प्राकृतिक संसाधनों का अकलमंदी से करें इस्तेमाल
दरभंगा : मानव ने अपनी अति महत्वाकांक्षा के कारण धरती का शोषक बन कर, इसे असंतुलित कर दिया है। हम अपनी गलत जीवनशैली के कारण प्रकृति को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल सावधानी और अकलमंदी से होना चाहिए। प्राकृतिक संसाधनों पर सभी जीव-जंतुओं का समान अधिकार है, पर मानव ने अपनी गलत इच्छाओं व लालसाओं से इसको हथिया कर उसे नष्ट-भ्रष्ट कर रहा है। उक्त बातें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लाइफ साइंस के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रोफेसर एचएसए याहिया ने सीएम कॉलेज, दरभंगा की एनएसएस इकाई तथा एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पर्यावरण जागरूकता माह का उद्घाटन करते हुए कहा। प्रसिद्ध वर्ड मेन प्रो याहिया ने कहा कि पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए हर व्यक्ति को सजग तथा पर्यावरण प्रेमी बनना होगा, अन्यथा पर्यावरण का खतरा पूरी जीवजगत को समाप्त कर देगा।
महाविद्यालय बीसीए के कोऑर्डिनेटर डॉ अशोक कुमार पोद्दार ने कहा कि पर्यावरण संकट मानव जनित है,जिसके समाधान हेतु सरकार पर हमारी निर्भरता कतई उचित नहीं है, बल्कि आम लोगों को इसके लिए आगे आना होगा।पर्यावरण संकट को मानव ही ठीक कर सकता है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि पेड़-पौधे सभी प्राणियों के जीवन के आधार हैं। यह पृथ्वी के श्रृंगार तथा उसके रक्षक हैं, जो मरूभूमि, वाढ, प्रदूषण आदि से धरती को बचाते हैं। हम व्यक्तिगत स्वार्थ की तिलांजलि देकर ही पर्यावरण संकट से बच सकते हैं।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है। युवाओं को इसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ही यूजीसी ने पर्यावरण जागरूकता को पाठ्यपुस्तक में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि प्रो याहिया ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने चिड़ियों की आवाजों का अध्ययन किया है। पर्यावरण के सभी अंगों में संतुलन आवश्यक है, क्योंकि वे एक एक-दूसरे को काफी प्रभावित करते हैं। इनमें असंतुलन ही मानव जीवन को खतरे में डाल दिया है। आज मेंढक कम होने से मच्छर ज्यादा बढ़ गए हैं, जिससे अब लोग शाम में अगरबत्ती की जगह मच्छरबत्ती जलाते हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पूर्व सीसीडीसी डॉ शाकिर अहमद याहिया,समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो विश्वनाथ झा, पूर्व एनएसएस पदाधिकारी डॉ सुरेश पासवान,आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ जिया हैदर, इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो राजानंद झा,डॉ मो कामरान गनी,नीरज कुमार,राम अवतार यादव तथा रघुवंश कुमार सहित 120 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव के संचालन में आयोजित समारोह में अतिथियों का स्वागत एनएसएस इकाई 1 के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ प्रीति त्रिपाठी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन इकाई दो के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो अखिलेश राठौर ने करते हुए कहा कि पर्यावरण जागरूकता माह 18 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें विभिन्न तरह के पर्यावरण जागरूकता हेतु रैली, संगोष्ठी, क्विज, भाषण, निबंध आदि प्रतियोगिताएं तथा स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
सीनेट की प्रस्तावित 43वीं बैठक स्थगित
दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली अधिषद यानी सीनेट की 43वीं बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गयी है। यह बैठक 23 नवम्बर को मुख्यालय के दरबार हॉल में प्रस्तावित थी।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि सीनेट की अगली बैठक की तिथि बाद में मुकर्रर की जाएगी। बता दें कि राज्य सरकार के नए निर्देशों के अनुसार 2020-21 के बार्षिक बजट को तैयार करना है जो समयसाध्य है और इसी बजट पर चर्चा सीनेट का मुख्य एजेंडा भी था । बजट पूर्ण नहीं होने के आलोक में बैठक स्थगित की गई। वहीं कुलसचिव नवीन कुमार ने इस आशय की अधिसूचना जारी करते हुए सीनेट के मान्य सदस्यों को भी सूचित करने को निदेशित कर दिया है।
मुरारी ठाकुर