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16 जनवरी : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

वूशू प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय इंटर कॉलेज वूशु प्रतियोगिता (tournament) 2019- 2020 का आयोजन कुंवर सिंह महाविद्यालय लहरियासराय दरभंगा में किया गया, जिसकी अध्यक्षता एवं ऑर्गेनाइजिंग प्रसिडेंट डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह नेकी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं उद्घाटनकर्ता ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह ,विशिष्ट अतिथि कुलसचिव कर्नल एन के राय, विशिष्ट अतिथि  क्रीड़ापदाधिकारी डॉ अजय नाथ झा थे।

यूशु प्रतियोगिता समारोह को उद्घाटन करते हुए कुलपति डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा वूशु एक पारंपरिक चीनी मार्शल आर्ट खेल है पहली बार 1989 में भारत में आया था ।इस खेल को राष्ट्रीय खेलों में पदक कार्यक्रम के रूप में खेला जाता है।

वूशु खेल यहां के लिए नया होने के बावजूद विभिन्न महाविद्यालयों से 14 टीमों के 108 प्रतिभागी का भाग लेना उत्साहवर्धक कदम है। छात्रों से अपील करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ खेल भी अति आवश्यक है ।खेल के माध्यम से अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं। कुंवर सिंह महाविद्यालय महा परिवार को खूबसूरत प्रतियोगिता का आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

विशिष्ट अतिथि कुलसचिव कर्नल एनके राय ने कहा मार्शल आर्ट के विधाओं जैसे जूडो कराटे ताइक्वांडो की तुलना में वूशु कम चर्चित है परंतु भारत में दक्षिण एशियाई वूशु फेडरेशन, यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मानव संसाधन विकास मंत्रालय सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।

यह गौरव की बात है वूशु  प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के खिलाड़ीकई प्रतिष्ठा हासिल कर चुकी है। विशिष्ट अतिथि क्रीड़ा पदाधिकारी डॉ अजय नाथ झा ने कहा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के खिलाड़ी बिहार एवं बिहार के बाहर खेल नया होने के बावजूद वूशु प्रतियोगिता में परचम लहरा चुकी है। आज का सफल प्रतियोगिता का आयोजन उसी का परिणाम है।

ऑर्गेनाइजिंग प्रसिडेंट एवं प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा वूशु प्रतियोगिता का आयोजन मैं दूसरी बार करवा रहा हूं।वूशु खेल प्रतियोगिता अब इस विश्वविद्यालय में काफी लोकप्रिय हो रहा है। 108 प्रतिभागियों में 68 खिलाड़ी पुरुष एवं 40 खिलाड़ी महिला है। अंतर महाविद्यालय यूशु प्रतियोगिता खेल के द्वारा काफी संख्या में खिलाड़ी राज्य एवं देश के मानक में उभर कर सामने आएंगे। इससे महाविद्यालय और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।

वूशु खेल प्रतियोगिता के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री एवं मंच संचालक डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा वूशु खेल के द्वारा एक नई संस्कृति की जागृति होने जा रही है। खिलाड़ियों का जोश और उत्साह इस आयोजन का मुख्य उपलब्धि होगी।

इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार सिंह, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ मंजू सिंह, सचिव डॉ राम अवतार प्रसाद, डॉ अनिरुद्ध प्रसाद, डॉ राकेश रंजन, डॉक्टर मनसा सुल्तानिया, डॉक्टर शांभवी, डॉक्टर अभिषेक राय, डॉक्टर अनुराधा, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ राजेश कुमार चौधरी, द खाली सज्जाद, डॉ जय कुमार झा, डॉ प्राची मरवाहा, डॉ अभीन्न श्रीवास्तव, डॉक्टर विजय कुमार, कर्मचारी संघ के नेता हर्षवर्धन सिंह, विनोद कुमार सिंह के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए फुलेश्वर मंडल एवम्अमित कुमार की पूरी सदस्य सहयोग किया।

प्रकाशन समिति की बैठक में ली गई कई निर्णय

दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित प्रकाशन समिति की बैठक में कई निर्णय लिए गए। मूल रूप से बैठक में विचार के लिए छह प्रस्ताव लाये गए थे।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि सबसे पहले 26 मार्च को सम्पन्न प्रकाशन समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों को सम्पुष्ट किया गया। इसके बाद सर्वसम्मति से महत्वपूर्ण निर्णय लिया कि वर्ष 2020-21 के लिए विश्वविद्यालय पंचांग के निर्माण, सम्पादन एवम प्रकाशन की प्रक्रिया अभी से ही शुरू कर दिया जाय। वहीं, प्रो0 विद्येश्वर झा,प्रो0 रामचन्द्र झा,प्रो0 बौआ नन्द झा एवम प्रो0 ऋषिकेष झा द्वारा गरुड़ पुराण यानी प्रेतकल्प के प्रकाशन को लेकर दिए गए आवेदन पर निर्णय हुआ कि प्राप्त पांडुलिपि के आलोक में सबसे पहले कॉपीराईट के अधिकार की जानकारी प्राप्त कर ली जाय और उसी के अनुरूप प्रस्ताव अगली बैठक में रखा जाय।

इसी क्रम में उपशास्त्री, शास्त्री एवम आचार्य की नियमावली एवम पाठ्यक्रमों के प्रकाशन पर सर्वसम्मति रही। साथ ही इस कार्यों के सुचारू पर्यवेक्षण के लिए त्रिसदस्यीय कमेटी गठित कर दी गयी जिसमें प्रो0 सुरेश्वर झा, डॉ विश्वनाथ एमवी तथा डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री शामिल किए गए हैं।

साथ ही, गोकुलनाथोपाध्याय कृत प्रबोध कादम्बरी के प्रकाशन पर विचार के क्रम में इसकी मूल हस्त लिखित प्रति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया।

आज की बैठक में कुलपति प्रो0 झा के अलावा प्रतिकुलपति प्रो0 चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह, प्रो0 रामचन्द्र झा, प्रो0 शिवाकांत झा, प्रो0 श्रीपति त्रिपाठी, प्रो0 हरेंद्र किशोर झा, एफए मन्तोष मालाकार, एफओ रतन कुमार, कुलसचिव नवीन कुमार, वरुण कुमार झा, राकेश कुमार झा मुख्य रुप से मौजूद थे।

मुरारी ठाकुर