ओडीएफ घोषित रमै पंचायत पर भुगतान बाकि
अररिया : जहां एक तरफ प्रशासन पंचायतों को ओडीएफ घोषित कराने के लिए जद्दोजहद कर रहा है वहीं प्रखंड की ओडीएफ घोषित रमै पंचायत में लाभुकों को भुगतान नहीं होने से लाभुक अपना शौचालय तोड़ रहे हैं।
पंचायत की आक्रोशित लाभुक संझा देवी पति सुबोध मंडल ने अपना बना बनाया शौचालय को तोड़ दिया। पूछने पर बताया कि क्या करें ब्याज पर पैसा लेकर शौचायल बनाया था। प्रशासन द्वारा शौचालय बनाने और समय पर भुगतान करने का भरोसा दिया गया था मगर न तो भुगतान हो रहा है और नाही ब्याज वाले मान रहे हैं। इसलिए गुस्से से शौचालय को तोड़ दिया। खास बात यह कि और कई लाभुक इस कतार में खड़े हैं। एक लाभुक रामानंद थनदार ने कहा कि अगर उनका शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो उन्हें भी कोई कदम उठाना पड़ेगा। कहतें है कि विगत 07 दिसंबर 2017 को ही रमै पंचायत को ओडीएड घोषित कर दिया गया था। मगर हालात यह कि अभी करीब एक सौ से ज्यादा ऐसे परिवार हैं जो खुले में शौच जाने के लिए विवश हैं। पंचायत के करीब साढ़े चार सौ ऐसे लाभुक जिन्होंने किसी तरह से शौचालय तो बनवा लिया मगर उसका आज तक भुगतान नहीं हो पाया है जिसको लेकर आक्रोश पनप रहा है। मामले की पुष्टि करते हुए बीडीओ अमित आनंद ने कहा कि पंचायत में 2751 लाभुक बेस लाईन में है जिसमें 2474 का भुगतान हो चुका है। 442 लाभुकों का भुगतान इसलिए नहीं हो पाया है क्योंकि इसका डाटा इशू है और बेसलाईन में इसका इट्री नहीं है। बीडीओ ने कहा कि इस मामले में डीडीसी के माध्यम से सरकार को रिपोर्ट की गई है मगर सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं आया है। जहां तक खुले में शौच करने वाले परिवारों का सवाल है सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मामले को लेकर पंचायत में आक्रोश है। सवाल है कि 442 लाभुकों का भुगतान कब होगा और ओडीएफ घोषित पंचायत में लोग कब तक खुले में शौच करते रहेंगे।
शहर में प्याऊ नहीं, कैसे बुझेगी प्यास
अररिया : तेज धूप व बढ़ती गर्मी के कारण लोग परेशान हैं। दोपहर से लू चलना शुरू हो जाता है। जिसके कारण लोग जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकल पा रहे हैं। तेज धूप व गर्मी में रिक्शा, ठेला, खोमचा लगाकर दुकानदारी करने वाले, मजदूरी करने वाले, स्कूल-कालेज, कोचिंग जाने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ बस व ट्रेन में सफर करने वालों को भारी कठिनायों का सामना करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी के बावजूद शहर में कही भी प्याऊ नहीं लगाया गया है। नागरिक सुविधा उपलब्ध कराने का ढ़िढोरा पीटने वाली नगर परिषद लोगों के प्यास बुझाने में मददगार नहीं दिख रही है। यही नहीं नगर परिषद व बिहार सरकार के अधीन आने वाली बस स्टैंड में भी तपती दोपहर में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की है। शहर से गुजरनेवाली एनएच के सर्विस रोड पर अस्थाई नप के बस स्टैंड में प्याऊ की बात तो दूर एक अदद चापाकल तक नहीं है। वहीं बिहार सरकार के अधीन आनेवाली जिरोमाईल बस अड्डा में भी पीने के पानी का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। जिस कारण इस तपिश भरी गर्मी व धूप में लोगो का गला सूखने पर प्यास बुझाने के लिए पैसे वाले तो बोतल बंद पानी खरीद कर सूखे गले को ठंडक देते है लेकिन गरीब लोग पानी के लिए इधर उधर चापाकल तलाशते हैं।
कोर्ट रेलवे स्टेशन पर कई दिनों से खराब है प्याऊ:
अररिया कोर्ट स्टेशन पर हर रोज अमूमन ढाई से तीन हजार लोग यात्रा शुरू करने या फिर यात्रा पूरा कर आते है। लेकिन इस भीषण गर्मी में प्लेटफार्म पर लगे एक प्याऊ कई दिनों से खराब पड़ा है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। बताया गया कि इस नल तक पानी सप्लाई करने वाला पाइप फट गया है और इससे सैकड़ों लीटर पानी रोज बर्बाद हो रहा था इसलिए इसे बंद कर दिया गया। हालांकि प्लेटफार्म के दूसरे छोर पर एक प्याऊ चालू हालत में है इससे यात्री काम चला रहे हैं।
संजीव कुमार झा