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नवादा बिहार अपडेट

14 सितंबर : नवादा की मुख्य ख़बरें

अनुमंडल कर्मचारियों ने हिंदी दिवस पर लिया प्रतिज्ञा

नवादा :  जिले केरजौली अनुमंडल मुख्यालय परिसर में 14 सितंबर 2020 को कार्यपालक दंडाधिकार रजौली अखिलेश्वर कुमार शर्मा की उपस्थिति में अनुमण्डल कार्यालय के प्रांगण में “हिंदी दिवस” का प्रतिज्ञां लिया गया।जिसमें अनुमंडल परिसर के विभिन्न कार्यालयों के पदाधिकारी एवं कर्मीगण ने बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित किया।

सभी ने प्रतिज्ञा लेते हुए कहा कि आज से हम लोग मातृभाषा हिंदी का सम्मान बढ़ाने एवं बनाये रखने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहकर लिखने पढ़ने एवं बोलने में सदा अपनी मातृृभाषा हिन्दी का प्रयोग करेंगे।इस विशेष दिन केे दौरान अनुमंडल कार्यपालक दंडाधिकारी ने कहा कि हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को
मनाया जाता है।

14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। संसार की उन्नत भाषाओं में हिंदी सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है।ऊंच नीच को नहीं मानती हमारी हिन्दी।इसमें कोई भी कैपिटल या स्माल लैटर नहीं होता सब बराबर होते हैं। साथ ही आधे अक्षर को सहारा देने के लिए पूरा अक्षर हमेशा तैयार रहता है ।उन्होंने कहा कि ‘निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।’ अर्थात: मातृभाषा की उन्नति बिना किसी भी समाज का विकास संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि जो देश अपनी भाषा और साहित्य पर गर्व नहीं करता, वह कभी प्रगति नहीं सकता। राष्ट्रभाषा राष्ट्र का गौरव होता है।इसकी गरिमा बनाए रखना हम सबका कर्तव्य है।हिंदी है भारत की आशा,हिंदी है भारत की भाषा।इसलिए हिन्दी पढ़ें , हिन्दी पढ़ाए, हिन्दी भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है।

मौके पर अनुमण्डल कार्यालय के प्रधान लिपिक महेश रजक, श्रवण कुमार, स्टेनो, पवन कुमार, अजय कुमार, बद्री पंडित, राहुल कुमार, उत्तम कुमार, सन्तन प्रसाद, विकास कुमार, राजीव कुमार, शशांक शिकरवार, पुरुषोत्तम कौशिक, संजीव कुमार, रितेश राज, सूरज कुमार, सुमन कुमार, शकील खां, प्रमोद कुमार सहित अनुमण्डल के विभिन्न कार्यालयों के कर्मियों ने भाग लिया।

हिन्दी दिवस पर समाहर्ता ने दिलायी शपथ

नवादा : सोमवार को समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा द्वारा हिन्दी दिवस पर सबको हार्दिक शुभकामनाएं दी गयीं तथा सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को ’’हिन्दी दिवस’’ के अवसर पर शपथ दिलायी गयी।

’’आज हिन्दी दिवस के अवसर पर यह प्रतिज्ञा लेते हैं कि हम अपनी मातृभाषा हिन्दी का सम्मान बढ़ाने एवं बनाये रखने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहकर लिखने, पढ़ने एवं बोलने में इसका उपयोग करेंगे।’’

जिला पदाधिकारी ने सभी उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अपने कार्यालय कार्यां एवं बोल-चाल की भाषा में यथासंभव हिन्दी भाषा का ही प्रयोग करेंगे। हिन्दी भाषा में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को जिला प्रशासन की तरफ से पुरस्कृत किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी इसलिए प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर के दिन हम हिन्दी दिवस मनाते हैं। संसार की उन्नत भाषाओं में हिन्दी सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है। ऊॅच-नीच को नहीं मानती हमारी हिन्दी। इसमें कोई कैपिटल या स्मॉल लेटर नहीं होता, सब बराबर होते हैं। साथ ही आधे अक्षर को सहारा देने के लिए पूरा अक्षर हमेशा तैयार रहता है। मातृभाषा की उन्नत्ति बिना किसी भी समाज का विकास संभव नहीं है। डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद ने कहा है ’’जो देश अपनी भाषा और साहित्य पर गर्व नहीं करता वह कभी प्रगति नहीं करता।’’ राष्ट्रभाषा राष्ट्र का गौरव होती है। इसकी गरिमा बनाए रखना हम सब का कर्त्तव्य है।

हिन्दी है भारत की आशा, हिन्दी है भारत की भाषा। हिन्दी पढ़ें, हिन्दी पढ़ाएं….हिन्दी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि भावों की अभिव्यक्ति है। इस अवसर पर अपर समाहर्त्ता उज्जवल कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी संतोष झा, निदेशक डीआरडीए नवादा प्रशान्त अभिषेक, वरीय उपसमाहर्त्ता अमु आमला, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी एवं कर्मीगण उपस्थित थे।

प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ, पहले दिन 24 महिलाओं को किया प्रशिक्षित

नवादा : सोमवार को डीआरडीए सभागार में बिहारविधान सभा आम निर्वाचन 2020 के सफल संचालन हेतु जिला स्तर के महिला मास्टरट्रेनर को कोविड-19 के नियमों का पालन करने एवं वीवी पैट तथा एमथ्रीईवीएम का प्रशिक्षण दिया गया। निर्वाचन कार्य हेतु 24 महिला मास्टर ट्रेनर को वीवी पैट एवं एमथ्री ईवीएम का विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया साथ ही कोरोनाकाल में महामारी से बचने के लिए कोविड गाइड लाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, मास्क का उपयोग, सेनिटाइजर का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। अंचलाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,ऑगनबाड़ी पर्यवेक्षिका को महिला मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दियागया।

महिला मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण प्राप्त कर अन्य महिला को प्रशिक्षित करेंगी। प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित महिला मास्टर ट्रेनर के द्वारा वीवी पैट एवं एमथ्रीइवीएम की जानकारी के बारे में अन्य महिला को प्रशिक्षित करेंगी साथ ही कोविड गाइड लाइन के भी बारे में अन्य महिला को प्रशिक्षित करेंगी।

इस अवसर पर निदेशक डीआरडीए प्रशान्त अभिषेक, वरीय उपसमाहर्त्ता अमु अमला, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी जन शिक्षा जमाल मुस्तफा, जिला मास्टर ट्रेनर अलखदेव यादव,अंचलाधिकारी, सभी महिला मास्टर ट्रेनर आदि उपस्थित थीं।

विधानसभा निर्वाचन को लेकर सेक्टर पदाधिकारियों के साथ एसडीओ ने की बैठक

नवादा : जिले के रजौली अनुमंडलीय सभागार में सोमवार को रजौली विधानसभा क्षेत्र के सभी सेक्टर पदाधिकारियों के साथ निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमण्डल पदाधिकारी चन्द्रशेखर आजाद ने बैठक कर दिशा निर्देश दिया ।इस दौरान  एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय मौजूद थे।

बैठक में अनुमण्डल पदाधिकारी चन्द्रशेखर आजाद ने सेक्टर पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि आदेश निर्गत होने की तिथि से मतदान समाप्ति तक अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यरत रहेंगे। मतदाताओं के बीच भ्रमण कर विश्वास पैदा करेंगे, जिससे उन्हें मतदान के दिन पूर्ण सुविधा प्राप्त हो। 80 वर्ष से अधिक के मतदाता और दिव्यांगों को बूथ पर मतदान के कराने के लिए सुविधा प्रदान की जानी है। जो योग्य मतदाता, प्रवासी श्रमिक, दिव्यांग मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है उनका नाम जोड़ने के लिए प्रपत्र 6 प्राप्त कर कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। सभी बीएलओ अपने मतदान केंद्र का भ्रमण कर वहां उपलब्ध एवं अन्य आवश्यक जानकारी संबंधित बीडीओ एवं अनुमंडल कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे।

प्रत्येक बूथों के भौगोलिक स्थिति की जानकारी एकत्र करेंगे ताकि बूथ तक पहुंचने में किसी तरह के टूटी-फूटी पुलिया या खराब रास्ता का सामना न करना पड़े।  प्रत्येक बूथों पर जाकर स्वीप कार्यक्रम के माध्यम से मतदाताओं को प्रोत्साहित करें।पहले एम वन टाइप की ईवीएम मशीनें होती थी जिसकी बैटरी डिस्चार्ज होने पर पूरे कंट्रोल यूनिट को बदलना पड़ता था, जो काफी परेशानी से भरी हुई थी। परन्तु इस बार एम थ्री टाइप की ईवीएम मशीन का उपयोग किया जाना है। जिसमें अगर बैटरी डिस्चार्ज हो गई तो सिर्फ बैटरी बदलनी पड़ेगी।

मतदान के शांति व्यवस्था भंग करने वाले व्यक्ति को चिन्हित करने का काम किया जाना है। ताकि वैसे असमाजिक तत्वों पर 107 और 110 की कानूनी कार्यवाही की जा सके।

उन्होंने कहा कि सम्भवतः आने वाले सप्ताह में विधानसभा के चुनाव का प्रेस नोट जारी हो इससे पहले सारी परेशानियों से रुबरु हो जाना है। ताकि सफल मतदान हो सके।इसलिए समय से पूर्व प्रत्येक बूथों में पानी और शौचालय के अलावा महत्वपूर्ण बातों का विवरण देना है।आम जनता के बीच सम्पर्क साधकर गोपनीय तरीके से फीडबैक लेनी होगी। कहीं कोई उनपर दबाव तो नहीं बना जा रहा है।सभी संवेदनशील बूथों का निरीक्षण किया जाना अतिआश्यक है, ताकि पर्याप्त पुलिस बल के सहयोग से चुनाव कार्य सम्पन्न हो।

सभी प्रशासनिक पदाधिकारियों व सेक्टर पदाधिकारियों के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। जिसमें मतदान सम्बन्धी सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाना है।उसमें भी किसी भी तरह की संवेदनशील बातों की जानकारी सीधे एसडीओ को देनी है।

एसडीओ ने सभी सेक्टर पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि वो किसी भी राजनैतिक दल या प्रत्याशी से सम्पर्क न रखें। अगर ऐसे स्थिति में वीडियो या फोटो वायरल हुआ और वो दोषी पायें गयें तो वैसे पदाधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।साथ हीं ईवीएम मशीनों की सुरक्षा बेहतर रूप से करनी है। न कि किसी व्यक्ति विशेष के घर,दुकान या कार्यालय में रखना है।अगर ईवीएम रखने सम्बन्धी किसी प्रकार की परेशानी हो तो सेक्टर पदाधिकारी स्थानीय बीडीओ,सीओ अथवा थाने में रख सकते हैं।बैठक में एसडीपीओ संजय कुमार पाण्डेय ने सभी से रूबरू होते हुए बताया कि रजौली विधानसभा भौगोलिक संरचना व नक्सली गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है।

ऐसे लोकतंत्र के महान पर्व को सफल बनाना सभी का प्रमुख कर्तव्य है। सभी सेक्टर पदाधिकारी अपने अपने बूथों का गहन समीक्षा करें। ताकि कमजोर मतदाता को मतदान से रोकने वाले या पैसों का प्रलोभन देकर विचलित करने वालों को चिन्हित करने का काम किया जाना चाहिए ताकि पुलिस उन असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर सके और मतदान पर्व को सफल बनाने हेतु सभी कर्तव्यशील हैं। बैठक में डीपीसीडीएस नवादा रश्मि रंजन और रजौली विधानसभा के कुल 50 सेक्टर पदाधिकारी उपस्थित थे।

और बैरंग लौटे अधिकारी

नवादा : बिहार सरकार भूमि के परचाधारी भोला चौधरी के आवेदन के आलोक में अंचल अधिकारी गुलाम सरवर के निर्देश पर अंचल निरीक्षक ओम प्रकाश, अंचल अमीन कृष्ण कुमार के साथ एस अाई गोविंद प्रसाद सिंह विवादित स्थल पर पहुंचे। इस दौरान कुछ दबंग ग्रामीण ने प्रशासन को चुनौती देते हुए अंचल अमीन को बंदोबस्त भूमि की मापी करने से रोक लगा दिया। कम पुलिस बल व लाठी बल नहीं रहने के कारण प्रशासन वगैर जोखिम उठाए बैरंग लौटने पर मजबूर हो गया जिससे महादलित भोला चौधरी की भूमि को दखल देहानी नहीं करा सकी।

पीड़ित भू स्वामी ने बताया कि अर्जुन यादव के द्वारा जबरन झोपड़ी देकर उक्त भूमि पर गौशाला बना कर जमीन को कब्जा करने का प्रयास में वर्ष 017 से ही जुटा हुआ है। गांव के कैलाश यादव, राजो यादव, सतेंद्र यादव समेत अन्य दर्जन भर लोग ने प्रशासन के आगे महिला रखकर मापी पर रोक लगाया गया है। लगातार प्रशासन से गुहार लगाए जाने के बावजूद भी अब तक न्याय नहीं मिलने के कारण नाराजगी ब्यक्त किया है।

इधर अंचल अधिकारी ने बताया कि पर्याप्त बल का सहयोग को लेकर आरक्षी अधीक्षक नवादा एवम् जिलाधिकारी नवादा को पत्र भेजकर मांग किया गया है। बल प्राप्ति के बाद ही दखल देहॉनी का कार्य पूर्ण करा दिया जाएगा।

गुरूवार 17 सितम्बर को होगा श्राद्ध पक्ष का समापन

नवादा : सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है। यह पितरों की विदाई का दिन होता है। इसे पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। 17 सितंबर गुरुवार के दिन सर्व पितृ अमावस्या है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की अमावस्या पितृ अमावस्या कहलाती है। इस दिन श्राद्ध पक्ष का समापन होता है और पितृ लोक से आए हुए पितृजन अपने लोक लौट जाते हैं।

पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन ब्राह्मण भोजन तथा दान आदि से पितृजन तृप्त होते हैं और जाते समय अपने पुत्र, पौत्रों और परिवार को आशीर्वाद देकर जाते हैं।

  • अमावस्या तिथि शुरू: 19:58:17 बजे से (सितंबर 16, 2020)
  • अमावस्या तिथि समाप्त: 16:31:32 बजे (सिंतबर)

मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि गुरुवार का दिन पितरों के विसर्जन के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन पितरों को विदा करने से पितृ देव बहुत प्रसन्न होते हैं। क्योंकि यह मोक्ष देने वाले भगवान विष्णु की पूजा का दिन माना जाता है। इस कारण सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का विसर्जन विधि विधान से किया जाना चाहिए।

माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास से नमन कर अपने पितरों को विदा करता है उसके पितृ देव उसके घर-परिवार में खुशियां भर देते हैं। जिस घर के पितृ प्रसन्न होते हैं पुत्र प्राप्ति और मांगलिक कार्यक्रम उन्हीं घरों में होते हैं।

पितृ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर बिना साबुन लगाए स्नान करें और फिर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। पितरों के तर्पण के निमित्त सात्विक पकवान बनाएं और उनका श्राद्ध करें। शाम के समय सरसों के तेल के चार दीपक जलाएं। इन्हें घर की चौखट पर रख दें।

एक दीपक लें। एक लोटे में जल लें। अब अपने पितरों को याद करें और उनसे यह प्रार्थना करें कि पितृपक्ष समाप्त हो गया है इसलिए वह परिवार के सभी सदस्यों को आशीर्वाद देकर अपने लोक में वापस चले जाएं।

ऐसा करने के पश्चात जल से भरा लोटा और दीपक को लेकर पीपल की पूजा करने जाएं। वहां भगवान विष्णु जी का स्मरण कर पेड़ के नीचे दीपक रखें जल चढ़ाते हुए पितरों के आशीर्वाद की कामना करें। पितृ विसर्जन विधि के दौरान किसी से बातें नहीं करनी चाहिए ।

डकैती के दौरान खटाल संचालक की हत्या

  • हत्या की वारदात से मोहल्ले में फैली सनसनी

नवादा : नगर थाना क्षेत्र के आइटीआइ के समीप शिवनगर मोहल्ले में शनिवार की रात डकैती के दौरान वृद्ध की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।  मृतक 60 वर्षीय उमेश सिंह हैं। वे घर के बगल में खटाल चलाकर अपना जीवनयापन कर रहे थे। मृतक के चेहरे पर पिटाई के गहरे जख्म के निशान हैं। सिर भी फटा हुआ है। संभावना है कि किसी भारी सामान से सिर पर हमला किया गया। इधर, डकैतों द्वारा ले जाए गए सामानों की अनुमानित कीमत के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। मृतक मूलत: रूपौ थाना क्षेत्र के धनवां गाव निवासी थे। नवादा में अकेले रहा करते थे।

बताया जाता है कि सुबह जब वे घर से बाहर नहीं निकले। तब लोगों को शक हुआ। दरवाजा काफी देर तक खटखटाने के बाद भी भीतर से कोई आवाज नहीं आई। तब कुछ लोग छत से होते हुए घर में गए तो देखा कि बिस्तर पर उमेश का शव पड़ा हुआ है और कमरे का सामान बिखरा पड़ा है।

यह खबर मिलते ही मोहल्ले में सनसनी फैल गई। काफी संख्या में लोगों की भीड़ वहा जुट गई। स्थानीय लोगों ने आशका व्यक्त किया कि डकैती के दौरान विरोध करने पर ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई होगी।

घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद, नगर थानाध्यक्ष तारकेश्वर नाथ तिवारी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी वहा पहुंच गए। एसडीपीओ ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस को स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। मोहल्लेवासियों ने तकरीबन दो-तीन घटों तक शव को उठने नहीं दिया। लोगों ने श्वान दस्ता और फोरेंसिक टीम को बुलाने की माग की। अधिकारियों के काफी समझाने-बुझाने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।

मृतक के भतीजा ने दर्ज कराई प्राथमिकी

मृतक के भतीजा रामानुज सिंह ने घटना के बाबत प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें अज्ञात को आरोपित किया गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि मृतक उमेश पिछले तीस सालों से आइटीआइ के समीप शिवनगर में रह रहे थे और खटाल चलाकर जीवन व्यतीत कर रहे थे। हालाकि उन्होंने डकैती गए सामानों के संबंध में जानकारी नहीं दी है।

उन्होंने कहा है कि मृतक जिस घर में सोऐ हुए थे, वे उनके एक अन्य चाचा महेश्वरी सिंह का मकान है। वे धनबाद में रहते हैं। उनके नवादा आने पर ही डकैती गए सामानों के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी।

मामले की छानबीन में जुटी पुलिस

सदर एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। हरेक बिंदुओं पर जाच चल रही है। अनुसंधान के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। इधर नगर थाने की पुलिस ने मृतक के घर के पीछे एक प्लास्टिक से कुछ राशि बरामद की है ।

एक महीने में डकैती के दौरान हत्या की दूसरी घटना

जिले में अपराधी पूरी तरह बेखौफ हो चुके हैं। आए दिन छिनतई, लूट, चोरी, हत्या की वारदातें हो रही हैं। एक महीने में डकैती के दौरान हत्या की यह दूसरी वारदात है, जब शिवनगर में वृद्ध उमेश सिंह की हत्या कर दी गई।

इसके पहले गत 10 अगस्त की रात बुंदेलखंड सहायक थाना क्षेत्र के डोभरापर मोहल्ले में रेलवे ओवरब्रिज के निकट किराना व्यवसायी सत्यानंद प्रसाद के पुत्र रौशन कुमार की गला काटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। तब इलाके में काफी सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने मामले को काफी गंभीरता से लिया था और उद्भेन किया था। घटना के चंद घटों के बाद श्वान दस्ता की मदद से पुलिस आरोपितों तक पहुंची थी।

घटना में शामिल छह अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया था। उस घटना में स्थानीय अपराधियों की भी संलिप्तता सामने आई थी।  अब उस घटना के ठीक एक महीने बाद शिवनगर मोहल्ले में डकैती के दौरान हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। मामले की जाच के लिए पुलिस की विशेष टीम जुट गई है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस कबतक उन अपराधियों तक पहुंचती है।

बहरहाल, शहर में अपराध की बढ़ती घटनाओं से लोगों में रोष है। पिछले दिनों बैंक से रुपये निकाल कर घर लौट रहे दो लोगों से 50-50 हजार रुपये की छिनतई कर ली गई थी।

हिसुआ को अनुमंडल बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी

नवादा : बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए हिसुआ को अनुमंडल बनाने की मांग पुन: उठने लगी है । हिसुआ अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामयतन प्रसाद सिंह कि अध्यक्षता में रविवार को हिसुआ देवी स्थान में एक बैठक हुई। उन्होंने बताया कि हिसुआ , नरहट , मेसकौर एवं नारदीगंज प्रखंड को मिलाकर अनुमंडल बनाने की मुहिम वर्षों से चल रहा था ।

संघर्ष समिति ने इसके लिए चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन भी चलाया था तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हस्ताक्षर युक्त आवेदन भी दिया था । अनुमंडल बनाने को लेकर करीब सैकड़ों की संख्या में हिसुआ , नरहट , मेसकौर एवं नारदीगंज के लोगों ने स्थानीय विधायक अनिल सिंह का दरवाजा खटखटाया था ।

लोगों की भावनाओं को देखते हुए विधायक ने 2010 में विधानसभा में गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से सरकार का ध्यान हिसुआ को अनुमंडल बनाने के लिए आकृष्ट कराया था । विधायक द्वारा उठाये गये प्रश्न पर तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री विजेन्द्र यादव ने विधायक को आश्वस्त कराया था कि हिसुआ को अनुमंडल बनाया जायेगा ।

सरकार के इसी निर्णय के आलोक में मुख्य सचिव ने तत्कालीन जिलाधिकारी देवेश सेहरा से नया अनुमंडल बनाने का प्रस्तावित खाका की मांग किया था ।  मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में लॉ एंड ऑडर को ध्यान में रखते हुए नारदीगंज , हिसुआ,मेसकौर और नरहट प्रखंड को मिलाकर प्रस्तावित अनुमंडल का प्रस्ताव सरकार को 2011 में भेजा था । लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण उस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया । कहा कि नरहट एवं मेसकौर का अनुमंडल रजौली रहने के कारण मेसकौर को लोगों को 50 किलोमीटर जबकि नरहट के लोगों को 30 से 35 किलोमीटर की दूरी तय कर रजौली जाना पड़ता है ।

उन्होंने कहा कि यदि हिसुआ को अनुमंडल बनाया जाता है तो मेसकौर के लोगों को अनुमंडल कार्यालय तक पहूंचने में 10-15 किलोमीटर एवं नरहट को मात्र 10 किलोमीटर की दूरी ही तय करना पड़ेगा । मौके पर पुरूषोतम सिंह, व्यास यादव , जितेन्द्र कुमार, अरविन्द कुमार, मोहित सिंह, उमेश यादव, बाबुलाल सहित दर्जन भर लोग उपस्थित थे ।

पकरीबरावां को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा देने की मांग बन सकता है विधानसभा चुनाव का मुद्दा

  • पुलिस अनुमंडल बने छह वर्षों बीतने को है,पर अबतक नहीं बना पूर्ण अनुमंडल

नवादा : जिलांतर्गत पकरीबरावां पुलिस अनुमंडल को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा दिए जाने की वर्षों की मांग वर्तमान विधानसभा चुनाव में चुनावी मुद्दा बन सकता है। पकरीबरावां,कौआकोल,रोह,काशीचक तथा वारिसलीगंज प्रखंड के लोग वर्तमान विधानसभा चुनाव में इस मुद्दें को भुनाने की कोशिश कर सकते हैं। यह चुनावी मुद्दा अब पकरीबरावां पुलिस अनुमंडल के हर व्यक्ति के जुबान से यही सुनने को मिल रहा है कि अभी नही तो कभी नही।
कई मंचों से तो इसके लिए आवाज भी उठनी शुरू हो गई है।

वर्ष 2014 में अस्तित्व में आया पकरीबरावां पुलिस अनुमंडल :

पकरीबरावां पुलिस अनुमंडल वर्ष 2014 में अस्तित्व में आया। 13 अक्टूबर 2014 को तत्कालीन डीएम ललन जी एवं एसपी डॉ. प्रवेज अख्तर ने पुलिस अनुमंडल कार्यालय का उदघाटन किया था। पहले पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में रामपुकार सिंह ने कमान संभाली थी। तब पकरीबरावां, कौआकोल, रोह आदि प्रखंड वासियों को लगा था कि जल्द ही पकरीबरावां पूर्ण अनुमंडल भी बन जाएगा।

आज छह वर्ष बीतने को है, परंतु पकरीबरावां पुलिस अनुमंडल के लोगों की हार्दिक इच्छा अब तक अधूरी है। लोग इस उम्मीद में आश लगाए बैठें कि जल्द पकरीबरावां को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा मिलेगा और अनुमंडल क्षेत्र के लोगों को सीधा इसका लाभ मिल पाएगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि कब पकरीबरावां पुलिस अनुमंडल को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा मिलता है अथवा लोग चुनाव से पहले इसे लेकर किस तरह की रणनीति अपनाते हैं।

वर्षों से उठ रही है मांग :

पकरीबरावां को पूर्ण अनुमंडल का दर्जा दिए जाने की मांग वर्षों से उठ रही है। पुलिस अनुमंडल बनने के बाद से ही लोग पूर्ण अनुमंडल की मांग करने लगे। कई सामाजिक एवं राजनीतिक मंच पर भी इसके लिए आवाज उठाई गई। विभिन्न राजनीतिक दल एक मंच पर आकर सर्वदलीय बैठकों में शामिल हुए। रणनीति बनाकर मशाल जुलूस व धरना-प्रदर्शन किए गए। बैठकों के साथ धरना-प्रदर्शन की आवाज विधानसभा तक भी पहुंची थी, परंतु लोगों की मांग को सरकार द्वारा अनसुनी कर दी गई। अब एक बार फिर पूर्ण अनुमंडल की मांग जोर पकड़ने लगी है।

भौगौलिक दृष्टिकोण से है महत्वपूर्ण :

पकरीबरावां पुलिस अनुमंडल पूर्ण अनुमंडल बनने के सारे मानकों को पूरा करता है। भौगौलिक दृष्टिकोण के साथ ही अपराध की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है। नवादा-जमुई स्टेट हाईवे पर स्थित होने के साथ-साथ तीन जिले क्रमशः नवादा,जमुई तथा शेखपुरा के सीमा पर अवस्थित है यह प्रखंड। इतना ही नही यह पुलिस अनुमंडल नवादा जिले केरोह,कौआकोल,काशीचक, वारिसलीगंज के बीचों-बीच अवस्थित है पकरीबरावां प्रखंड। पकरीबरावां के अनुमंडल बनने पर इसके अंतर्गत आने वाले वारिसलीगंज,काशीचक, कौआकोल एवं रोह प्रखंड की दूरी पकरीबरावां से महज 10-15 किलोमीटर के दायरे में हैं।

ऐसे में यह भौगौलिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। यह अनुमंडल बनता है तो सभी प्रखंडों के लोगों को काफी सहूलियत होगी। इसके अलावे अपराध की दृष्टिकोण से भी यह महत्वपूर्ण है। यहां से नक्सल प्रभावित कौआकोल एवं रोह प्रखंड में क्राइम कंट्रोल करने में अनुमंडल पुलिस को काफी सहूलियत मिल रही। पुलिस अनुमंडल बनने के बाद से इन प्रखंडों में काफी हद तक क्राइम को कंट्रोल किया जा सका है।