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दरभंगा बिहार अपडेट

11 फ़रवरी : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

विश्वविद्यालय की 11 सदस्यीय टीम जाएगी असम

दरभंगा : मिथिला विश्वविद्यालय की 11 सदस्यीय एनएसएस की टीम सी एम कॉलेज के एनएसएस पदाधिकारी प्रो अखिलेश राठौर के नेतृत्व में असम के कोकराझार जिला स्थित सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आयोजित सात दिवसीय “राष्ट्रीय एकता शिविर” में भाग लेगी। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, नई दिल्ली के निर्देश एवं एनएसएस क्षेत्रीय निदेशालय, पटना के पत्र के आलोक में 14 से 22 फरवरी,2020 तक आयोजित उक्त शिविर में सीएम कॉलेज के गौरव कुमार राय, सुधांशु कुमार रवि तथा प्रीति कुमारी सहित विश्वविद्यालय के 5 छात्र, पांच छात्राएं तथा एक पदाधिकारी भाग लेंगे।

निर्देशानुसार चयनित स्वयंसेवक सक्रिय व अनुशासित के साथ-साथ सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के हैं,जो शिविर में शास्त्रीय,उप शास्त्रीय तथा लोकगीत,नृत्य एवं वादन में भाग लेंगे। शिविर में अनेक शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।स्वयंसेवकों को आवश्यक निर्देश देते हुए प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा कि स्वयंसेवक अपने प्रदर्शनों एवं अनुशासन से विश्वविद्यालय तथा बिहार का नाम रोशन करें।

पूर्व एनएसएस समन्वयक डॉ आरएन चौरसिया ने कहा कि शिविर में सहभागिता से स्वयंसेवकों का व्यक्तित्व विकास होगा। शिविर में छात्र अपने पारंपरिक वेशभूषा में क्षेत्रीय हस्तशिल्प तथा पोस्टर चार्ट आदि का प्रदर्शन करेंगे।

शिक्षक के सेवानिवृत पर विदाई समारोह का आयोजन

दरभंगा : कुँवर सिंह महाविद्यालय लहेरियासराय दरभंगा में कुँवर सिंह महाविद्यालय शिक्षक संध  की ओर से डॉ0 अनिल कुमार सिंह समाज शास्त्र विभागाध्यक्ष सह पूर्व महासचिव एलएन मुटा दरभंगा एवं डॉ0 शिव कुमार मिश्रा विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग लगभग 40 वर्षो के सेवा उपरान्त सेवानिवृत के पश्चात शिक्षक विदाई समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ0 मो0 रहमतुल्लाह ने की। विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रधानाचार्य डॉ0 मो0 रहमतुल्ला ने कहा के आज के दौर में इज्जत से सेवानिवृत होना एक उपलब्धि है।

डॉ0 अनिल कुमार सिंहए और डॉ0 शिव कुमार मिश्रा के सेवानिवृत होने से महाविद्यालय को बहुत वड़ी क्षति हुइ परन्तु इनके अनुभव का जो लाभ महाविद्यालय परिवार को मिला हैं  वह हमेशा  स्मरणीय रहेगा। इस मोके पर शिक्षक संध के पूर्व महासचिव डॉ0 अमरेश शांडिल्य एवं डॉ0 कन्हैया जी झा वर्तमान महासचिव एल0 एन0 मुटा ने कहा की डॉ अनिल कुमार सिंह ने अपनी पूरि जिन्दगीं शिक्षकों के हित के लिए काम किया, शिक्षक संध के अध्यक्ष डॉ0 मंजू सिंह ने कहा डॉ अनिल कुमार सिंह  शिक्षक नेता के रूप शिक्षको के समस्याओं के सफलता पूर्वक निदान की जो हमेसा  याद रखा जाएगा। इस अवसर पर डॉ0 पी0 सी0 साहए डॉ0 अनिरूद्ध कुमारए डॉ0 राकेश रंजन सिन्हा डॉ0 खालिद सज्जादए डॉ0 जय कुमार झा डॉ0 रंजना सिंह डॉ0 अभिन्न श्रीवास्तव डॉ0 नवीन कुमार  डॉ0 विनीत कुमार डॉ0 शम्भवी डॉ0 रेशिम सिखा डॉ0 अनुराधा प्रसादए डॉ0 मधु श्री डॉ0 विजय कुमार, डॉ0 प्राची मारवाहा, डॉ0 संजित कामत, डॉ0 अमित कुमार ने  अपना व्याख्यान  रखा विदाई समारोह का संचालन डॉ0 रेशिम सिखा ने की एवं धन्यावाद भाषण डॉ0 डॉ0 रंजना सिंह ने की

प्रोफेसर दिनेश कुशवाहा ने किया काव्यपाठ

दरभंगा : विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग में समकालीन हिन्दी कविता के महत्त्वपूर्ण कवि एवं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवाँ के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश कुशवाहा ने विभाग के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों से संवाद करते हुए काव्यपाठ किया। प्रोफेसर कुशवाहा ने कहा कि आज की हिन्दी कविता वही सार्थक है जो खोए शब्दार्थ की तलाश करती है। कविता छंदमुक्तता से छंदबद्धता की ओर लौट रही है।

उन्होंने ‘उजाले में आजानुबाहु’, ‘सोच लीजिए’ और ‘दशहरे पर राजा की सवारी’ जैसी अतिलोकप्रिय कविताओं का पाठ कर उपस्थित श्रोताओं की वाहवाही लूटी। दिनेश कुशवाहा ने जब कहा- “बड़बोले किसी के सगे नहीं होते वे जिस पौधे को लगाते हैं कुछ दिन बाद उसे एकबार उखाड़कर देख लेते हैं कि जड़ तो नहीं पकड़ रहा है”- तो कविता के राजनीतिक निहितार्थ अपने आप खुलने लगे। “कुनबे के कायाकल्प में लगे बड़बोले विश्व कल्याण से छोटी बात नहीं बोलते।” इन पंक्तियों का पाठ करते हुए दिनेश कुशवाहा नागार्जुन की धरती पर उन्हीं के तेवर की कविताएं परोस रहे थे। इस अवसर पर समकालीन हिन्दी कविता के चर्चित युवा कवि और दरभंगा निवासी मनोज कुमार झा ने भी अपनी कविताएं ‘यह बारिश’, ‘काया’, ‘विनय’ का पाठ किया। “सही स्थानों पर झुकने से/ मन की रीढ़ सीधी होती है/”- मनोज के इस पाठ की मुक्तकंठ से प्रशंसा की गयी।

कार्यक्रम के आरम्भ में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ० चन्द्र भानु प्रसाद सिंह ने दिनेश कुशवाहा का स्वागत करते हुए कहा कि वे नागार्जुन की परंपरा के कवि हैं, जिनकी कविता में शब्द और कर्म की एकता है। उनकी कविता आंदोलन के गर्भ से पैदा हुई हैं। विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के डॉ० विजय कुमार एवं डॉ० सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने मिथिला की परंपरा के अनुरूप पाग-चादर से प्रोफेसर दिनेश कुशवाहा का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ० विद्यानाथ झा, डॉ० कृष्ण कुमार झा, डॉ० अमरकांत कुमार, डॉ० सतीश कुमार सिंह, अखिलेश कुमार शोधप्रज्ञ पार्वती कुमारी, कृष्णा अनुराग, अभिशेक कुमार सिन्हा समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

मुरारी ठाकुर