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18 जुलाई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

मधुबनी में सुरक्षा बांध टूटा, बागमती तटबंध में रिसाव से केवटी प्रखंड में मची हाहाकार

मधुबनी : प्रमुख नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बीच उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़-कटाव का संकट कायम है। कई जिलों में लोगों ने बांध पर शरण ले रखी है, तो कई जगह सड़कों पर से पानी गुजर रहा है। सीतामढ़ी में बागमती तो मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ रहा है। लखनदेई में भी ऊफान है। दरभंगा और मधुबनी जिले भी लोग बाढ़ से समान रूप से प्रभावित हैं। बांध-तटबंध के टूटने या रिसाव का सिलसिला जारी है।

मधुबनी के बेनीपट्टी के बाद धौंस नदी का पानी अब बिस्फी में तबाही मचा रही है। यहां कमतौल, जगवन- बरदाहा सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है। मच्चा के पास सुरक्षा बांध टूटने से सिंगिया गांव की ओर पानी बढ़ने लगा है।

केवटी में बागमती के तटबंध में रिसाव शुरू होने से हड़कंप मच गया है। यहां गोपालपुर व माधोपट्टी में पानी घुस गया है। शहर में बने आठ स्लुईस गेट पर भी बागमती के पानी का दबाव काफी बढ़ गया है।

बागमती का जलस्तर घटा है, हालांकि यह खतरे के निशान से ऊपर ही रही। औराई की करीब 12 पंचायतें लखनदेई के पानी से घिरीं हैं। ग्रामीण बांध पर शरण लिये हुए हैं। यही स्थिति पारू में गंडक की भी है। जलस्तर घटने के बावजूद पेटी में बसी आठ पंचायतों में बाढ़ का पानी घरों में घुसा हुआ है और लोगों ने बांध पर शरण ले रखी है। लोगों के घरों में अभी भी पानी बना हुआ है। ऐसी ही परेशानी मधुबनी, ठकराहां, पिपरासी और बगहा के दियारा क्षेत्रों में बनी हुई है।

विवश बाढ़ पीड़ित विद्यालय में ले रहे शरण, नहीं ले रहा कोई सुद

मधुबनी : बाढ़ की विनाश लीला से पीड़ित लाचार व विवश होकर विद्यालय एवं सड़क पर शरण लिए हुए हैं। धौस, खिरोई व थुमहानी नदी की तेज धारा अपनी आगोश में समेटने के लिए आतुर दिख रहा है।

जिले के बेनीपट्टी प्रखंड के उच्चैठ गांव में बाढ़ से विस्थापित परिवार दर्जनों की संख्या में मध्य विद्यालय उच्चैठ में शरण लिए हुए हैं। विगत चार दिनों से घरों में पानी रहने व सभी सामान बर्बाद हो जाने से पीड़ितों के सामने गंभीर संकट है। उच्चैठ गांव के अमीरी सदा, मनिया देवी, फौदी सदा, हीरा लाल सदा, सोनावती देवी, कैलाश सदा, मंजू देवी, रेणु देवी, गालो देवी, केवला देवी विस्थापित होकर स्कूल एवं उच्चैठ स्थान में शरण लिए हुए हैं। कहते हैं कि बाढ़ का पानी घर में है।

अनाज व कपड़ा भी नहीं निकाल सके। बाढ़ के चार दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा खोज खबर नहीं ली जा रही है। रोजी रोटी छीन गई है। एक तरफ कोरोना महामारी से लोग परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर बाढ़ ने परेशानी में डाल दिया है।

पूर्व विधायक ने एसपी से की दारोगा की शिकायत

मधुबनी : फुलपरास के पूर्व विधायक सह जदयू नेता देवनाथ यादव ने मधुबनी एसपी को पत्र लिखकर स्थानीय थाना के दारोगा सुभाष सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए करवाई की मांग की है।

मामला थाना में दर्ज कांड संख्या 395 एवं 396 /19 से संबधित है। पत्र में कहा गया है कि पुलिस मुख्यालय, पटना से समीक्षोपरांत उक्त दोनों कांडों में दो-दो अभियुक्तों के विरुद्ध आदेश प्राप्त है। उन्होंने कहा है कि एक अधिवक्ता के प्रभाव में आकर अनुसंधानक ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए महावीर यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन दूसरे पक्ष के अभियुक्त जयप्रकाश यादव से अनुसंधानक अपने आवास पर कार्य करा रहे हैं। उन्होंने अ०नि० सुभाष सिंह पर क्षेत्र के अपराधियों से सांठ-गांठ का आरोप भी लगाया है।

उन्होंने कहा कि चार दिन पहले थाना क्षेत्र के महथौर खुर्द पंचायत के मुखिया पति योगेंद्र सदाय से थाना परिसर के बगल में साढ़े तीन लाख रुपये की छिनतई हुई। इसे अंजाम देने वालों का चेहरा सबके सामने आ चुका है, लेकिन स्थानीय थाना मूकदर्शक बना हुआ है। पूर्व विधायक ने कांड के अनुसंधानक सुभाष सिंह के स्थानांतरण की मांग की है।

लॉकडाउन का बाज़ार पर दिख रहा असर

मधुबनी : कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बार फिर से लॉकडाउन लागू हो चुका है। लॉकडाउन के पहले दिन से ही शहरी क्षेत्र में इसका व्यापक असर देखा गया। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। स्थानीय बाजार में वीरानगी छाई रही। सुबह से बाजार की रफ्तार थम गई। बस सहित भाड़े के अन्य वाहनों की आवाजाही ठप रही। आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य व्यवसायों की गति मंद पड़ गई है। हालांकि, किराना को लेकर फल-सब्जी की दुकानों पर ग्राहकों की कम संख्या देखी गई। वहीं, शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोगों ने शहर आने से परहेज किया। लोग बेवजह घरों से निकलने से करते रहे परहेज।

फिर से लॉकडाउन होने से शहर के लोग बेवजह घरों से निकलने से परहेज करते रहे। सुबह फल-सब्जी के अलावा आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए काफी कम लोगों को बाजार में देखा गया। दोपहर में बाजार में एक्का-दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे। आवश्यक कार्य से बाजार निकलने वालों में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क के साथ देखे गए। बाजार में अधिकांश भीड़-भाड़ वाले हिस्सों में सन्नाटा पसरा रहा।

शहर के किराना व सब्जी के लिए गिलेशन बाजार में लोगों की संख्या कम होने से किराना दुकानों पर सन्नाटा रहा। दुकानों पर कोरोना संक्रमण को लेकर सावधानी बरती जा रही थी। किराना व्यवसायीयों ने बताया कि फिर से लॉकडाउन लागू होने से काफी कम लोग बाजार पहुंचे हैं। किराना सामग्री की खरीदारी को बाजार पहुंचे शहर के लोगों ने बताया कि लॉकडाउन में जरूरी सामान लेने को बाजार पहुंचे हैं।

आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य व्यवसायिक गतिविधियां ठप होने से इसके छोटे-बड़े कारोबारियों, व्यवसायियों में चिता देखी गई है। इधर, इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण, बर्तन, फर्नीचर, कॉस्मेटिक, जूता, मोबाइल, कपड़ा, रेडीमेड आदि की दुकाने पूरी तरह बंद रही। शहर के सूरतगंज स्थित एक कपड़ा व्यवसायी ने बताया कि फिर से लॉकडाउन कपड़ा व्यवसायियों के लिए काफी पीड़ादायक साबित होगा। आने वाले महीनों में कपड़ा कारोबार में सुधार नजर नहीं आ रहा है।

स्थानीय प्राइवेट बस स्टैंड से बसों का परिचालन ठप रहा। सुबह में मधुबनी से पटना के लिए खुलने वाली बसें नहीं चली। इसके अलावा सरकारी बस स्टैंड से भी एक भी बस का परिचालन नहीं हो सका। शहर में सुबह से शाम तक सड़कों पर नाममात्र ऑटो, ई-रिक्शा का परिचालन होता देखा गया।

लॉकडाउन के दौरान शहर के दूध, किराना, दवा, फल-सब्जी दुकानों कारोबार तो हो रहा है, वहीं अन्य वस्तुओं का कारोबार फिर से पटरी से उतरने से इसका असर कारोबारियों पर देखा जा रहा है। गिलेशन बाजार व्यवसायी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि किराना, फल-सब्जी दुकानों पर शारीरिक दूरी और मास्क का प्रयोग अनिवार्य किया गया है।

राशन नहीं मिलने पर नाराज प्रवासियों ने बीडीओ आवास का किया घेराव

मधुबनी : हरलाखी प्रखंड के पिपरौन गांव के पीडीएस डीलरों द्वारा राशन नहीं मिलने से नाराज दर्जनों प्रवासियों ने शुक्रवार को बीडीओ आवास का घेराव कर जमकर हंगामा व नारेबाजी की। प्रवासियों का कहना है कि आदेश के बावजूद गांव के डीलरों द्वारा उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है। जबकि, विभागीय आदेश है कि कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को भी पांच किलो राशन मुहैया कराना है। लेकिन, पिपरौन के डीलरों द्वारा प्रवासियों को राशन नहीं दिया जा रहा है। राशन मांगने पर डीलर प्रवासियों को धमकी भी देते हैं। बोलते हैं जहां शिकायत करने जाना है जाओ, हम राशन नहीं देंगे। नाराज प्रवासियों ने जमकर हो हंगामा किया और डीलर व संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी भी की।

प्रवासी संतोष कुमार मंडल, सुरेश कुमार महतो, कुजिदर महतो, नीरज पासवान व रमन पंडित समेत दर्जनों श्रमिकों ने बताया कि बेरोजगारी के कारण वे लोग दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं। राशन मांगने पर गांव का डीलर अभद्र व्यवहार करता है। प्रवासियों का कहना है अगर जल्द उनकी समस्या का निदान नहीं किया गया तो वे लोग सड़क जाम कर आंदोलन भी करेंगे। इस बाबत बीडीओ अरुणा कुमारी चौधरी ने बताया कि जिनके पास राशन कार्ड है और वे प्रवासी भी हैं, उन्हें सिर्फ उपभोक्ता के तौर पर एक ही लाभ मिलेगा।

बांस-बल्ले से हो रही बिजली आपूर्ति, दुर्घटना को दे रहा न्योता

मधुबनी : लदनियां प्रखंड के गजहरा पंचायत के महादलित गांव मिनाही में बांस बल्ले के सहारे विद्युत आपूर्ति खतरनाक है। कभी भी दुर्घटना हो सकती है। शिकायत के बाद भी विभागीय पदाधिकारी पोलिग करने के प्रति गम्भीर नहीं है।

इस बाबत अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी जयनगर के तीन माह पूर्व दिए आदेश का अनुपालन सहायक विद्युत अभियंता अवर प्रमंडल जयनगर द्वारा नहीं किए जाने से उपभोक्ताओं में भारी नाराजगी है।

उक्त गांव के विद्युत उपभोक्ता ललित मंडल ने 08 फरवरी 020 को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी जयनगर के कार्यालय में आवेदन दिया कि चार सौ परिवार आबादी वाले महादलित गांव मिनाही को विद्युतीकरण किया गया। विभाग द्वारा निर्धारित पोलिग की दूरी के बदले संवेदक दोगुनी दूरी पर पोलिग कर आनन फानन में विद्युत आपूर्ति शुरू कर दी। अधिक दूरी पर पोलिग होने से लोगों ने बांस बल्ले के सहारे विद्युत आपूर्ति के लिए बाध्य हो गए।

सहायक विद्युत अभियंता अवर प्रमंडल जयनगर ने अपने नोटिस के जवाब में कहा कि अभी 11 हजार केबी में कार्य चल रहा है। कार्य समाप्ति के साथ ही उक्त महादलित गांव को नए सिरा से पोलिग और वायरिग कर दिया जायेगा।

लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने 09 मार्च 020 को आदेश दिए की अबिलम्ब पोलिग और वायरिग कर दी जाय। फिर भी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश देने के पांच माह बीतने के बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। जबकि विभाग उक्त पंचायत के दूसरे टोला को पोलिग वायरिग कार्य शुरू कर दिया है।

इधर जेई विद्युत लदनियां पंकज कुमार शर्मा ने इस बावत मोबाइल फोन पर पूछने पर बताया कि कार्य एजेंसी को मिनाही गांव को शीघ्र पोलिग और कवर वायरिग करने का निर्देश दिया जा चुका है। जल्द ही पोलिग कार्य शुरू होगा।

नेपाल सरकार करेगी बाढ़ के मुद्दे पर भारत सरकार से बैठक

मधुबनी : नेपाल के जल मंत्री बर्धमान पुन ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के मद्देनजर हिमालयी देश, विशेषकर दक्षिण में देश के तराई क्षेत्र के सामने भारत के साथ बातचीत की तैयारी शुरू कर दें। आपको बता दें कि भारत और नेपाल दोनों ही मानसून के मौसम में बाढ़ की समस्या का सामना कर रहा है।

शुक्रवार की देर दोपहर को एक बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाढ़ और बाढ़ प्रबंधन के लिए बनी भारत-नेपाल संयुक्त समिति (JCIFM) की बैठक के लिए तैयारी करने की तैयार करें, जहां बाढ़ का मुद्दा उठाया जाएगा।

मंत्री ने कहा, “बाढ़ की वजह से तराई क्षेत्र को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमें जेसीआईएफएम की बैठक में भारत के हिस्से में बनाए गए बांध के कारण हो रही समस्या के बारे में बताने की आवश्यक्ता है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दें।

नेपाल और भारत JCIFM की बैठक में नवंबर में हिस्सा लेते रहे हैं, लेकिन मंत्रालय ने मंत्री से सीधे आदेश प्राप्त करने के बाद तत्काल प्रभाव से भारत के संबंधित विभाग को सूचित करने की तैयारी शुरू कर दी है। मंत्रालय के सचिव रवींद्रनाथ श्रेष्ठ ने कहा, “नवंबर के महीने में वार्षिक बैठक आयोजित की जाती है लेकिन इस बार हमें मंत्री से सीधा आदेश मिला है। इसलिए हम भारत को तत्काल प्रभाव से सूचित करेंगे।”

इस मुद्दे पर चर्चा के लिए भारत और नेपाल द्वारा गठित संयुक्त आयोग का नेतृत्व नेपाल के सिंचाई विभाग के महानिदेशक मधुकर प्रसाद राजभंडारी करेंगे। इस हफ्ते की शुरुआत में नेपाल के गृह मंत्री ने वार्षिक मानसून के मौसम के दौरान तराई क्षेत्र की बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहराया था। थापा ने भारत पर सीमा के साथ संरचनाओं के निर्माण के लिए दोषी ठहराया। उनका दावा है कि उन्होंने पानी के प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया और परिणामस्वरूप नेपाल के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ आ गई।

बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने पिछले महीने कहा था कि नेपाल ने भारत-नेपाल सीमा पर बिहार में नदी तटबंधों के सभी मरम्मत कार्य रोक दिए हैं। साथ ही प्रभावी ढंग से अपने निचले इलाकों में बाढ़ को रोकने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे काम पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि नेपाल के द्वारा पानी छोड़ने की वजह से बिहार की कई नदियों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं।

थापा ने कहा था कि नेपाल सरकार ने समस्या हल करने के लिए कुछ कूटनीतिक कदम उठाए हैं, लेकिन कहा कि यह कारगर नहीं रहा। उन्होंने कहा “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के समय कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन उन सभी को अभी तक लागू नहीं किया गया है।

जिले के कई प्रखण्डों में बाढ़ का पानी घुसा, मुश्किल हुए हालात

मधुबनी : बाढ़ से मधेपुर का कोसी क्षेत्र, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधवापुर प्रभावित रहा। बेनीपट्टी के नए क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से तबाही है। लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। कई गांव टापू में तब्दील हो चुका है। सरकार की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली है। जिससे विस्थापित को अन्न के लाले पड़े हैं। अधवारा समूह की नदियां बेनीपट्टी प्रखंड के पश्चिमी भाग में भारी तबाही मचा रही है। बेनीपट्टी पश्चिमी क्षेत्र के गांवों के नए क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। अधवारा समूह की धौस, खिरोई, कोकरा, बुढ़नद, थुमहानी नदी उफान पर है। बाढ़ का पानी नए-नए इलाकों में फैलाव कर रहा है।

मकिया से विशनपुर जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा है। विशनपुर- माधोपुर गांव के निकट पानी ने सड़क को पचास फीट में तोड़कर ध्वस्त कर दिया। माधोपुर से फुलवरिया जाने वाली सड़क पर रजघट्टा व बररी गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

माधोपुर गांव के निकट डायवर्सन पर चार फीट बाढ़ का पानी चल रहा है जहां एक सड़क पर यातायात ठप हो गई है। सोईली चौक के निकट पुल के उपर बाढ़ का पानी बह रहा है। बिशनपुर, फुलवरिया, माधोपुर, चानपुरा पश्चिम, रानीपुर करहारा, चानपुरा, सदहिया, गुलरिया टोल, बिरदीपुर, सोहरौल, समदा, बररी, रजवा, सिमरकोण सहित अन्य गांव बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिर गया है। खेतों में लगी धान, मक्का व अन्य फसल डूबकर बर्बाद हो जाने से किसान चितित हैं। अधवारा समूह के धौस, खिरोई, थुमहानी एवं कोकरा नदी उफान पर है। नदियों में जल स्तर बढ़ने से लोगो में बैचेनी बढ़ गई है।

बिस्फी प्रखंड में बाढ़ का पानी बैगरा, बलहा एवं बिस्फी चौर मे लगी फसल को डूबाती हुई कौकिल चौक से सिगिया तक बनी नई सड़क पर भी पानी जगह जगह चढ़ गया है। इसके कारण अब सिगिया के लोगों को दस किमी से ज्यादा चलकर प्रखंड मुख्यालय आना पड़ रहा है। बलहा, रघौली, चहुटा, जगबन, भैरबा, सदुल्लहपुर,चहुटा,जगबन,भैरबा रथौस, बिस्फी, सिगिया, नूरचक आदि पंचायत के किसानों की धान की फस्ल डूब गई है। मधेपुर में कोसी भी लोगों को सता रही है। कोसी तटबंध के भीतर बसे सात पूरा व तीन आंशिक पंचायत के गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। सर्वाधिक प्रभावित गांव में द्वालख महपतिया,वसीपट्टी, गढ़गांव है। जहां नाव की आवागमन का सहारा है।

पीडीएस विक्रेता आठ सूत्री माँगों को ले की बैठक

  • माँगे पूरी नहीं होने पर 10अगस्त से करेंगे हड़ताल

मधुबनी : जन वितरण प्रणाली विक्रेता संघ के द्बारा जिला कार्यालय, मधुबनी मे एक आवश्यक बैठक किया गया इस बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष प्रभुनाथ सिंह ने किया।

इस मौके पर मौजूद सचिव गंगा प्रसाद गुप्ता, उपसचिव रमानाथ मिश्र, कोषाअध्यक्ष मनोज कुमार, रहिका अध्यक्ष जय नारायण यादव ,अजय कुमार ठाकुर, रामचंद्र यादव, मधवापुर रामलाल पासवान, तनु लाल यादव, अमरनाथ झा, ध्रुव कुमार, रामप्रताप समेत जिले के सभी प्रखंडों से सभी प्रखंड अध्यक्ष और सचिव के साथ सैकड़ों की तादाद में जन वितरण विक्रेता मौजूद थे। जन वितरण विक्रेताओं को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष ने बताया कि हम अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर बैठक कर रहे हैं।

उन्होंने अपने पदाधिकारी से आग्रह किया है, कि हम लोगों के मांगे पर विचार विमर्श करते हुए कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर उचित निर्देश देने का कृपा किया जाए अन्यथा राज्य संघ के आह्वान पर हम लोगों को बाध्य होकर 10 अगस्त से हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे, जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।

दुर्घटनाग्रस्त वाहन से भारी मात्रा में शराब बरामद

मधुबनी : खुटौना थाना क्षेत्र के एस०एच०-51 के बगल में कोशी नहर पुल से पश्चिम मोड़ पर पुलिस ने दुर्घटना ग्रस्त स्कॉर्पियो बरामद किया है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें शुक्रवार मध्य रात्रि की सूचना मिली की पुल के समीप एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। जानकारी मिलते ही रात्रि गश्ती दल के साथ थाना अध्यक्ष संतोष कुमार मंडल ने घटना स्थल पर पहुंचा तथा खेत के पानी में परे वाहन को निकलवाने की कोशिश की। गाड़ी खींचते ही गाड़ी के अंदर से किसी की चीखने की आवाज सुनाई दी। आवाज़ सुनते ही पुलिस गाड़ी की शीशा तोड़कर गाड़ी के अंदर फसे घायलावस्था में चालक को बाहर निकाला।

जिन्हे खुटौना सीएचसी में इलाज हेतु भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज वास्ते मधुबनी रेफर कर दिया गया है। गाड़ी की तलाशी लेने पर जुट के बोरे में बंद 11 बोरा में तकरीबन 1000 शराब की बोतल बरामद किए जाने की जानकारी दी गई है।

पुलिस से पूछताछ में शराब तस्कर अपना नाम अमित यादव जो ललमनियां थाना क्षेत्र के कोलहटा गांव निवासी बताया है। थाना अध्यक्ष श्री मंडल के अनुसार उक्त दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का चालक घोर्मोहना निवासी मो कुर्बान के नामों का खुलासा किया है, तथा पकड़े गए शराब का बड़ा माफिया धनुषी निवासी बताया है।

पूछने पर थानाध्यक्ष ने जांच प्रभावित होने को लेकर मुख्य शराब माफिया का नाम नहीं बताया है। पुलिस ने कांड संख्या : -96/20 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।

वहीं जनकारी के अनुसार 07 कांडो में भारी मात्रा में देशी एवं विदेशी शराब को बिनष्ट कराया गया, जिसमे अंग्रेज़ी -1933 लीटर तथा नेपाली 890 लीटर शराब विनष्ट किया गया। बिनिष्टिकरण के समय अवर निरीक्षक मधनिषेध मधुबनी के बबलू कुमार , सीओ अरुण कुमार दास , थाना अध्यक्ष संतोष कुमार मंड, ड्रा एस आर अहमद तथा अस्पताल प्रबंधक मनीष कुमार मिश्रा के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। अधिकारी के अनुसार यह बिनिस्टिकरण जिलाधिकारी के आदेश पर किया गया है, और अगला आदेश आते ही बांकी शराब को विनष्टिकरण किया जाएगा।

भ्रष्ट व्यवस्था के कारण गई प्रोफेसर की जान

मधुबनी : बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी लापरवाह हो चुकी है। इसकी बानगी इस खबर में देखिए कि किस तरह से एक साधन संपन्न व्यक्ति भी अपनी जान नहीं बचा पाया। अगर आप भ्रष्ट व्यवस्था के शिकार हो जाए, तो तमाम तरह की सुविधाएं रहने के बावजूद आप को जान से हाथ धोना पड़ सकता है।
कोरोना का भय दिखाकर सामान्य बीमारियों का इलाज भी बिहार के सरकारी व गैर-सरकारी अस्पतालों में बंद है। लोग मर रहे हैं, तड़प रहे हैं पर उनके दुख दर्द को देखने वाला कोई नहीं यह हम नहीं कह रहे हैं। यह कह रही है जैन कॉलेज मधुबनी के जूलॉजी के हेड उमेश चंद्रा की पुत्री रंजना कर्ण। उमेश चंद्रा जी की कल इलाज के अभाव में मौत हो गई। उमेश चंद्रा के परिजन विगत एक सप्ताह से उन्हें लेकर बिहार के करीब सभी हॉस्पिटलों का चक्कर लगा चुके थे। कोरोना जांच नहीं होने के कारण कोई भी हॉस्पिटल में एडमिट करने को तैयार नहीं था। दरभंगा के चर्चित पारस हॉस्पिटल में भी उनके परिजनों को धक्के मार कर निकाल दिया गया।

उनकी पुत्री रंजना कहती है कि पिछले शुक्रवार को प्रोफ़ेसर उमेश चंद्र जी की तबीयत खराब हुई थी। उन्हें दरभंगा के डीएमसीएच हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों द्वारा उन्हें टाइफाइड शिकायत बताई गई थी, तथा कोरोना जांच कराने को कहा गया था। सरकारी हॉस्पिटल में कई दिन इंतजार के बाद जब कोरोना जांच नहीं हुआ, तो परिजन उन्हें लेकर अपने घर वापस आ गए घर पर प्राइवेट लाल पैथोलैब के द्वारा जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। इसी बीच उनकी स्थिति खराब होने पर उन्हें लेकर परिजन दरभंगा के पारस हॉस्पिटल गए पर काफी आरजू मिनत करने के बावजूद भी उन्हें एडमिट नहीं किया गया। अस्पताल प्रबंधन द्वारा कहा गया कि पहले कोरोना जांच की रिपोर्ट लाइए। थक हार कर उन्हें वापस घर लाया गया, जहाँ स्थिति बेहद खराब होने पर बीती रात उन्हें डीएमसीएच दरभंगा में भर्ती कराया गया। जहां डा० यू०सी० झा के वार्ड में भर्ती थे, ना कोई चिकित्सक इन्हें देखने आया ना कोई नर्स आई आक्सीजन चढ़ाने की स्थिति थी। नर्सों ने कहा कि सरकार ने उन्हें पी०पी०ई० किट नहीं दिया है। वह किसी भी हाल में मरीज के पास नहीं आ सकती हैं, मरीज तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई।

इस दौरान अपने अनुभवों को शेयर करते हुए उनकी पुत्री रो पड़ी। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल के अंदर जानवरों की तरह मरीजों को रखा गया था। कोई किसी को देखने सुनने वाला नहीं था। थक हार कर दूसरे मरीज के अटेंडेंट द्वारा बताए जाने पर उन्होंने खुद पिता को ऑक्सीजन किट लगाई। इस बीच परिजन स्वास्थ्य महकमे के कई वरीय पदाधिकारियों को फोन लगाते रहे, पर कहीं से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला व ईलाज के आभाव मे उनके पिता की मौत हो गई। मौत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने कोई जांच नहीं करवाया, और परिजनों को सौंप दिया कल ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनकी पुत्री कहती है कि इस बीच दरभंगा के आयुक्त व कई वरीय पदाधिकारियों से उन लोगों ने संपर्क साधा मदद की गुहार लगाई, और किसी ने कोई मदद नहीं की।
इस घटना ने पूरे मिथिलांचल इलाके को शोक में डुबो दिया है। उनके चाहने वाले लोग अंदर से आक्रोशित हैं, साथ ही साथ भ्रष्ट व्यवस्था को कोस भी रहे हैं। पर क्या व्यवस्था को कोसने से प्रोफ़ेसर साहब वापस आ सकते हैं क्या? जिस तरह की पूरी की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था बिहार में चल रही है, ऐसे में फिर कोई व्यक्ति इसी तरह अपनी जान न गवा दी इसकी गारंटी कौन लेगा?

सुमित राउत