विश्व बंधुत्व की भाषा हिंदी : डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह
दरभंगा : कुंवर सिंह महाविद्यालय में हिंदी दिवस के मौके पर एक सेमिनार का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा किया गया ,जिसकी अध्यक्षता डॉ मो रहमतुल्लाह के द्वारा की । इस मौके पर डॉ मो रहमतुल्लाह ने शिक्षक कर्मचारी एवं एनएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस पावन मौके पर हम कसम ले कि हम आज से अपना हस्ताक्षर हिंदी में करेंगे ,दुकान का नाम हिंदी में लिखेंगे। हिंदी विश्व बंधुत्व की भाषा है, इसमें तुलसी भी है, रहीम भी है और रसखान भी है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने हिंदी दिवस के मौके पर सभी छात्र छात्राओं को बताया हिंदी मातृभाषा है हिंदी को अपनाओ विदेशी भाषा के चक्कर में मत पड़ो हिंदी पर अगर तुम्हें कमांड हासिल हो जाता है तो तुम्हें हर भाषा पर कमांड हासिल हो जाएगा और आज के दिनों में अगर दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर में सबसे पहले कोई सीट भरता है तो वह हिंदी का सीट भरता है और हिंदी जर्नलिस्ट में एडमिशन के लिए बहुत ही मुश्किल से सीट मिलता है
उन्होंने हिंदी दिवस पर विस्तृत जानकारी दिया उन्होंने कहा कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान की भाषा समिति ने हिंदी को राजभाषा के पद पर अआसीन किया क्योंकि भारत की बहुसंख्यक जनता द्वारा हिंदी भाषा का प्रयोग किया जा रहा था। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान हिंदी भाषा में प्रकाशित पत्र .पत्रिकाओं ने देश को आज़ाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा भारतीओं को एक सूत्र में बांधे रखा। स्वतंत्रता के पश्चात भले ही हिंदी को राष्ट्रभाषा व राजभाषा का दर्जा दिया गया लेकिन भाषा के प्रचार व प्रसार के लिए सरकार द्वारा सराहनीय कदम नहीं उठाए गए व अंग्रेजी भाषा का प्रयोग अनवरत चलता रहा। भले ही आज हिंदी की वैश्विक स्थिति काफी बहेतर है ।विश्व के प्रायः सभी महतवपूर्ण देशों के विश्व विद्यालयों में हिंदी अध्ययन . अध्यापन हो रहा है। परन्तु विडंबना यह है कि विश्व में अपनी स्थिति के बावजूद हिंदी भाषा अपने ही घर में उपेक्षित जिंदगी जी रही है।
जहां गुड मॉर्निग से सूर्योदय और गुड इवनिंग से सूर्यास्त होता है। अंग्रेजी बोलने वालों को तेज तरारए बुद्धिमान एवं हिंदी बोलने वलों को अनपढ़ए गवार जताने की परम्परा रही है। राजनेताओं द्वारा हिंदी को लेकर राजनीती की जा रही है। जब भी हिंदी दिवस आता है हिंदी को लेकर लम्बे लम्बे वक्तव्य देकर हिंदी पखवावड़े का आयोजन कर इतिश्री कर ली जाती है। हिंदी हमारी दोहरी नीति का शिकार हो चुकी है। यही कारण है कि हिंदी आज तक व्यावहारिक द्रष्टि से न तो राजभाषा बन पाई और ने ही राष्ट्र भाषा। डॉ अमित सिन्हा ने धन्यवाद भाषण देते हुए हिंदी दिवस के इतिहास के बारे में विस्तार से चर्चा की।
इस मौक़े पर डॉक्टर खालिद सज्जाद, डॉ अभिषेक राय ,डॉक्टर विनीत श्रीवास्तव, डॉ मधु श्री ,डॉ राजेश कुमार चौधरी ,डॉ अमित सिन्हा, डॉ विजय कुमार, डॉक्टर सुदी लाल यादव, हर्षवर्धन सिंह, लालबाबू दास, जयप्रकाश मंडल, कुमार गौतम, संतोष सिंह, विश्वनाथ पासवान, विभाकरण सिंह ,राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
आत्मनिर्भर बिहार के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा
दरभंगा : भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष जीवछ सहनी व नगर विधायक संजय सरावगी द्वारा झंडा दिखाकर एलईडी रथ को रवाना किया। अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष ने कहा कि आत्म निर्भर बिहार के नारे के साथ भाजपा मैदान में उतर चुकी है। साथ ही पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आम लोगो के बीच जाकर मोदी सरकार के विकास कार्यों का लेखा जोखा पेश करेंगे। नगर विधायक ने कहा कि इस रथ से भाजपा अपने जनता के दिल मे जगह बनाऐ गी। सभी विधान सभा मे भाजपा हाईटेक रथ भेज रही है ।
इस रथ का प्रमुख नारा “भाजपा है तैयार आत्म निर्भर बिहार” पर बड़ी एल.ई.डी स्क्रिन लगाई है। उसके सामने खाली जगह छोड़ा जिस से करोना को देखते प्रत्याशी प्रचार भी कर सकते है ।इस कार्यक्रम में जिला महामंत्री ज्योति कृष्ण झा लवली, सुजीत मल्लीक के साथ प्रदेश प्रवक्ता विवेकानंद पासवान, संजीव साह, राजेश रंजन, उमेश चौधरी, मीना झा, देवेन्द्र झा, संजीव बलिदानी, राजीव ठाकुर, प्रेम कुमार रिंकू, अंकुर गुप्ता, पंकज झा, लक्ष्मी साह, कन्हैया पासवान व अन्य मौजूद रहे।
मुरारी ठाकुर