10 फ़रवरी : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

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CET-BED के लिए नए कार्यालय का हुआ उद्घाटन

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति आवास परिसर में आज सोमवार को  बिहार बीएड प्रवेश परीक्षा 2020 के सफल और सुचारू आयोजन के लिए नए कार्यालय का उद्घाटन माननीय कुलपति, प्रो० एसके सिंह के द्वारा फीता काटकर किया गया।  साथ ही CET-BED 2020 के वेबसाइट के डैशबोर्ड का भी उद्घाटन वेबपेज पर क्लिक करके किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति, प्रो० जय गोपाल; कुलसचिव, कर्नल निशीथ कुमार राय; CET-BED 2020 के कोर कमेटी के सदस्यगण छात्र कल्याण पदाधिकारी, प्रो० रतन कुमार चौधरी, प्रो० बी० बी० एल० दास; परीक्षा नियंत्रक, डॉ० एस०के० राय एवं विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थेI कई महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे जिनमें प्रो० अरविंद कुमार झा, प्रो० प्रेम कुमार, प्रो० रहमतुल्ला, साथ ही कई विभागों के विभागाध्यक्ष एवं अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।

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उद्घाटन कार्यक्रम के पश्चात माननीय कुलपति एवं राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो० अजीत कुमार सिंह ने पत्रकारों को प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी तथा पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब भी दियाI

उद्घाटन कार्यक्रम के पश्चात नए कार्यालय में माननीय कुलपति की अध्यक्षता में कोर कमेटी की बैठक की गई जिसमें परीक्षा की प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की गईI इस बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में प्रति कुलपति, विकास पदाधिकारी, प्राचार्य सी०एम० साइंस कॉलेज, प्राचार्य एम०आर०एम० कॉलेज के साथ ही कोर कमेटी के सभी सदस्यगण उपस्थित थेI इस अवसर पर इस कार्यक्रम से जुड़े सदस्य मिर्जा रुहुल्लाह बेग, कृष्ण मुरारी के साथ अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहेI

आवेदकों से ऑनलाइन आवेदन वेबसाइट (www.bihar-cetbed-lnmu.in) पर 01.फ़रवरी 2020 से लिया जाना शुरू हो चुका है और इसकी अंतिम तिथि 02.मार्च 2020 तक निर्धारित है।  प्रवेश परीक्षा की संभावित तिथि 29 मार्च, 2020 है।

ज्ञातव्य हो कि आवेदकों को चार चरण में आवेदन करना है, प्रथम चरण में रजिस्ट्रेशन, द्वितीय चरण में व्यक्तिगत और शैक्षिक विवरण, तृतीय चरण में सेंटर का चुनाव तथा चतुर्थ चरण में परीक्षा शुल्क का भुगतान कर प्रिंट आउट लेना है जिसे अपने पास रखना है, नोडल ऑफिस कार्यालय को नहीं भेजा जाना है।

बायोटेक्नोलॉजी स्नातकोत्तर में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन पर सहमती

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित स्ववित्तपोषित स्नातकोत्तर बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सलाहकार समिति की बैठक माननीय कुलपति प्रो सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उक्त बैठक में विभिन्न एजेंडों पर विचार किया गया। सम्यक विचारोपरांत यह निर्णय लिया गया कि सत्र 2020- 22 में नामांकन हेतु विज्ञापन आमंत्रित किए जाने तथा नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन लिए जाने पर सहमति बनी।

सेमेस्टर शुल्क को 20,000 से बढ़ाकर 25000 किए जाने पर भी सहमति बनी । बैठक में छात्रों का प्रायोगिक वर्ग संचालन हेतु आवश्यक उपकरण एवं कनज्यूमेबल सामग्री की सूची एवं उस पर कुल खर्च का ब्यौरा दस दिनों के अन्दर देने हेतु समन्वयक बायोटेक्नोलॉजी को निर्देशित किया गया। विभाग में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का रेगुलराइजेशन होने तक तीन दिनों के ब्रेक के बाद सेल्फ एप्राईजल रिपोर्ट के आधार पर पुनः ग्यारह महीने की सेवा विस्तारित किए जाने का निर्णय लिया गया।

इस बैठक में प्रति कुलपति प्रो जय गोपाल, अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो रतन कुमार चौधरी , कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय , परीक्षा नियंत्रक डा एस एन राय, परीक्षा नियंत्रक ( प्रथम ) डा यू के दास , परीक्षा नियंत्रक (तृतीय) डा आनन्द मोहन मिश्रा, कोऑर्डिनेटर बायोटेक्नोलॉजी डा संजय कुमार , विभागाध्यक्ष के प्रभार में विकास पदाधिकारी प्रो के के साहू एवं संकायाध्यक्ष विज्ञान के प्रभार में प्रो पुष्पम नारायण उपस्थित थे।

डॉ काशी कांत के निधन पर शोक

दरभंगा : चन्द्रधारी मिथिला विज्ञान महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त  प्राचार्य डॉ० काशी कान्त मिश्र का रविवार को दिल्ली के वेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे लगभग 75 वर्ष के थे। उनका पार्थिव शरीर आज दरभंगा में दोनार स्थित आवास पहूँचा। जहाँ लोगों ने  श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

डॉक्टर मिश्र को रेडिएशन जेनेटिक्स एवं इकोलॉजिकल जेनेटिक्स विषय में विशेषज्ञता हासिल थी। उनके पुत्र डाँ० धिरेन्द्र कौशल मिश्र ने बताया कि उनका दाह संस्कार मंगलवार को सिमरिया में गंगा नदी के तट पर किया जाऐगा। उनके निधन पर डॉक्टर मोहन चौधरी, विधान पार्षद प्रो दिलीप चौधरी, ल० ना० मि० विश्वविद्यालय के कार्यपालक अभियंता ईं सोहन चौधरी, एम.के. काँलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो पी एन मिश्रा, सिंडिकेट सदस्य प्रो हरिनारायण सिंह, पूर्व वित्तीय सलाहकार श्री बी. एन. झा आदि ने उनके शव पर माल्यार्पण कर शोक संवेदना व्यक्त किया।

विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो सुरेंद्र कुमार सिंह, प्रतिकुलपति प्रो जय गोपाल, कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय,अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो रतन कुमार चौधरी, प्रधानाचार्य सी एम विज्ञान महाविद्यालय प्रो प्रेम कुमार प्रसाद, विभागाध्यक्ष स्नातकोत्तर जन्तु शास्त्र विभाग प्रो बी एस झा , स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग प्रो ए के  बच्चन, संकायाध्यक्ष मानविकी प्रो प्रिती झा ने उनके निधन पर  शोक संवेदना व्यक्त किया है।

सीएम कॉलेज में योगदान मेरी सुखद अनुभूति : डॉ अब्दुल

दरभंगा : जेएनयू से उर्दू में स्नातकोत्तर एवं पीएचडी उपाधि प्राप्त डॉ अब्दुल हई ने आज सीएम कॉलेज में उर्दू के सहायक प्राध्यापक के रूप में प्रधानाचार्य के समक्ष योगदान किया। ज्ञातव्य है कि गया निवासी डॉ अब्दुल भारत सरकार के उपक्रम राष्ट्रीय उर्दू भाषा परिषद् में गत 8 वर्षों से कार्यरत थे।वहां से प्रकाशित 3 मासिक पत्रिकाओं-उर्दू दुनिया,बच्चों की दुनिया तथा खवातीन दुनिया तथा त्रैमासिक फिक्र व तहक्कि पत्रिका के संपादक थे।

इन्होंने पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर की पढ़ाई अलागप्पा विश्वविद्यालय, तमिलनाडु से की है। प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने योगदान कराते हुए कहा कि डॉ अब्दुल उर्दू भाषा के आधुनिक तकनीकी के विशेषज्ञ हैं। इनके योगदान से उर्दू के छात्रों तथा उर्दू विभाग के साथ-साथ सीएम कॉलेज को भी काफी लाभ होगा।

डॉ अब्दुल ने कहा कि सी एम कॉलेज में योगदान मेरे लिए सुखद अनुभूति है। मैं पूरे तन व मन से छात्रहित तथा कॉलेजहित के लिए काम करूंगा। इस अवसर पर प्रो विश्वनाथ झा,डा अवनि रंजन सिंह,डा जिया हैदर,डा एकता श्रीवास्तव,डा आर एन चौरसिया,डा मो असदुल्ला, प्रो एहतेशामुद्दीन, बीएचयू के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो आफताब अहमद आफाकी, विपिन कुमार सिंह तथा बिंदेश्वर यादव आदि उपस्थित होकर डा अब्दुल को मुबारकबाद दी।

मिज़ोरम राज्य की संस्कृति से संबंधित डाक्यूमेंट्री फ़िल्म का प्रदर्शन

दरभंगा : राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् (रूसा) के सहयोग से संचालित “एक भारत श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत सोमवार को सी०एम० कॉलेज,दरभंगा के छात्र-छात्राएं मिजोरम की संस्कृति व विरासत से चलचित्र के माध्यम से रूबरू हुए।

मिजोरम राज्य की संस्कृति  से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भव्य प्रदर्शन किया गया।इस कार्यक्रम के माध्यम से कॉलेज के सैकड़ों छात्रों ने मिजोरम राज्य के खान-पान, रहन- सहन, पर्व-त्यौहार, शादी-विवाह आदि के विषय में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नोडल पदाधिकारी डॉ० रीता दुबे ने कहा की भोजन मानव की मूल आवश्यकता है। किसी भी प्रदेश का भोजन क्या होगा यह उस प्रदेश की भौगोलिक संरचना से तय होता है। इस बात को विस्तार से समझाते हुए उन्होंने राजस्थान, बिहार, मिज़ोरम आदि के भोजन के तुलनात्मक रूप से विद्यार्थियों के समक्ष रखा । बांस की प्रचुर उपलब्धता के कारण ही सब्जी,अचार आदि के रूप में बांस का मिज़ोरम में बहुतायत मात्रा में  प्रयोग किया जाता है। केले की उपलब्धता के कारण और प्रकृति से जुड़ाव के कारण भोजन केले के पत्त्ते पर परोसे जाते हैं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ० आर एन चौरसिया ने कहा कि सभी संस्कृति  उसके मानने वालों के लिए पूर्ण एवं श्रेष्ठ होती है। छात्र- छात्राओं को अपनी संस्कृति एवं खानपान के अलावा अन्य राज्यों के बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए, जिससे एक-दूसरे के प्रति प्रेम भाव बढ़ता है।ऐसे कार्यक्रमों से राष्ट्र की एकता को और अधिक मजबूती मिलती है। साथ ही युवाओं को एक-दूसरे को जानने एवं समझने का अच्छा मौका मिलता है।

एनएसएस पदाधिकारी प्रो अखिलेश कु० राठौर ने कहा इस तरह के कार्यक्रम से युवाओं में चरित्र का निर्माण तथा व्यक्तित्व का विकास होता है। साथ ही उसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,जिससे वे राष्ट्रनिर्माण में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। कार्यक्रम के सफल संचालन में स्वयंसेवक जयप्रकाश कुमार साहु, पुरुषोत्तम चौधरी, कुमार सौरभ, अतिका बद्र, शिवम झा, खुल्द महफूज, संध्या, नंदिनी, वरुण, अंकुश, अंश, राहुल आदि छात्रों ने अपनी अहम भूमिका निभाई।

मुरारी ठाकुर

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