मिथिला के विद्वानों ने काशी में बटोरी प्रशंसा
दरभंगा : सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में आयोजित अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सम्मेलन में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के तीन विद्वानों ने अपनी विद्वता के बल पर वहां खूब प्रशंसा बटोरी। विद्वानों की अद्भुत शास्त्रीय प्रस्तुति ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि मिथिला की पाण्डित्य परम्परा न सिर्फ अभी भी सुरक्षित है बल्कि उसमें और अधिक मजबूती आयी है। इस शास्त्रार्थ सम्मेलन में बिहार, उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र आदि कई राज्यों के विशिष्ट विद्वानों के साथ साथ कई वरिष्ठ छात्रों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। इसके अलावा शास्त्रार्थ सम्मेलन में पं. राम यतन शुक्ल, पं. वशिष्ठ त्रिपाठी, प. रेवा प्रसाद द्विवेदी, पं. शिवजी उपाध्याय समेत वाराणसी के कई प्राचीन और विशिष्ट विद्वानों की उपस्थिति भी कार्यक्रम की महत्ता को और बढ़ा गया।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि वाराणसी में 9 से 11 मार्च तक शास्त्रार्थ सम्मेलन आयोजित था। बता दें कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के अनुरोध पर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति द्वारा अनुशंसित विद्वानों में स्नातकोत्तर व्याकरण विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर शशिनाथ झा, स्नातकोत्तर व्याकरण विभाग के ही प्रोफेसर सुरेश्वर झा, स्नातकोत्तर वेद विभाग के प्रोफेसर विद्येश्वर झा ने इस अखिल भारतीय शास्त्रार्थ सम्मेलन में भाग लिया। प्रो. शशिनाथ झा ने माहेश्वर सूत्र ‘ऋलृक्’ सूत्र पर, प्रो. सुरेश्वर झा ने पाणिनीय सूत्र ‘पूर्वत्रा सिद्धम्’ सूत्र पर और प्रो. विद्येश्वर झा ने निरुक्त के आधार पर ‘देवतास्वरूपविमर्श’ इस विषय पर प्रमाणपुरःसर शास्त्रार्थ प्रस्तुत किया। इसी क्रम में शास्त्रार्थ सम्मेलन में उपस्थित विद्वानों द्वारा की गई जिज्ञासाओं का तर्कपूर्ण समाधान भी इन विद्वानों द्वारा किया गया।
सम्पूर्ण कार्यक्रम में मुख्य आयोजक सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के शास्त्रार्थ प्रेमी कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ल, कार्यक्रम के संयोजक और वेदान्त विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राम किशोर त्रिपाठी की सक्रिय उपस्थिति प्रशंसनीय रही। इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के कुलपति प्रो. मुरलीधर शर्मा की भी उपस्थिति रही। कुलपति प्रो. शुक्ल ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रति बार-बार अपना आभार प्रकट किया।
आज से एनएसएस का तीन दिवसीय कार्यक्रम
दरभंगा : भारतीय स्वच्छता कार्यक्रम के तहत संस्कृत विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर इकाई, शिक्षा शास्त्र इकाई, रामेश्वरी लता संस्कृत कालेज, दरभंगा एवं राजकीय संस्कृत कालेज, पटना के स्वयं सेवक संयुक्त रूप से भाग लेंगे। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि 12 मार्च को स्वच्छता कार्यक्रम के दौरान श्याम मन्दिर के तालाब की सफाई व पेंटिग प्रतियोगिता होगी। इसी तरह 13 को स्वच्छ भारत मिशन में बस स्टैंड के समीप जागरूकता अभियान चलेगा। वहीं 14 मार्च को स्किल इंडिया, महिला उत्थान व स्वच्छता पर सेमिनार व वाद विवाद प्रतियोगिता होगी। वहीं विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ सत्यवान कुमार ने सम्बन्धित सभी प्रधानाचार्यों व कार्यक्रम पदाधिकारियों से ससमय स्वयं सेवकों को उपस्थित करने का अनुरोध किया है।
ज्योतिष में दिशाओं का सूक्ष्म ज्ञान अति महत्वपूर्ण: डॉ झा
दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग द्वारा बहुउद्देशीय भवन में दिज्ञानम विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए आधार पुरुष पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ चित्रधर झा ने कहा कि ज्योतिषीय कार्यों में दिशाओं का सूक्ष्म ज्ञान बेहद मत्वपूर्ण है। पूर्वादि दिशाओं का ज्ञान किस प्रकार से होता है उसे उन्होंने बहुत ही सरल तरीके से समझाया। उन्होंने कहा कि जिसे हम व्यवहार में पूर्व दिशा कहते हैं वह स्थूल पूर्व दिशा है। सूक्ष्म पूर्व दिशा का ज्ञान वर्ष में दो ही दिन 21 मार्च व 23 सितम्बर को घड़ी यन्त्र द्वारा कर सकते हैं। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि सहायक प्रचार्य डॉ वरुण कुमार झा के मंच संचालन में हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन डॉ शिवकांत झा ने की। मौके पर प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से विभागाध्यक्ष प्रो. हरेंद्र किशोर झा, डॉ कुणाल झा, डॉ पुरेन्द्र वारीक, डॉ नन्दकिशोर चौधरी, डॉ विकास, डॉ राजेश सिंह, डॉ आलोक सिंह समेत अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
नए प्रधानाचार्य का छात्र संघ ने किया स्वागत
दरभंगा : सीएम विधी महाविद्यालय में नये प्रधानाचार्य डॉ बद्रे आलम खान का छात्र संघ ने स्वागत किया। छात्र संघ अध्यक्ष वृज मोहन सिंह ने कहा कि इनके आने से महाविद्यालय के विकास में तेजी आएगी और इनके सहयोग से जुडिशियल परिक्षा को लेकर एक विशेष कक्षा संचालित कि जाएगी। बद्रे आलम खान ने कहा कि इन सभी कार्यो में छात्र संघ को सहयोग करने का आश्वासन दिये। पुर्व कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष नवनित रंजन ने पुष्प गुच्छ से तथा राकेश शाह स्वर्णकार, संयुक्त सचिव संजय कुमार ने पाग चादर से नये प्रधानाचार्य का स्वागत किया। मौके पर प्रो डॉ सोनी सिंह, आशोक मिश्रा, पिके निरज, समशुल होदा खान, नुरुल्लाह सर, मजहरुल हक, महासचिव अमित कुमार, कौशल कुमार, सुमन कुमार, दिपक कुमार आदि सैकड़ों छात्र उपस्थित रहे।
(मुरारी ठाकुर)