नर्सिंग होम में छापेमारी, अनियमितता उजागर
अररिया : फारबिसगंज शहर के आधा दर्जन निजी नर्सिंग होम में सीएस द्वारा गठित टीम ने छापेमारी की। इस दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर हुई। नर्सिंग होम में मरीज की भरमार देखी गई मगर डाक्टर नदारद थे। एक ही डॉक्टर द्वारा कई नर्सिंग होम के संचालन का मामला सामने आया। कंपाउंडर द्वारा ही ऑपरेशन किए जाने की आशंका जताई गई।
टीम ने रेफरल रोड स्थित ईश्वर दयाल मीरा इमरजेंसी हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर, अनीता नर्सिंग होम, केपी हेल्थ केयर सेंटर, लाइफलाइन इमरजेंसी एंड ट्रॉमा सेंटर, तिवारी क्लिनिक सहित अन्य स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान छापेमारी टीम ने डॉक्टर केएन सिंह के स्टाफ को ट्रॉमा सेंटर वाले बोर्ड को तुरंत हटाने का निर्देश दिया। कई नर्सिंग होम के खिलाफ कारण बताओ नोटिस तो कई के चिकित्सकों को दो दिनों के अंदर कागजात के साथ अररिया आने का निर्देश दिया गया।
छापेमारी टीम के सदस्यों ने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट के रखरखाव का अनुपालन, दूसरे डॉक्टर के नाम पर सेवा दे रहे फर्जी डॉक्टरों तथा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट के तहत निबंधन आदि जैसे मामलों की जांच की गई। मौके पर डीपीएम रेहान अशरफ ने कहा कि समय रहते अगर सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। छापेमारी टीम में डीवीबीडीसीओ अजय कुमार, एसीएमओ डॉ एमपी गुप्ता, डीपीएम रेहान अशरफ, डॉ डीएनपी साह एवं सहायक नवकांत यादव शामिल थे।
एनएच पर स्टैंड, नप वसूल रहा टैक्स
अररिया : एनएचएआई की सर्विस रोड पर लगने वाली यात्री बसों से नगर परिषद हर रोज हजारों रुपये टैक्स वसूल रही है। जबकि नगर परिषद यहां झाड़ू लगवाने के अलावा किसी भी तरह की सुविधा नहीं दे रही है। अररिया बस पड़ाव से रोजाना तकरीबन तीन हजार यात्री अपनी यात्रा शुरू करते हैं। सुविधाओं पर नजर डाले तो यहां न तो बैठने की कोई इंतजाम है और न ही यात्री शेड ही है। एक अदद शौचालय व पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
यात्रियों को प्यास लगी तो अगल बगल चाय नास्ते की दुकान झांकना पड़ता है या फिर बोतल बंद पानी खरीद कर पीना पड़ता है। शौचालय की बात तो दूर अगर पुरुष यात्रियों को पेशाब करना हो तो उन्हें जगह ढूढ़नी पड़ती है। हालांकि नप ने यहां करीब सालभर पहले यहां एक मोबाइल शौचालय लगा रहा है। लेकिन इसकी स्थिति इतनी बदतर बनी हुई है कि इसमें जाना लोग मुनासिब नहीं समझते हैं।
अररिया बस पड़ाव पर करीब एक दर्जन से अधिक लोग विभिन्न यात्री बसों के टिकट बुकिंग का काम करते हैं, बस संचालक बिरेन्द्र कुमार दास उर्फ बुलबुल दास ने कहा कि स्थायी स्टैंड नहीं होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खास कर बरसात के दिनों में होटलों में बैठकर यात्रियों को बस का इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी तो आते—जाते रहते हैं लेकिन यहां के जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। बुकिंग क्लर्क दिलीप राम ने कहा कि लोग सबकुछ बर्दाश्त कर सकता है पर पेशाब-पैखाना रोकना मुश्किल काम है ऐसे में एक शौचालय तो होना ही चाहिए। बस संचालक मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि लंबे समय से स्थायी बस स्टैंड की मांग की जा रही है लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। वहीं बुकिंग क्लर्क मो. जियाउद्दीन, सुरेश पासवान ने कहा कि पीछे कोसी प्रोजेक्ट की जमीन खाली पड़ी है अगर प्रशासन प्रयास करे तो वहां स्टैंड बनाया जा सकता है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बस पड़ाव की नहीं हुई है बंदोबस्ती
वर्ष 2019-20 के लिए अररिया बस पड़ाव का बंदोबस्ती नहीं हो पायी है। दरअसल 31 मार्च को समाप्त हुए पिछले बंदोबस्ती के बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से डाक नहीं हो पाया। लेकिन नप ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पिछले वित्तीय वर्ष में तीन माह की अवधि विस्तार कर राशि वसूली कर रही है। बताया गया कि लोकल बसों से प्रति ट्रिप 30 रुपये व पटना सहित अन्य प्रदेशों के लिए चलनेवाली बसों से 40 रुपये प्रति ट्रिप वसूला जाता है।
संजीव कुमार झा