दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की हुई 92वीं सलाहकार समिति की बैठक
दरभंगा : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की 92वीं सलाहकार समिति की बैठक आज कुलपति की अध्यक्षता में कुलपति कार्यालय में सम्पन्न हुई। निदेशालय द्वारा लगभग आठ एजंडा उपस्थापित किया गया। सदस्यों द्वारा सभी एजेंडों पर विमर्शोपरान्त सवर्प्रथम गत बैठक 91वीं 10 अगस्त, 2019 का पारित निर्णय को अनुपालन पर संतोष व्यक्त कर संपुष्ट किया गया। मद संख्या दो के रूप में यूजीसी डेब से दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की मान्यता जुलाई 2020 तक एवं चार नए विषयों बीबीए, एमबीए, बीसीए तथा एमसीए साथ हेतु विभिन्न निकायों से अनुमोदनोंपरांत ऑनलाईन आवेदन करने की स्वकृति दी गई।
मद संख्या तीन के रूप में निदेशालय में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की पदोन्नती एवं ग्रेड पे संशोधन से संबंधित गठित कमिटी के प्रतिवेदन को अनुमोदित किया गया। मद संख्या चार के रूप में वित्तिय वर्ष 2020-21 के राशि 18 करोड़ 27 लाख 57 हज़ार 50 रु. मात्र की बजट को स्वीकृति प्रदान की गई। मद संख्या पाँच चालीस हज़ार विवरणिका मुद्रण के आदेश को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गयी साथ ही 32 नए सीसीटीवी कैमरा जेमपोर्टल के माध्यम से लगाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में वित्त परामर्शी अमानुल हक़, कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, प्रो. अजित कुमार सिंह, प्रो. शीला, सुधीर कुमार, वित्त समिति के सदस्य अरविंद सिंह। बैठक में सदस्यों का स्वागत निदेशक तथा धन्यवाद ज्ञापन उपनिदेशक ने किया।
मिथिला विश्वविद्यालय ने नैक एक्रीडिटेशन के लिए कासी कमर
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने नैक एक्रीडिटेशन के लिए कमर कस ली है। इससे पूर्व विश्वविद्यालय का नैक एक्रीडिटेशन 2015 में हुआ था जिसमें विश्वविद्यालय को 2.46 ( B ) ग्रेड प्वाइंट प्राप्त हुआ था। अब 2020 में नैक होना है। सभी स्तर पर विश्वविद्यालय का नाम सूबे में अव्वल पर पहुंचाने के बाद कुलपति प्रो॰ सुरेन्द्र कुमार सिंह अब विश्वविद्यालय का नैक में बेहतर प्रदर्शन एवं ग्रेड पाने हेतु कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहते हैं। इस बाबत सर्वप्रथम उन्होंने आइ क्यू एसी का पुनर्गठन कर इसके समन्वयक का दायित्व स्नातकोत्तर जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विमलेंदु शेखर झा के कंधों पर सौंपा है। आइ क्यू ए सी को और अधिक प्रभावशाली बनाने हेतु कई नए सदस्य उसमें समाहृत किए गए हैं।
दसवें दीक्षांत समारोह के बाद कतिपय पदाधिकारियों , विभागाध्यक्षों, संकायाध्यक्षों एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक ,उप निदेशक के साथ नैक एक्रिडीटेसन को लेकर तीन चार बैठकें कुलपति महोदय की अध्यक्षता में हो चुकी है । दिनांक 17 नवंबर,2019 को रविवार रहने के बावजूद भी इस सम्बन्ध में कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण बैठकें की गई। मालूम हो कि विश्वविद्यालय अगला नैक डूअल मोड विश्वविद्यालय के दर्जा पर कराना चाह रही है। आज विश्वविद्यालय सभागार में कुलपति महोदय की अध्यक्षता में सभी स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्षों की एक बैठक हुई जिसमें आगामी नैक को प्रभावशाली बनाने के लिए विचार विमर्श किया गया एवं कतिपय मार्गदर्शन किए गए।
बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने कहा कि प्रत्येक विभाग में एक आइ क्यू ए सी का कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए जाएं जो विश्वविद्यालय के आइ क्यू ए सी से लगातार संपर्क में रहेंगे उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय
2015 – 16 ,2016 -17 एवं 2017 – 18 का सफलतापूर्वक AQAR भेज चुका है । 2018 – 19 का AQAR भेजा जाना है जिसमें विलंब हो चुका है उसे 15 दिसंबर 2019 तक भेज दिया जाना है । इस संबंध में आई क्यू ए सी के उप समन्वयक डॉ शिशिर कुमार वर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों को डिपार्टमेंटल प्रोफाइल एवं स्टूडेंट्स सैटिस्फैक्ट्री सर्वे की ( key ) इंडिकेटर परफॉर्मा वितरित करते हुए कहा कि इसे अगले शनिवार यानी दिनांक 23- 11-19 तक सभी विभागों से भरकर उपलब्ध करा दिया जाय। कुलपति महोदय ने त्वरित गति प्रदान करने हेतु सात नए शिक्षकों की एक टीम बनाई है जो सभी विभागों एवं आइ क्यू ए सी के बीच समन्वय स्थापित करेंगे तथा जहां कहीं भी डिपार्टमेंटल प्रोफाइल भरने में कठिनाई होगी वहां वह जाकर मदद करेंगे ये शिक्षक हैं डा अभिन्द् श्रीवास्तव वाणिज्य विभाग के एस कॉलेज लहेरियासराय,डा मनुराज शर्मा स्नातकोत्तर भूगोल विभाग एल एन एम यू , डा सीमांत कुमार श्रीवास्तव स्नातकोत्तर रसायन विभाग ,डा रीतेश चौरसिया स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग, डा पारुल बनर्जी स्नातकोत्तर जंतु विभाग,डा गंगेश कुमार झा राजनीतिशास्त्र विभाग मारवाड़ी कॉलेज दरभंगा एवं डा बिंदु चौहान हिंदी विभाग के एस कॉलेज लहेरियासराय ।बैठक को प्रति कुलपति प्रो जयगोपाल ने संबोधित करते हुए कहा कि बहुत सारी जानकारी विजन 2030 जो सभी विभागों द्वारा बनाए गए हैं और अब एक पुस्तक का रूप ले लिया है उससे भी इसमें मदद मिलेगी । 2018 -19 के ए क्यू ए आर तैयार कर भेजने के बाद इन्हीं टीमों की मदद से एस एस आर भी तैयार कराया जाएगा। बैठक में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष सभी सातों नव नियुक्त शिक्षक एवं अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो रतन कुमार चौधरी उपस्थित थे। बैठक का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर शिशिर कुमार वर्मा ने किया।
डॉ बृजमोहन मिश्र द्वारा लिखित पुस्तक का हुआ विमोचन
दरभंगा : शिक्षा हमें भेदभाव से मुक्ति दिलाती है। लोकभाषा में प्रदत्त शिक्षा सर्वोत्तम होती है। राष्ट्रभाषा हिंदी में विज्ञान की पुस्तक लिखा जाना सराहनीय कदम है। विज्ञान हमें विशिष्ट ज्ञान प्रदान करता है। विज्ञानविद् यथार्थवादी होते हैं। विज्ञान कल्पनाओं पर नहीं,बल्कि सत्यता पर आधारित होता है,जिसकी सार्वभौमिकता होती है। उक्त बातें दरभंगा पब्लिक स्कूल, दिल्ली मोर में डॉ बृजमोहन मिश्र द्वारा हिंदी में लिखित इंटर भौतिकी भाग 1 एवं भाग 2 का विमोचन करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय भौतकी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ धीरेंद्र कुमार झा ने कहा।उन्होंने कहा कि विज्ञान में हम मुख्य रूप से पदार्थ तथा उर्जा का अध्ययन करते हैं।विज्ञान हमें क्या और कैसे का समुचित जवाब देता है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ नरेश कुमार झा ने कहा कि विकसित देशों में ज्ञान-विज्ञान की सभी बातें उनकी अपनी भाषा में ही पढ़ाई जाती है,पर दुर्भाग्यवश भारत में अब तक ऐसा नहीं हो पाया है,जिसके कारण छात्रों की बहुत अधिक क्षमता दूसरी भाषा को सीखने में लग जाती है।इस दिशा में सरकार और विद्वत समाज की ओर से गंभीर प्रयास होना चाहिए।
सीएम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ प्रेम कुमार प्रसाद ने कहा कि हिंदी ही पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधकर रखने में सक्षम है। भारत में कई राज्य ऐसे हैं,जहां उनकी अपनी प्रांतीय भाषाओं में पुस्तकों की पढ़ाई लिखाई होती है।इंग्लिश पुस्तकों के टर्मोलॉजी को हम हिंदी में भी प्रयोग कर सकते हैं।हिंदी में विज्ञान की पुस्तकों का लेखन अनवरत जारी रहना चाहिए।
विमोचित पुस्तक का परिचय कराते हुए विश्वविद्यालय के पूर्व एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी, पटना से प्रकाशित उक्त पुस्तक आईएसबीएन युक्त है, जो इसकी श्रेष्ठता को प्रमाणित करता है।यह हिंदी भाषी सहित अन्य छात्रों के लिए भी काफी रुचिकर एवं ज्ञानवर्धक पुस्तक है, जिसकी प्रस्तावना बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने लिख कर इसकी महत्ता को बढ़ा दिया है। पुस्तक में विषय-वस्तु के अतिरिक्त वस्तुनिष्ठ,लघु उत्तरीय,दीर्घ उत्तरीय तथा आंकिकी प्रश्नोत्तर है,जो छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं सामान्य पाठकों के लिए काफी उपयोगी है।
पुस्तक के लेखक डॉ बृजमोहन मिश्र ने बताया कि हिंदी में लिखित यह पुस्तक विज्ञान के सभी 11वीं एवं 12वीं के छात्र छात्राओं के लिए समान रूप से उपयोगी है,जो सीबीएसई सिलेबस पर पूर्णतया आधारित है।इसमें सैद्धांतिक एवं आंकिकी भागों पर विस्तृत जानकारी दी गई है। सरल भाषा में लिखित यह पुस्तक इंजीनियरिंग एवं मेडिकल के छात्रों के लिए भी काफी उपयोगी सिद्ध होगा। सी एम साइंस कॉलेज के रसायन शास्त्र के प्राध्यापक डॉ अशोक कुमार झा ने कहा कि इस पुस्तक के लेखन से ग्रामीण छात्र को विशेष रूप से लाभ होगा। ब्रजमोहन मिश्र लिखित यह पुस्तक विज्ञान शिक्षा में मील का पत्थर सिद्ध होगा। अपनी भाषा के भाव को छात्र सरलता से पढ़ते और समझते हैं। इस अवसर पर कैरियर लांचर, दरभंगा के निदेशक विशाल गौरव, डॉ योगेंद्र झा, डॉ विभूति शेखर सहित विद्यालय के 100 से अधिक शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे। आगत अतिथियों का स्वागत पाग व चादर से किया गया।
विनीत कुमार झा के संचालन में आयोजित समारोह में अतिथियों का स्वागत विद्यालय के चेयरमैन डॉ लाल मोहन झा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के प्रधानाचार्य डा मदन मोहन मिश्र ने किया।
कल मनायी जाएगी कामेश्वर सिंह जयंती
दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्थापक महाराजाधिराज सर डॉ कामेश्वर सिंह की दरबार हॉल में कल मंगलवार को जयंती समारोह आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा की अध्यक्षता में आयोजित यह कार्यक्रम दोपहर दो बजे शुरु होगा। प्रो0 शशिनाथ झा मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा प्रोवीसी प्रो0 चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह, डीन प्रो0 शिवाकांत झा एवम कुलसचिव नवीन कुमार की भी गरिमामय उपस्थिति रहेगी। मंच संचालन डॉ सत्यवान कुमार करेंगे।
इसके पूर्व मंगलवार की सुबह माधवेश्वर परिसर में भी इस निमित्त विश्वविद्यालय द्वारा वृहत पूजा पाठ का आयोजन किया गया है।
मुरारी ठाकुर