प्लास्टिक मुक्त नवादा के लिए डीएम ने रवाना किया जागरूकता रथ
नवादा : जिले को प्लास्टिक मुक्त बनाने को लेकर डीएम कौशल कुमार ने शनिवार को जारूकता रथ को रवाना किया। समाहरणालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किये गये जागरूकता रथ शहर के सभी गली मुहल्लों व शहर के प्रमुख मार्गो का भ्रमण कर लोगों को प्लास्टिक मुक्त नवादा बनाने के लिए प्रेरित करेगा।
जागरूकता रथ रवाना करने के पश्चात डीएम श्री कुमार ने कहा कि 23 दिसम्बर 2018 से प्लास्टिक के प्रयोग पर सरकार पूर्णतः रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से वायुमंडल प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि रोक लगने के बाद प्रशासन प्लास्टिक प्रयोग करने वाले पर कार्रवाई कर रही है। इसके लिए नगर परिषद के द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है।
जुर्माना की राशि भी वसूल की जा रही है। लेकिन कार्रवाई के साथ-साथ लोगों को जागरूक होना भी जरूरी है। जिसके लिए जागरूकता रथ लोगों को प्लास्टिक उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित करेगी। मौके पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी देवेन्द्र सुमन तथा डीपीआरओ सहित कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
घर व खलीहान में लगी आग लाखों की संपत्ति राख
नवादा : जिले के नारदीगंज थाना क्षेत्र के इचुआ पंचायत की अनारपुर गांव समेत कई गांव में लगी भीषण आग लाखों की संपत्ति जलकर राख हों गई। ग्रमीण पिन्टू चौधरी, अशोक सिंह, बिरेन्द्र प्रसाद, कैलास चौधरी, भोला महतो समेत लोगों के सहयोग से अनारपुर में शुक्रवार की दोपहर 1 बजे दशरथ माहतो, पुनदेव महतो, भेला महतो, ब्रहमदेव महतो के घर में आग लगी। लोग आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लेकिन आग की तेज लप्टे व पछुवा हवा तेज होने के कारण देखते ही देखते चार घरों में आग लग गयी। घर में रखे लाखें का समान जलकर राख हो गया। वही घर के बगल में नेवारी का था, वह भी जल गया। सीओ कुमार विमल प्रकाश को जानकारी होते ही दमकल भेजा गया। तबतक समान जलकर राख हो गया था। वही पेश पंचायत के धनियावां निवासी मारो राजवंशी व बहोरी बिगहा निवासी।ब्रहमदेव यादव के खलीहान में रखे पुंज में आग लग गयी। ग्रामीणें के सहयोग से आग पर काबू पाया गया। सीओ के पास आवेदन देकर मुआवजा देने की मांग किया है।
वर्षा जल संरक्षण के लिए चैकडैम का होगा निर्माण
नवादा : जल संकट से जूझ रहे नवादा जिले में वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए इस बार चैकडैम व नए तालाब बनाने का निर्देश दिया गया है। इस बाबत डीएम ने सभी मनरेगा पीओ से इलाके में जमीन चिह्नित करने को कहा है। डीआरडीए से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में कुछ जगहों पर चैकडैम बनाने के लिए जमीन चिह्नित भी कर लिए गए हैं। जिले के पहाड़ी इलाकों में ये चैकडैम बनाए जाएंगे। इस पर आने वाले खर्च का वहन मनरेगा मद से होगा। जिले के पहाड़ी इलाके कौआकोल, सिरदला, गोविदपुर व रजौली में चैकडैम बनाने के लिए पीओ के स्तर से जमीन चिह्नित किया गया है।
चैकडैम बनाने के लिए करीब 12 जगहों पर जमीन देखी गई है। चूंकि अभी लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लगी हुई है। लिहाजा, अधिकारियों का कहना है कि 23 मई को चुनाव परिणाम के बाद चैकडैम की योजना पर जमीनी स्तर से काम शुरू होगा।
मनरेगा से बनने वाले इन चैकडैम के जरिए पहाड़ी ढ़लानों से नीचे आने वाली बारिश की पानी को जमा किया जाएगा। जिसका बाद में खेती या मवेशियों के पीने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इसके साथ ही वर्षात को लेकर मनरेगा मद से निजी जमीन पर तालाब भी बनाया जाएगा। इसके लिए भी आदेश दिया गया है। भू-स्वामी तालाब के लिए पीओ अथवा ग्राम सभा में आवेदन कर सकते हैं। निजी तालाब की योजना में लाभुक को नियमानुसार मजदूरी भी दी जाएगी।
चाइनीज फूजी सेब से खराब हो रही लोग की सेहत
नवादा : जिले में रमजान का त्योहार चल रहा है। आम तौर पर अन्य त्योहारों की अपेक्षा रमजान में फलों की मांग में जबरदस्त वृद्धि होती है। ऐसे में हर कोई अधिक से अधिक फलों की बिक्री करना चाहता है। लेकिन जिले के बाजारों में प्रतिबंधित चाइनीज फूजी सेब की बिक्री होने से रोजेदारों की सेहत खराब हो रही है। प्रतिदिन जिले में करीब दो टन से अधिक प्रतिबंधित सेब की बिक्री की जा रही है। लेकिन प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।
आश्चर्य तो यह कि चाइनीज सेब के देसी सेब से महंगा होने के बावजूद इसकी बिक्री जोरों पर हैं। देसी सेब जहां बाजार में 100 से 150 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है तो दूसरी ओर चाइनीज सेब की कीमत 200 से लेकर 250 रुपये प्रति किलो है। जिस प्रकार विदेशी खजूर का कारोबार जोरों पर है उसी प्रकार चाइनीज सेब की मांग भी है। संपन्न रोजेदारों द्वारा इसकी जमकर खरीदारी की जा रही है। कारण स्पष्ट है इसकी पैकिग इतनी आकर्षक होती है कि लोग न चाहकर भी इनके जाल में फंस जाते हैं। यही कारण है कि कारोबारी इसकी बिक्री में अधिक रूचि ले रहे हैं। जबकि भारत सरकार के साथ ही खुद चीन सरकार ने इसकी बिक्री को प्रतिबंधित कर रखा है।
क्या कारण है प्रतिबंध लगाने का
भारत सरकार ने इससे होने वाली हानि को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा रखा है। इस पर प्रतिबंध की जानकारी बहुत कम लोगों को होने के कारण इसकी खरीदारी से किसी को परहेज भले ही न हो लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बताया जाता है कि इन सेब को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला केमिकल जिसे उरबासिड या टूसेट के नाम से जाना जता है, वह त्वचा पर चकते पैदा कर सकता है। इसे चीन सरकार ने भी अपने देश में बिक्री के लिए प्रतिबंधित कर रखा है। यह सेहत के लिए काफी हानिकारक माना जाता है। लेकिन जानकारी के अभाव में न केवल इसकी बिक्री की जा रही है, बल्कि खरीदारी भी हो रही है। ऐसे में अनजान लोग पैसे लगाकर भी अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
कालाबाजारी कर लाया जाता है सेब
इस प्रकार के चाइनीज सेब कालाबाजारी के जरिए यहां लाया जा रहा है। जिले के बाजारों में इसने अपना अधिपत्य जमा रखा है। वैसे सेब कई बीमारियों के लिए रामबाण औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। जबकि चायना का फूजी सेब लोगों के सेहत से खिलवाड़ कर रहा है।
कहते हैं अधिकारी
चाइनीज फूजी सेब प्रतिबंधित है इसकी जानकारी नहीं है। बावजूद अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जानकारी लेकर थोक व खुदरा विक्रेता के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी, अनु कुमार, सदर एसडीएम, नवादा।
डीएम ने की नल-जल सहित कई योजनाओं की समीक्षा
नवादा : जिलाधिकारी कौशल कुमार ने पकरीबरांवा प्रखंड कार्यालय में मैराथन बैठक कर सात निश्चय सहित अन्य कई योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान पदाधिकारियों, कर्मियों व जनप्रतिनिधियों से योजनाओं की स्थिति के बारे में जाना। प्रखंड के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर पेयजल की समस्या के बारे में जाना। इस दौरान उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों से कहा कि सबसे पहले जहां कहीं ट्यूबेल खराब है, पहले उसकी मरम्मत करवाई जाए। जिस वार्ड में राशि है उस वार्ड में नल-जल के कार्य में तेजी लाएं। डीएम ने पंचायत सचिवों के साथ भी बैठक कर उनके इलाके में नल जल की स्थिति का फिडबैक लिया।
उन्होंने कहा कि जिस भी वार्ड में राशि हस्तांतरित हो गई है, वहां कनीय अभियंता से सहयोग लेकर कार्यों में तेजी लाएं। जिस वार्ड में राशि की जरूरत है वैसे वार्डों में गली-नाली की राशि से इसे पूर्ण किया जाए। प्राथमिकता में फिलहाल पेयजल किल्लत को दूर करना है। इस कार्य में मुखिया का भी सहयोग लें।
मनरेगा व आवास योजना की भी समीक्षा
जिलाधिकारी ने मनरेगा व इंदिरा आवास कर्मियों के साथ भी बैठक किया। इस दौरान मनरेगा व इंदिरा आवास के कार्यों की समीक्षा की गई। वे मनरेगा कार्यों से काफी असंतुष्ट दिखे। मौके पर ही पीओ जितेंद्र कुमार तथा पीआरएस को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि सभी कार्यों को समय सीमा के अंदर पूर्ण कराएं अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें। जैसे भी हो सभी लंबित कार्यों में तेजी लाएं। वहीं इंदिरा आवास सहायकों की भी क्लास लेते हुए कहा कि क्षेत्र भ्रमण कर कार्यों की स्थलीय जांच कराएं। बीडीओ एवं सचिव को लगाई फटकार
प्रखंड के ड़मरावां, धेवधा, ज्यूरी आदि पंचायत के लोगों ने जिलाधिकारी कौशल कुमार को जलसंकट से अवगत कराया। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में पीने का पानी के लिए हाहाकार मचा है। दो-दो किलोमीटर दूर से जाकर पानी लाना पड़ता है। बुधौली पंचायत की विशनपुर गांव के वार्ड दो के वार्ड सदस्य राजेश कुमार ने बीडीओ डॉ. अखिलेश कुमार एवं पंचायत सचिव पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि विशनपुर गांव आधा एक नंबर में तथा शेष दो नंबर वार्ड में पड़ता है। बीडीओ और पंचायत सचिव वार्ड एक के सदस्य नरेश यादव की मिली भगत से दो-दो बोरिग करवा दिया।
इन दोनों वार्डों में तीन-तीन टोले है। एक नंबर में आधा गांव विशनपुर के आलावे तरहरा तथा तारा बीघा है। वहीं वार्ड दो में आधा गांव विशनपुर के आलावा दिऔरा, रजवरिया तथा पकरिया डीह गांव है। बीडीओ तथा पंचायत सचिव एक राजनीतिक के तहत वार्ड एक में चार-चार बोरिग तो दो नंबर वार्ड में मात्र दो ही बोरिग करवाना चाह रहे हैं।
वार्ड नंबर दो का विशनपुर लगभग 85 घर की बस्ती है जिसे नल-जल से दूर रखा गया है। गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इस गांव का सर्वे भी वर्ष 2017 में हो चुका है। बावजूद भी बीडीओ और पंचायत सचिव मनमानी कर रहे हैं। शिकायत पर गंभीर हुए डीएम ने बीडीओ, सीओ तथा पंचायत सचिव को कड़ी फटकार लगाते हुए शिकायत दूर करने का निर्देश दिया।
मौके पर उपविकास आयुक्त सावन कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, पकरीबरावां एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा, पकरीबरावां दक्षणि पंचायत मुखिया तेतरी देवी,गुलनी मुखिया मनोज चौरसिया, धेवधा मुखिया भोला राजवंशी,एरुरी के कृष्णनंदन प्रसाद, कबला मुखिया प्रतिनिधि अरविद कुमार, ड़मरावां के मुकेश सिंह, दक्षणि पंचायत की लक्ष्मण चौहान, उत्तरी पंचायत की अनिल यादव सहित कई अन्य मौजूद थे।
आरटीई के तहत मूल पंजी में ही नामांकन : डीएम
नवादा : कलेक्ट्रेट में शिक्षा विभाग की बैठक हुई। इस दौरान शिक्षा का अधिकार अधिनियम(आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों के नामांकन की समीक्षा की गई। योजना के मुताबिक निजी विद्यालयों में कोटा के तहत कुल छात्रों की संख्या का 25 फीसदी नामांकन गरीब बच्चों का होना है। यह नामांकन मुफ्त में लिया जाता है। पूरे वर्ष बच्चे की पढ़ाई-लिखाई बिल्कुल मुफ्त में करानी होती है।
जिला पदाधिकारी कौशल कुमार ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र से पास हुए बच्चों का नामांकन पहली कक्षा में उनके पोषक क्षेत्र में आने वाले निजी स्कूलों में कराया जाए। इसके लिए पूर्व से ही आदेश दिया हुआ है। आंगनबाड़ी केंद्र के जरिए कक्षा 1 में नामांकन के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा करने को कहा गया।
उन्होंने कहा कि इन बच्चों का नामांकन निजी स्कूलों की मूल पंजी में किया जाए ना कि अलग से किसी रजिस्टर में। ऐसा पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। सामान्य बच्चों की तरह ही गरीब बच्चों को भी स्कूल में बेहतर पढ़ाई देने को कहा। समीक्षा में पाया गया कि अभी तक जिले में 2290 छात्रों का नामांकन हुआ है।
नवादा शहर में सर्वाधिक 1146 गरीब बच्चों का नामांकन विभिन्न निजी विद्यालयों में कराया गया है। संभाग प्रभारी अरूण कुमार वर्मा ने बताया कि इस साल जिले में 3075 बच्चों का नामांकन लेने का लक्ष्य रखा गया था। उन्होंने बताया कि अब तक जिला में प्रदर्शन अच्छा रहा है। नवादा शहर में और अधिक नामांकन हो इसके लिए विशेष अभियान चलाकर लक्ष्य से अधिक गरीब बच्चों का नामांकन कराया जाएगा। इसके लिए विशेष ध्यान देने की बात अरूण वर्मा ने कही। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेश चौधरी, बीईओ, सभी परियोजना की सीडीपीओ, संकुल समन्वयक समन्वयक आदि उपस्थित थे।
थम नहीं रहा तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने की आवृत्ति
नवादा : जिले में थम नहीं रहा तेज आवाज में लाउड्स्पीकर व डीजे बजने का चलन। ध्वनी प्रदूषण के नियमों की उड़ रही है धज्जियां। प्रशासन द्वारा प्रभावी रोक के अभाव में ईलाके में डीजे बजाने पर लगा प्रतिबंध पूरी तरह बेअसर हो रही है। इतना ही नहीं शादी एवं अन्य मांगलिक कार्यों के बहाने रात-रात भर जोर शोर से लाउडस्पीकरों का परिचालन भी बदस्तूर जारी है।
आजकल तो भगवान भी बिना माईक्रोफोन और लाउड्स्पीकरों के लोगों की प्रार्थनाऐं नहीं सुन रहे हैं। तभी तो मंदिरों में आरती और पूजा पाठ के नाम पर, मस्जिदों में अजान और नवाज के नाम पर, सत्यनारायण भगवान के पूजा के नाम, नवाह संकीर्त्तन और अष्टयाम के नाम पर जोर जोर से कानफाड़ू आवाज में लाउडस्पीकर बजाने की परंपरा बढ़ती जा रही है।
समय अब पहले वाला रहा नहीं। पिछली वाला लाउडस्पीकर अब होता नहीं है। बदलते समय और टेक्नोलॉजी के तरक्की के सहारे अब ऐसे-ऐसे साउण्ड सिस्टम बाजार में मिल रहे हैं जो लोगों के दिलों की धड़कन तक को बढ़ा देते हैं। इसको लेकर गाहे-बगाहे हादसे भी होते रहे है। निर्धारित डेसिबल से उपर के आवाज में सांउड सिस्टम को बजाने पर पाबंदी है।
रात्रि दस बजे के बाद इसे बजाना प्रतिबंधित है। विद्यालयों एवं अस्पतालों के इर्द गिर्द, नो हार्न जोन में इसे बजाने पर पाबंदी है। यहां तक की वाहनों में प्रेशर हार्न लगाना भी प्रतिबंधित है। परंतु इसकी परवाह किसे है ? इसके कारण बच्चों की पढ़ाई वाधित होती है। मरीजों को परेशानी होती है। आकस्मिक स्थिति में लोगों तक सहायता नहीं पहुंच पाती है। परंतु कानून के रखवालों को इन फालतू कार्यों के लिए समय होता नहीं है।
अगल बगल के आवाज से स्वयं पीड़ित रहने के बावजूद उन्हें किसी शिकायत कर्त्ता की तलाश रहती है। कभी कभार अगर कुछ कारर्वाई हो भी पाती है तो बिल्कुल अनमनस्य ढ़ंग से। गोया कि शिकायत कर्त्ता पर या तो एहसान या फिर उपकृत कर रहे हैं ।
जब शराब पीने वालों को खोजकर पुलिस पकड़ रही है तो सरेआम डीजे अथवा लाउडस्पीकर बजाकर ध्वनी प्रदूषण का उल्लंघन करने वालों के साथ नरमी क्यों ?
गर्मी के मौसम में बिजली विभाग ने बदला अपना रंग
नवादा : जिले के अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के फीडरों में बिजली की आंख मिचौनी का खेल बदस्तूर जारी है। अधिकतर पिक आवर में ही प्रतिदिन बिजली का कटना एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है।इससे एक ओर बच्चों का पठन-पाठन बाधित हो रहा है तो दूसरी ओर माह-ए-रमजान में रोजेदारों को इफ्तार और तराबी की नमाज अदा करने में कठिनाई हो रही है।
विगत वर्ष पिक आवर में जब भी बिजली कटती थी तो विद्युत विभाग के पदाधिकारियों से पूछे जाने पर जंफर जलने या तार गिरने के साथ-साथ शट डाउन और ब्रेकडाउन की बात बताई जाती थी। अब तो पदाधिकारियों को और आसान हो गया है।इस बार पदाधिकारी सीधे यह जवाब देते हैं कि पावर कम है और गेहूं की कटाई चल रही है। अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र सहित देहाती क्षेत्रों के सभी फीडरों के उपभोक्ता बेतरह परेशान हैं।लोग बिजली के आँख मिचौनी से काफी बड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
बिजली के कटने से रोजेदारों को काफी ज्यादा समस्या उठानी पड़ रही है। बिजली ठप होने से रमजान के महीने में इबादत से लेकर अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के संपादन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
कई उपभोक्ताओं ने बताया कि इस संबंध में कई बार विद्युत विभाग के पदाधिकारियों से शिकायतें की गयी है। बावजूद बिजली कटौती से निजात नहीं मिल पा रहा है। इस कारण शहरी क्षेत्र के लोगों को दिन में भीषण गर्मी में दिन काटने की विवशता है।
भारतीय जनता पार्टी अति पिछड़ा मोर्चा प्रखंड अध्यक्ष सुधीर कुमार ने बताया कि बाजार वासी से शहरी क्षेत्र का बिजली बिल लिया जाता है परंतु इसकी सुविधा विभाग द्वारा अबतक उपलब्ध नहीं करायी जा रही है।