11 मई : अररिया की मुख्य ख़बरें

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अररिया की मुख्य ख़बरें

जाम से कराह रहा अररिया शहर का मुख्य बाजार

अररिया : अररिया मेन टाऊन में छोटी गाड़ियों के लिए पार्किंग की सुविधा नहीं होना। ऑटो, ई-रिक्शा का कोई स्थायी स्टैंड नहीं होने के साथ-साथ अतिक्रमण के कारण मुख्य बाज़ार हमेशा जाम की चपेट में रहता है।

थाना मोड़ से अस्पताल चौक, चांदनी चौक से हटिया रोड होते नदी किनारे जाने वाली मार्ग और शहर की ह्रदयस्थली चांदनी चौक पर अतिक्रमण के कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। यह सब जानते हुए भी प्रशासन इसकी अनदेखी कर रही है और शहर में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं कर रही है। हालांकि चांदनी चौक पर चौकीदार तो बस स्टैंड ओवरब्रिज के पास होमगार्ड जवानों के सहारे ट्रैफिक नियंत्रण का प्रयास किया जा रहा है। बावजूद लोगों को जाम की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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मुख्य बाजार की सड़कों पर हर जगह वाहनों की पार्किंग, बड़े-छोटे वाहनों का बाजार में आना-जाना, लगातार दो दोपहिया, चार पहिया व ई रिक्शा ने जाम की समस्या को और बढ़ा दिया है।

जाम से स्थायी दुकानदारों को होती है दिक्कत

चांदनी चौक सहित हटिया रोड में हर दिन जाम रहने से स्थायी दुकानदारों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्टेशनरी दुकानदार तौकीरूल हक ने कहा कि अतिक्रमण व जाम के कारण ग्राहकों को दुकान आने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसका सीधा असर बिक्री पर पड़ता है। किराना व्यवसायी विक्रम जायसवाल ने कहा कि सड़क पर अस्थायी रूप से दुकान लगाने के कारण इस रोड में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं जूता-चप्पल व्यवसायी मो. अयाज आलम उर्फ रिंकू का कहना था कि चौक पर बैरिकेटिंग लगने के बाद भी इस रोड में बड़े छोटे वाहनों का प्रवेश भी जाम की मुख्य वजह है। पान दुकानदार मो. नदीम ने चौक पर लगने वाली ई रिक्शा, आइसक्रीम का ठेला सहित अन्य फ़ास्ट फुडस की अस्थायी दुकानों को जाम होने का कारण बताया। कहा कि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके।

हटाया जाता रहा है अतिक्रमण

नगर परिषद प्रशासन व पुलिस संयुक्त रूप से गाहे बगाहे अभियान चला कर सड़क किनारे बसे अस्थायी दुकान बना कर अतिक्रमण हटाने का काम करती है। तत्कालीन एसडीओ प्रशांत कुमार ने मुख्य मार्गों पर बेतरतीब तरीके से वाहन लगाने वालों के खिलाफ कार्यवाई शुरू की थी। दर्जनों वाहनों को सड़क किनारे से उठा कर थाने लाया गया था फिर वहा फाइन देने के बाद वाहन को छोड़ा गया था। कुछ दिनों तक इसका असर भी दिख रहा था लेकिन धीरे-धीरे पहलेवाली स्थिति बनी हुवी है। सबसे बड़ी समस्या हटिया रोड की है यहां दुकान के आगे दुकान लगाने या यूं कहें लगवाले की परंपरा राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। चौक पर अवरोधक लगने के बाद भी वाहनों के प्रवेश को रोकने टोकने वाला कोई नही है। लिहाजा हर दिन जाम से कराह रहा है अररिया शहर।

आवास सहायकों से माँगा शोकॉज

अररिया : प्रखंड मुख्यालय स्थित सभा भवन में ग्रामीण आवास सहायकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता बीडीओ अविनाश झा ने की। बैठक में 2016-17 व 2017-18 के प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के द्वितीय कि़स्त, तृतीय कि़स्त व हाउस कंप्लीट की समीक्षा की गई। इस क्रम में बीडीओ ने बारी-बारी सभी पंचायतों के आवास सहायकों से पीएम आवास योजना के प्रगति की समीक्षा की गई। इस क्रम में बैठक से अनुपस्थित तीन आवास सहायकों से शोकॉज माँगा गया। बैठक में बीडीओ ने कम परफॉरमेंस वाली पंचायतों के आवास सहायक को कड़ी फटकार लगाते हुए एक सप्ताह के भीतर कार्य में अपेक्षित प्रगति लाने का निर्देश दिए। इस क्रम में बीडीओ ने दो दिनों के भीतर वर्ष 2016-17 तथा 2017-18 का चयन सूची, योजना पंजी कार्यालय में समर्पित करने का निर्देश दिए। बैठक में जीपीएस अशोक झा, आवास पर्यवेक्षक अशोक कुमार पासवान, प्रखंड कार्यपालक सहायक रुपेश कुमार, मो. दिलशाद, चंदन कुमार पासवान, फैज़ान रेजा फैज, शोएब आलम, शंभू राम, विवेक कुमार विमल, मुस्तफीज आज़ाद, प्रमोद पासवान, ज्योतिष प्रकाश आदि मौजूद थे।

मेंटेनेंस मांगने पर पत्नी को मारपीट कर घर से निकाला

अररिया : पलासी प्रखंड अन्तर्गत पलासी थाना क्षेत्र के बरहट गांव में पति द्वारा दूसरी शादी रचाने तथा भरण पोषण का खर्चा मांगने पर पति व सौतन ने मारपीट कर जख्मी करते हुए बच्चा सहित पत्नी को घर से निकाला।

इस घटना के बाबत पहली पत्नी बीबी नजहत ने पलासी थाना में पति मो मोहिद सौतन बीबी चांदनी के अलावा बीबी मुस्तरी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराती हुई न्याय की गुहार लगाई है। घटना पांच अप्रैल की तथा थाना में विलंब से सूचना देने का प्रावधान पंचायती होने का उल्लेख किया गया है।

दर्ज मामले में उल्लेख किया गया है कि उनके पति दूसरी शादी रचा ली है। जिस कारण उनके दाम्पत्य जीवन में खटास आ गया है। साथ ही उनके तथा संतान के भरण पोषण की बात को लेकर पति पत्नी में बराबर विवाद होता है। इसी बात को लेकर घटना तिथि को नामजद तीनों ने मारपीट की तथा मारपीट के दौरान वह बुरी तरह से जख्मी हो गयी। इस घटना से आक्रोशित होकर मेरे पति ने मुझे तथा बच्चे को घर से निकाल दिया। इसकी सूचना पर मेरे पिता मो जुनैद ने पंचायती भी करायी लेकिन मेरे ने पति पंचायती का विरोध किया। थानेदार ओमप्रकाश ने कहा कि पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।

रानीगंज में अवैध खनन से महादलित बस्ती पर मंडराया रहा खतरा

अररिया : रानिगंज अंतर्गत पचीरा पंचायत में हो रहे अवैध खनन से कई घनी आबादी वाले बस्ती में संभावित बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कुछ बस्तियों का तो यह हाल है कि घर से निकलने तक का रास्ता नहीं है। गांव के चारों तरफ पोखर और बालू ही बालू नजर आता है। महादलित बस्ती का जायजा लिया गया तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आया।

इस बस्ती के लोग एक अनजाने खौफ के साए में जी रहे हैं। अवैध खनन के चलते पचीरा पंचायत के वार्ड संख्या दस महादलित टोला में संभावित बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बस्ती के आस-पास गड्डा बना हुआ और बस्ती बालू के ढेर पर बसा है। नदी में पानी बढ़ने पर बस्ती पर संकट में बढ़  जाएगा। वहीं बालू का अवैध खनन के चलते यह महादलित बस्ती सिकुड़ गई है। महादलित समुदाय के लोगों को कटाव का भया सता रहा है और अपने घरों को तोड़ तोड़कर आगे बढ़ रहे हैं। परंतु कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा स्थिति पर गौर करें तो महादलित टोला के लोग पश्चिम दिशा में अपने पूर्वजों के पुराने अस्तित्व को छोड़ कर पूरब दिशा में कजरा धार के बिल्कुल पास बस गए हैं। एक तो पहले से बस्ती के पूरब व दक्षिण दिशा में बहने वाली कजरा धार बरसात के दिनों में अपने विकराल रूप से महादलितों को डराती रही थी। अब पश्चिम व उत्तर दिशा में बालू के अवैध खनन से जानलेवा कुंड बन गया है। इसमें पानी होने के कारण इस महादलित टोला के लोगों को चारों तरफ से संभावित बाढ़ व जान का खतरा बना है। स्थानीय लोग बताते है कि कुछ दशक पूर्व जागेश्वर ऋषिदेव, नागो ऋषिदेव व गीरानंद ऋषिदेव पचीरा की इस विरान परती पर अपना आशियाना बसाया था। चारों तरफ खाली मैदान में बालू के बंजर भूमि पर तीनों ने विपरीत परिस्थिति में भी अपने अस्तित्व को बचाये रखा। समय के साथ तीन परिवार बढ़ते-बढ़ते करीब सौ परिवार हो गया है। इस टोला की आबादी लगभग एक हजार हो गयी है। पिछले कुछ वर्षों से इन परिवार को आवास योजना का लाभ मिल है। टोला में बिजली भी है। घरों के समीप शौचालय भी बनवा लिए। मेहनत मजदूरी कर अपने जीविका चला रहे हैं। लेकिन बालू का अवैध खनन इसी तरह होता रहा तो आने वाले कुछ सालों में इस महादलित टोला का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

संजीव कुमार झा

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