कुलपति के आग्रह पर नई पहल की शुरुआत
दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रधानाचार्य अब अनाथ बच्चों को गोद लेंगे और उसके सर्वांगीण विकास के लिए खासकर संस्कृत शिक्षा के लिए जो भी आर्थिक मदद की दरकार होगी उसे भी प्रधानाचार्य मुहैया कराएंगे। ऐसा करने से संस्कृत के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ेगा। कुलपति प्रो सर्व नारायण झा के आग्रह पर सभी प्रधानाचार्य ऐसा करने के लिए आज खुशी से राजी भी हो गए और भरोसा दिलाया कि अन्य शिक्षकों को भी इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। मालूम हो कि वीसी की अध्यक्षता में शुक्रवार को राजकीय संस्कृत कालेज, पटना में अन्य प्रधानाचार्यों की विशेष बैठक आयोजित की गई। जिसमें संस्कृत के विकास व समृद्धि के लिए सभी दृढ़ संकल्पित रहे।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि मुख्यालय में आयोजित प्रधानाचार्यों की कार्यशाला में नैक मूल्यांकन एवं संस्कृत शिक्षा के उन्नयन के लिए निर्णयों को वीसी ने दोहराया। उन्होंने कहा कि पहले भी समाज के सक्षम लोगों की मदद से ही संस्कृत शिक्षा पुष्पित होती थी। आज भी उसकी जरूरत है। इसलिए सभी प्रधानाचार्य इस ओर गहराई से सोचें। इतना कहते ही सभी प्रधानाचार्य बच्चों की शैक्षणिक परवरिश के लिए तैयार हो गए। इसी क्रम में कुलपति ने कहा कि 31 मार्च तक सभी कालेज नैक मूल्यांकन के लिए पंजीयन करा लें। उन्होंने प्रथम चरण में कम से कम 18 कालेजों के नैक कराने का लक्ष्य बताया।
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि पहली अप्रैल से सात अप्रैल तक राजकीय संस्कृत कालेज, पटना में निःशुल्क आवासीय संस्कृत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होगा। जिसमें पटना जिला के सभी कॉलेजों के बच्चों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए व्याकरण विभाग के अध्यक्ष प्रो उमेश शर्मा को पहल करने का जिम्मा मिला है। प्रधानाचार्य द्वय डॉ मनोज कुमार झा एवं डॉ अनिल कुमार इस्सर इसमें विशेष रूप से भूमिका निभाएंगे। इसके बाद राघवेंद्र संस्कृत कालेज, तरेतपाली में शिक्षकों को आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बैठक में फतुहा, धनामठ, बख्तियारपुर, अकबरपुर, तरेतपाली, पटना सिटी के संस्कृत कालेजों के प्रधानाचार्य भाग लिए। आयोजन में शामिल सभी लोगों का स्वागत राजकीय पटना के प्रधानाचार्य डॉ मनोज कुमार झा ने किया।
ज्योतिष में पलभा का काफी महत्व : डॉ झा
दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय के बहुउद्देश्यीय भवन में आयोजित ज्योतिष विभाग की कार्यशाला में आधार पुरुष पूर्व कुलपति डॉ रामचन्द्र झा ने कहा कि पलभा का निर्धारण ज्योतिषीय कार्यों में काफी अहम है। आज वे पूरी तरह से शिक्षक की भूमिका में थे। कम्प्यूटर के माध्यम से उन्होंने बहुत ही सरल तरीके से पलभा के महत्व को समझाया।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि सूर्य सिद्धांत, सिद्धांत शिरोमणि, सिद्धांत सुधा जैसे कई ग्रन्थों का हवाला देते हुए आधार पुरुष डॉ झा ने पलभा के बारे में बताया। उन्होंने मिथिला के अक्षांश मान द्वारा पलभा के साधन रीति को गणित के जरिये बड़ी सूक्ष्मता से समझाया।
डीन प्रो शिवकांत झा ने आज की कार्यशाला का उद्घाटन किया जबकि संयोजक थे डॉ वरुण कुमार झा।मौके पर प्रो हरेंद्र किशोर झा समेत सभी विभागों के शिक्षक व छात्र मौजूद थे।
(मुरारी ठाकुर)