एसएसबी ने प्रतिबंधित दवा समेत एक तस्कर को किया गिरफ्तार
मधुबनी : जयनगर में भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 18वीं वाहिनी के अर्राहा बीओपी के प्रभारी परमात्मा सिंह के नेतृत्व में बीओपी के जवानों ने गस्ती के दौरान तस्कर के द्वारा भारत के रास्ते नेपाल में प्रतिबंधित 40 पीस कफ सिरप ले जाने के जुगत में था, जिसे जवानों ने गिरफ्तार कर कैम्प लाया।
पिलर संख्या-268/3 के कुछ ही दूरी पर हथलेटवा गाँव के समीप एक तस्कर को नाका पार्टी ने धर दबोचा। बीओपी प्रभारी परमात्मा सिंह ने बताया कि 40 पीड़ प्रतिबंधित कफ सिरप एवं पल्सर बाइक की कीमत 1 लाख 5632 है, साथ ही गिरफ्तार तस्कर जयनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत हथलेटबा निवासी गनौर राम का 32 वर्षीय पुत्र जयराम राम बताया जा रहा हैं।
इस करवाई के नेतृत्व में बीओपी प्रभारी परमात्मा सिंह, एएसआई अशोक सिंह, एसएसबी जवान पाटिल हितेश, कैलाश गुप्ता, सत्यदेव ओझा, वेद प्रकाश समेत अन्य जवान शामिल थे। गिरफ्तार तस्कर को जब्त बाईक और दवाई के साथ जयनगर थाना पुलिस को सुपूर्द कर दिया गया है। इस बाबत जयनगर थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया की गिरफ्तार तस्कर को न्यायिक हिरासत में मधुबनी भेज दिया गया है।
कालाजार उन्मूलन के लिए अभियान शुरू
मधुबनी : जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर सिंथेटिक पायराथाइड का छिड़काव मंगलवार से शुरू कर दिया है। इस क्रम में सभी 21 प्रखंडो में छिड़काव कार्य किया जा रहा है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एस पी सिंह ने बताया कि 15 सितम्बर से पूरे 8 दिसंबर माह तक चिन्हित करीब 114 गाँव मे छिड़काव के लिए आदेश दिया गया है। इसके तहत कर्मियों को रोज़ाना कम से कम 60-65 घरों में छिड़काव करने को कहा गया है। इसमे एक भी घर नहीं छूटे इसका ख्याल रखने को कहा गया है। इस काम में आशा, फैसिलिटेटर व प्रखंड स्तर के कर्मियों व अधिकारियों को शामिल किया गया है। इसके सही कार्यान्वयन को लेकर सबंधित कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। खासकर कोरोना को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इसके तहत कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करने की बात कर्मियों को बताई गई है।
डॉ. एस पी सिंहबताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी को खत्म करने तथा कालाजार के प्रसार को कम करने के लिए इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) किया जाता है। यह छिड़काव घर के अंदर दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक होता है। कहा कि लोगों को प्रत्येक घरों में अवश्य छिड़काव करानी चाहिए, चाहे वह पूजा घर हो, बाथरूम हो या मवेशियों का स्थान। सभी जगहों पर छिड़काव कराने से कालाजार संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। छिड़काव के दो घण्टा बाद घर मे प्रवेश करनी चाहिये। साथ ही छिड़काव के छह महीने तक घर मे पेंटिग नहीं करानी चाहिए। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की ज़रूरत है।
सभी प्रखंड में किया जाएगा छिड़काव
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि जिले के सभी 21 प्रखंड के 114 गांव में 1,51380 घरों में 383474 कमरों में, 7,59,726 प्रभावित लोगों के बीच छिड़काव किया जाएगा जिसके लिए 6990 किलोग्राम सिंथेटिक पायराथाइड की आवश्यकता है।
ऐसे फैलता है कालाजार
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने कहा कि कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी लिस्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है। यह एक वेक्टर जनित रोग भी है। इस बीमारी का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है। कालाजार बीमारी परजीवी बालू मक्खी के जरिये फैलती है जो कम रोशनी वाली और नम जगहों जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है। बालू मक्खी यही संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाती है। इस रोग से ग्रस्त मरीज खासकर गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है। इसी से इसका नाम कालाजार यानि काला बुखार पड़ा ।
कालाजार के लक्षण
कालाजार के लक्षण की जानकारी देते हुए कहा कि रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली और होना और बाल झड़ना कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है।
मास्क का प्रयोग करने की दी सलाह
जिला में छिड़काव काम में लगे कर्मियों को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विशेष सावधानी बरतने की सलाह डॉ. एस पी सिंह ने दी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घरों में छिड़काव के दौरान कर्मियों को मास्क पहनने की हिदायत दी गई है। इस दौरान संक्रमण से दूर रहने के लिए खास सावधानी बरतने की भी बात कही गई है। कर्मियों को संक्रमण से बचाव के लिए लगातार हाथ को सैनिटाइजर या साबुन साफ करने को कहा गया है। इनके लिए पर्याप्त मात्रा में मास्क व सेनिटाइजर कर्मियों को उपलब्ध करा दिए गए हैं, ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव ना हो सके।
सदर अस्पताल में जिंक कॉर्नर एवं पोषण परामर्श केंद्र की हुई स्थापना
मधुबनी : शिशु को डायरिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाड़ा (इंटेंशिफाईड डायरिया कंट्रोल फोर्टनाइट – आईडीसीएफ) का बुधवार को जिला अस्पताल से सुभारम्भ किया। जिला अस्पताल में जिंक कॉर्नर (डायरिया वार्ड) एवं पोषण परामर्श केंद्र बनाया गया। जिसका उद्घाटन एसीएमओ डॉ सुनील कुमारएवं आईसीडीएस डीपीओ डॉ रश्मि वर्मा ने संयुक्त रूप से किया। कॉर्नर में दो माह से पांच वर्ष आयु के शिशु को 24 घंटे ओआरएस का घोल और जिंक सीरप उपलब्ध कराया गया है।16 सितंबर से 29 सितंबर तक यह आईडीसीएफ मनाया जाएगा। बच्चे के परिजनों को जिंक कॉर्नर पर डायरिया की रोकथाम की पूरी जानकारी दी जाएगी। वहीं सदर अस्पताल परिसर में पोषण परामर्श केंद्र भी स्थापित किया गया है।
आशा अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर करेंगी जागरूक
डॉ विश्वकर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान आशा अपने पोषक क्षेत्र के बच्चों के परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाना व इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ बताएंगी। वह साफ-सफाई , हाथ धोने के तरीके की जानकारी भी देंगी। लोगों को बताया जाएगा कि जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराया जाए। दस्त बंद हो जाने के बाद भी जिंक की खुराक दो माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाए। जिंक और ओआरएस के उपयोग के बाद भी दस्त ठीक न होने पर बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, उपरी आहार तथा भेजन जारी रखा जाए। बच्चों की उम्र के अनुसार शिशु पोषण संबंधी परामर्श दिया जाएगा। पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पयेजल का उपयोग करने के बारे में बताया जाएगा।
-निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी है शिशु की मृत्यु का कारण
एसीएमओ डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि डायरिया से होने वाली मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस व जिंक के प्रयोग की समझ द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है। सघन दस्त नियंत्रण पखवारे के दौरान अंतर्विभागीय समन्वय द्वारा डायरिया की रोकथाम के उपायों, डायरिया होने पर ओआरएस जिंक के प्रयोग, उचित पोषण व समुचित इलाज के पहलुओं पर क्रियान्वयन किया जाएगा।
ना होने दें पानी की कमी
दस्त का सबसे खतरनाक पहलू है पानी की कमी होना और अगर इसका समय पर इलाज न हो तो शिशु को अस्पताल भी ले जाना पड़ सकता है। शरीर के खोए हुए तरल पदार्थों की फिर से पूर्ति करना, दस्त के इलाज का पहला कदम है। यदि शिशु उल्टी किए बिना दूध या फॉर्मूला दूध पी रहा है, तो उसे अक्सर दूध पिलाते रहें। थोड़े बड़े शिशु को पानी के छोटे–छोटे घूंट, इलेक्ट्रोलाइट घोल, या नमक–चीनी का घोल (ओ.आर.एस.) दिया जा सकता है। ताज़ा नारियल पानी भी इलेक्ट्रोलाइट्स का एक समृद्ध स्रोत है। अपने शिशु को समय–समय पर नारियल का पानी पिलाते रहें।
परामर्श केंद्र में शिशु, गर्भवती महिला, किशोरियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर दिया जाएगा जोर
वही राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना सदर अस्पताल में की गयी। जिसका उद्घाटन एसीएमओ डॉ सुनील कुमार एवं डीपीओ डॉ.रश्मि वर्मा ने किया। इस मौके पर डीपीओ ने कहा कि जिला में कुपोषण को दूर करने के लिए सामुदायिक सहभागिता को जोर दिया जा रहा है। आमजन में पोषण के प्रति नजरिया व उनके रोजाना के व्यवहार में बदलाव लाने के मद्देनजर पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की गयी है। पोषण परामर्श केंद्र की मदद से माता- पिता अपने शिशुओं के बेहतर पोषाहार व बच्चों में कुपोषण की स्थिति की जानकारी ले सकते हैं। पोषण माह के दौरान पोषण परामर्श संबंधी कार्यों को प्रमुखता दी गयी है। डीपीओ ने बताया पोषण परामर्श केंद्र की मदद से शिशुओं, बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को आवश्यक पोषण की जानकारी प्राप्त करने में काफी सुविधा होगी।
पोषण संबंधी जानकारियां प्राप्त कर इसका इस्तेमाल वे अपने रोजमर्रा की रसोई में खाना पकाने की गतिविधियों में शामिल कर सकेंगी। कुपोषित बच्चों के माता पिता पोषण परामर्श केंद्र से विभिन्न प्रकार के भोजन में मौजूद उच्च खनिज पदार्थों के लाभ के बारे में जानकारी हासिल कर अपने बच्चों की सेहत बनाने में उपयोग कर सकेंगी। वही डीपीओ डॉ.रश्मि वर्मा ने बताया पोषण परामर्श केंद्र पर मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना एवं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लाभार्थी का ऑन द स्पॉट निष्पादन किया जाएगा। मौके पर गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ एस. पी. सिंह, संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर आरके सिंह, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन,यूनिसेफ एसएमसी. प्रमोद कुमार झा, अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद, पोषण अभियान के जिला समन्वयक स्मित प्रतीक सिन्हा, पीएमएमवीवाई के जिला समन्वयक अंजनी कुमार झा, पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम सहायक शिवराम मेहरा, कोल्ड चैन मैनेजर अनिल कुमार, चंचल कुमार आदि उपस्थित थे।
सेवा सप्ताह के तहत चलाया गया स्वच्छता अभियान
मधुबनी : भारतीय जनता पार्टी नगर अध्यक्ष सुबोध कुमार चौधरी की अध्यक्षता में सेवा सप्ताह के अंतर्गत आज रेलवे स्टेशन परिसर में सफाई अभियान चलाया गया स्वच्छता अभियान के तहत बापू के प्रतिमा के पास साफ सफाई किया गया, और उनको माल्यार्पण किया गया।
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के मधुबनी जिला अध्यक्ष शंकर झा ने बताया सेवा सप्ताह के अंतर्गत लगातार हर दिन सामाजिक कार्य को किया जाएगा, ताकी प्रधानमंत्री के दीर्घायु के लिए कामना किया।
वही, बिधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ ने बताया स्वच्छता अभियान के तहत आज हम लोगों ने रेलवे स्टेशन परिसर में बापू की प्रतिमा को समीप सफाई अभियान चलाया है, और लगातार यह कार्यक्रम जारी रहेगा।
मधुबनी भाजपा नगर अध्यक्ष सुबोध कुमार चौधरी ने पूरे नगर टीम के साथ जोर-शोर से लगातार सेवा सप्ताह में काम कर रहे है। इस मौके पर श्रवन पूर्वे, नगर महामंत्री पिंटू रौनियार, नगर उपाध्यक्ष बद्री राय, शंकर झा, अशोक राम, राजू झा, जितेंद्र झा, गगन कुमार, अमरजीत सिंघानिया, विनोद शाह, मीना कुमारी, मनोज कुमार मुन्ना और भी बहुत से कार्यकर्ता उपस्थित थे।
नगर गाथा जयनगर नामक पुस्तक का हुआ लोकार्पण
मधुबनी : जिले के जयनगर में अधिवक्ता सह पूर्व पत्रकार वीरेंद्र कुमार यादव उर्फ वीरू बाबु के एक अन्य किताब का विमोचन एवं लोकार्पण शहर के कई गणमान्य अतिथियों के मौजूदगी में जयनगर अधिवक्ता संघ कार्यालय में हुआ।
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जयनगर अनुमंडल पदाधिकारी बेबी कुमारी थी। वहीं, इस कार्यक्रम का मंच संचालन अधिवक्ता चंदेश्वर यादव ने किया।
इस मौके पर अधिवक्ता सह पुस्तक के लेखक बीरू बाबू ने बताया कि इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य जयनगर की उपलब्धि एवं इसके बारे में अधिक से अधिक रोचक बातें जानना था, उम्मीद है आप सभी को ये पुस्तक पसंद आएगी।
वहीं, एसडीएम बेबी कुमारी ने कहा कि इस तरह का कार्य अतिप्रशंशनिय है। इस तरह के पुस्तक से जयनगर की विद्वता की पहचान झलकती है।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर शहर के बुद्धिजीवी विमल मस्कारा, प्रो० शिव कुमार निखिलेश, कमलाकांत झा, अजित झा “आजाद”, अखिलेश्वर सिंह, डॉ० वीरेंद्र झा रहे।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता श्यामकिशोर सिंह ने किया। वहीं, वीरू बाबु की इस पुस्तक का लोकार्पण अखिलेश्वर सिंह ने किया। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में स्थनीय लोग मौजूद रहे।
सुमित राउत