यूनेस्को क्लब आफ दरभंगा ने तीन प्याऊ का किया उद्घाटन
दरभंगा : यूनेस्को क्लब आफ दरभंगा सिटी के सौजन्य से भीषण गर्मी के मद्देनजर दरभंगा शहर के तीन स्थलों पर निःशुल्क शीतल पेयजल की व्यवस्था के उद्देश्य से तीन प्याऊ का उद्घाटन क्लब के अध्यक्ष डॉ बीबी शाही के द्वारा किया गया। जिनमें दोनार (होली क्रॉस स्कूल के सामने), अल्लपट्टी (सी ए कुमार संजय के सामने) तथा बीके रोड (लहेरियासराय थाना के सामने), दरभंगा में प्रारंभ किया गया। उक्त तीनों प्याऊ का उपयोग जरूरतमंद आम लोग पूरे गर्मी भर कर सकेंगे। प्याऊ के उद्घाटन कार्यक्रम में डॉ आरएनपी सिन्हा, कुमार संजय, दीपक कुमार सिन्हा, श्रवण कुमार बैरोलिया, प्रणव नारायण, ललित कुमार, पप्पू कुमार, प्रेरणा नारायण तथा डॉ आरएन चौरसिया सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर क्लब के अध्यक्ष डॉ शाही ने कहा कि जल ही जीवन है। जल का एक-एक बूंद अमृत की तरह है। हमारे शरीर का 80 प्रतिशत भाग जल है। उन्होंने कहा कि दो-चार दिनों में ही शहर में तीन और प्याऊ प्रारंभ किया जाएगा। प्रायोजक दीपक कुमार सिन्हा ने कहा कि भीषण गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं तथा दरभंगा शहर भीषण पेयजल संकट से जूझ रहा है। क्लब इस परेशानी को महसूस करते हुए, जरूरत के हिसाब से काफी संख्या में प्याऊ की व्यवस्था कर रहा है। क्लब के महासचिव डॉ आरएन चौरसिया ने कहा कि जल का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व रखता है। जल के बिना सजीव जगत की सृष्टि नष्ट हो जाएगी। जल हमारे शरीर के विषेले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है तथा भोजन को समुचित रूप से पचाता है। अधिक जल-सेवन से हृदय रोग का खतरा 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है। जल सेवन हमें कैंसर, ब्लैडर, मोटापा, आलस्यपन तथा पथरी आदि से बचाता है।
जानकी नवमी पर प्याऊ की हुई शुरुआत
दरभंगा : मानव द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का बेतहाशा शोषण एवं दुरुपयोग ही जल-संकट का मूल कारण है। हमने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का सिर्फ शोषण ही किया, पर बदले में उसे कुछ नहीं दिया। जीवन-रक्षा हेतु हमें प्रकृति को बचाते हुए अपनी जरूरतों को पूरा करने की कला जल्दी सीखनी ही होगी। आज सरकारी या सार्वजनिक तालाब भी मानव जनित गंदगी के कारण उपयोग लायक नहीं बचा है। उक्त बातें मिथिला विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के अध्यक्ष डॉ अयोध्यानाथ झा ने भारत विकास परिषद्, विद्यापति शाखा, दरभंगा द्वारा कादिराबाद में घटते जल-स्रोत एवं बढ़ते जल-संकट विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में कहा। उन्होंने कहा कि जानकी नवमी के शुभ अवसर पर परिषद् द्वारा प्याऊ की शुरुआत अपने-आप में महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि मां जानकी का प्राकट्य जल-संकट को दूर करने के लिए ही हुआ था। प्याऊ की व्यवस्था समाजोपयोगी एवं अनुकरणीय प्रयास है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ नीलमणि सिंह ने कहा कि जल जीवन का महत्त्वपूर्ण घटक है, जो प्रकृति द्वारा प्राप्त एक अनमोल उपहार है। जल के बिना कहीं भी जीवन संभव नहीं है। अमृत सदृश जल हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, जिसकी कमी से अपच्च, डिहाइड्रेशन, गैस की समस्या, जौंडिस, ह्रदय रोग आदि उत्पन्न होते हैं। अधिक जल-सेवन से हम इस भीषण गर्मी तथा लू से बच सकते हैं, जबकि कम जल-सेवन हमारे शरीर को बुरी तरह प्रभावित करता है।
मुख्य वक्ता के रूप में रंजीत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जल-संरक्षण द्वारा ही जल-संकट से बचा जा सकता है। जल का प्रबंधन, वितरण-प्रणाली तथा भूमिगत जल स्रोतों को बरकरार रखना और वर्षा-जल के संरक्षण द्वारा उसे रिचार्ज करना आवश्यक है। आज पर्यावरण साफ संकेत दे रहा है कि सुरक्षित जीवन के लिए पर्यावरण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
प्याऊ का उद्घाटन करते हुए परिषद् के प्रांतीय महासचिव राजेश कुमार ने कहा कि जल ही जीवन है। मानव सेवा की भावना से परिषद् द्वारा विभिन्न स्थलों पर शुद्ध एवं शीतल पय जल की व्यवस्था की जा रही है। हमें हर तरह की जिम्मेदारियां सिर्फ सरकार पर ही नहीं छोड़नी चाहिए, बल्कि छोटी-छोटी व्यवस्थाएं हमें खुद ही या संगठनों के माध्यम से करके मानव-कल्याण करना चाहिए। मानव-सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है। इंजीनियर श्रीरमण अग्रवाल ने जल-संरक्षण के विभिन्न उपायों को विस्तार से बताया, जबकि आकाश अग्रज ने शरीर के लिए जल की उपयोगिता की विस्तृत से चर्चा की।
अध्यक्षीय संबोधन में परिषद् के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि जल ईश्वर से मिला अनमोल उपहार है, जिसमें हमारे शरीर के लिए उपयोगी लगभग सभी खनिज तत्त्व मौजूद हैं। इसलिए हमारे संतुलित शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए अधिक जल-सेवन आवश्यक है। हमारी जीवन-शैली ने जल-स्रोतों को इतना अधिक क्षति पहुंचाई है कि उसके दुष्प्रभावों से बचना मुश्किल सा हो गया है। यदि हम अभी नहीं चेते तो आगे सिर्फ रोना ही पड़ेगा। विचार गोष्ठी में डॉ अंजू कुमारी, जीवनदास लखवानी, ओम प्रकाश, सुभाष कांस्यकार, वैद्यनाथ साहनी, रुद्र नारायण मंडल तथा अरविंद भगत आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। आगत अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन सचिव डॉ आर एन चौरसिया ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष आनंद भूषण ने किया।
एबीवीपी के पूर्व कार्यकर्ता की याद में श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन
दरभंगा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दरभंगा जिला इकाई द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ता दिगंवत राजेश कुमार उर्फ राजू सिंह के याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस शोक सभा मे दिगंवत राजू सिंह के योगदान को याद किया गया। उन्होंने किस प्रकार संगठन के कार्यों में सदैव हम सभी कार्यकर्ताओं को सदैव मार्गदर्शन देने का कार्य किया, अपनी बातों से सदैव कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया। संगठन के लिए सदैव उपस्थित रहने वाले ऐसे निःस्वार्थ कार्यकर्ता विरले ही जन्म लेते है। इतनी समय में इन्होंने अपने एक अलग मुकाम दरभंगा के राजनीति में स्थापित किया, विधाता शायद इतने दिन का साथ ही हमारे बीच उन्हें रखना था। मृत्य एक अटल सत्य है, जो आया है, उन्हें जाना है। राजू सिंह अब भले हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी याद, उनके विचार सदैव हम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के दिल मे रहेगा।
इस श्रद्धांजलि सभा मे पिंटू भंडारी, जया सिंह, सूरज मिश्रा, अनूप आनंद, अनुपम आनंद, वीरेंद्र कुमार, मोनू कुमार, अभिषेक कुंदन, नरेंद्र कुमार, मुकेश झा, आदित्य झा, कुन्दन सिंह, पंकज झा, कर्मेंदु कुमार, नंदन कुमार, सत्यम झा, केशव कुमार मिश्रा, श्रीकांत कुमार, सुमित सिंह सहित दर्जनों अन्य कार्यकर्ता इस शोक सभा मे उपस्थित रहे।
मुरारी ठाकुर