विश्वनाथ झा, प्रो इंदिरा झा, डॉ अवनि रंजन सिंह, डॉ आरएन चौरसिया, डॉ जफर आलम, डॉ प्रभात कुमार चौधरी, प्रो मंजू राय, डॉ अमरेंद्र शर्मा, डॉ प्रीति कनोडिया, प्रो शिप्रा सिन्हा, प्रो विकाश कुमार, प्रो नीरज कुमार, प्रो  नथुनी यादव, डॉ जिया हैदर, डॉ संजीत कुमार झा, प्रो अमृत कुमार झा, डॉ विजयसेन पांडे, डॉ रागिनी रंजन, प्रो अभिलाषा झा, प्रो एहतेशामुद्दीन, प्रो अखिलेश कुमार राठौर, प्रो ललित शर्मा, ई. प्रेरणा कुमारी, रवि कुमार, प्रो प्रीति झा, बिपीन कुमार सिंह, सृष्टि चौधरी, बिंदेश्वर यादव, प्रतुल कुमार, अरुण कुमार झा, कमलेश कुमार, दीनानाथ मिश्र, प्रमोद झा, स्नेहा अग्रवाल तथा मो. सुभान आदि उपस्थित रहे।

स्वच्छता व प्लास्टिक का त्याग ही सच्ची श्रद्धांजलि

दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित गांधी-शास्त्री जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए सीसीडीसी प्रो0 श्रीपति त्रिपाठी ने बुधवार को कहा कि जीवन में स्वच्छ्ता अपनाकर एवं प्लास्टिक को सदा के लिए त्यागकर हमसभी इन दोनों महान आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सादा जीवन उच्च विचार के साथ साथ सत्य व अहिंसा की अवधारणाएं आज भी प्रसांगिक है। दुनियां का सभी देश इसका मुरीद है। वहीं लाल बहादुर शास्त्री की सादगी व देश के प्रति उनका समर्पण भी अविस्मरणीय है। प्रो0 त्रिपाठी ने गांधी के 150वी जयंती पर सभी से प्लास्टिक त्यागने की अपील की। पर्यावरण की सुरक्षा एवम संरक्षा के लिए ऐसा करना उन्होंने बेहद ही जरूरी बताया।

कार्यक्रम को लोक सूचना पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार झा एवम सीनेटर पंकज मोहन झा ने भी सम्बोधित किया। मौके पर गोपाल उपाध्याय, शिवाकान्त मिश्र, मन्नु कुमारी, सुशील कुमार झा बौआ,सतीश शर्मा, रघुनाथ सिंह समेत कई कर्मी मौजूद रहे।

महात्मा गाँधी व लाल बहादुर शास्त्री की मनाई गई जयंती

मधुबनी : आज बुधवार को महरानी अधिरानी रमेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय दरभंगा में गांधी जयंती के साथ लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ मुकेश प्रसाद निराला के संयोजकत्व में किया गया। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ दिनेश झा, डॉ मुकेश प्रसाद निराला तथा प्राध्यापकगण ने गांधी जी तथा शास्त्री के प्रतिमा पर पुष्पमाल्यार्पण किया। कार्यक्रम का  शुभारंभ करते हुए महाविद्यालय के एनएसएस पदाधिकारी डॉ मुकेश प्रसाद निराला ने गांधी जी के अविस्मरणीय कुछ कीर्तियो का बखान करते हुए कहा कि देश के प्रति समर्पण जीवन जीने के लिए ही इस देश के मनीषी गण राष्ट्रपिता की उपाधि से विभूषित गाधी जी को किया।

महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ दिनेश झा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जीवन में सत्य का आचरण तथा अंहिसा रूपी सिद्धान्त को यदि अपनाया जाय तो कष्ट में भी आनन्द का अनुभव किया जा सकता है। गांधी जी का मुख्य सिद्धान्त सत्य और अंहिसा रहा है। अतः यदि हम सत्य और अंहिसा से युक्त होकर जीने की प्रतिज्ञा करते है तो गांधी जी के प्रति पूर्ण सम्मान प्रकट करना होगा। हम शिक्षाविदो के लिए यह मार्ग तो उत्तम है ही यह प्रसिद्ध है। लालवहादुर शास्त्री जी भी अलौकिक पुरुषो के श्रेणी में आते है उनकी कीर्ति सिद्धान्त ख्याति तो जन मानस में व्याप्त है। महापुरुषो के प्रति आदर सम्मान प्रकट करना हम सभी मनुष्यो का प्रथम कर्तव्य वनता है।इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षक गण तथा विश्वविद्यालय के सीनेटर व महाविद्यालय के सहायक के साथ कर्मचारी तथा सभी छात्र छात्राए उपस्थित थे। कार्यक्रम के समाप्ति के वाद राष्ट्रिय सेवा योजना इकाई के अन्तर्गत गांधी जयन्ती के अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक वंद करने का आह्वान हमारे प्रधानमन्त्री ने किया है इसके ऊपर एक कार्यक्रम किया गया इसका उद्देश्य तो प्रायः आप सभी शिक्षाविद् लोग जानते ही है किन्तु इस अभियान को चलाना, लोगो को जागरुक करना हमारा कर्तव्य है इस कर्तव्य के लिए हम जनमानस का ध्यान आकर्षित करेंगे।

आईजीजी में अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन

दरभंगा : 1 अक्टूबर 2019 को आईजीजी में अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर जेरोंटेकनॉलोजी सर्टिफिकेट कोर्स के वर्तमान एवं पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो० भवेश्वर सिंह ने संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में 14 दिसंबर 1990 को प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के रूप में मनाए जाने से संबंधित पारित प्रस्ताव के अनुरूप 1 अक्टूबर 1991 को पहली बार पूरे विश्व में वृद्धों की समस्याओं पर वृहत् चर्चा एवम् उनके जीवन स्तर के उन्नयन के लिए समेकित प्रयास के निमित्त अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाए जाने की जानकारी दी। उन्होंने  21वीं शताब्दी के आरंभ में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ‘सभी आयु वर्ग के लिए समाज ‘ की स्थापना के निर्णय के संबंध में  बताया। उनके मतानुसार निश्चित रूप से इसके पीछे निहित उद्देश्य समाज में निवास करने वाले सभी आयु वर्ग के लोगों एवम् विशेष तौर पर जीवन के चौथेपन में बुढ़ापा के संघर्षपूर्ण जीवन को जी रहे वृद्धों के कल्याण हेतु कार्य योजना तैयार किया जाना रहा होगा।

के साथ मनाया गया। जराविज्ञान एवम् जराचिकित्सा विज्ञान इस उपलक्ष्य में महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो० एम० निहाल ने  विभाग में उपस्थित सभी सदस्यों को बुजुर्गों का सम्मान करने,उनकी समुचित देखभाल करने एवम् डिमेंशिया पीड़ित बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने का संकल्प दिलाया। साथ ही अपनी संतान से अगाध स्नेह रखने वाले बुढ़ापे की दहलीज पर खड़े वृद्ध जनों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि स्वस्थ दिनचर्या एवम् सक्रिय जीवनशैली के साथ वे इस प्रकार तनावमुक्त जीवन व्यतीत करें कि आने वाले वर्षों में वे उनपर बोझ न बनें।

कार्यक्रम के समापन पर संस्थान के निदेशक ने प्रो० निहाल के साथ साथ सभी आगंतुकों, छात्र – छात्राओं एवम् छायांकन के लिए श्री अमितेश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया। आज के दिन संस्थान के उद्यान में सबों ने मिलकर व्यापक पौधारोपण किया।

पूरे साल चलेगी गाँधी जयंती प्रत्येक माह चलेगा कार्यक्रम

दरभंगा : आज 2 अक्टूबर को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। दोनों महापुरुषों को नमन करते हुए कुलपति प्रो॰ सिंह ने कहा कि हम उनके विचारों को आत्मसात करने की कोशिश करें। विश्व में शांति व सद्भाव के लिए गांधीवादी मूल्यों की प्रासंगिक विषयक संगोष्ठी का समाहार करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की अहिंसा, शांति और सद्भाव में गहरा संबंध है। अहिंसा में ही शांति और सद्भाव समाहित है। उन्होंने आगे कहा कि गांधी स्वच्छता पर खूब जोर देते थे इसीलिए इस विश्वविद्यालय को स्वच्छ रखकर उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि व्यक्त कर सकते हैं। कुलपति ने घोषणा की  कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती साल भर चलेगी और प्रत्येक माह हम कोई न कोई कार्यक्रम करेंगे। इस अवसर पर दरभंगा के जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री महेश प्रसाद सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि अहिंसा का प्रतिपादन गौतम बुद्ध और महावीर ने भी किया पर गांधी जी ने उसे सार्वजनिक जीवन का अंग बनाया । वे नैतिकता को धर्म मानते थे । प्रो॰ राम विनोद सिंह ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि यूरोप केंद्रीयता के कारण पांच बार प्रस्तावित होने के बावजूद गांधीजी को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला । गांधी जी ने इस बात पर बल दिया कि इंसान के इर्द-गिर्द विकास होना चाहिए, ना कि विकास के इर्द-गिर्द इंसान को होना चाहिए । प्रो॰ सिंह ने कहा कि गांधीजी को भुला देने के कारण विकास के बावजूद हम खुशी नहीं है ।गांधीजी का हिंद- स्वराज विकास का देसी ठाठ है, जिसे पंडित नेहरू ने गंभीरता से नहीं लिया। डॉ लोहिया के हवाले गांधीजी के स्वाधीनता प्राप्ति के प्रयासों को रक्त हीन क्रांति कहा और न्याय के साथ विकास की गांधीवादी अवधारणा को प्रासंगिक बताया। प्रो॰ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1980 में 2 अक्टूबर को शांति दिवस घोषित किए जाने की सराहना की। गांधी जी का चरखा ही हर हाथ को काम देने का विकल्प है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर जय गोपाल ने कहा कि हिंसा से बड़ा कोई हथियार नहीं है हिंसा से समाधान नहीं हो सकता ।

कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से गांधी के स्वच्छता दर्शन पर संवाद किया।संगोष्ठी के पूर्व विभिन्न महाविद्यालयों एवं स्नातकोत्तर विभागों से आए एन एस एस के स्वयंसेवकों एवं छात्र छात्राओं ने प्रभात फेरी निकाली । कुलपति एवं अन्य पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर स्थित महात्मा गांधी एवं अन्य महापुरुषों की मूर्तियों पर माल्यार्पण किया । गांधी सदन में भजन गायन हुआ। संगोष्ठी के पूर्व संगीत एवं नाट्य विभाग के छात्र छात्राओं ने” गांधी- अंबेडकर” नाटक का सफलतापूर्वक मंचन किया जिसे सबों ने खूब सराहा।इस अवसर पर  महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष में 30 सितंबर, 2019 को आयोजित निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। शोधार्थी संवर्ग में शाहिना मतीन को प्रथम अजय कुमार को द्वितीय एवं मोहम्मद नौशाद आलम को तृतीय तथा स्नातकोत्तर संवर्ग में मनीषा प्रिया को प्रथम, बृजेश कुमार को द्वितीय एवं गौरी शंकर यादव को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ ।विभागों की स्वच्छता प्रतिस्पर्धा में वाणिज्य विभाग को प्रथम, वनस्पति विभाग को द्वितीय एवं समाजशास्त्र विभाग को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संयोजन प्रो॰विनय कुमार चौधरी ने किया ,  संचालन डा॰ अशोक कुमार मेहता ने एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो॰ लावण्य कीर्ति सिंह काब्या ने किया।अन्त में सभी प्रतिभागियों को अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो॰रतन कुमार चौधरी एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो॰चन्द्रभानु प्रसाद सिंह के हाथों प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रो॰ मनोज कुमार झा ,प्रो॰ विनोद कुमार चौधरी समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, पदाधिकारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

मुरारी ठाकुर