कोरोना इंपैक्ट बिना परीक्षा प्रमोट किए जाएंगे लॉ स्टूडेंट्स
दरभंगा : कोरोना वायरस से बिगड़े माहौल के देखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने अहम फैसला लिया है। ये फैसला हजारों स्टूडेंट्स को राहत देने वाला है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि देश के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे सभी लॉ स्टूडेंट्स बिना परीक्षा प्रमोट कर दिया जाएगा। हालांकि इसमें फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स शामिल नहीं हैं। फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को परीक्षा देनी होगी।
कैसे प्रमोट किए जाएंगे स्टूडेंट्स
बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, फाइनल ईयर के अलावा अन्य सभी स्टूडेंट्स को उनके पिछले साल के अंकों और मौजूदा वर्ष में हुए इंटर्नल एग्जाम्स में मिले अंकों के आधार पर प्रमोट किया जाएगा। इस संबंध में बीसीआई ने नए दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। हालांकि काउंसिल ने ये भी कहा कि कॉलेज खुलने के बाद संस्थान चाहें तो जिस वर्ष से स्टूडेंट्स को प्रमोट किया गया है उसके लिए अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा करा सकते हैं, लेकिन एक निश्चित समय के अंदर।
अगर कोई स्टूडेंट उस परीक्षा में सफल नहीं हो पाता है, तो उसे डिग्री पूरी होने तक एक और मौका दिया जाएगा। परीक्षा क्लीयर करने के बाद ही डिग्री दी जाएगी। तीन या पांच साल का एलएलबी (LLB) कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स को ऑनलाइन एग्जाम में भी शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
फाइनल ईयर की परीक्षा कैसे होगी
फाइनल ईयर के लिए संबंधित संस्थान/विश्ववद्यालय परीक्षा कराने के अन्य उचित व मान्य तरीके अपना सकते हैं। उस साल के लिए सेमेस्टर एग्जाम्स के इंटर्नल के मार्क्स दोगुने किए जा सकते हैं, या फिर हर पेपर के लिए प्रोजेक्ट या रिसर्च रिपोर्ट बनाने के लिए कहा जा सकता है।
जुलाई से शुरू हो रहा है बैच।
यूनिवर्सिटीज को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा के आयोजन में उच्च शैक्षणिक स्तर का ख्याल रखा जाना चाहिए। साथ ही स्टूडेंट्स की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
मानव संसाधन मंत्रालय ने माँगा सुझाव, घटेंगे स्कूल व कॉलेज के सिलेब
दरभंगा/नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों और कॉलेज के इस साल के सिलेबस को 25 से 30 फीसदी कम करने पर विचार कर रहा हैं। इसके साथ ही 2020 से 2021 से साल के लिए स्टूडेंट की क्लासेस के घण्टे भी कम हो जाएंगे।
हालांकि इसपर अंतिम निर्णय जल्द लिया जायेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि छात्रों और अभिभावकों की ओर से उन्हें इस बारे में काफी सुझाव मिले हैं। ये लोग कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन को देखते हुए स्कूली कक्षाओं के पाठ्यक्रम को कम करने और ‘इंस्ट्रक्शनल आवर’ को घटाने की मांग कर रहे हैं।
डॉ निशंक ने ट्वीट कर कहा, ‘सभी शिक्षक और शिक्षाविद् अपनी राय से अवगत कराएं और मेरे फेसबुक पेज या ट्वीटर पर या मंत्रालय के हैश टैग सिलेबस फ़ॉर स्टूडेंट्स 2020 पर अपने सुझाव पेश करें ताकि इस बारे में कोई अंतिम निर्णय लिया जा सके।
गौरतलब है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और एडुकेशन मिनिस्टर मनीष सिसोदिया ने पहले निशंक को लेटर लिख कर 25 फीसदी सलेब्स घटाने की मांग कर चुके है वही सोमवार को राज्यों के शिक्षा सचिवों की स्कूल खोलने और परीक्षा आयोजित करने के बारे में बैठक हुई थी जिसमे कई राज्यों के सचिवों के तरफ से ये मांग रखी गई थी।।
इधर इसके अलावा जो सबसे बड़ा मुख्य मुद्दा था कि स्कूल रीओपन कब और कैसे किया जाएगा। जिसपर मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार राज्यों ने अलग अलग चरणों में कक्षाओं, अटेंडेंस रजिस्टर की अनिवार्यता हटाने, विद्यार्थियों को एक एक दिन छोड़कर बुलाने और किसी आकस्मिक स्थिति से बचने के लिए शिथिल कार्ययोजना का सुझाव दिया है।
जिसके बाद एमएचआरडी मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सारे सुझावों को गृह मंत्रालय भेजा गया ताकि वह स्कूल खोलने तथा परीक्षा के बारे में निर्देश और नियमावली बनाये।
मुरारी ठाकुर