कुआं का मिटता जा रहा वजूद
नवादा : भारतीय संस्कृति में कुआं का काफी योगदान रहा है। यह हमारी प्राचीन सभ्यता व संस्कृति का परिचायक है। जिले के विभिन्न गांवों मे इन दिनों कुआं का अस्तित्व मिट रहा है। इस धरोहर को बचाने के लिए सरकारी स्तर पर भी किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया जा रहा है। आधुनिकता के दौर मे ग्रामीण भी कुआं के अस्तित्व को बचाने मे गंभीर नहीं दिख रहे है। स्थिति अगर यही रही तो आने बाले पीढी को कुआं देखने का शायद मौका नहीं मिल पायेगा और यह धरोहर केवल पुस्तको मे बच्चो को पढने के लिए मिल पायेगा। इस भीषण गर्मी मे ग्रामीणो के साथ राहगीरो को प्यासलगने पर कुआं का पानी याद आती है। एक ओर प्रचंड गर्मी व दूसरी ओर बारिश नहीं होने के कारण ताल, तलैया,नदी पोखर,कुआं सभी सुखे पड़े हुए है। जल स्तर नीचे चले गये है। कभी गांव के चौक चौराहे पर स्थित कुआं आने जाने बाले राहगीरो को कंठ तर करने मे अपनी अहम भूमिका निभाती थी, लेकिन आज कुआं खुद प्यासा है। कुआं के जल मे एक विशेषता है गर्मी के मौसम मे शीतल जल व जाडे के मौसम मे गर्म जल प्रदान कर लोगो को राहत देती है। इस परिस्थिति में इसे संरक्षित करने के लिए समाज के हर तबके के लोगो को आगे आना चाहिये। आमतौर पर देखा गया है कि कुआंके जल से पेयजल के अलावे सिंचाई का काम होता था,किसान लोग कुआं पर लाठा कुढी चला कर खेतों को सिंचित कर फसल का उत्पादन करते थे, वही दूसरी ओर कुआं पर पानी भरने के लिए महिलाएं की भीड़ बनी रहती थी। जहां पर बैठकर घर कीकिस्से व हंसी मजाक भी लोग करते थे। घीरे घीरे सभी विलुप्त हो रहा है। आज भी लोक आस्था के महान छठपर्व के अलावे अन्य पर्व त्यौहार,शादी व्याह के अवसर पर कुआं कीमहता काफी बढ़ जाती है। इस मौके पर लोग कुआं को खोजते है। गर्मी के मौसम मे सभी कुआं सुखे पडे़ दिखते है। बरसात के मौसम में संयोगबश अगर पानी बालाकुआं मिल गया तो उसमे दुषित जल रहता है, खेर पतवार पता से भरा रहता है, ऐसा रख रखाब के कारण हो रहा है। आधुनिकता के दौर मे लोग कुआं से काफी दूर होते जा रहे है, जबकि कुआं का जल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। लोगो का मानना है कि इस जल मे किसी प्रकार का आर्सेनिक नही पाया जाता है। नंदपुर निवासी सेवानिवृत शिक्षक बृजनंदन सिंह बताते है कि कुआं को संरक्षित करने की आवश्यकता है,इससे भू-गर्भीय जल स्तर को बचाया जा सकता है,तभी तो हमलोगो के पूर्वज गांव मे कुआं, पोखर को खुदवाते थे नदी के अस्तित्व को बचाने मे योगदान देते थे। ताकि लोगो के समक्ष जल संकट की स्थिति उत्पन्न नही हो। कुआं,तालाब,नदी के अस्तित्व पर मिटने के कगार पर है,लोग प्रकृति प्रदत बस्तुओ के दोहन मे लगे हुए है। जिससे मानव जीवन मे संकट की स्थितिबनी हुई है। इसे बचाने के लिए समाज के सभी बुद्धिजीविओ के साथ सरकारी स्तर पर प्रयास होना चाहिये। कुआं को प्राचीनतम काल से इंन्द्रासन के नाम से आमलोग पुकारते थे। सीएचसी मे कार्यरत चिकित्सक डा0 अखिलेश प्रसाद का मानना है कि कुआं कापानी नियमित पीने से पेट सबंधी बीमारी कम होने की सम्भावना होती है।
डॉ भोला बने कुशवाहा सेवा समिति के अध्यक्ष
नवादा : नवादा जिला कुशवाहा सेवा समिति बिहार द्वारा रोहन महतो, कुशवाहा धर्मशाला मिर्ज़ापुर में बुद्ध पूर्णिमा पर जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कमिटी का भी गठन किया गया। जिसमें सर्वसमत्ती से डॉ भोला प्रसाद को अध्यक्ष बनाया गया।
इसके अलावा इस कमिटी में नागेंद्र प्रसाद को कार्यकारी अध्यक्ष, यमुना प्रसाद व डॉ जितेंद्र कुमार कंचन को उपाध्यक्ष, रामचन्द्र प्रसाद सोनी को सचिव, सूरजदेव नारायण मौर्या को उप सचिव तथा दीपक कुमार को कोषाध्यक्ष तथा संजय कुमार को उप कोषाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा रविकांत वर्मा, प्रेम पंचम, विनोद कुमार, नरेंद्र कुमार उर्फ शेखर, केदार प्रसाद को संगठन मंत्री बनाया गया है। जबकि मीडिया प्रभारी के रूप में मिथिलेश कुमार व अविनाश कुमार निराला को मनोनीत किया गया है। उमेशचंद्र प्रसाद, रामकिशुन महतो, अर्जुन प्रसाद कुशवाहा, विष्णुदेव प्रसाद, शीतल प्रसाद को संरक्षक बनाया गया है। इसके अलावा प्रखंड प्रभारी भी बनाया गया है। सभी चयनित पदाधिकारी को फूलमाला पहनकर स्वागत किया गया। मौके पर बड़ी संख्या में कुशवाहा समाज के लोग मौजूद थे।
भगवान बुद्ध की जयंती पर “धम्म” यात्रा का हुआ आयोजन
नवादा : जिला मुख्यालय के बिहार सेवा संस्थान स्थित बुद्ध विहार के प्रांगण में शनिवार को 2582 वीं बुद्ध पुर्णिमा को लेकर बुद्ध प्रतिमा के समक्ष कैंडील जलाकर पूजा-अर्चना किया गया। इस अवसर पर सर्व धर्म प्रार्थना का भी आयोजन हुआ।
बुद्ध विहार के अध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस जयंती समारोह में वक्ताओं ने कहा कि उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर परिवार और समाज में शांति कायम की जा सकती है। पूजा अर्चना के बाद धम्म यात्रा निकाला गया।
धम्म यात्रा बुद्ध विहार से होकर तीन नंबर बस स्टैंड स्थित ओइम निवास पहुंच कर समाप्त हुआ। जहां लोगों के बीच प्रसाद के रूप में खीर का वितरण किया गया। मौके पर डॉ सुधीर कुमार डॉ सुमन सौरभ, पूर्व मुखिया राजेंद्र प्रसाद, शिक्षक अशोक कुमार पावक, नरेश प्रसाद, देव नाथ प्रसाद, महेंद्र प्रसाद, अशोक कुमार, चन्दन कुमार चौधरी, अवधेश कुमार, सुनील कुमार, नरेंद्र कुमार उर्फ शेखर समेत सैकङों लोग मौजूद थे।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी का फायदा उठा रहे अपराधी
नवादा : जिले के दानापर रेल मंडल के अधीन रेलवे स्टेशनों की अनदेखी के कारण राजस्व की जर्बदस्त क्षति हो रही है। 129 किलोमीटर लम्बे गया-क्यूल रेलखंड में कई ऐसे स्टेशन है जहां न तो प्रवेश द्वार है न ही निकास द्वार। ऐसे में बगैर टिकट चलने वालों की पौ बारह है। दूसरी ओर सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण अपराधियों की बल्ले-बल्ले है। जिला मुख्यालय नवादा समेत जंक्शन का दर्जा प्राप्त तिलैया व वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन का भी हाल लगभग एक ही है। प्रवेश व निकास द्वार का निर्माण 1879 से लेकर अबतक नहीं कराये जाने से हालात जस के तस हैं, ऐसे में रेलवे को राजस्व की जर्बदस्त क्षति हो रही है। बावजूद इस ओर अधिकारियों का ध्यान नहीं जा पा रहा है। जगह-जगह स्टेशन के खुले रहने के कारण बेटिकट सफर करने वालों की संख्या कमने के बजाय दिनों दिन बढता जा रहा है। रेलवे अधिकारी भी चाहकर ऐसे लोगों को रोक पाने में अपने आपको असमर्थ पा रहे हैं।
एक तिहाई या़त्री बगैर टिकट करते हैं यात्रा
जब स्टेशनों में प्रवेश व निकास द्वार है ही नही तो फिर टिकट लेकर यात्रा क्यों किया जाए? यहां तक कि रेलवे स्टेशनों पर उतरने के बाद कोई टिक्ट जांच करने वाला भी नहीं है। मुख्य गेट के अलावे अनेकों ऐसे स्थान है जहां से यात्री आसानी से स्टेशनों के बाहर निकल जाते हैं। नवादा, वारिसलीगंज, तिलैयाव काशीचक रेलवे स्टेशनों के पास विभाग द्वारा मुख्य टिकट घर के पास एक मुख्य द्वार का निर्माण कराया है। लेकिन अधिकांश यात्री इसका इस्तेमाल करना आवश्यक नहीं समझते। जिसको जैसे बन पडताहै ट्रेन में सवार होता है और उतरने के बाद अपनीसुविधानुसार स्टेशन से बगैर किसी रोक टोक के बाहर निकल जाता है। फिर टिकट की आवश्कता पडती कहां हैं। कर्मचारी भी आने जाने वालों का मुंह ताकते रह जाते हें।
सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखीः
रेलवे स्टेशनों परसुरक्षा मानकों की भी अनदेखी हो रही है। घेराबंदी नहीं होने के कारण कब कौन अपराधी किसका बैग या फिर अन्य सामान गायब कर दे कहना मुश्किल है। और तो और रात में सफर।करने वाले यात्री की जान हमेशा खतरे में रहती है। शहरीकरण का बढता दायरा और लगातार बढ रही आबादी प्रतिदिन अपने आपको असुरक्षित महसूस करती है। यहां तक कि हर वारदात के बाद रेलवे पुलिस भी प्राथमिकी दर्ज कर अपने कर्तव्य की इति श्री कर लेती है। ऐसे में अपराधियों की बल्ले-बल्ले है।
139 वर्ष में भी नहीं हुआ सुधारः
वैसे तो गया-क्यूलरेलवे खंड ने वर्ष 1864 से काम करना आरंभ कर दिया था। यानि उक्त रेलखंड पर ट्रेनों का चलनाआरंभ हुआ थालेकिन नवादा, वारिसलीगंज व तिलैया स्टेशन ने 1879 यानि 15 वर्षों बाद काम करना आरंभ किया था। 139 वर्षो की लंबी अवधि समाप्त हो गई लेकिन अबतक वही पुरानी पद्वति के तहत सारा का कार्य संपादित किया जा रहा है। रेलवे ने कभी उक्तमामले में संज्ञान लेना तो दूर सुधार तक का प्रयास नहीं किया।
राजधानी से जुटा रेलखंड :
हाल के दिनों में रेलवे खंड का विद्युतीकरण होते ही इसे भारत की राजधानी दिल्ली से जोड दिया गया। इसके पुर्व बंगाल से लेकर आसाम तक की सीधी ट्रेन।सेवा से जुडी थी। ऐसे में यात्रियों की संख्या में लगातार ईजाफा हो रहा है। बावजूद रेलवे का ध्यान इस ओर नहीं जापा रहा है। अब तो दोहरीकरण का कार्य भी जोरों पर है। इसके पूरा होते ही ट्रेनों की संख्या में ईजाफा होना तय माना जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारीः
केजी रेलखड का दोहरीकरण होते ही सारी शिकायतें दूर हो जाएगी। तब बेटिकट यात्रियों पर भी नकेल कसने में आसानी होगी, आईडी चौधरी, स्टेषन प्रबंधक, नवादा
घर में लगी आग़, हजारों का हुआ नुकसान
नवादा : जिले के अकबरपुर प्रखंड के सकरपुरा पंचायत की रामपुर गांव निवासी गनसागर रावत के मकान में सुबह आग लग गई। जिसमें पूरा घर समेत कमरे में रखे एक बक्से में 5 हजार नगद, कपड़े और अन्य सामग्रियां जलकर राख हो गई।
मुखिया प्रतिनिधि मुंशी प्रसाद यादव ने बताया कि पीड़ित गनसागर रावत के पुत्र सुजीत कुमार की शादी गया में हुई थी। परिवार के सभी सदस्य और गांव के लोग बरात गए हुए थे। अचानक सुबह घर में आग लगी।
इस घटना में घर में रखे अनाज, कपड़े व अन्य सामग्रियां जलकर राख हो गई। दो बकरियां, 4 मुर्गे- मुर्गियां जल मरी और दो जर्सी गाय और दो बछड़े भी बुरी तरह झुलस गए। जिनका इलाज कराया जा रहा है। आग की लपटें देखकर ग्रामीणों के शोर मचाने पर सहयोग के लिए सभी लोग दौड़ पड़े। तब तक फूस और खपरैल का मकान पूरी तरह जलकर नष्ट हो चुका था। गांव में आग का प्रसार नहीं हो इसके लिए समर्बिसबल के जरिए आपसी सहयोग से आग पर काबू पा लिया गया। पीड़ित परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। पीड़ित गनसागर रावत ने प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है।
इस बाबत अंचल अधिकारी ओमप्रकाश भगत ने बताया कि क्षति का आकलन करवाकर सरकारी नियमानुसार राहत कोष से सहायता दी जाएगी। आग कैसे लगी घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
बूंद-बूंद पानी के तरस रहे बड़ी रजवारी टोला के ग्रामीण
नवादा : जिले के नरहट प्रखंड बदलपुर गांव के टोला बड़ी रजवारी में पानी की घोर किल्लत है। भीषण गर्मी में गांव के लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। गांव में लगा सभी चापाकल भी फेल हो चुका हैं। गांव में पानी की समस्या को दूर करने के लिए तीन साल पूर्व लगा सोलर पम्प सेट भी शोभा की वस्तु बन गई है। इस पम्प सेट से भी पानी निकलना बंद हो गया है। करीब दो सौ घरों का यह अनुसूचित जाति का टोला में बसने वाले ग्रामीण भीषण गर्मी में पेयजल के लिए इधर उधर भट रहे हैं।
यह टोला वार्ड नम्बर 4 में आता है। सात निश्चय योजना से भी इस टोला में घर घर में नल का जल पहुचाने का काम नहीं हुआ है। गांव में बना आंगनबाड़ी केंद्र भवन के पास भी लगा चापाकल खराब है। जिसके कारण नन्हे मुन्हे बच्चों को भी पीने का पानी के लिए समस्या उत्पन्न हो गई है। पोषाहार बनाने के लिए भी सहायिका को पानी के लिए
इधर उधर भटकना पड़ता है। ग्रामीण गणेश राजवंशी, जितेंद्र राजवंशी, मुन्ना राजवंशी, नरेश राजवंशी, चांदो रविदास, बांके राजवंशी आदि ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारी से गुहार लगाई गई है। लेकिन अब तक पेयजल की समस्या से निजात नहीं मिला है।
ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गांव में लगे चापाकल को मरमत कराते हुए पेयजल संकट से निजात दिलाने की मांग की है।
शादी के मौके पर लिया जा रहा बाल श्रमिकों से काम
नवादा : सरकार के बालश्रम रोकने के तमाम दावे जिले के विभिन्न प्रखंडो में शादी समारोह के मौके पर टुटकर बिखर रहें है। खेलने पढ़ने की उम्र वाले बच्चें शादी विवाह के मौके पर मजदुरी कर अपना जीवन को बर्बाद कर रहें है।
जिले के वारिसलीगंज नगर क्षेत्र में जो हकिकत देखने को मिला वह सरकार के बाल श्रम रोकने के दावे को झुठलाने को काफी है। वारिसलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के 14 वर्ष के एक युवक शादी समारोह में मिठाई बनाने वाले कारीगर के साथ आटा गुथते देखा गया जो उदाहरण के लिए काफी है। काफी कुरेदने के बाद युवक इस बात को समझ गया और अपना नाम व पता बताने से इंकार करते हुए कहा कि मै मजदूरी कर अपने माता पिता को सहयोग करते है। अगर मै यह काम नहीं करूंगा तब मेरे घर का चुल्हा बंद हो जायेगा। मेरे साथ काम करने की मजबूरी है। उन्होंने कहा कि अभी हमलोगों का लगन चल रहा है। जिससे जीवकोपार्जन के लिए काम करते है तब मालिक 3 सौ रूपये प्रतिदिन बतौर मजदूरी देते है। लगन के समय में कोई वैसा दिन नहीं है जहां हमलोगों को काम नहीं मिलता है। इसके अलावा कई बाल मजदूर ने कहा कि जब किसी हम उम्र को कंधे में बैग लटकाऐ विद्यालय जाते देखता हूं। तो मेरे मन में भी पढ़ने लिखने की ललक होती है लेकिन परिवार की गरीबी के कारण स्कूल नहीं जाकर मजदूरी करता हूं।
यहां बता दें की राज्य सरकार बाल श्रम रोकने के लिए बाजप्ता कनुन बना रखा है तथा श्रम कर रहे बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए कई कार्यक्रम चला रखी है जो सरकारी फायलो की शोभा बढ़ा रही है।
हकिकत यह है कि सरकारी मुलाजिम के सामने छोटे छोटे बच्चें होटलों, ईंट भठठों, शादी समारोह में लाईट ढ़ोते, बर्तन साफ करते तथा भवनों के निर्माण में लगे रहते है परन्तु अधिकारी कोई संज्ञान नहीं लेते है। फलतः बचपन श्रम करके बिखर रही है और कानुन किताबों में कैद होकर रह गया है ।
यात्री बस को रोक अपराधियों ने जमकर की लूटपाट
नवादा : जिले के रजौली थाना क्षेत्र के भगवानपुर मोड़ के पास झारखंड के कोडरमा जिले के ध्वजाधारी से शादी कर लौट रहे एक यात्री बस के साथ जमकर लूटपाट की गई। घटना दस बजे रात की बताई गयी है।
लूटपाट के दौरान दर्जन भर की संख्या में रहे अपराधियों ने बस पर सवार महिलाओं, बच्चों व लोगों के साथ मारपीट की। महिलाओं के पास रहे 7-8 सोने के चेन, 10 मोबाइल, हजारों रुपए नकदी लूट लिए। इस दौरान रोड से गुजरने वाले लोगों के साथ भी मारपीट की गई। मारपीट में घायल कुछ लोगों को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं कुछ सिरदला थाना क्षेत्र के लोग इलाज के लिए अन्यत्र चले गए। घायलों में थाना क्षेत्र के जोगियामारन पंचायत के गुलजार बिगहा गांव के कैलाश चौधरी का बेटा सुनील चौधरी, गया जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र के जफरा गांव निवासी ब्रह्मदेव प्रसाद यादव की पत्नी चिंता देवी, सिरदला थाना क्षेत्र के हीराकुरहा गांव निवासी अनिल यादव की पत्नी लीला देवी, बाबूलाल यादव का बेटा संजीत कुमार, जमुआरा गांव के होरील यादव का बेटा रूपेश कुमार शामिल है।
लूटपाट व मारपीट की घटना में घायल सभी लोगों को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉ राजीव कुमार ने प्राथमिक उपचार किया। हीराकुरहा गांव निवासी अनिल यादव ने बताया कि वह अपनी बहन की शादी कर अपने घर हीराकुरहा लौट रहे थे। इसी बीच भगवानपुर मोड़ के पास दर्जन भर लोगों ने जिनके हाथों में लाठी-डंडे थे। अचानक बस को रुकवाया और बस के रुकते ही बस पर सवार बारातियों के साथ जमकर मारपीट करना शुरू कर दिया। उक्त अपराधियों ने बस को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना को अंजाम देने के बाद सभी लोग गांव की ओर भाग निकले। इधर घटना की सूचना रजौली थाने को दी गई। जिसके बाद एस आई संजय कुमार सिन्हा घटनास्थल पर पहुंचे। लेकिन उन्होंने लोगों का दर्द सुनने की बजाय लूट की घटना से इनकार कर दिया। खुद एस आई संजय कुमार सिन्हा शराब के नशे में धुत्ते ।
पद से हटाई गईं नरहट पंचायत की मुखिया
नवादा : जिले के नरहट प्रखंड के नरहट ग्राम पंचायत की मुखिया उर्मिला देवी को पदमुक्त कर दिया गया है। वित्तीय अनियमितता के आरोपों में उक्त कार्रवाई की गई है।
पंचायत राज विभाग के प्रधान सचिव के आदेश के आलोक में जिलाधिकारी कौशल कुमार ने उक्त कार्रवाई की है। मुखिया पर सात निश्चय योजना की राशि का दुरूपयोग व गवन का आरोप है। कार्रवाई की जद में तत्कालनी पंचायत सचिव दिनेश कुमार भी आए हैं। दोनों से गवन की गई राशि की वसूली भी की जाएगी। इसके लिए सर्टिफिकेट केस दायर करने के आदेश दिए गए हैं। डीएम ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी को कार्रवाई का आदेश दिया है।
मुखिया व सचिव के विरूद्ध कार्रवाई विभिन्न आरोपों व उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 18 (05) के अधीन की गई है। जिले में अबतक आधा दर्जन मुखिया पर वित्तीय अनियमितता खासकर सात निश्चय योजना की राशि में हेराफेरी के मामले में पदमुक्त करने की कार्रवाई अबतक हो चुकी है।
विदित हो कि मुखिया पर मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के संबंध में विभागीय ज्ञापांक 5751 दिनांक 30.06.2017 व ज्ञापांक 5752 दिनांक 30.06.2017 द्वारा निर्गत विभागीय निर्देशों की अवहेलना कर कुल 61 लाख 61 हजार रुपये की अवैध रूप से निकासी कर व्यय करने एवं गवन करने का आरोप है। वित्तीय अनियमितता से संबंधित रिपोर्ट प्रधान सचिव को तत्कालीन जिलाधिकारी के स्तर से भेजी गई थी।
जिसके बाद प्रधान सचिव पंचायत राज विभाग के द्वारा उर्मिला देवी, मुखिया ग्राम पंचायत नरहट के विरूद्ध शेष कार्यावधि के लिए मुखिया पद से हटाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही जिला पदाधिकारी को यह भी निर्देश दिया गया है कि जांचोपरान्त गवन की गई राशि की वसूली के लिए मुखिया उर्मिला देवी एवं तत्कालीन पंचायत सचिव दिनेश कुमार के विरूद्ध निलाम पत्र वाद दायर किया जाए। इस संबंध में की जाने वाली कार्रवाई से विभाग को अवगत कराने को भी कहा गया है। गौरतलब है कि नरहट पंचायत की मुखिया उर्मिला देवी बिहार के पूर्व मंत्री स्व. आदित्य सिंह की पत्नी हैं ।
बता दें इसके पूर्व इन्हीं आरोपों के तहत अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के माखर व नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के हंडिया पंचायत मुखिया को पदमुक्त किया जा चुका है ।
मतगणना के दिन जुलूस निकालने पर प्रतिबंध
नवादा : कलेक्ट्रेट सभागार में लोकसभा चुनाव के अभ्यर्थियों, निर्वाचन अभिकर्ता के साथ जिला निर्वाची पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में प्रशिक्षण हुआ।
इस दौरान डीएम ने कई जानकारी इन अभ्यर्थियों को दी। उन्होंने कहा कि मतगणना का कार्य निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के नियमों का अक्षरश: पालन किया जाएगा। मतगणना दिवस के दिन पूरे जिले में धारा 144 रहेगी। जिसके तहत विजय जुलूस निकलना, आतिशबाजी करना, शस्त्र प्रदर्शन, अन्य प्रत्याशियों के विरूद्ध आपत्तिजनक नारे लगाना अथवा आपत्तिजनक भाषण देने पर पूरी तरह से रोक रहेगी। साथ ही ऐसी कोई भी कार्रवाई करना जिससे शांति व्यवस्था भंग होने की खतरा हो पर तत्काल प्रभाव से रोक रहेगा। गौरतलब है कि 23 मई को केएलएस कॉलेज में सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती का काम शुरू होगा। काउंटिग के दिन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन अभी से मुस्तैद है।
पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के आधा घंटा बाद इवीएम के वोट गिने जाएंगे
डीएम ने काउंटिग में शांति व्यवस्था व नियमों का पालन करने में सभी अभ्यर्थी व उनके अभिकर्ता से कहा कि इसमें सहयोग करेंगे। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू की जाएगी। पोस्टल बैलेट की गिनती प्रारंभ होने के आधे घंटे के बाद इवीएम से मतों की गणना शुरू की जाएगी। इवीएम के मतों की गणना का अंतिम चक्र पोस्टल बैलेट गणना पूर्ण होने के उपरान्त ही की जाएगी। मतगणना कार्य के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी अथवा एजेंट का प्रवेश पत्र बनाने के लिए अपर समाहर्ता के कार्यालय में विहित प्रपत्र 18 के साथ दो फोटो एवं पहचान पत्र की छायाप्रति शीघ्र जमा करने को कहा गया।
एजेंट, मतगणना कर्मी के मोबाइल ले जाने पर पूरी तरह से रोक
जिला निर्वाची पदाधिकारी ने कहा कि मतगणना केंद्र के अन्दर कोई भी एजेंट, मतगणना कर्मी व अन्य पदाधिकारी के मोबाइल ले जाने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। मतगणना के दिन मतगणना केन्द्र से काफी दूर वाहनों को रखने का निर्देश दिया गया।
प्रत्याशी एवं एजेंट मतगणना केंद्र के पीछे के गेट से प्रवेश करेंगे। मतगणना अभिकर्ता को आवंटित मेज के सामने ही रहना होगा। उसे पूरे हॉल में चलने फिरने की अनुमति नहीं होगी। मतगणना अभिकर्ता को मतगणना प्रक्रिया के दौरान मतगणना हॉल से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी।
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक हरि प्रसाथ एस, अपर समाहर्ता ओम प्रकाश, अनुमंडल पदाधिकारी नवादा सदर अनु कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी रजौली चंद्रशेखर आजाद, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्रीनिवास, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, भूमि उपसमाहर्ता विरेंद्र प्रसाद एवं सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
जिले में उच्च शिक्षा का हाल खस्ता
नवादा : जिले के मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा पाना अब भी आकाश से तारे तोड़ने के समान है। ऐसे में बीच में ही पढ़ाई छोडना उनकी मजबूरी है। कारण स्पष्ट है स्नातक में जिले में सीटों का कम होना। वैसे संपन्न परिवार के बच्चे उच्च शिक्षा पाने में सफल रहते हैं, लेकिन गरीब परिवार के छात्र-छात्राए चाहकर भी उच्च शिक्षा से वंचित होते हैं। इंटर पास करने वाले छात्र-छात्राओं के अनुपात में स्नातक पार्ट वन में सीटें कम रहने से नामांकन के लिए भटकना पड़ता है।
जिले में मात्र चार अंगीभूत महाविद्यालय
जिले में मात्र चार अंगीभूत महाविद्यालय हैं। जिला मुख्यालय में केएलएस व आरएमडब्लू महिला महाविद्यालय के अलावा वारिसलीगंज में एसएन सिंहा व हिसुआ में टीएस महाविद्यालय है। रजौली अनुमंडल के सात प्रखंडों में एक भी अंगीभूत कॉलेज नहीं है। ऐसे में जिले के छात्र-छात्राओं के लिए इन अंगीभूत कॉलेजों में नामांकन कराना काफी मुश्किल होता है।
28 हजार के लिए मात्र तीन हजार सीटें
जिले भर में इस वर्ष 28 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने इंटर में सफलता प्राप्त की है। ठीक इसके विपरीत जिले के चार अंगीभूत महाविद्यालयों में स्नातक पार्ट वन के विभिन्न ऑनर्स विषयों में मात्र तीन हजार सीटें है। काफी लम्बे अर्से से इन कॉलेजों में सीटें पूर्ववत बनी हुई है, जबकि इंटर पास ककरने वालों की संख्या में निरंतर बढ़ रही है।
ऑनलाइन आवेदन से मिल रहा लाभ
पिछले दो वर्षों से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन लेना आरंभ किया गया है। ऑॅनलाइन आवेदन के आधार पर नामांकन होने से कुछ हद तक छात्र-छात्राओं को राहत मिली है। उन्हें अब कॉलेजों का चक्कर लगाने से मुक्ति मिली है। बावजूद छात्र-छात्राओं की पीड़ा है कि उनका नामांकन मनचाहे कॉलेजों में नहीं हो पा रहा है। लिहाजा उन्हें ऐसे कॉलेजों में नामांकन कराना पड़ता है जहां पढ़ाई की कोई व्यवस्था ही नहीं है।
निजी कॉलेजों में नामांकन कराना है मजबूरी
जिले के अंगीभूत कॉलेजों में सीटें कम रहने के कारण प्रतिभा संपन्न छात्र-छात्राओं का का चुनाव भी अच्छे कॉलेजों में नहीं हो पा रहा है। परिणाम है कि उन्हें अनुमति प्राप्त निजी कॉलेजों में नामांकन कराने को मजबूर होना पड़ता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले छात्र-छात्राओं को जानकारी के अभाव में अच्छे कॉलेजों में नामांकन से बंचित होना पड़ रहा है। इसके साथ ही दूसरे जिले के गैर अंगीभूत कॉलेजों का चक्कर लगाने को मजबूर पड़ता है। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राएं चाहकर भी अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर होती हैं।
बहरहाल मामला चाहे जो हो उच्च शिक्षा के मामले में जिला आज भी काफी पीछे है। जिसका दंश मेधावी छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है।
मोबाइल एप के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों की होगी मॉनीटरिग
नवादा : आइसीडीएस की कई महिला पर्यवेक्षिकाओं को मोबाइल एप की ट्रेनिग देने के लिए मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। इन मास्टर ट्रेनरों को राज्य से आए प्रशिक्षक रवि कुमार, पुष्पांजलि कुमारी, सपना कुमारी ने प्रशिक्षण दिया।
शहर के आकाश होटल, नवादा परियोजना कार्यालय, केयर कार्यालय में प्रशिक्षण दिया गया। सभी को कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, सी.ए.स की ट्रेनिग दी गई। इस सॉफ्टवेयर तकनीक के माध्यम से पर्यवेक्षिकाओं को आंगनबाड़ी केंद्र की सभी योजनाओं की एप के माध्यम से मॉनीटरिग करने के बारे में बताया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में जिला मास्टर ट्रेनर फातिमा नजमी, संतोष कुमार, स्मिता वहाने, अभिषेक कुमार, मोख्तार मोनिष आदि ने प्रशिक्षण लिया।
प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षुओं की टीम अकबरपुर के फरहा गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंचकर एप तकनीक से प्रायोगिक काम करके दिखाया गया। साथ ही कई गर्भवती माताओं से बातचीत कर उन्हें योजना की जानकारी दी गई।
जानकारी के अनुसार जिस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिग इन दिनों पर्यवेक्षिका व सेविकाओं को दी जा रही उसके जरिए बहुत जल्द ही मॉनीटरिग की प्रक्रिया शुरू होगी।
दो दर्जन उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई
नवादा : सरकारी स्कूलों में संचालित प्रोत्साहन योजनाओं की उपयोगिता प्रमाण पत्र समय से नहीं जमा करने को लेकर जिले भर के दो दर्जन से अधिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी प्रधानाध्यापकों के खिलाफ डीईओ ने कार्रवाई की है। कईयों के वेतन रोकने की कार्रवाई की है। उपयोगिता प्रमाण पत्र की समीक्षा को लेकर लेखा योजना की ओर से बुलाई गई बैठक में डीईओ सुरेश चौधरी ने अनेक स्कूलों के प्रधानाध्यापक की योजना को लेकर लेटलतीफी पर नाराजगी जताई। साथ ही ऐसे दर्जन भर से अधिक स्कूल रहे जिनके प्रधानाध्यापक बैठक में उपस्थित ही नहीं रहे। डायट सभागार में हुई बैठक में सभी प्रधानाध्यापकों की उपस्थिति बनवाई गई थी। जो भी प्रधानाध्यापक नहीं आए थे उनकी उपस्थिति को काटते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई। जिले के कई ऐसे स्कूल हैं जहां के प्रधानाध्यापक से ससमय उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं जमा करने को लेकर शोकॉज किया गया है। साथ ही स्थलीय जांच करने का निर्देश दिया गया है। कई प्रधानाध्यापक को दो दिनों के अंदर प्रोत्साहन योजना की राशि को लाभुक छात्रों के बैंक खाता में आरटीजीएस करने को कहा गया है। गौरतलब है कि अनेक ऐसे स्कूल हैं जहां साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति, नैपकीन जैसी प्रोत्साहन योजनाओं की राशि अब तक लाभुक के खाते में नहीं भेजी गई है। ऐसे में डीईओ ने ऐसे स्कूलों के प्रधानाध्यापक के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है।
इन स्कूलों के प्रधान पर हुई कार्रवाई
शिक्षा विभाग के लेखा योजना कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च विद्यालय समाय, उच्च विद्यालय चकवाय, उच्च विद्यालय लौंद, इंटर विद्यालय अमावां, रजौली इंटर विद्यालय रजौली, उच्च विद्यालय तारगीर, इंटर विद्यालय पकरीबरावां, उच्च विद्यालय ढोढ़ा, उच्च विद्यालय फतेहपुर, उच्च विद्यालय नारपुर पकड़िया, इंटर विद्यालय रोह, उच्च विद्यालय डुमरी, उच्च विद्यालय सिउर, इंटर विद्यालय मेढ़कुरी, उच्च विद्यालय बारत सहवाजपुर, प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय नवादा, उच्च विद्यालय खनपुरा, उच्च विद्यालय तेयार, उच्च विद्यालय बाराटाड़ सवैया, उच्च विद्यालय धामुचक, उच्च विद्यालय मसौदा, उच्च विद्यालय पछियाडीह, उच्च विद्यालय बारा पांडेया, उच्च विद्यालय झुनाठी, उच्च विद्यालय तेलभ्रदो, उत्क्रमित उच्च विद्यालय कुहिला, उत्क्रमित उच्च विद्यालय दाय बिगहा, उत्क्रमित उच्च विद्यालय धेवधा, उत्क्रमित उच्च विद्यालय खनपुरा समेत कई अन्य स्कूलों के प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। डीईओ की ओर से एक साथ इतने प्रधानाध्यापक के खिलाफ की गई कार्रवाई से महकमे में हड़कंप है।
एनएच-31 पर फतेहपुर के पास घंटों जाम से मुसाफिर परेशान
नवादा : जिले की प्रमुख सड़कों पर इन दिनों जाम के झंझट ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा रखी है। क्या जिला मुख्यालय और क्या राष्ट्रीय राजमार्ग। हर तरफ जाम लगने से मुसाफिर हलकान हैं। मिनटों की दूरी घंटों में हो रही है।
जिला मुख्यालय के अंदर से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर रह-रहकर कई बार जाम देखा गया। राष्ट्रीय राजमार्ग-31 की बात करें तो अकबरपुर प्रखंड के फतेहपुर के समीप सुबह 9 बजे से करीब 12 बजे तक भीषण जाम की स्थिति रही।
फतेहपुर मोड़ पर ककोलत की तरफ जाने वाली गाड़ियां, नरहट रोड से आने वाली गाड़ियां व पटना से रांची रोड की सभी गाड़ियां इस तरह से आपस में उलझी रही कि लोग पैदल भी यहां से निकलने में तरह-तरह की मुश्किल उठाते दिखे। पटना से रांची जा रही बस, धनबाद व कोलकाता जा रही बसों के मुसाफिर जाम के कारण परेशान दिखे। वहीं ट्रकों की लंबी कतार लगी हुई थी।
अपने घर जा रहे पटना निवासी अरूण कुमार, रेशमी कुमारी, रांची की सुस्मिता कुमारी, पार्वती देवी, रामस्वरूप प्रसाद ने कहा कि पुलिस भी जाम को हटाने के लिए नहीं आ रही। बाजार के ही कुछ लोग मशक्कत से जाम हटाने में लगे थे। इस जाम में अनेक दुल्हा-दुल्हन की गाड़ियां भी फंसी रही। सड़क पर जाम व उपर से चिलचिलाती धूप व गर्मी मुसाफिरों के धैर्य का इम्तिहान ले रही थी।
रजौली के तीन पंचायतों में नहीं बन रहे जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली नगर पंचायत का मामला अधर में लटके होने के कारण प्रखंड के टकुआटांड़, रजौली पूर्वी व रजौली पश्चिमी पंचायत के लोगों को जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
रजौली प्रखंड के 3 ग्राम पंचायतों के लोगों के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। जिससे लोगों के सामने बड़ी ही विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है।
रजौली प्रखंड के इन तीन पंचायतों को लगभग 5 वर्ष पूर्व नगर पंचायत बनाने को लेकर आवश्यक कार्रवाई पूरी की गई थी। लेकिन बाद में नगर पंचायत का मामला हाईकोर्ट में चले जाने के कारण रजौली को नगर पंचायत का दर्जा मिलते-मिलते रह गया था। जिसके कारण इन पंचायत के लोगों का भारत सरकार के लोक कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित कई योजनाओं में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर पंचायत बना भी नहीं और वेबसाइट पर रजौली नगर पंचायत दिख रहा है।
ऐसे में इन तीन पंचायतों के लोगों का सबसे महत्वपूर्ण कागजात जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में इन तीन पंचायत के लोग कहां जाएं, क्या करें।
9 जनवरी को रजौली पूर्वी पंचायत के बभनटोली निवासी राजेश कुमार सिंह का निधन हो गया। लेकिन 4 महीने बाद भी उनके परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है। उनके परिजनों ने जब बीडीओ से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि पहले जब ऑनलाइन की व्यवस्था नहीं थी, तो प्रमाण पत्र बन जा रहे थे। लेकिन जब से ऑनलाइन की सुविधा शुरू हुई है, तब से रजौली के इन ग्राम पंचायतों की वेबसाइट खुलती ही नहीं है। रजौली नगर पंचायत के नाम से वेबसाइट खुल रही है। ऐसे में आवेदक के नामों की कहां और कैसे इंट्री होगी, यह बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। जिसका सीधा खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बीडीओ से लेकर सभी बड़े अधिकारी आराम से रजौली नगर पंचायत का वेबसाइट खुलने की बात कहकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं और लोगों की समस्याएं जस की तस बनी हुई है।
रजौली बाजार के विनोद ठाकुर की मौत अक्टूबर 2018 में हुई थी, लेकिन अब तक उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिले हैं। इन जैसे ऐसे सैकड़ों लोग हैं जो इस मुसीबत से जूझ रहे हैं और इससे निपटने का रास्ता नही सूझ रहा है।
इतना ही नहीं सरकार के कई योजनाओं का कार्यान्वयन नगर पंचायत का वेबसाइट खुलने के कारण ग्राम पंचायत में नहीं हो रहा है। किसानों को फसल बीमा, भारत सरकार द्वारा 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपए देने के लिए ऑनलाइन कराने का निर्देश विभाग से मिला था। लेकिन डाटा ऑनलाइन कराने के लिए प्रखंड के तीनों ग्राम पंचायत टकुआटांड़, रजौली पूर्वी व रजौली पश्चिमी का वेबसाइट खुलते ही नहीं है। जिसके कारण किसानों का ऑनलाइन नहीं हो रहा है।
बीडीओ प्रेम सागर मिश्रा ने जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र समेत अन्य कई योजनाओं में ऑनलाइन की सुविधा नहीं होने को लेकर नवादा डीएम को अवगत कराया गया था।
जिसके बाद नवादा डीएम ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर भारत सरकार के वेबसाइट पर रजौली को पूर्णरूपेण नगर पंचायत हो जाने तक 3 ग्राम पंचायतों का वेबसाइट खुलवाने की अनुरोध की गई है ताकि 3 पंचायत के लोग सरकार द्वारा मिलने वाली किसी भी सुविधाओं से वंचित न रह सकें और समय पर योजनाओं से संबंधित उनके सभी काम हो सके।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा पंचायत के वेबसाइट पर तीनों ग्राम पंचायत के वेबसाइट खोलने के बाद संभवतः जून महीने से लोगों की कठिनाइयां दूर हो जाने की संभावना है।