376 वकीलों ने दुष्कर्म पीड़िता को न्याय के लिए हाईकोर्ट से लगाई गुहार
अररिया : सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को ही जेल भेजने का मामला गरमा गया है। प्रमुख महिला संगठनों ने पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और महिला आयोग को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। इधर, देश के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, इंदिरा जय सिंह सहित 376 वकीलों ने भी मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर पीड़िता व उसके दो सहयोगियों को जेल से रिहा करने की मांग की है।
न्यायिक अवमानना के आरोप में गैंगरेप पीड़िता को भेजा जेल
बिहार महिला समाज की निवेदिता झा, एपवा की मीना तिवारी, एडवा की रामपरी, सिस्टर लीना, आसमां खान, अख्तरी (बिहार मुस्लिम महिला मंच), आकांक्षा, सिस्टर नेहा, तबस्सुम अली, कामायनी स्वामी, आशीष रंजन, रणजीत पासवान, सोहिनी आदि ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है और कहा कि घटना के चार दिन बीतने के बाद 10 जुलाई को पीड़िता का अररिया जिला कोर्ट में 164 का बयान कराया गया। न्याय देने के बदले उसे ही जेल भेज दिया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इससे पहले पीड़िता को कई लोगों को बार-बार घटना के बारे में बताना पड़ा। कई बार उसे ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। जांच के दौरान पीड़िता की पहचान सार्वजनिक कर दी गई। इस पर आरोपित के परिवार के सदस्य बार-बार उससे मिलने का प्रयास करने लगे। साथ ही शादी कर मामले को रफा-दफा करने का प्रस्ताव भी दिया।
पहचान तक कर दी गई थी सार्वजनिक
अब इंदिरा जय सिंह, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, रेबेका जॉन समेत देश के 376 वकीलों ने पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर पीड़िता और उसके दो सहयोगियों को रिहा करने की दरख्वास्त की है। पत्र में कहा है कि इस घटना को संवेदनशील होकर देखना चाहिए। पीड़िता बहुत तनाव में थी। बयान दर्ज होने वाले दिन सवेरे से कुछ खाया-पीया नहीं था। कुछ दिनों से उसे नीद भी नहीं आ रही थी। इस कारण अपने साथ हुए दुष्कर्म के बारे में वह नहीं बता पाई।
पीड़िता को जेल भेजने से पूर्व कोरोना जांच तक कराई गई। यही नहीं, 10 जुलाई को कोर्ट बयान दर्ज होने को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करते हुए तीन घंटे के अंदर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पीड़िता की पहचान सार्वजनिक कर दी गई। साथ ही पीड़िता और उसके दो सहयोगियों को झूठ बोलने के आरोप में जेल भेज दिया गया। उस पर धारा 353, 228 (बेलेबल), 188 (बेलेबल) लगाया गया है, न्यायसंगत नहीं है।
अररिया में फोन पर पत्नी को दिया तलाक
अररिया : बथनाहा ओपी क्षेत्र के एक गांव में पंचायत के मुखिया के आदेश पर एक महिला व युवक को अर्धनग्न अवस्था में खूंटे में बांध कर पीटा और उसके पति से मोबाइल पर तलाक भी दिलवाया। पीडि़ता ने बुधवार को बथनाहा ओपी में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुखिया बसंत दास सहित आधा दर्जन लोगों के विरुद्ध प्राथिमकी दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई। महिला के पति विदेश में हैं। वह अपने सास ससूर के साथ गांव में रह रही थी।
ससुराल वालों ने महिला पर गांव के एक युवक के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगाते हुए मुखिया के मौजूदगी में यह घृणित काम को अंजाम दिया। पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि रविवार की रात करीब नौ बजे अपने घर में सो रही थी कि आरोपी जहीर, मुजाहिद व ससुराल के अन्य लोगों ने गांव के एक युवक आलमीन को बुरी तरह मारपीट कर उसके कमरे में लाया और बाहर से दरवाजा में ताला बंद कर दिया। इसके बाद शोर मचाते हुए उसपर घृणित आरोप लगाने लगे। लोगों की भीड़ जमा हो गई।
पंचायत के मुखिया को बुलाया गया। मुखिया ने अधिक रात होने के कारण सुबह पंचायत बैठाने की बात कही। मंगलवार को लॉकडाउन लागू रहने के बावजूद मुखिया के अध्यक्षता में पंचायत हुई। सैकड़ों लोगों के मौजूदगी में उसे अर्धनग्न अवस्था में खूंटे से बांध दिया। मुखिया उसके पति से मोबाइल पर बात की और जबरन तीन तलाक दिलाया। सैकड़ों के भीड़ ने युवक आलमीन को जान से मारने की भी कोशिश की। इधर बथनाहा पुलिस ने पीडि़ता के आवेदन पर पति एवं ससुराल वालों के साथ साथ पंचायत के मुखिया के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है।
पीडि़ता को दो छोटे बच्चे हैं, पति के विदेश में रहने के कारण ससुराल में रह रही थी। इधर बथनाहा ओपीध्यक्ष ने बताया कि आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मामले की छानबीन की जा रही है। जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जबकि मुखया बसंत दास ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। कहा कि राजनीतिक से प्रेरित होकर उसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
संजीव कुमार झा