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19 सितंबर : आरा की मुख्य ख़बरें

बिहार के इकलौते मानसिक चिकित्सालय को ख़ुद इलाज की ज़रूरत

आरा : पिछले साल दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित, बर्डन ऑफ़ मेंटल डिसऑडर रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर सात में से एक व्यक्ति मानसिक विकार का शिकार है और उनकी स्थिति ‘माइल्ड’ से ‘सिवियर’ के बीच है। इसी रिपोर्ट में बिहार में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चौंकाने वाले तथ्य पेश किए गए थे।

रिपोर्ट कहती है कि बिहार में प्रति एक लाख लोगों पर औसतन 407 डिप्रेसिव डिसऑर्डर, 292 एंग्ज़ायटी डिसऑर्डर, 252 इडियोपैथिक डेवलपमेंटल इंटिलेकच्युअल डिसेबिलिटी, 133 सिज़ोफ्रेनिया (schizophrenia), 102 बायपोलर डिसऑर्डर, 117 कंडक्ट डिसऑर्डर, 54 ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, 26 इटिंग डिसऑर्डर और 114 लोग अन्य मानसिक विकारों से ग्रस्त हैं।

इसी साल 28 अगस्त को जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2019 के आंकड़े भी बिहार में तेज़ी से पैर फैला रही मानसिक बीमारियों की तरफ़ इशारा करते हैं। साल 2019 में बिहार में होने वाली आत्महत्याओं में साल 2018 के मुक़ाबले 44.7% की बढ़ोत्तरी हुई है। साल 2019 में राज्य में आत्महत्या के 641 मामले सामने सामने आए जबकि साल 2018 में आत्महत्या के 443 मामले दर्ज हुए थे, एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार। आत्महत्या का सीधा संबंध मानसिक स्वास्थ्य से माना जाता है।

पिछले कुछ साल में बिहार में दिमाग़ी मरीज़ों का ग्राफ़ तेज़ी से बढ़ा है, लेकिन उसके बावजूद इस दिशा में राज्य में कोई ख़ास काम नहीं हुआ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक़ राज्य की जनसंख्या 10 करोड़ से अधिक थी मगर फिर भी राज्य में सिर्फ़ एक ही मानसिक चिकित्सालय है। वो भी डॉक्टरों और अन्य स्टाफ़ की कमी से जूझ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में हर साल दिमाग़ी मरीज़ों की संख्या 30% की दर से बढ़ रही है|

एशियन डवेलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एडीआरए) ने साल 2017 में राज्य में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़ों के संबंध में एक सख़्त टिप्पणी की थी, “मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़ों में बिहार फिसड्डी है। यही कारण है कि राज्य में अब तक मेंटल हेल्थ एक्ट (2017) और डिस्ट्रिक्ट मेंटल हेल्थ प्रोग्राम (2000) भी लागू नहीं हो सका है।”

साल 2001 में तमिलनाडु के एक मेंटल हॉस्पिटल में आग लगने के हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। राज्य सरकारों से पूछा गया कि क्या उनके राज्यों में सरकारी मानसिक रोग अस्पताल है। अगर नहीं है तो क्यों नहीं है? और उसके लिए राज्य सरकार क्या कर रही है? अपने आदेश में कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि हर राज्य के पास अपना मानसिक रोग अस्पताल होना चाहिए।

कोर्ट की सख़्ती का ही नतीज़ा था कि 2005 में बिहार के भोजपुर ज़िले के कोइलवर टीबी अस्पताल परिसर में ही वैकल्पिक तरीके से मानसिक आरोग्यशाला की शुरूआत की गई। साल 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद संयुक्त बिहार का कांके में स्थित रांची तंत्रिका मनोचिकित्सा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (रिनपास) इकलौता मानसिक आरोग्यशाला झारखंड में चला गया था। उसके पांच साल बाद तक बिहार के पास अपना कोई मानसिक चिकित्सालय नहीं था। 2005 में मानसिक अस्पताल शुरु होने के बाद भी यहां आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) शुरु होने में छह साल लग गए। साल 2011 में जाकर यहां ओपीडी शुरु हो पाई। 15 साल बीत जाने के बाद भी स्थिति बिल्कुल वैसी ही है। चूंकि टीबी अस्पताल में ही मानसिक आरोग्यशाला को वैकल्पिक तौर शुरू कर दिया गया था, यहां मरीज़ों को भर्ती करने की सुविधा शुरू नहीं हो सकी थी। संसाधनों की कमी में ही मानसिक आरोग्यशाला शुरू कर दिया गया। इस बीच सरकार, मरीज़ों को इलाज के लिए रिनपास रेफर करती थी और उनके इलाज का ख़र्च वहन करती थी। पिछले साल राज्य सरकार ने इसका ख़र्च उठाना बंद कर दिया। सरकार ने ऐलान किया कि रिनपास जाने वाले बिहार के मरीज़ों को अपना ख़र्च ख़ुद ही उठाना होगा। बिहार सरकार मानसिक रोगियों के इलाज पर ख़र्च हुए 74 करोड़ रुपए की राशि रिनपास को नहीं चुका पाई है।

पटना के गर्दनीबाग निवासी 45 साल की माधुरी देवी (बदला हुआ नाम) साल 2019 से अपनी मानसिक बीमारी का इलाज करवा रही हैं। उनका परिवार उनका इलाज एक बेहतर मनोचिकित्सक से करवाना चाहता है। “हमें कोइलवर मेंटल हॉस्पिटल के बारे में पिछले साल पता चला था। हम लोग वहां गए भी। हमें लगा डेडिकेटेड मेंटल हॉस्पिटल है तो वहां कम से कम बाकी जगहों से बेहतर इलाज मिलेगा। लेकिन हमें निराशा ही हाथ लगी। मानसिक रोग से ग्रस्त मरीज़ को एक अलग और सकारात्मक माहौल की ज़रूरत होती है। कोइलवर में वह माहौल नहीं है,” माधुरी की बेटी रश्मि ने बताया।

“सामान्य परिवारों के लोग यहां नहीं आते। सुविधा है ही नहीं तो आकर क्या करेंगे? यहां ज़्यादातर कैदियों, लावारिस लोगों और अज्ञात मानसिक रोगियों को रखा जाता है। कइयों के तो परिवारों ने ही उन्हें अपनाने से मना कर दिया है। हम लोग अक्सर यहां से मरीज़ों के भागने की ख़बर भी सुनते रहते हैं,” स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार ने बताया।

बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान, कोइलवर में हर साल मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है। पिछले पांच साल के आंकड़ें इस बात का प्रमाण देते हैं। साल़ 2015 में संस्थान में 148 मरीज़ भर्ती किए गए थे। इनके कुल भर्ती दिनों की संख्या 16,711 दिन दर्ज की गई थी। साल 2019 में मरीज़ों की संख्या 230 और भर्ती दिनों की संख्या 24,126 हो गई।

ओपीडी के भी आंकड़ें चिंताजनक हैं। साल 2015 में यहां कुल 7,265 नए मरीज़ आए। जबकि 24,996 मरीज़ पहले से ही ओपीडी से संबद्ध थे। 2019 में नए मरीज़ बढ़कर 15,597 हो गए और पुराने मरीज़ों की संख्या भी बढ़कर 53,529 हो गई। इस तरह 2019 में कुल मरीज़ों की संख्या लगभग 70 हज़ार पहुंच गई।

“लैंसेट के आंकड़े वही संख्या बता रहे हैं जो किसी तरह के मेडिकल रिकॉर्ड में दर्ज है। इसमें उन मानसिक रोगियों के आंकड़े दर्ज नहीं हैं जिन्हें मंदिरों और मस्जिदों में इलाज के लिए ले जाया जाता है। हमें नहीं मालूम भूत-प्रेत, डायन, पागल और माता बताकर कितने मानसिक रोगी अस्पतालों तक नहीं पहुंच सके हैं। अशिक्षा, डॉक्टरों की कमी और एडहॉक व्यवस्थाएं इस समस्या को और गंभीर ही बनाती हैं ,” एम्स पटना के साइकेट्री विभाग में रहे, डॉ. सत्यजीत सिंह ने इंडियास्पेंड से कहा। डॉ. सत्यजीत अब पटना में अपनी निजी प्रैक्टिस करते हैं।

आंकड़ों से साफ़ है कि पिछले पांच साल में बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान में मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन मरीज़ों की बढ़ोत्तरी के अनुपात में स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या नहीं बढ़ी है। इस अस्पताल में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति तीन तरीकों से होती है – स्वास्थ्य सेवा संवर्ग, संविदा और प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन)। स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के तहत नियुक्त स्वास्थ्यकर्मी पूर्णत: सरकारी होते हैं। संविदा के तहत नियुक्त हुए स्वास्थ्यकर्मी कॉन्ट्रेक्ट पर रखे जाते हैं। प्रतिनियुक्ति उसे कहा जाता है कि जब किसी स्वास्थ्यकर्मी को किसी एक संस्थान से दूसरे संस्थान की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ट्रांसफर कर दिया जाता है।

साल 2015 में यहां स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के तहत 3, संविदा पर 2 और प्रतिनियुक्ति पर 6 डॉक्टर थे। साल 2019 में स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के एक डॉक्टर के रिटायर हो जाने के बाद उनकी संख्या घटकर 4 रह गई। प्रतिनियुक्ति पर 6 डॉक्टर थे। अगस्त 2020 में ये संख्या भी कम होकर 5 रह गई। ग़ौरतलब है कि साल 2016 से अगस्त 2020 तक संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को शाहाबाद के महिलाओं द्वारा विशेष सम्मान दिया गया। “महिला गौरव” जन नेत्री श्वेता सिंह (भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महिला मोर्चा सह सकड्डी पंचायत मुखिया) ने बिहार के कोईलवर में स्थित एकमात्र मानसिक आरोग्यशाला में स्वयं जाकर सभी मानसिक रूप से पीड़ित लोगों से मिली और उन्हें वस्त्र एवं फूड पैकेट दिया उसके पश्चात उन्होंने कहा कि इनकी मदद कर के हमारे प्रधानमंत्री का जन्मदिन के अवसर पर सेवा सप्ताह का आयोजन किया गया है और इनकी सेवा करके मुझे बेहद खुशी महसूस हुई। उसके पश्चात डॉक्टरों से मिलकर उन मरीजों को हर संभव मदद करने का प्रयास का वादा किया।

श्रीमती श्वेता सिंह ने कहा कि सभी लोग हर किसी के दुख-सुख में शामिल हो जाते हैं। परंतु इनसे मिलने कोई नहीं आता। जबकि यह गलत बात है। ये लोग भी हमारे ही समाज के अंग है और इनके भी कहीं न कहीं परिवार है और उनसे हम लोग जुड़े हुए हैं। भले ही वह मानवता के नाते ही क्यों न हो। जिस प्रकार हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज में रहने वाले हैं। हर व्यक्ति के बारे में सोचते हैं। उसी प्रकार हमें भी चाहिए कि हम सभी की मदद करें। माना कि यह लोग सोच समझ नहीं पाते हैं। लेकिन हम लोग तो सोच समझ पाते हैं। अतः हमें इनकी मदद के लिए हमेशा अग्रसर रहना चाहिए।

आरा में कोचिंग सेंटरों को सील किए जाने पर छात्रों का हंगामा

आरा : आरा शहर में कोविड-19 को लेकर जारी गाइड लाइन के नियमों का हवाला देकर कोचिंग सेंटरों को सील किए जाने से शनिवार की सुबह आक्रोश भड़क उठा। आक्रोशित छात्रों ने केजी रोड, नवादा में सड़क पर उतरकर हंगामा किया। आवागमन को अवरुद्ध कर रोषपूर्ण नारेबाजी की। बाद में पुलिस प्रशासन की मदद से स्थिति पर काबू पाया जा सका। इसे लेकर करीब एक घंटे तक विधि-व्यवस्था की समस्या बनी रही।

घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि आरा शहर में कोविड-19 को लेकर जारी सरकार के गाइड लाइन के नियमों की अनदेखी कर कोचिंग सेंटर चलाए जाने की शिकायत जिला प्रशासन को मिली है। जिसके बाद बीडीओ, सीओ और थाना स्तर पर टीम बनाकर कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। सील करने की भी कार्रवाई की जा रही है।

शनिवार को भी शिकायत के आधार पर प्रशासनिक अधिकारी कोचिंग सेंटरो पर कार्रवाई को लेकर केजी रोड, नवादा रोड इलाके में गए थे। इस दौरान दो कोचिंग सेंटरों को बंद कराए जाने से छात्रों का आक्रोश भड़क उठा। आक्रोशित छात्र सड़क पर उतर गए और हंगामा करने लगे।

कोरोना महामारी रोकने को लेकर मार्च महीने से ही शैक्षणिक संस्थान बंद चले आ रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है। जिले के सरकारी व गैर सरकारी स्कूल और कोचिग संस्थान केंद्र सरकारी निर्देश पर ही बंद हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर लागू आनलॉक में शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है। सीओ के अनुसार 21 सितंबर के बाद जो नया आदेश आएगा, उसके बाद निर्णय लिया जाएगा।

प्राप्त सुचना के अनुसार भोजपुर जिले में शायद ही कोई कोचिंग संचालक शिक्षा विभाग से निबंधित है और इस तरह करीब करीब सभी कोचिंग संस्थान गैर कानूनी तरीके से चल रहे है| जब भी प्रशासन इनके खिलाफ कोई कदम उठाता है, ये संचालक स्वम् सामने नहीं आ कर विद्यार्थियों को सामने करके आन्दोलन करवाते है| वे जानते हैं कि प्रशासन भी विद्यार्थियों पर ज्यादा जबरदस्ती नही करेगा और इसी का फायदा उठाया जाता है| पूर्व में भी कोचिंग संचालक विद्यार्थियों को आगे कर क़ानून को हाथ में लिया और उनसे आन्दोलन और तोड़ फोड़ करवाया है|

ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर एसपी हरकिशोर राय ने तीन पुलिसवालों को किया सस्पेंड

आरा : शहरवासियों को जाम से निजात दिलाने में जुटे एसपी ने अब ट्रैफिक डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर भी सख्ती शुरू कर दी है। इसके तहत ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर गाज गिरने लगी है। इस मामले में गुरुवार को एसपी हरकिशोर राय ने तीन पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया। इसमे ट्रैफिक थाने के एएसआई दीपक कुमार और दो सिपाही शामिल है।

तीनों पर वनवे के बावजूद दोनों ओर से गाड़ियों को छोड़ने का आरोप लगा है। दरअसल हुआ यह कि गुरुवार को पूर्वी गुमटी से बिहारी मिल जाने वाले रास्ते पर जाम लगा हुआ था। इस बीच भोजपुर एसपी वहां पहुंच गये। इससे एसपी भी जाम में फस गये। इस पर एसपी ने जाम के कारणों की पड़ताल की तो पता चला कि वनवे के बावजूद दोनों ओर से गाड़ियां छोड़ दी गई है।

इससे नाराज एसपी ने ड्यूटी पर तैनात एएसआई और दो जवानों को सस्पेंड कर दिया। बता दे कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और जाम से निजात के लिये एसपी द्वारा वनवे सिस्टम लागू किया गया है।

लापता युवक को खोजने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने थाने पर किया हंगामा

आरा : आरा से लापता 19 वर्षीय युवक गोपाल राय का दो दिन बाद बरामदगी नही होने पर बागर के दर्जनों ग्रामीणों ने सिकरहटा थाना पहुंच हंगामा किया। पुलिस के विरुद्ध नारे लगाए। घटना के बारे में बताया जाता है कि 16 सितम्बर को गोपाल राय पिता विजय कुमार राय पटना जाने के लिए घर से निकला। वह बागर गांव से बमबम बस पकड़ कर आरा पहुंचा। आरा पहुंचने के बाद मोबाइल फोन से अपनी मां के पास कॉल कर बताया। इसके बाद वह शाम तक पटना अपने डेरा नहीं पहुंचा।

उसके भाई ने उसके मोबाइल पर कॉल किया, तो बंद था। जिसके बाद खोजबीन शुरू हो गया। मामले को लेकर लापता युवक का अपहरण किये जाने की आशंका व्यक्त करते हुए अज्ञात के विरुद्ध आरा के नवादा थाना में संजय राय द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दूसरी ओर, नवादा थाना तथा सिकरहटा थाना पुलिस की जानकारी दिए जाने तथा गोपाल का मोबाइल लोकेशन सासाराम मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर लोग नाराज थे। दर्जनों बागर के ग्रामीणों ने सिकरहटा थाना पहुंच जल्द से जल्द बरामद करने की मांग की गई।

ग्रामीणों ने कहा कि हमने अपहरण की आशंका व्यक्त की है। जिसका लोकेशन कल से ही सासाराम बता रहा है। लेकिन पुलिस केवल लोकेशन पता कर शांत बैठ गयी है। थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने वरीय अधिकारियों से बात कर गोपाल को बरामद करने का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि मामला आरा के नवादा थाना का है। लापता युक्क की बरामदगी के लिए हम सक्रिय है।

शहीद अशोक सिंह, शहीद की पत्नी को दिया गया रामायण

आरा : “खूब लड़ा वीर जवान जिसने दुश्मन को ललकारा था वीरगति को प्राप्त हुआ वह अशोक हमारा था”। जिसने अपनी वीरता एवं शौर्य के बदौलत दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे उस वीर जवान अशोक की आज चौथी पुण्यतिथि थी अशोक सिंह जी का उरी दिवस के चतुर्थ पुण्य तिथि पर उनके पैतृक गांव रकटू टोला, जितौरा बाजार, पीरो (भोजपुर, बिहार ) में उनके स्मारक स्थल पर भारतीय सेना एवं NCC के जवानों द्वारा पुष्प अर्पित कर सलामी दी गयी। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आत्मीय स्वयंसेवक बंधुओं के द्वारा वीर योद्धा अशोक सिंह की धर्मपत्नी वीरवधु संगीता देवी जी को रामायण की पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया एवँ वीर योद्धा की स्मृति में वीरवधु संगीता देवी जी के द्वारा अशोक का वृक्ष लगाकर शौर्य दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कई लोग उपस्थित थे जिन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित किया तथा उन्हें याद करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने की कसम खाई।

इस अवसर पर उपस्थित कई लोग थे जिन्होंने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की उनमे आरा शहर के समाजसेवी विष्णु सिंह उर्फ बड़े बजरंगी , पीरो नगर कार्यवाह अभिषेक कुमार, राजू केशरी जी , विकास गुप्ता जी , सौरव पाठक जी , मोहित सोनी, दीपक आर्य जी, रमेश चंद्र जी, ऋषिकेश जी एवं अन्य सैकड़ों देशभक्त उपस्थित रहें। बताते चलें कि अशोक सिंह सबके चहेते थे और उन्होंने अपनी वीरता की बदौलत सब में छाप छोड़ी थी। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की चर्चा पूरे देश में हो रही है जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए दुश्मनों को रोके रखा ऐसे वीर सपूत को सलाम करने के लिए पूरा देश

दलालों के माध्यम से कोइलवर पुल पर हो रही वसूली

आरा : कोइलवर अब्दुल बारी पुल पर अवैध वसूली का धंधा रुकने का नाम नही ले रहा है.बार बार अवैध वसूली की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में तैरने और तैनात जवानों के निलंबन के बावजूद यहां तैनात जवान अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे हैं.पहले यातायात के लिए पुल पर तैनात जवान खुद से पैसे की वसूली करते थे लेकिन अब वे नया हथकंडा अपना दलालों के माध्यम से आने जाने वाले ट्रकों से वसूली करवाते हैं.इसी से जुड़ा एक दो वीडियो सोशल मीडिया में तैर रहा है.जो पूरे दिन यातायात जवानों की कहानी कहता रहा.

कोइलवर अब्दुल बारी पुल पर भारी वाहनों से अवैध वसूली का किस्सा नया नही है.आये दिन यहां तैनात जवानों के ट्रकों से वसूली करते वीडियो वायरल होते रहे हैं.लेकिन बार बार वीडियो वायरल और जवानों के निलंबन के बाद यहां तैनात जवानों ने नया तरकीब निकाल लिया है.अब वे खुद से वसूली न कर इस काम मे दलालों को लगा दिया है.वसूली कर रहे एक दलाल को अभी हाल ही में कोइलवर थानाध्यक्ष ने पकड़ कर जेल भेज दिया था.ऐसा ही एक वीडियो पूरा दिन सोशल मीडिया पर तैरता रहा जिसमे दो दलाल ट्रकों से पैसे वसूल रहे थे जबकि ड्यूटी में तैनात जवान वही पास में टहलते फोन पर बात करता दिख रहा है. वीडियो में दिख रहा जवान जितेंद्र बताया जा रहा है जो यहां यातायात संधारण के लिए कार्यरत है.सूत्र बताते हैं कि दलाल जो पैसे भारी वाहनों से वसूलते हैं उसमें 80:20 के अनुपात में बंटवारा होता है.वसूलने वाले दलालों को 20 प्रतिशत देकर शेष राशि यहां तैनात जवान लेते हैं.

बार बार महाजाम से तंग आकर कोइलवर पुल पर वनवे व्यवस्था लागू की गई थी .जिसमे पटना जिले से तेल टैंकर,गैस टैंकर,बस औऱ आपातकालीन सेवा के अलावे किसी भी भारी वाहन को पुल में प्रवेश वर्जित किया गया था साथ ही पुल की ओर से धनडीहा की ओर बड़े वाहनों एंट्री बन्द की गई थी.लेकिन यह व्यवस्था यातायात के संधारण के लिए तैनात जवानों के लिए कमाऊ बन गया.आरा छपरा से पुल से होकर धनडीहा की ओर जाने वाली ट्रकों से पैसे की वसूली की जाने लगी वहीं रात के दस बजते ही पटना जिले से आने वाले भारी वाहनों की एंट्री पैसे लेकर कराया जाने लगा.सूत्र बताते हैं कि कोइलवर से धनडीहा की ओर जाने वाले खाली ट्रकों से 100 से 200 रुपये लिए जाते है जबकि रात के अंधेरे में पटना जिले की ओर से पुल मे एंट्री कराने के लिए 2000 रुपये प्रति ट्रक तक की वसूली की जाती है.बहरहाल बार बार वीडियो वायरल होने के बाद भी अवैध वसूली का धंधा खत्म न होना पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है.

वज्रपात की चपेट में आने से 50 वर्षीय महिला की मौत

आरा : ठनका की चपेट में आने से मौत का सिलसिला भोजपुर जिले में थम नहीं रहा है। भोजपुर जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव के बधार में खेत घूमने गई एक महिला के ऊपर बिजली टूट कर गिर पड़ी। अचानक से ठनका गिरने से महिला की हालत गंभीर हो गई ।इससे पहले कि लोग उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाते उसकी मौत हो चुकी है ।महिला का नाम सीता देवी है। जो किसान रामनाथ यादव की पत्नी थी। इस घटना के बाद मृतका के परिवार में कोहराम मच गया है।बताया जा रहा है कि मृतका की चार बेटी है।जबकि दो की शादी हो चुकी है और दो इंटर तथा एक निचली कक्षा में पढ़ती है।

दूसरी घटना भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हीनगंज गांव में शुक्रवार को ठनका गिरने से एक छात्र की मौत हो गई। घटना के बाद लोगों के बीच अफरातफरी का आलम रहा। सूचना मिलते ही स्थानीय थाना घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया।

जानकारी के अनुसार मृतक दुल्हीनगंज गांव निवासी रामेश्वर प्रसाद सिंह का 20 वर्षीय पुत्र रंजीत कुमार उर्फ गंगा दयाल यादव है। जो बीए पार्ट वन का छात्र था। वहीं मृतक के परिजनों ने बताया कि आज दोपहर वह खेत पटाने के लिए गया था। उसी दरमियान तेज बारिश शुरू हो गई।बारिश के दौरान उस पर अचानक ठनका गिर पड़ा। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना को दी।

बताया जाता है कि मृतक तीन भाइयों में सबसे छोटा था। मृतक के परिवार में मां कलावती देवी, दो भाई अखिलेश, मिथिलेश व दो बहन कुसुम एवं गीता है। घटना के बाद मृतक के घर में हाहाकार मच गया है। हादसे के बाद मृतक की मां कलावती देवी एवं परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।

अपराध की योजना बना रहे अपराधियों को हथियार के साथ दबोचा

आरा : भोजपुर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। सिकरहट्टा थाना क्षेत्र के मोपती बाजार स्थित मेला से एक व्यक्ति को पुलिस ने संदिग्धावस्था में गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी का नाम अनीश यादव है जो स्थानीय थाना क्षेत्र के ही पनवारी गांव का रहने वाला है। इस गिरफ्तारी की पुष्टि भोजपुर एसपी हर किशोर राय ने किया है। देर रात भोजपुर एसपी हर किशोर राय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अपराधी घटना को अंजाम देने वाले थे ऐसी सूचना मुझे मिली थी उसके बाद एक टीम गठित कर छापेमारी का निर्देश दिया गया था जिसके बाद अनीश नामक व्यक्ति को पकड़ा गया उसके पास से हथियार भी बरामद किया गया है। वह एक गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है| उसके पिता थाने के चौकीदार बताया जाता है।

सिकरहटा व चरपोखरी पुलिस को लूट कांड में तलाश थी। पीरो अनुमंडल पुलिस ने अगस्त महीने में सिकरहटा थाना क्षेत्र अन्तर्गत पीरो- खुटहां पथ पर सिकरहटा गैस एजेंसी के समीप व्यवसायी के स्टॉफ से पिस्तौल के बल पर 40 हजार रुपये लूटे जाने के मामले का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने इस मामले में पुराने गैंग से जुड़े दो अपराधियों कथराई गांव निवासी अमरजीत चौधरी उर्फ मुंशी चौधरी तथा एकौनी गांव का निवासी आकाश यादव को गिरफ्तार कर कांड के उद् भेदन किया था। दोनों पूर्व डेढ़ माह पहले जेल से जमानत पर छूटकर आए थे। पूछताछ में यह बात आई थी कि सिकरहटा थाना के चौकीदार का बेटा अनीश यादव उर्फ मनीष यादव ने अपराधियों के साथ मिलकर लूटपाट की योजना बनाई थी। अनीश यादव पूर्व में भी जेल जा चुका है।

प्रॉपर्टी डीलर के बेटे की हत्या में दो और वांछित आरोपित गिरफ्तार

आरा : टाउन थाना क्षेत्र के गौसगंज निवासी प्रॉपर्टी डीलर के बेटे मिथुन पासवान की हत्या के मामले में वांछित दो और नामजद आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा। शनिवार को दोनों की गिरफ्तारी रमना मैदान के समीप से हो सकी। इस मामले में अंकित पासवान व रामप्रवेश पासवान को गिरफ्तार किया गया है। दोनों गौसगंज के निवासी है। पुलिस को तीन महीने से तलाश थी। छापेमारी का नेतृत्व प्रभारी थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह कर रहे थे।

दोनों के विरुद्ध कोर्ट से कुर्की वारंट निर्गत हो चुका था। इससे पूर्व अगस्त महीने में पुलिस ने आरा जेल में बंद कुख्यात आशीष पासवान और अमरजीत पासवान को पूछताछ के लिए दो दिनों के रिमांड पर लिया था। तीन जुलाई को आशीष ने सरेंडर किया था। इस मामले में पुलिस ने पहले ही एक आरोपित छोटू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मालूम हो कि आठ जून की देर शाम गौसगंज में प्रॉपर्टी डीलर नंद किशोर पासवान के बेटे मिथुन को गोलियों से भून दिया गया था। इसे लेकर नंदकिशोर पासवान के बयान पर पर दर्ज प्राथमिकी में गौसगंज निवासी कुख्यात आशीष पासवान,उसके भाई अविनाश पासवान,अंकित पासवान ,सर्वजीत पासवान, उसके भाई अमरजीत पासवान, रामप्रवेश पासवान तथा भलुहीपुर निवासी छोटू यादव समेत सात को नामजद एवं दो अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। उसी क्रम में नामजद आरोपित छोटू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था। करीब 24 दिनों बाद आशीष पासवान ने सरेंडर किया था।

आरा में सीएम ने 4.29 करोड़ रुपए से बने बस स्टैंड भवन का किया उद्घाटन

आरा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहर के सरदार पटेल बस पड़ाव स्थित नए बस स्टैंड भवन का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा किया। कुल 4.29 करोड़ रुपए की लागत से बने इस नए भवन में कई प्रकार के अन्य भवनों के बन जाने से यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा।

नए भवन के साथ अलग-अलग दुकाने, कैंटीन और प्रतीक्षालय भी बने हैं। इन सभी के बन जाने से वर्षा या धूप के दौरान यात्री कई प्रकार की होने वाली परेशानी से बच सकेंगे। मालूम हो इस बस स्टैंड में नए भवन की मांग इससे जुड़े लोगों के द्वारा कई वर्ष से की जा रही थी। इसके बन जाने से लोगों में खुशी है। उद्घाटन के मौके पर मौजूद मेयर रूबी तिवारी ने कहा कि इस भवन के उद्घाटन हो जाने से पूरे जिले के यात्रियों को लाभ मिलेगा। वही नए भवन के बन जाने से वाहनों के चालक और संचालकों को भी कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी। नए भवन के उद्घाटन करने के लिए उन्होंने सीएम को बधाई दी।

जाप नेता ने देवेंद्र फडणवीस व स्थानीय विधायक पर लॉकडाउन उलंघन का केस दर्ज करने की उठाई मांग

आरा : 16 सितंबर दिन बुधवार को बड़हरा विधानसभा क्षेत्र के बभनगाँवा खेल मैदान में हुए जन अधिकार पार्टी द्वारा आयोजित मिलन समारोह कार्यक्रम मैं ज्यादा भीड़ इकट्ठा करने के आरोप में जिला प्रशासन द्वारा जन अधिकार पार्टी के नेताओं पर लॉकडाउन उल्लंघन का केस दर्ज कराया गया है, जिसमें जाप सुप्रीमो पप्पू यादव,रघुपति यादव, भोजपुरी गायक राकेश मिश्रा,विजय यादव, गायक हरि ओम भोजपुरी एंकर ऋषिकेश सिंह और शेखर दुबे को नामजद बनाया गया है।केस दर्ज होने के बाद जाप युवा जिला अध्यक्ष रघुपति यादव ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अभी पिछले दिनों महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा भी आरा में लॉकडाउन उल्लंघन करते हुए मीटिंग की गयी थी, कुछ दिन पहले स्थानीय विधायक ने भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए बैठक की तो उन लोगों पर केस क्यों नहीं दर्ज किया गया? सिर्फ जन अधिकार पार्टी को ही क्यों जिला प्रशासन और सरकार द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, मेरी मांग है कि देवेंद्र फडणवीस और स्थानीय विधायक पर भी लॉकडाउन उल्लंघन का केस दर्ज हो अन्यथा जाप नेताओं पर जो केस दर्ज हुआ है उसे वापस लिया जाए,अन्यथा जन अधिकार पार्टी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।

जन अधिकार पार्टी के युवा प्रदेश सचिव अविनाश कुमार उर्फ लड्डू यादव ने कहा कि पप्पू यादव की बढ़ती लोकप्रियता से सरकार घबरा गई है और राजनीतिक साजिश के तहत जाप सुप्रीमो और उनके नेताओं पर केस दर्ज कराया जा रहा है, लेकिन ऐसे ऐसे केस से जन अधिकार पार्टी के नेता डरने वाले नहीं हैं, लगातार जनता के बीच जन अधिकार पार्टी के हर एक कार्यकर्ता जुड़े रहने का काम करते रहेंगे।

वहीं सरकार पर निशाना साधते हुए जन अधिकार छात्र परिषद के जिला अध्यक्ष रितेश कुमार ने कहा कि जिस तरह से युवाओं का झुकाव पप्पू यादव की तरफ बढ़ रहा है,और प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में लोग पप्पू यादव के द्वारा किये गए सेवा कार्य को देखकर जुड़ रहे हैं, जिससे सरकार की नींद उड़ गई है, और दुर्भावना से ग्रसित होकर जाप नेताओ पर केस दर्ज कराया जा रहा है।भोजपुरी के सुप्रसिद्ध एंकर ऋषिकेश सिंह ने कहा कि बिहार में चुनाव कराना ही लॉक डाउन का उल्लंघन है ,अभी तत्काल सरकार को चुनाव पर रोक लगाना चाहिए। यदि चुनाव होगा तो स्वाभाविक है कि नेता जनसंपर्क अभियान ,मिलन समारोह वगैरह-वगैरह कार्यक्रम जनता के बीच करते ही रहेंगे।

केस दर्ज होने के बाद आक्रोश ब्यक्त करने वाले मे हरे कृष्णा सिंह, संतोष कुमार, सुजीत कुस्वहा, महेश उपाध्याय,छात्र नेता पप्पू यादव, छोटेलाल राय, सहित दर्जनों लोग शामिल थे।

बता दे कि बदरह बी डी ओ ने जाप सुप्रीमो पप्पू यादव सहित सात लोगों पर शुक्रवार को कृष्णागढ़ थाने में कोविद 19 के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर नामजद मुकदमा दायर किया था।

ट्रेन की चपेट में आने से अधेड़ की मौत

आरा : दानापुर-पीडीडीयू रेलखंड पर कारीसाथ स्टेशन के समीप अप लाइन पर शुक्रवार की शाम ट्रेन की चपेट में आने से नवादाबेन गांव के एक अधेड़ की मौत हो गई।घटना को लेकर लोगो के बीच अफरा-तफरी का आलम रहा। सूचना मिलते ही रेल पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया।

जानकारी के अनुसार मृतक उदवंतनगर थाना क्षेत्र के नवादाबेन गांव के कुढ़वा टोला निवासी भीम महतो का 55 वर्षीय पुत्र बिहारी महतो है। मृतक के पुत्र विजेन्द्र ने बताया कि आज शाम वे खेत में घास काटने के लिए जा रहे थे। उसी दौरान वह जब रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। तभी अचानक ट्रेन आ गई। जिसकी चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के परिवार में पत्नी अनीता देवी,चार पुत्र विजेन्द्र, सोनू, अनत, ईशु एवं एक पुत्री रूबी कुमारी है। घटना के बाद मृतक के घर में हाहाकार मच गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

पूर्व के विवाद में बुजुर्ग को मारी गोली

आरा : भोजपुर जिले के सहार थाना क्षेत्र के एकवारी गांव में शुक्रवार की शाम दरवाजे पर बैठे एक बुजुर्ग को गोली मार दी गयी। इसमें वह गंभीर रुप से जख्मी हो गये। बुजुर्ग के दाहिने पैर व हाथ में गोली लगी है। उनका इलाज आरा सदर अस्पताल में कराया जा रहा है। जख्मी एकवारी गांव निवासी 60 वर्षीय फौजदार सिंह हैं।

इस संबंध में जख्मी के बयान पर गांव के ही दस लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। घटना का कारण पूर्व का विवाद बताया जा रहा है। जख्मी फौजदार सिंह के अनुसार करीब एक माह पूर्व उनके चाचा का गांव के ही कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। उसको लेकर विवाद चला रहा था। इस बीच शुक्रवार की शाम वह अपने चाचा शिव नारायण सिंह के साथ घर के दरवाजे पर बैठे थे। तभी सभी आरोपित दरवाजे पर आ धमके और फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान उन्हें हाथ व पैर में गोली मार दी गयी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिये सहार पीएचसी ले जाया गया। प्राइमरी इलाज के बाद उन्हें सदर अस्पताल लाया गया। इधर घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मनिंद्र कुमार घटनास्थल पर पहुंच गये और मामले की छानबीन में शुरू कर दी गयी।

गांजा बेचने के आरोपित को दो साल कैद की सजा, 12 हजार फाइन

आरा : सिविल कोर्ट आरा ने गांजा बेचने के एक आरोपित को दो साल की कैद की सजा सुनाई है। उसके खिलाफ 12 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। सजा पाने वाला गजराजगंज ओपी क्षेत्र के मसाढ़ गांव का धनंजय सिंह उर्फ गुड्‌डू है। यह सजा तृतीय अपर जिला और सत्र न्यायाधीश त्रिभुवन यादव द्वारा सुनाई गयी है।

विशेष लोक अभियोजक राणा प्रताप सिंह ने इसकी जानकारी दी। इस मामले उन्होंने ही अभियोजन की ओर से बहस की। एसपीपी के अनुसार 12 जनवरी 2012 को गजराजगंज ओपी के बीबीगंज से सटे सरैयां के बधार से पुलिस ने तीन किलो गांजे के साथ धनंजय सिंह उर्फ गुड्‌डू को गिरफ्तार किया था। धनंजय सिंह को ताड़ के पेड़ के झुरमूट के पास से पकड़ा गया था। उसे लेकर तत्कालीन एएसआई अमरनाथ ठाकुर के बयान पर केस दर्ज किया गया था। 23 जुलाई 2013 को इस मामले में आरोप का गठन हुआ। उसके बाद ट्रायल शुरू हुआ और कोर्ट द्वारा सजा सुना दी गयी। तृतीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश द्वारा पिछले नौ सितंबर को भी गांजा तस्करी में एक आरोपित को तीन साल की सजा सुनाई थी।

राजीव एन अग्रवाल