अवैध गौ मांस लेकर आ रही टेंपो दुर्घटनाग्रस्त
नवादा : जिले के पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के धमौल ओपी का है जहां देर दोपहर को तुर्कवन गांव के समीप एक टेंपो दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जैसे ही घटना घटी टेंपो से काफी मात्रा में खून बाहर गिरने लगा तभी पास के लोग कुछ अनहोनी समझकर टेंपो चालक से पूछताछ करने लगे। बाद में टेंपो चालक ने ग्रामीणों को बताया कि टेंपो पर चमड़ा है जबकि ग्रामीणों का मानना है कि टेंपो पर अवैध तरीके से गौ मांस ले जाया जा रहा था। ग्रामीण टेंपो चालक से उलझ गए। जैसे ही इसकी सूचना प्रभारी थानाध्यक्ष विभा कुमारी को मिली दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया और तत्काल टेंपो को जब्त कर थाना ले आई है।
प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ किया गया तो लोगों ने लाइसेंस के आधार पर काम किए जाने की जानकारी दिया। लाइसेंस को उपस्थित करने के लिए जब निर्देश दिया गया तो देर शाम तक लाइसेंस उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिससे स्पष्ट होता है कि अवैध तरीके से गौ मांस की कटाई की जा रही थी समाचार प्रेषण तक पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर रही है।
उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकेश कुमार साहा को दी जा चुकी है। वरीय अधिकारी के आदेश पर कार्रवाई की जाएगी।
डेंगू से बच्ची की मौत
नवादा : जिले में डेंगू ने अपना पैर पसारना आरंभ कर दिया है। चिकित्सकीय जांच में पुष्टि भी हो रही है, बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से इससे बचाव के उपाय तक आरंभ नहीं किया जा रहा है। ताजा मामला उग्रवाद प्रभावित गोविन्दपुर प्रखंड मुख्यालय का है जहां तीन वर्षीय बालिका की मौत डेंगू से होने के बावजूद प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।
बताया जाता है कि बाजार की शालू कुमारी तेज बुखार से पीड़ित थी। उसे इलाज के लिए नवादा ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने पटना स्थानांतरित कर दिया। पटना में जांच के बाद उसे डेंगू की पुष्टि होते ही इलाज आरंभ किया गया। इस क्रम में गुरुवार की देर रात उसकी मौत हो गयी।
मुखिया अफरोजा खातुन ने बताया कि डेंगू से मौत की पुष्टि के बावजूद अबतक इससे बचाव के उपाय तक आरंभ नहीं किया जा रहा है जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। उन्होंने जिला प्रशासन से अविलंब बचाव कार्य आरंभ करने की अपील की है।
पटाखे व फुलझडियो से सजी दुकानें
नवादा : दीपावली को लेकर नगर बाजार में पटाखों की दुकानें सज कर तैयार हो गई है। लोग दीपावली की तैयारी में जुट गए हैं। पुरानी परंपरा के अनुसार अपने घरों में रंगोली बनाने की तैयारी कर रहे हैं। खासकर महिलाएं जलता हुआ दीया समेत कई तरह के फूल आदि की रंगोली बनाती हैं। इसके लिए महिलाएं अभी से रंगोली बनाने की सामग्री की खरीदारी करने में जुटी हैं। वहीं बच्चे व युवा पटाखा की खरीदारी कर रहे हैं। दुकानों में हरेक रेंज के पटाखे व फुलझड़ी उपलब्ध है।
खासकर दुकानदारों द्वारा ग्रीन दीपावली मनाने व पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए की व्यापक तैयारी की गई है। नगर के मुस्लिम रोड, लाल चौक स्थित दुकानदारों ने बताया कि इस साल बच्चों की सुरक्षा व प्रदूषणमुक्त दीपावली मनाने के लिए कई रेंज का फुलझड़ी व पटाखा उपलब्ध है। दुकानदारों ने बताया कि वनीता, किड्स मल्टी कलर, आइ स्पाइन एवं हॉट विल्स फुलझड़ी की बिक्री की जा रही है। इसके अलावा मुर्गा, तुर्की, रॉकेट, चॉकलेट, बन-बन आदि पटाखा की भी बिक्री की जा रही है। बच्चे व युवा समेत सभी लोगों को प्रदूषण मुक्त फुलझड़ी ही पसंद आ रही है।
सुखाड़ व मंहगाई का दिख रहा असर
दुकानदारों ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल पटाखों की बिक्री गत वर्ष की भांति नहीं हो रही है। दीपावली पर्व के पंद्रह दिन पहले से ही पटाखों की बिक्री रफ्तार पकड़ लेती थी। लेकिन पर्व में मात्र दस दिन बचे होने के बावजूद पटाखों की बिक्री ने रफ्तार नहीं पकड़ी। बाजार में इस साल सुखाड़ व मंहगाई का काफी असर दिख रहा है। दिनभर में इक्का-दुक्का ग्राहक पहुंच रहे हैं।
कहते हैं दुकानदार
पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए इस साल प्रदूषण मुक्त फुलझड़ी व पटाखा की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा को लेकर यह सभी पटाखा का इस्तेमाल कर सकते हैं। खासकर बच्चों की सुरक्षा व प्रदूषण संरक्षण को लेकर इस पटाखा को मंगवाया गया है। इसके अलावा कई तरह का पटाखा उपलब्ध है। लेकिन सुखाड़ व महंगाई के कारण पटाखों की बिक्री रफ्तार नहीं पकड़ रही है। दिनभर में इक्का-दुक्का ग्राहक पहुंच रहे हैं। ऐसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से दुकान में गैस किट, बालू, कंबल, पानी आदि का पुख्ता इंतजाम किया गया है। ताकि किसी प्रकार का दुर्घटना नहीं हो, गुलाम मुस्तफा, पटाखा दुकानदार।
पटाखे व फुलझड़ी की कीमत प्रदूषण मुक्त फुलझड़ी
आइ स्पाइन- 50 से 100 रुपये पैकेट
वनीता- 30 से 60 रुपये पैकेट
हॉट विल्स- 90 रुपये पैकेट
अन्य पटाखों की कीमत
मुर्गा छाप- 40 से 50 रुपये पैकेट
तुर्की छाप- 16 से 25 रुपये पैकेट
रॉकेट- 50 से 80 रुपये पैकेट
छुरछुरी- 2 से 20 रुपये पैकेट
चॉकलेट – 40 से 60 रुपये पैकेट
बन-बन- 20 से 40 रुपये पैकेट
चिकित्सकों की सलाह
दीपावली रोशनी का पर्व है। इस पर खासकर बच्चे व युवा आतिशबाजी करते हैं। पटाखा में बारूद की मात्रा होती है। जो काफी ज्वलनशील होता है। पटाखा छोड़ते समय बच्चे व युवा को सुरक्षित रहना जरूरी है। इसके साथ ही सावधनी बरतनी चाहिए। अगर पटाखा से कोई भी व्यक्ति जख्मी हो जाता है तो सबसे पहले अपने घर में सूती कपड़ा से जख्म वाले स्थान पर तुरंत बांध दें। इसके बाद नजदीकी अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों की सलाह से दवा आदि का सेवन करें, डॉ.प्रभाकर सिंह, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल नवादा।
छह विद्यालयों के निरीक्षण में पांच बंद मिले
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली बीडीओ प्रेम सागर मिश्रा ने प्रखंड के जंगली क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत में आधा दर्जन विद्यालयों की जांच की। जांच के क्रम में पांच विद्यालय बंद मिले। वहीं जो विद्यालय खुले थे, वहां शिक्षक गायब मिले। एमडीएम भी बंद था। बीडीओ ने लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए विभाग को लिखे जाने की बात कही है।
बीडीओ प्रेम सागर मिश्र ने बताया कि जंगली क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की वस्तु स्थिति का जायजा लेने को जब वे पहुंचे तो स्थिति संतोषप्रद नहीं मिली। जांच के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही उजागर हो गई।
इन विद्यालयों की हुई जांच
बीडीओ द्वारा प्राथमिक विद्यालय सिमरातरी उर्दू, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाराटांड़ उर्दू, उच्च विद्यालय बाराटांड, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाराटांड़, मध्य विद्यालय चटकरी और प्राथमिक विद्यालय झलकडीहा की जांच की गई। जिसमें प्राथमिक विद्यालय झलकडीहा को छोड़ सभी पांच विद्यालय बंद पाए गए।
झलकडीहा में गप्पे लड़ाते मिले दो शिक्षक
-जांच के दौरान प्राथमिक विद्यालय झलकडीहा खुला तो था लेकिन प्रधान शिक्षक गायब थें। दो शिक्षक खुशबू कुमारी एवं धर्मेंद्र कुमार उपस्थित थे। स्कूल में एक भी पंजी उपलब्ध नहीं थी। बच्चों की उपस्थिति पंजी, शिक्षकों की उपस्थिति पंजी से लेकर एमडीएम तक की सभी पंजी व अभिलेख को लेकर प्रधानाध्यापक दीपा रानी विद्यालय से गायब थी। वहां न तो बच्चे दिखे और ना ही एमडीएम ही बन रहा था। मौके पर मिले दोनों शिक्षक आपस में गप्पे लड़ा रहे थे। पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
रोका गया एक दिन का वेतन
बीडीओ ने कहा जांच के दौरान गायब मिले शिक्षकों के एक दिन का वेतन पर रोक लगा दी गई है। बंद विद्यालय के प्रधान शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जा रहा है।
बीडीओ ने कहा कि जब वे प्राथमिक विद्यालय उर्दू सिमरातरी पहुंचे तो दिन के करीब डेढ़ बज रहे थे। लेकिन विद्यालय में ताला लटक रहा था। बच्चे नदारद थे। वहां के ग्रामीणों ने बताया कि यह स्कूल महीने में एकाध बार खुलती है, यहां कभी भी एमडीएम नहीं बनता है। विद्यालय छोड़कर अपने-अपने घरों में रहने वाले व बैठकर सरकार के रुपये खाने वाले शिक्षकों के बीच बीडीओ की जांच से हड़कंप मच गया है। बीडीओ ने कहा कि आगे भी जांच होगी। विद्यालयों में पठन- पाठन व मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। बहरहाल, बीडीओ की जांच के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी किस तरह लापरवाह बने हैं इसकी कलई खुल गई है।
बीईओ अथवा अन्य अधिकारियों द्वारा विद्यालय की नियमित जांच नहीं किए जाने के कारण प्रखंड के अधिकांश स्कूलों में शिक्षक अपनी मनमर्जी से आते-जाते हैं। जब भी जांच होती है तो जांच के क्रम में कई स्कूल बंद मिलते हैं, तो कहीं एक या दो शिक्षक ही उपस्थित रहते हैं।
ऑनलाइन आवेदकों को पैक्स सदस्य बनने में परेशानी
नवादा : जिले में पैक्स सदस्य बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर रखे लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। वर्तमान पैक्स अध्यक्ष किसानों को उनका हक देना नहीं चाहते हैं। रोज जिला सहकारिता कार्यालय में आवेदकों की भीड़ उमड़ रही है, हंगामा हो रहा है लेकिन समस्याओं का निपटारा नहीं हो पा रहा है। आम शिकायत है कि सोसायटी पर अपना मालिकाना हक समझ रखे पैक्स अध्यक्षों व पदाधिकारियों के घाल मेल से यह सब हो रहा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान जिला सहकारिता कार्यालय में कई बार हंगामा हो चुका है।
क्या है स्थिति-पैक्स सदस्य के आवेदकों का हाल देखिए, जिले के अकबरपुर प्रखंड के फतेहपुर पैक्स से जुड़े किसानों की शिकायत है कि उन्हें सदस्य नहीं बनाया जा रहा है। इसी पैक्स के अध्यक्ष रंजीत कुमार जिला को-ऑपरेटिव के चेरयमैन हैं। वंचित किसानों का आरोप है कि जिला सहकारिता पदाधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं। 157 आवेदकों की न तो अध्यक्ष सुन रहे हैं और न ही जिला सहकारिता पदाधिकारी। जबकि पूरा साक्ष्य संबंधित किसान जिला सहकारिता पदाधिकारी को दे चुके हैं। शिकायत डीएम तक पहुंचाई गई है। डीएम ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है। कमोवेश ऐसी स्थिति जिले के करीब 4 दर्जन पैक्सों की है। फतेहपुर, नावाडीह, तेतरिया आदि पैक्सों को लेकर विवाद चरम पर रहा।
15 हजार किसानों ने सदस्यता के लिए दिए थे आवेदन
ऑनलाइन प्रक्रिया में सदस्य बनने के लिए जिले के कुल 187 पैक्सों में करीब 15 हजार किसानों ने आवेदन किया था। पैक्स अध्यक्षों को आवेदनों की जांच पश्चात निर्धारित 11 रुपये का शुल्क लेकर सदस्य बनाना था, लेकिन अधिकांश अध्यक्षों ने वैसे लोगों को ही जांच कर सदस्य बनाया जो उनके चहेते थे। शेष का आवेदन कुछ न कुछ कारणों से निरस्त कर दिया।
क्या है वजह
आगे की चुनावों में कुर्सी सलामत रहे और बगैर ज्यादा मेहनत के जीत जाएं इसको ध्यान में रखकर पैक्स अध्यक्ष नए लोगों या यूं कहें अपने चहेते को छोड़कर किसी और को सदस्य बनाना नहीं चाहते हैं। अर्थात जनता की सोसायटी पर अपना मालिकाना हक चाहते हैं।
कहते हैं पैक्स अध्यक्ष
सभी पैक्सों में ऐसी स्थिति नहीं है, सदस्य बनने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा भी पैक्सों की आपत्ति को स्वीकार किया गया था। मसलन 18 वर्ष से कम आयु, सजायाफ्ता, सोसायटी से अलग स्थान पर निवास करने वाले व्यक्ति, एक परिवार का दूसरे व्यक्ति सदस्य नहीं बन सकते हैं। नियमों के तहत आवेदन को निरस्त किया गया तो लोग हंगामा कर रहे हैं। जो न्यायोचित नहीं है, राम नरेश सिंह, पैक्स अध्यक्ष, समाय।
कहते हैं अधिकारी
जितनी भी शिकायतें आई है सभी का निपटारा कैंप लगाकर 10-16 अक्टूबर के बीच किया गया। करीब 16-17 सौ आवेदन आए थे। जिसमें से 700 के शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। शेष आवेदनों में त्रुटि पाई गई, जिसके कारण आवेदकों को अगली तिथि को बुलाया गया है। किसी आवेदन को रिजेक्ट नहीं किया गया है। 14 अक्टूबर को ज्यादा हंगामा होने के कारण उस दिन का काम बाधित रहा। फतेहपुर पैक्स में करीब 12 लोगों का आवेदन स्वीकृत किया गया है। किसी का दबाव आदि में काम करने का आरोप निराधार है, शहनवाज आलम, जिला सहकारिता पदाधिकारी, नवादा।
महिलाओं ने बिजली कार्यालय का किया घेराव
नवादा : जिले के सिरदला प्रखंड अन्तर्गत सांढ पंचायत स्थित शिवपुर ग्रामवासियों ने गुरुवार क़ो बिजली कार्यालय का घेराव किया।
इस दरम्यान महिलाओं ने बताया कि हमारे गांव में विगत एक माह से बिजली कनेक्शन काट दिया गया है। जिससे हमलोग अंधेरे में रहने को विवश हैं। हमारे गांव के बच्चे बिजली नहीं रहने के कारण ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं। बता दें कि बिजली सप्लाई में सुधार होने पर लोग अपने घरों में लालटेन और ढिबरी रखना भी भूल गए हैं। ऐसे में अचानक बुजली गुल होने से मोमबत्ती का सहारा लेकर कुछ पल बिता लेते हैं। ग्रामीणों ने कहा महीनों बिजली कटे रहने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कनीय अभियंता आलोक कुमार ने बताया कि 70 घर के शिवपुर गांव से एक भी घर के लोग बिजली का बकाया बिल भुगतान नहीं किया है। ऐसे में सरकारी नियमानुसार बिजली कनेक्शन काटे गए हैं। बकाया बिजली बिल भुगतान के बाद ही उक्त गांव में बिजली सेवाएं बहाल किए जाएंगे।
बिजली कार्यालय घेराव में रूबी देवी, कारी देवी, कुलनी देवी, बेबी देवी, अलकी देवी, लालो देवी, शोभा देवी, भगमुन्नी देवी, रीता देवी, रामस्वरूप राजवंशी, मो खुर्शीद, अर्जुन चौधरी, ममता देवी समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे।