एसपी ने 63 पुलिसकर्मी पर दर्ज कराई प्राथमिकी
वैशाली : बिहार पुलिस ने अपने ही अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करवाया है। मामला वैशाली का है जहां 63 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। अपने ही महकमें के तीन डीएसपी और 50 इंस्पेक्टर पर वैशाली जिले के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने एफआईआर करवाई है। दरअसल पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर इसलिए दर्ज करवाया गया क्योंकि उन्होंने थाने में लोगों की तरफ से दर्ज किए गए मामलों में अपना काम पूरा नहीं किया। वैशाली जिले के नगर थाने में 60 से ज्यादा ऐसे पुलिस अधिकारी पाए गए जिन्होंने अपना काम पूरा नहीं किया।
वैशाली में सैकड़ों ऐसे मामले सामने आए हैं जहां एफआईआर का प्रभार नहीं सौंपने की वजह से थानों में दर्ज मामलों में सालों से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। पुलिस अधिकारी ट्रांसफर होकर दूसरे जगहों पर चले गए और उन्होंने दर्ज मामलों का प्रभार देना सही नहीं समझा। जाहिर है जिन लोगों के मामले थाने में थे, उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। थानों का चक्कर लगाने के बावजूद उनके एफआईआर का कोई अता-पता नहीं चल पा रहा था। एसपी ने जांच में पाया कि कई ऐसे एफआईर हैं जो 10 से भी पहले के हैं लेकिन पुलिस अधिकारियों द्वारा न तो उनकी रिपोर्ट सौंपी गई और न ही प्रभार दिया गया ताकि दूसरे पदाधिकारी उस एफआईआर को आगे बढ़ाकर जांच पूरी कर सकें। इसी वजह से मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ही थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी। हाजीपुर नगर थाना में दर्ज एफआईआर में कई ऐसे पदाधिकारी हैं जो डीएसपी और इन्स्पेक्टर बन कर अलग-अलग जिलों में जा चुके हैं। मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा हमने देखा कि बहुत से ऐसे अनुसंधानकर्ता हैं जो जिले से चार और पांच साल पहले भी ट्रांसफर होकर जा चुके हैं। उसके बावजूद भी उन लोगों ने कांडों का प्रभार नहीं दिया है। जिसके कारण उनके कांडों का अनुसंधान लंबित चल रहा है और जो लोग हैं उनको न्याय नहीं मिल पा रहा है। सभी लोगों की एक सूची बनाई गई है और उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सरपंच ने थानाध्यक्ष पर लगाया शिथिलता का आरोप
वैशाली : सराय थानाध्यक्ष पर जनप्रतिनिधी गंभीर आरोप लगा रहे है। इस संबंध मे वैशाली पुलिस अधीक्षक को भी एक आवेदन दिया जा चुका है और पुलिस महानिदेशक को सूचना देने की प्रक्रिया चल रही है। जहाँगीरपुर पटेढ़ा ग्राम कचहरी की सरपंच सह पंच-सरपंच संघ की प्रदेश उपाध्यक्ष रीता देवी निषाद ने आरोप लगाया है कि सराय थानाध्यक्ष धर्मजीत महतो के संरक्षण में थाना क्षेत्र में अवैध शराब का कामकाज हो रहा है। किसी भी मामले में थानाध्यक्ष जाति विशेष का पक्ष लेते हैं। अवैध शराब बेचने वालो के खिलाफ लिखित आवेदन मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सराय थानाध्यक्ष के इन कुकृत्यो मे होमगार्ड, चौकीदार तथा मुंशी भी सहयोगी है। उन्होने कहा कि बिहार राज्य पंचायत परिषद के सभागार मे पंच-सरपंच संघ की एक बैठक को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कोई भी समस्या, काम होने पर या नशीली वस्तुओं की खरीद-बिक्री की जानकारी होने पर तत्काल इसकी सूचना थाना, राज्य, जिला स्तर पर प्रशासन को दे। पर दुर्भाग्य है कि सूचना मिलने के बाद भी दोषियो पर कोई कार्रवाई नहीं होती है उल्टे जनप्रतिनिधीयों को ही किसी मामले मे फंसाने की धमकी दे रही है।
दिलीप कुमार सिंह