ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का दशम दीक्षांत समारोह संपन्न
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के दशम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए बिहार के राज्यपाल-सह-कुलाधिपति श्री फागू चौहान ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य है चरित्र निर्माण। मात्रा भौतिक प्रगति से कोई देश खुशहाल और गौरवशाली राष्ट्र नहीं बन सकता। शिक्षा केवल नौकरी के लिए ज़रूरी नहीं है अपितु इससे मनुष्य में संवेदनशीलता और नैतिकता का भी विकास होता है।
महामहिम राज्यपाल ने आगे कहा कि समाज के वंचित, दलित और पिछड़े वर्ग को विकास की मुख्यधारा में लाना बहुत जरूरी है। विश्व में आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। कश्मीर पर साहसिक और राष्ट्रीय एकता को मज़बूती प्रदान करने वाला आवश्यक निर्णय लेकर हमने उसका कड़ा जवाब दिया है। बिहार के समृद्ध अतीत नालंदा और विक्रमशिला की याद दिलाते हुए श्री चौहान ने शिक्षा के गुणात्मक विकास पर बल दिया। पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक दायित्वों की चर्चा की। महामहिम राज्यपाल श्री चौहान ने शिक्षा के गुणात्मक विकास एवं विमर्शों के संदर्भ में विश्वविद्यालय के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
दीक्षांत अभिभाषण देते हुए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के कार्यपालक अध्यक्ष पद्मश्री विरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली अब दुनिया में सबसे बड़ी और जटिल प्रणाली है। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय केवल 20 विश्वविद्यालय और 200 कॉलेज थे। आज 960 विश्वविद्यालय और 40000 कॉलेज हैं जिनमें 3.5 करोड़ से अधिक छात्र/छात्राएँ पढ़ते हैं। बेशक आजादी के बाद भारत ने विकास किया है, लेकिन ग़रीबी, कुपोषण, प्रदूषण जैसी विकराल चुनौतियाँ सामने खड़ी हैं जिनका सामना करना है। श्री चौहान ने छात्र-छात्राओं को विडंबनाओं और विरोधाभासों से भरी हुई दुनिया में विवेकानंद का स्मरण दिलाया जिन्होंने एक मजबूत, न्यायपूर्ण, नैतिक मूल्यों से भरे हुए भारत का सपना देखा था।
दूसरों की सेवा ही सच्ची सेवा और धर्म है। भारत की संस्कृति एवं परम्पराएं समृद्ध हैं। जीवन में सफलता के लिए कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। श्री चौहान ने आगे कहा कि केवल दाखिला लेना, कक्षाओं में जाना और प्रमाण पत्र प्राप्त करना ही विश्विद्यालय और महाविद्यालय नहीं है। वास्तव में, यह वो जगह है जहाँ छात्र नए कौशल, आवश्यक डोमेन और ज्ञान प्राप्त कर वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करते हैं। शिक्षक छात्रों को साहस और दृढ़ विश्वास के साथ जीवन की आगामी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। श्री चौहान ने पृथ्वी को भविष्य की पीढ़ियों के रहने लायक बनाने पर ज़ोर दिया।
छात्र-छात्राओं को बेहतर परिवर्तन का हिस्सा बनने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सही और न्याय के रास्ते पर चलने से डरना नहीं चाहिए, भले ही अकेले चलना पड़े। छात्र इस महान देश के भविष्य हैं और ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे वे नहीं प्राप्त कर सकते हैं। प्रोo चौहान ने परिसर के आध्यात्मिक वातावरण तथा दरभंगा महाराज की दानशीलता की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कहा कि शिक्षा मानसिक प्रशिक्षण है जिसके लिए इस विश्वविद्यालय का वातावरण सर्वथा उपयुक्त है।
विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कुलपति प्रोo सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि सभी सत्र नियमित हैं। स्नातक प्रथम खंड 2019-22 में नामांकन हेतु दो लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। 370 स्थायी और 540 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षकों की कमी को काफी हद तक दूर कर दी गई है। महान खिलाड़ी ध्यानचंद के जन्मदिवस 29 अगस्त को खेल दिवस का आयोजन कर हमने एक नई परम्परा की शुरुआत की है। प्रोo सिंह ने कहा कि एम्प्लॉयबिलिटी लिंक्ड स्किलिंग प्रोग्राम्स के तहत जॉब ड्राइव चलाया जा रहा है। विश्वविद्यालय के 29 अंगीभूत, 5 सम्बद्ध तथा 3 बीoएडo कॉलेजों का नैक से प्रत्यायन हो चुका है।
मिथिला की पावन धरती मनीषियों की धरती है। यहाँ की शास्त्रार्थ परंपरा के अनुरूप सेमिनारों के माध्यम से विमर्श का सिलसिला जारी है। धरोहरों के प्रति हम सजग हैं। पांडुलिपि संरक्षण केंद्र एवं हेरिटेज सेल क्रियाशील है। कुलपति ने आगे कहा कि हम विश्वविद्यालय के हर परिसर को हरा परिसर बनाने में लगे हैं। 1520 वृक्ष लगाए गए हैं और निकट भविष्य में 5000 वृक्ष लगाने की योजना है। सौर ऊर्जा संयंत्र हमारी उपलब्धियां हैं। 2017-18 से ही छात्र संघ का निर्वाचन हो रहा है जो छात्र केंद्रित तंत्र विकसित करने की प्रतिबध्दता को इंगित करता है। कुलपति प्रोo सिंह ने शिकायत निवारण कोषांग, पेंशन अदालत एवं लोक सूचना कोषांग की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए छात्र-छात्राओं से देश के एक जिम्मेदार नागरिक बनने की अपील की।
दीक्षांत समारोह की शुरुआत डॉo नागेंद्र झा स्टेडियम में संगीतमय शैक्षणिक यात्रा से हुई। मिथिला पाग एवं अंगवस्त्रम में यह शोभायात्रा निराली छटा बिखेर रही थी जिसकी अगुवाई कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार रॉय कर रहे थे। महामहिम-सह-कुलाधिपति श्री फागु चौहान के स्वागतार्थ कुलपति प्रोo सुरेन्द्र कुमार सिंह, प्रति-कुलपति प्रोo जय गोपाल संचरण कर रहे थे। मुख्य वक्ता पद्मश्री विरेन्द्र सिंह चौहान एवं प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा महामहिम का अनुगमन कर रहे थे। शोभा यात्रा में पूर्व कुलपति डॉo एसo एमo झा, डॉo राज किशोर झा, विधायक संजय सरावगी, डॉo फ़ैयाज़ अहमद, विधान पार्षद डॉo दिलीप कुमार चौधरी, संकायाध्यक्ष डॉo अनिल कुमार झा, डॉo मनोज कुमार झा, डॉo शीला, विद्वत परिषद सदस्य प्रोo रतन कुमार चौधरी, प्रोo चंद्रभानु प्रसाद सिंह, डॉo मुश्ताक़ अहमद, डॉo रहमतुल्लाह, अभिषद सदस्य डॉo हरि नारायण सिंह, डॉo बैधनाथ चौधरी, डॉo विनोद कुमार चौधरी समेत बड़ी संख्या में अधिषद एवं अभिषद के सदस्य शामिल थे। समारोह में सांसद गोपाल जी ठाकुर, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोo सर्व नारायण झा एवं प्रति-कुलपति डॉo सीo पीo सिंह, दरभंगा नगर की महापौर श्रीमती वैजयंती देवी खेड़िया, उच्चतर शिक्षा अभियान बिहार के पूर्व उपाध्यक्ष डॉo कामेश्वर झा आदि उपस्थित थे। संगीत एवं नाट्य विभागाध्यक्ष डॉo लावण्या कीर्ति सिंह काव्या के निर्देशन में छात्र-छात्राओं ने शोभा यात्रा का ट्यून, राष्ट्रगान और कुलगीत प्रस्तुत कर दीक्षान्त समारोह को स्मरणीय बना दिया।
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने पीoजीo सत्र 2017-19 के विभिन्न विषयों के 26 टॉपरों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। भौतिकी की आराधना कुमारी को जगदीश सिंह सर्वोत्कृष्ट स्नातकोत्तर स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में 15 छात्राएँ एवं 10 छात्र थे। पाग एवं अंगवस्त्रम में सजे छात्र-छात्राओं में सेल्फी लेने की होड़ थी। समारोह में प्रधानाचार्यों, स्नातकोत्तर विभाग के शिक्षकों समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे। दरभंगा जिला प्रशासन ने मुस्तैदी से विधि-वयवस्था बनाए रखा। कुलपति प्रोo सुरेन्द्र कुमार सिंह ने महामहिम राज्यपाल का तथा प्रति-कुलपति प्रोo जय गोपाल ने मुख्य वक्ता पद्मश्री विरेन्द्र सिंह चौहान एवं प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा का मिथिला की परम्परा के अनुसार पाग, चादर और प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया। समारोह प्लास्टिक मुक्त परिवेश में हुआ। एनoसीoसीo के जवानों एवं एनoएसoएसo के कार्यकर्ताओं ने व्यवस्था में सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने किया।
छात्र संघ चुनाव को ले एबीवीपी ने की बैठक
मधुबनी : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् दरभंगा कार्यालय में मंगलवार को छात्र संघ चुनाव को लेकर जिला बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक में बिहार प्रांत के संगठन मंत्री डॉक्टर सुग्रीव कुमार उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद प्रत्येक साल की तरह इस साल भी छात्र संघ चुनाव में प्रत्येक महाविद्यालय में सभी पदों पर उम्मीदवार उतारेगी, उन्होंने बताया महाविद्यालय कैंपस में एक सशक्त एवं अच्छे उम्मीदवार जीत के आये ताकि महाविद्यालय एवं छात्रों का समस्या अच्छे तरीके से समाधान हो सके, उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छात्र एवं समाज एवं राष्ट्र हित में कार्य करती है, मिथिला विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव के बाद बहुत सारे काम छात्र संघ द्वारा किया गया वही विभाग संगठन मंत्री श्री हेमंत मिश्रा ने छात्र संघ चुनाव को लेकर सभी महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय प्रभारी नियुक्त किए।
इस अवसर पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुमित सिंह ने कहा कि आज ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में होने वाले दीक्षांत समारोह में पीजी डिपार्टमेंट से अरविंद कुमार को अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ है यह हमारे लिए हर्ष का विषय है, पुनः संगठन से जुड़े कार्यकर्ता ने यह साबित किया अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद केवल राजनीति ही नहीं करती बल्कि इसके कार्यकर्ता हर क्षेत्र में अव्वल आते हैं। इस बैठक में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पिंटू भंडारी, नगर मंत्री मणिकांत ठाकुर, बृज मोहन सिंह ,मुकेश कुमार, अनूप आनंद, विरेंद्र कुमार, सुमन कुमार ,राजीव राय, अनिल कुमार, आशीष कुमार, बाबुल कश्यप, सावन कुमार ,सूरज कुमार, संदीप कुमार ,दीपक कुमार ,आर्यन सिंह इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
तीन दिवसीय कार्यशाला का होगा आयोजन
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा एवं यूनिसेफ, बिहार इकाई के संयुक्त तत्वाधान में एक तीन दिवसीय 13 से 15 नवंबर 2019 को एक कार्यशाला का आयोजन महात्मा गांधी सदन के सभागार में किया जाएगा। कोर टीम सदस्यों की त्रि-दिवसीय कार्यशाला में सर्टिफिकेट इन एकेडमिक कोर्स पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
इससे पूर्व में यूनीसेफ ने इंप्रूवमेंट ऑफ क्वालिटी इन एजुकेशन एंड लर्निंग के अंतर्गत एकेडमिक लीडरशिप केस स्टडी पर कार्यशाला संचालित कराई थी। इस कड़ी में आगे भी सर्टिफिकेट कोर्स के विकास के लिए यह कार्यशाला आहूत की गई है। यूनीसेफ से विषय विशेषज्ञ इसमें भाग ले रहे हैं। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. सरदार अरविंद सिंह ने बताया कि यह कार्यशाला गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी।
मुरारी ठाकुर