10 अगस्त : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

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शिक्षा व संस्कृति के उत्थान से ही पर्यावरण की रक्षा सम्भव : वीसी

दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित 70वां वन महोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद वीसी प्रो0 सर्व नारायण झा ने कहा कि हमलोग जी तो रहे हैं ज्ञान युग में और विकास युग में लेकिन जनसंख्या वृद्धि के कारण सभी का नैतिक ह्रास हो चुका है। यही कारण है कि विकसित कहलाने की दौर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति हम लापरवाह हो गए हैं। इसी जनवृद्धि व अंधाधुंध शहरीकरण के कारण वन उजड़ते गए और जलवायु दूषित होता गया। इसलिए शिक्षा के साथ साथ संस्कृति का उत्थान किये बिना पर्यावरण की रक्षा सम्भव नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि एशिया महादेश की वजह से ही सम्पूर्ण जगत का पर्यावरण संतुलित रहता है जिसकी स्थिति खुद दयनीय हो चुकी है।

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मानव जीवन मे पेड़-पौधों की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष वीसी प्रो0 झा ने कहा कि जिसने प्रकृति से सीधा जुड़ाव रखा समाज उसे पिछड़ा समझने लगा। स्वाभाविक रूप से ऐसे में आयुर्वेद का ह्रास होने लगा तो पेड़ पौधे के औषधीय गुण से लोग दूर हो गए और उसका आदर भी घटने लगा। ऐसे में पर्यावरण का असंतुलित होना लाजिमी है। इसलिए अपनी संस्कृति को बचाइए और शिक्षा पर विशेष ध्यान दीजिए जिससे जनसंख्या नियंत्रण में रहेगी और पर्यावरण भी संतुलित रहेगा।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि वन महोत्सव को विशिष्ट अतिथि प्रोवीसी प्रो0 चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक जागरूकता अभियान की संज्ञा दी। प्रोवीसी श्री सिंह ने कहा कि भौतिकता के नाम पर हमलोग पौराणिक धार्मिक परम्पराओं को भूल गए। हमारा वन्य चीजों के प्रति दृष्टिकोण बदल गया। ऊपर से शहरीकरण की प्रवृति के कारण वन का क्षेत्रफल सिकुड़ता चला गया। आशियाना खड़ा करने के लिए जमकर पेड़ काटे जा रहे हैं। पेड़ पौधे लगाने के प्रति सभी बेहद ही उदासीन हो चुके हैं। आज पर्यावरण की ऐसी चिंतनीय स्थिति क्यों हो चुकी है इस पर हमें सोचना होगा।

इसके पूर्व प्रोक्टर प्रो0 सुरेश्वर झा, डीन प्रो0 शिवाकांत झा, एलओ डॉ नवीन कुमार झा समेत पूर्व पीटीआई मदन प्रसाद राय ने भी महोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित किया और वन की महत्ता पर सभी ने विस्तार से बताया। वन अधिकारी सुधीर कुमार कर्ण ने पूरे कैम्पस को हरा- भरा करने में विश्वविद्यालय को हर सम्भव पौधा उपलब्ध कराने का भरोसा दिया। श्री राय ने खासकर औषधीय पौधों को लगाने पर जोर दिया।

कार्यक्रम के मौके पर सुधीर कुमार मुकुल समेत सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। इसके बाद वीसी, प्रोवीसी के अलावा अन्य पदाधिकारियों ने कैम्पस में जमकर पौधे लगाए।भूसंपदा पदाधिकारी डॉ अवधेश चौधरी ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया।

एबीवीपी ने सेल्फी विथ कैंपस यूनिट का किया गठन

दरभंगा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दरभंगा नगर इकाई द्वारा पीजी डिपार्टमेंट प्रभारी आर्यन सिंह और बृजमोहन सिंह के द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम सेल्फी विथ कैंपस यूनिट का गठन किया गया।

इस अवसर पर ब्रिज मोहन सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सदैव शिक्षा जगत में व्याप्त समस्याओं को लेकर न केवल चिंतित रहती है, बल्कि इसका कैसे समाधान होगा इसको लेकर भी कार्य करती है, इस कार्यक्रम के माध्यम से संगठन का उद्देश्य है की हर परिसर के छात्रों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जोड़ना व समाज हित राष्ट्र हित मे आदर्श नागरिक बनाना, अभाविप के एजेंडे में हमेशा राष्ट्र रहा है  और किसी भी राष्ट्र के निर्माण में वहाँ के छात्रों का अहभ भूमिका होती है, स्थापना काल से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए कार्य करती आ रही है, हर परिसर इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है, देश प्रेम और जन सेवा हो शिक्षा का अंतिम परिणाम इसी दिशा में कार्य करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आगे बढ़ रही है। वही प्रभारी आर्यन सिंह ने कहा कि यह राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम छात्रों के समस्याओं को जानने का एक जरिया है, अभाविप महाविद्यालय विश्वविद्यालय के समस्याओं को लेकर सुरु से अबतक कार्य करते आ रही है, सम्पूर्ण भारत को छात्र शक्ति के माध्यम से एकता के सूत्र में बांधने का कार्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद करते हुए आ रही है, जल्द ही नरगौना परिसर की समस्याओं को हमलोग विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखेंगे।

इस अवसर पर ब्रजेश्वर कुमार ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य  मुख्य रूप से वर्ग में उपस्थिति, समाज के प्रति जागरुकता एवं परिसर में सही शैक्षणिक वातावरण कैसे हो इन सब बातों पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में प्रदेश कार्य समिति सदस्य मणिकांत ठाकुर, पिंटू भंडारी ,सुमित सिंह ने भी अपना विचार छात्रों के बीच रखे ,इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रुति कुमारी, सानिया कुमारी, हुमैरा, सौम्या, आशुतोष कुमार, संदीप कुमार, राकेश कुमार स्वर्णकार, रौशन झा, अजय कुमार, सत्य प्रकाश आदि लोग उपस्थित रहें।

पर्यावरण संरक्षण, वृक्ष लगाओ और पर्यावरण बचाओ पर संगोष्ठी

दरभंगा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एमएमटीएम महाविद्यालय में पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से वृक्ष लगाओ पर्यावरण बचाओ कार्यक्रम का संगोष्ठी आयोजित किया गया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ उदय कांत मिश्रा ने कहा कि विश्व में सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण प्रदूषण, पेड़ो का कटाव, गंदी नदियां आदि है। एबीवीपी समाज हित के कार्य अपने स्थापना काल से ही करता आया है। आज दौड़ के माध्यम से समाज में पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प, पौधारोपण करने का संकल्प, पानी का संवैधानिक इस्तेमाल करने के साथ साथ अन्य कई सामाजिक मुद्दों का संकल्प दिलाया।

वहीं इस संगोष्ठी में अपना विचार रखते हुए विभाग संगठन मंत्री श्री हेमंत मिश्रा .ने कहा कि मानव को सांस लेने के लिए साफ हवा की जरूरत होती है। आज कल के आधुनिक वैज्ञानिक युग में जैसे जैसे हम नए अविष्कारों की खोज कर रहे हैं। उसी तरह हमरा पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। पर्यावरण को साफ व स्वच्छ बनाए रखने के लिए क्षेत्र के बड़े तो नहीं वरन बच्चे मैदान में उतरकर आ रहे है। जिससे लोगों का पर्यावरण के प्रति सचेत किया जा सके। क्योंकि दूषित पर्यावरण का प्रभाव हमारे आने वाले भविष्य पर पड़ेगा, लेकिन हम थोड़े से लालच के चक्कर में कुछ भी नहीं सोच रहे है।

इस अवसर पर अभविप के  प्रदेश कार्य समिति सदस्य मणिकांत ठाकुर ने कहा कि पर्यावरण हमारे जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है आधुनिक युग में पर्यावरण कहीं लुप्त होता जा रहा है जिसका कारण है नई-नई तकनीकें नई नई फैक्ट्रियां का निर्माण इतिहास फैक्ट्रियों के निर्माण में पेड़ को काटा जाता है जिसके कारण हमारा परिवेश खतरे में पड़ रहा है आज कई जगह ऑक्सीजन की कमी हो रही है तथा सूखा पड़ रहा है जिसके कारण हमारे जीवन में कई कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है इसलिए हमें पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए कहा भी जाता है कि पर्यावरण की रक्षा हमारी जीवन की रक्षा है।

इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष केशव झा ने कहा कि पर्यावरण का पूजा हमारे संस्कृति का हिस्सा है ,जिससे हम विमुख हो रहा है, यह हमारे अस्तित्व के लिए गंभीर प्रश्न है, प्रकृति का सर्वाधिक दोहन किसी ने किया तो वो है मानव, अब हमारा यह कर्तव्य बनता है ,पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने हेतु हम अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें ताकि आने वाले जेनरेशन को प्रदूषण मुक्त वातावरण दे सकें।

इस संगोष्ठी में नगर छात्रा प्रमुख पूजा झा, बिहार प्रदेष कार्य समिति  सदस्य सुमित सिंह, पिंटू भंडारी, पूजा मिश्रा, ने अपना विचार प्रकट किए।

इस कार्यक्रम का संचालन सुमन सिंघानिया ने किया । वही इस अवसर पर महाविद्यालय इकाई गठन किया गया जिस मे अध्य्क्ष आरती कुमारी,उपद्यक्ष नंदन कुमार,Sfd प्रमुख,रोहित ठाकुर, Nss प्रमुख सीता ठाकुर,

कार्यकारणी सदस्य  रानी,  कुमारी ,राहुल कुमार ,आस्विनी कुमारी ,कौशल किशोर को मनोनीत किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप पूजा कुमारी, अभिलाषा कुमारी, सितल कुमारी, अशुतोष गौरब दर्जनों छात्र/  छात्रा उपस्थित थे।

सलाहकार समिति का नया नाम होगा प्रबंध समिति

दरभंगा : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, लना मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा का आज माननीय कुलपति महोदय प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में निदेशालय की 91वीं सलाहकार समिति की आवश्यक बैठक दोपहर 3:00 बजे कुलपति के कार्यालय कक्ष आयोजित की गयी। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सलाहकार समिति का नया नाम प्रबंधन समिति होगा तथा इसमें सदस्यों की संख्या 14 होगी। नव गठित प्रबंधन समिति में दो सदस्य अभिसद के होंगे। इस प्रस्ताव को अभिसद से अनुमोदन मिलने के पश्चात यूजीसी/डेब के निर्देशानुसार दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के नियमावली में आवश्यक संसोधन किये जायेंगे। बैठक में वित्तिय परामर्शी, मो. अमानुल हक़, कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. शीला, वित्त पदाधिकारी सुधीर कुमार, वित्त समिति के सदस्य, अरविंद सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार मेहता, निदेशक डॉ. सरदार अरविंद सिंह, सहायक निदेशक डॉ. शम्भू प्रसाद उपस्थित थे। निदेशक महोदय ने सदस्यों का स्वागत एवं सहायक निदेशक ने धन्यवादज्ञापन किया।

संस्कृत के विकास में मिल का पत्थर सिद्ध होगा 10 दिवसीय संभाषण शिविर

दरभंगा : प्रकृति द्वारा प्रदत समय हमारे लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इसका सम्मान तथा बेहतर उपयोग हमारे लिए लाभदायक है। संस्कृत के विकास के प्रति हमारी संकल्पना मात्र औपचारिक ही नहीं, बल्कि अन्तःमन से होनी चाहिए। इस दृष्टि से यह 10 दिवसीय संभाषण शिविर संस्कृत के विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगा। यदि संस्कृत का विकास नहीं होगा तो हमारी अस्मिता खतरे में पड़ जाएगी। उक्त बातें मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग तथा लोक भाषा प्रचार समिति, बिहार शाखा के संयुक्त तत्त्वावधान में स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग के सभागार में चल रहे दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर के समापन समारोह का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए कहा। उन्होंने शिविर को सफल बताते हुए इसके लिए संस्कृत के शिक्षकों तथा प्रतिदिन शिविर की खबरों को प्रमुखता देने के लिए पत्रकारों को धन्यवाद दिया। कुलपति ने कहा कि प्रशिक्षणार्थी को स्वमूल्यांकन करना चाहिए कि वे 10 दिनों में अपने उद्देश्यों में कितना सफल रहे? साथ ही आयोजकों को भी शिविर के प्रारंभ में तथा अंत में जांच परीक्षा लेकर उनके ज्ञान की वृद्धि को अवश्य जानना चाहिए।

मुख्य अतिथि के रूप में जगन्नाथपुरी से आए लोक भाषा प्रचार समिति के संस्थापक डॉ सदानंद दीक्षित ने कहा कि वैदिक काल से ही मिथिला ज्ञान-विज्ञान की भूमि रही है।यह भूमि अपनी विद्वत-परंपरा के लिए गौरवान्वित होता रहा है। संस्कृत विश्व की सर्वश्रेष्ठ तथा सुरक्षित भाषा है।इसमें मौलिक  ज्ञान विज्ञान विद्यमान है, जिसपर अनवरत शोध की जरुरत है,ताकि संस्कृत का संरक्षण व संवर्धन  होता रहे।उन्होंने कहा कि हमारे  देश में सब कुछ उपलब्ध है।सिर्फ सब लोगों में स्वाभिमान जगाने की आवश्यकता है,ताकि हमारे राष्ट्र की सुरक्षा एवं उन्नति हो सके।यदि हममें स्वाभिमान पूरी तरह जाग जाए तो हमारा देश सबसे आगे होगा। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे संस्कृत के प्रचार प्रसार के द्वारा इसे मातृभाषा  बनाएं।

इस अवसर पर लोक भाषा प्रचार समिति, नई दिल्ली  द्वारा प्रकाशित संस्कृत प्रशिक्षणम्  पुस्तक का प्रदर्शन किया गया। समारोह में डॉ कृष्णचंद्र सिंह,डॉ कमलनाथ झा,डॉ आर एन चौरसिया, डॉ विनोदानंद झा,प्रोफेसर हिमांशु शेखर,प्रो अरुणिमा सिन्हा,डॉ दयानंद मिश्र, डॉ अनुरंजन,डॉ गौरव सिक्का, डॉ मंजू कुमारी,डॉ चौधरी हेमचंद्र राय,डॉ संजीव राय, उदय शंकर मिश्र,तरुण मिश्र, डॉ मुकेश प्रसाद निराला, प्रोफेसर मनोज कुमार झा, डॉ शंभू झा,जय प्रकाश पाठक,शशिकांत झा,प्रो  बोआ नंद झा,डॉ विनय कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे।प्रतिभागियों की ओर से आदित्य तथा प्रकाश झा ने अपने शिविर के अनुभवों को व्यक्त किया। छात्र प्रतिभागियों के रूप में राहुल रेणु ,प्रशांत कुमार,अजय कुमार,चंदन कुमार ठाकुर, पंकज आदि सक्रिय रहे।

वेद ध्वनि गजेंद्र तथा राजेश्वर झा ने प्रस्तुत किया।गीतगोविंदम के पंक्तियों का गायन तथा श्रावण गीत पारस पंकज ने प्रस्तुत किया।आगत अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर रामनाथ सिंह ने किया,जबकि संचालन डॉ जयशंकर झा ने किया।

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