बाढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति की बैठक में कई निर्णय लिया गया
बाढ़ : काफी लंबे अरसे से ” बाढ़ ” अनुमंडल को जिला बनाये जाने की संघर्ष क्षेत्रीय लोग करते आ रहे हैं, पर अब तक ” बाढ़ ” को जिला नही बनाये जाने को लेकर स्थानीय लोग काफी आक्रोशित हैं। मसूद विगहा दुर्गा मंदिर के सभा कक्ष एवं सदर बाजार के रमादेवी उत्सव हॉल में ” बाढ़ ” जिला बनाओ संघर्ष समिति के वैनर तले सर्वदलीय एवं आमजनों की बैठक आयोजित की गयी। इसकी अध्यक्षता राणा सुधीर कुमार सिंह एवं संचालन प्रो० रामानन्द झा ने की।इसमें ” बाढ़ ” को जिला बनाने की मांग को लेकर आगामी 17 नवंबर को नगर के एएनएस कॉलेज मैदान में एक विशाल जन सभा आयोजित करने तथा जन सभा में अनुमंडल के कुल सात प्रखंडों के प्रत्येक गांवों से लोगों को जुटाने का निर्णय लिया गया तथा इस जन सभा में काफी संख्या में लोगों को जुटाने के लिये ब्यापक प्रचार – प्रसार करने के लिये सभी प्रखंडों की अलग – अलग कमिटी भी बनायी गयी।बर्ष 1865 का बना ” बाढ़ ” अनुमंडल को जिला बनाये की मांग बर्ष 1972 के स्व० केदार पांडेय के मुख्यमंत्रित्व काल से चली आ रही है,तब बिहार झारखण्ड एक था। मुख्य मंत्री नीतीश कुमार बाढ़ को जिला बनाने और टाल क्षेत्र के मास्टर प्लान योजना लागू कराने के नाम पर पूर्व के बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से लगातार सांसद बनें और केंद्र सरकार में कई विभागों के कविना मंत्री रहे तथा बिहार के सत्ता पर काविज हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद अपने अभिनन्दन समारोह को संबोंधित करते हुये जगन्नाथन हाई स्कूल के खेल मैदान में कहा था कि यदि बिहार में मेरी सरकार बनी तो हम अपने पहली कैविनेट की बैठक में बाढ़ जिला के प्रस्ताव को पारित करके बाढ़ जिला की घोषणा करेंगे।बाढ़ को जिला बनाये जाने को लेकर राज्य के निवर्तमान कैविनेट मंत्री एवं विधायक विजयकृष्ण ने भी अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था और निवर्तमान मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में बाढ़ को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर हाई वोल्टेज का ड्रामा हुआ था,पर बाढ़ जिला का मुददा ठंढे बस्ते में डाल दिया गया।स्थानीय लोगों ने बाढ़ को जिला बनाये जाने को लेकर कई बार आंदोलन किये,पर अब तक सफल नही हुये।हालांकि प्रायः सभी राजनैतिक दलों द्वारा ” बाढ़ ” को संगठन जिला बर्षों पूर्व घोषित किया गया है और सभी राजनैतिक दल बाढ़ जिला के वैनर तले ही अपना हर कार्यक्रम करते हैं।इन दिनों स्थानीय लोगों में बाढ़ को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर काफी आक्रोश देखी जा रही है। बैठक को भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ०सियाराम सिंह,अधिवक्ता सुभाष रमण,जितेंद्र कुमार सिंह,पाचों सिंह,गांधीजी,चन्दन कुमार पांडेय,शंभु स्वर्णकार,शिक्षक सुरेशचन्द्र प्रसाद सिंह,मुखिया वीरेंद्र,पूर्व पार्षद गोपाल यादव,परमानन्द सिंह सहित दर्जनों लोगों ने संबोंधित करते हुये बाढ़ को जिला बनाये जाने को लेकर चरणबध्द आंदोलन करनेऔर गांव – गांव जाकर जिला के मुददे पर ग्रामीणों को आंदोलन में शामिल होने के लिये जागरूक करने का संकल्प लिया।
दो बर्षों में सड़क बना नहीं की ईंट उखड़ना शुरु एवं गढढें में तब्दील,लोगों के लिये सड़क जानलेवा बना
बाढ़ : राज्य के विकास पुरुष का रेंगता हुआ विकास की बानगी,एक विकास ऐसा भी है जो मात्र 25 मीटर लंबी सड़क निर्माण में दो साल गुजर गये फिर भी मौत को दावत दे रही है अर्धनिर्मित सड़क ? यह सड़क बाढ़ नगर परिषद के वार्ड नंबर – 9 के पोस्टल पार्क मोहल्ला में है, जहां मात्र 25 मीटर सड़क का निर्माण कार्य विगत दो वर्षों से हो रहा है, जो आज तक पूरा तो नहीं हो सका है। इस सड़क में मौत को दावत देने वाली जगह – जगह गढढें जरूर हो गये हैं, जिसमें गिरकर कभी भी कोई व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है या फिर किसी के लिये जानलेवा हो सकता है। यह विकास पुरुष का रेंगता हुआ विकास का नमूना है। चुनाव के समय आते ही विकास पुरुष के सरकार में बैठे कई नेता- मंत्री हर मंच पर एक ही राग अलापते हैं कि हमने जो काम किया है, उसका मजदूरी मांगने आये हैं तथा हम विकास के नाम पर वोट मांगते हैं। इस सड़क का विकास देखकर कोई अंधा आदमी भी ऐसे विकास को वोट नहीं देना चाहेगा।इस सड़क के विकास का आलम यह है कि सड़क निर्माण कार्य पूरा होने के पहले ही इसके नाले उखड़ एवं ईंट उखड़ गयेऔर रेत बह गये। सड़क की ऊंचाई इतनी अधिक कर दिया गया है कि इस सड़क के दोनों ओर की लिंक गली तीन फीट नीचे हो गया है,जिसका पानी किसी भी कीमत पर इस नाले में नहीं जा सकता है,जिसके कारण उस मोहल्लें के लोगों को नारकीय जीवन गुजारना पड़ रहा है। सड़क से सटे गली में जलजमाव का आलम यह है कि सड़ांध भरी पानी में बड़े-बड़े कीड़े- मकोड़े रेंग रहे हैं जो डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी को निमंत्रण देने के लिये काफी है।लोगों को अपने घर आने-जाने में प्रतिदिन इसी कीचड़नुमा गली से गुजरना पड़ता है, फिर भी न तो बाढ़ प्रशासन या न नगर परिषद प्रशासन को इसकी कोई चिंता नहीं है।क्योंकि ये लोग तभी जागते हैं,जब कोई बड़ा हादसा होता है।इस सड़क की कितनी लागत है तथा कौन संवेदक है,यह किसी को कुछ पता ही नहीं है। यहां तक कि नगर परिषद के नगर प्रबंधक को भी इस सड़क से संबंधित संचिका की जानकारी नहीं है। जहां तक नगर परिषद प्रशासन की बात है तो करोड़ों रुपए की लागत से बनी नगर परिषद भवन के इमारत में चमचमाते टाइल्स और कीमती पर्दे के बीच आराम फरमाने वाले अधिकारी को आम आदमी के नारकीय जीवन से कोई लेना-देना है ? वह तो अपने कार्यालय में ही मस्त है। लोगों के काफी हो-हल्ला करने के बावजूद भी आज तक नगर परिषद के किसी अधिकारी या कर्मचारी ने मौत को दावत देने वाली इस सड़क को देखने की भी जहमत नहीं उठाया है। क्योंकि नगर परिषद की आलीशान भवन से बाहर निकल कर आम आदमी की जिंदगी में झांकना उनकी फितरत नहीं है।जबकि मौत को दावत देने वाली गढढें भरी इस अर्ध-निर्मित सड़क की दूरी नगर परिषद कार्यालय से मात्र सौ मीटर है। यहां के निवासियों की जिंदगी बदत्तर हो गयी है। मोहल्लें के दर्जनों लोगों ने बताया कि यदि बाढ़ नगर परिषद द्वारा इस मोहल्ले वासियों को यथाशीघ्र नरकीय जिंदगी से मुक्त नहीं कराया गया तो कभी भी हम लोग सड़क पर उतर आंदोलन कर सकते हैं। क्योंकि लगभग दो साल से नरक की जिंदगी झेलते-झेलते हम लोगों का सब्र का बांध टूट गया है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जया ने बताया कि हम अपने स्तर से इस सड़क का फाईल निकलबा कर इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे। उधर मुख्य पार्षद शकुंतला देवी ने कहा कि इस सड़क का हम खुद निरीक्षण कर उचित कदम उठायेंगे।
गोलू हत्याकांड में चार ज्ञात और तीन अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज
बाढ़ : अनुमंडल के अथमलगोला थाना क्षेत्र के हासन चक गांव में हुई चर्चित गोलू हत्याकांड में उसके पिता के लिखित शिकायत – पत्र के आधार पर अथमलगोला थाना में रवि ,सूरज, अंकुल समेत चार ज्ञात और तीन अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। लिखित शिकायत – पत्र में मृतक के पिता ने आरोप लगाया है कि उसका पुत्र मेला देखने अपने गांव जल गोविंद चौक से हासन चक गया हुआ था,जहां बदमाशों ने पहले उसके पैर पर स्कॉर्पियो चढ़ा दिया और झड़प होने के बाद इतनी पिटाई कर दी कि उसकी मौत हो गयी। अथमलगोला थाना में मामला दर्ज होते ही पुलिस अनुसंधान में जुट गई है। विदित हो की हत्या के वक्त प्रयोग की गयी गाड़ी उसी रात बाढ़ पुलिस द्वारा बरामद कर ली गयी थी ,जिस रात मृतक गोलू के शव को सड़क पर रखकर अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर ग्रामीण सड़क जाम कर हंगामा कर रहे थे।
गंगा नदी में डूबने से किशोर की मौत
बाढ़ : बाढ़ थाना क्षेत्र के अचुआरा गांव के पास गंगा किनारे उस समय कोहराम मच गया, जब गंगा स्नान करने गये 4 बच्चों में से दो बच्चे डूबने लगे। एक बच्चे को तो किसी तरह स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया, लेकिन 12 वर्षीय रुस्तम नाम का एक किशोर गंगा में डूब गया। हालांकि ग्रामीणों के अथक प्रयास से उस किशोर को भी निकाल लिया गया। जिसे आनन-फानन में सदर अस्पताल बाढ़ लाया गया,जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया जाता है कि मृतक रुस्तम अपने तीन साथियों के साथ अचुआरा गांव के पास बमबम सिंह के चिमनी के सामने गंगा किनारे स्नान करने गया था तथा स्नान के दौरान दो बच्चे डूबने लगे । एक बच्चे को तो स्थानीय ग्रामीणों की मदद से तुरंत निकाल लिया गया,जबकि 12 वर्षीय रुस्तम जो स्थानीय मेवड़ा- फुलेलपुर गांव का रहने वाला था ,वो डूब गया। जिसे ढूंढने में ग्रामीणों को काफी समय लग गयाऔर डूबने से उसकी मौत हो गयी। बाढ़ पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई में जुट गई है।
नगर परिषदकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण नगर में कूड़े – कचरे का अंबार
बाढ़ : बाढ़ नगर परिषद के सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण नगर में कूड़े – कचरे का अंबार लग गया है, जिससे बीमारी फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है। क्योंकि दशहरे के बाद दीपावली और पवित्रतम छठ व्रत का समय भी आ गया है तथा इन दोनों त्यौहार में लोग अपनी – अपनी घरों का साफ – सफाई भी कर अपने घरों का सारा कचरा बाहर करते हैं। शहर में फैले दशहरे के कूड़े – कचरे का अभी उठाव भी नहीं हुआ था कि बाढ़ नगर परिषद सफाईकर्मीयों नेअपने बकाये वेतन एवं वेतन बढ़ोतरी सहित अन्य लंबित मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। यहां के सफाई कर्मियों के बार-बार हड़ताल पर जाने की लंबी परंपरा रही है। साल भर में दो-चार बार हड़ताल पर जाना तो आम बात हो गया है। वही नगर वासियों को काफी नारकीय स्थिति से जूझना पड़ रहा है। सफाईकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के बाद नगर की नारकीय स्थिति हो गया है।
सर्वविदित है कि जलजमाव से अभी बाढ़ नगर क्षेत्र को मुक्ति भी नहीं मिली है कि दशहरे के दौरान फैले कूड़ा – कचरा जहां के तहां काफी मात्रा में पड़ी हुई है और ऐसी स्थिति में सफाईकर्मियों को हड़ताल पर जाना नगर परिषद प्रशासक के लापरवाही और विफलता का पोल खोलने के लिये काफी है।नगर के दर्जनों लोगों ने बताया कि यदि यथा शीघ्र कूड़े – कचरे उठाव की कोई वैकल्पिक ब्यवस्था नही किया गया तो लोगों को डेंगू ,मलेरिया जैसे अन्य संक्रामक घातक बीमारी का दंश झेलने को विवश होना पड़ेगा। नगर क्षेत्र के लोगों ने बताया कि कार्यपालक पदाधिकारी एवं पार्षदों के बीच आपसी तालमेल के अभाव के कारण नगर परिषद का विकास कार्य भी ठप्प हो गया है तथा नगर परिषद प्रशासन को सफाईकर्मियों के साथ वार्ता कर तत्काल हड़ताल समाप्त कराने का पहल करना चाहिये,जिससे नगरपरिषद क्षेत्र के लोगों को नारकीय स्थिति से नही गुजरना पड़ें।
सत्यनारायण चतुर्वेदी,बाढ़ (पटना)