Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

swatva samachar
नवादा बिहार अपडेट

1 नवंबर : नवादा की मुख्य ख़बरें

महापर्व छठ में ध्वस्त हो जाती है जात-पात की दीवार

नवादा : मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना  यह पक्की लोक आस्था के महापर्व छठ पर पूरी तरह चरितार्थ हो जाती है।

छठ पर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान गुरुवार से प्रारंभ हो गया। आस्था के इस महापर्व में जात पात, अमीर-गरीब धर्म सभी विभेद की दीवारें धाराशाही हो जाती है। हर जाति के लोग इस पर्व में एक साथ नदी तालाब में खड़े होकर भगवान भास्कर को आराध्य अर्पित करते हैं। वही पर्व के आयोजन में हर जाति बिरादरी की सक्रियता समरम समाज की परिकल्पना को चरितार्थ कर देती है।

छठ में तुरिया  समुदाय के लोग बनाते हैं सूप :

बांस की बनी सुप में छठ मैया को प्रसाद चढ़ाया जाता है। वही छठ घाट तक पूजा सामग्री और सूप ले जाने में बांस से बनी दौरा (डलिया) का इस्तेमाल किया जाता है। बांस का सूप और दौरा बनाने का काम तुरिया व डोम समाज के लोग करते हैं।  दिन रात एक कर के छठ वर्तियों के लिए सूप व डलिया  बनाते हैं ताकि हर छठ वर्तियों को यह आसानी से उपलब्ध हो जाए आम दिनों में भले ही इन लोगों से छुआछूत की बात होती है लेकिन छठ में बड़े-बड़े लोग इन लोगों के पास सूप  और दौरा खरीदने आते हैं।

नहीं हुई घाटों की सफाई तो पंचायत समिति ने कराई सफाई

नवादा  : जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविंदपुर प्रखंड के स्थानीय बाजार गोविंदपुर उपर बाजार के छठ घाटों की सफाई शुक्रवार को गोविंदपुर पंचायत समिति सदस्य रेखा देवी ने लेवर लगाकर कराया।

बताते चलें कि गोविंदपुर छठ घाटों में कचरे  की अंबार लगा हुआ था जिससे लोगों की आने-जाने के साथ छठव्रतियों को भी आवागमन गंदगी के ऊपर चढ़कर हीं करना पड़ता था। यह गंदगी का नजारा  क़ो लोगों ने सोशल मीडिया में खूब चलाया जिसे देख स्थानीय पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों में खलबली मच गयी।

गुरुवार को प्रखंड के कई पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि छठ घाटों का मुआयना किया और छठ घाट की सफाई करवाने की बात कही  । यह देख पंचायत समिति रेखा देवी ने तत्परता दिखाते हुए शुक्रवार की सुबह दर्जनों मजदूर लगा कर छठ घाटों पर लगी कचरे के ढेर को रास्ते से साफ- सफाई करवाया एवं जगह-जगह गड्ढों में मिट्टी भराई करवाए। जिससे छठव्रतियों को आने -जाने में असुविधा न हो ।

पंचायत समिति रेखा देवी ने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी हमने छठ घाटों की साफ-सफाई कराया और आगे भी करवाते रहेंगे । छठ व्रतियों की सुविधा अनुसार आने -जाने वाले रास्ते को हर छठ पूजा में साफ -सफाई कराते रहेंगे।

सफाई के दौरान मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने बताया कि गुरुवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंज बिहारी सिंह व मुखिया  ने गुरुवार को शाम में छठ घाट का निरीक्षण किया था। जिसमें गंदगी का अंबार देखकर लोगों के बीच कहे थे कि शुक्रवार की सुबह जेसीबी मशीन व मजदुर से सफाई कराया जाएगा।

लेकिन सुबह में घंटों देर बाद सफाई का कार्य नहीं हुआ। जिसके उपरांत में छठ घाट के साफ- सफाई को लेकर रेखा देवी व संजय कुमार ने मजदूरों के द्वारा छठ घाट की साफ-सफाई करवाया। यह देख कर स्थानिय लोगों ने पंचायत समिति सदस्य रेखा देवी व समाज सेवी संजय कुमार को सराहना करते हुए धन्यवाद दिया।

मौके पर पंचायत समिति रेखा देवी, संजय कुमार, सत्येंद्र कुमार शर्मा, अनिल कुमार बरनवाल धर्मेंद्र कुमार  एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

चीनी ने छीन ली गुड़ की सोंधी खुशबू वाले ठेकुआ की पहचान

नवादा : एक दशक पहले तक छठ पर्व के पावन मौके पर चीनी की मांग नहीं के बराबर हुआ करती थी। घरों में वर्तियों द्वारा डलिया पर चढ़ाए जाने वाला पकवान गुड़ से तैयार किया जाता था।

पिछले 10 वर्षों के दौरान घरों में ठेकुआ  पकवान बनाने के लिए चीनी की मांग हो चली है। लोग गुड को भूल गये  है और भूल चुके हैं गुङ से तैयार ठेकुआ की सोंधी खुशबू समाप्त हो चुकी है।

दरअसल गुड़ उत्पादन का महत्वपूर्ण क्षेत्र रहे नवादा जिले के किसानों का गन्ने की खेती के प्रति कम रुझान कम हुआ है ।अब गन्ने की खेती किसानों को नहीं भाती। ऐसी बात नहीं है कि गन्ने  की खेती इस क्षेत्र के किसानों के लिए घाटे का सौदा हो रहा था। बावजूद किसान इससे विमुख हो गये हैं। फिर मजदूरों की समस्या भी गन्ने की खेती में आङे आने इसकी मिठास घरों से गायब हो गया है। ऐसे में गुङ से बने ठेकुआ का स्थान चीनी ने ले लिया है।

छठ पर्व पर क्यों और कैसे करें सूर्य की आराधना

नवादा : अर्थववेद के अनुसार, भगवान सूर्य ग्रहों और नक्षत्रों के स्वामी है। यह अपने तब और प्रकाश से तीनो लोक में ऊर्जा का संचार करते हैं।

वे उत्तरायणी, दक्षिणायण और विषुवत क्रमश: मंद, शीघ्र तथा समान गतियों से चलते हुए मकरादि राशियों में ऊंचे नीचे और समान स्थानों में जाकर दिन रात को बड़ा छोटा करते हैं वहीं दीक्षित का दी 5 राशियों पर चलते हैं तब प्रतिमा राशियों में एक-एक घड़ी कम हो जाती है और उसी गणित से दिन बढ़ने लगता है। इस प्रकार दक्षिणायण आरंभ होने तक दिन चढ़ता है और उसका उत्तरायण होने पर रात्रि होती है।

सूर्य देव की सात और महता पर संपूर्ण ब्रह्मांड की संरचना टिकी है भगवान सूर्य की उपासना के लिए चैत्र मास में भानु वैशाख मास में इंद्र,जेठ मास में रवि आषाढ़ मास में गर्भरीत सावन मास में बम, भादो मास में वरुण, आश्विन मास में सुवपरेखा, कार्तिक में दिवाकर, अगहन मास में मित्र, उसमें सनातन, माघ में अरुण और मलमास में पुरुष तपते हैं।

प्रत्येक वर्ष के कार्तिक एवं चैत्र मास के शुक्ल पक्ष षष्टी को तथा सत्यमी की उपासना करने पर सवागीण मनो कामना की सिद्धि प्राप्त होती है।

प्रत्येक मास के शुक्ल पष्टी रविवार के दिन नमक तेल व तामसी भोजन का त्याग करना चाहिए। इन तिथियों या दिनों में सूर्य उपासना करने से नेत्र रोग दूर हो जाते हैं।

कार्तिक शुक्ल पक्ष की आष्टी तिथि, रविवार के दिन तथा सत्यमी तिथि भगवान सूर्य को प्रिय है। क्योंकि सत्यमी तिथि को ही भगवान सूर्य का अविभाव हुआ था। इस पर्व को छठ पर्व के रूप में मनाते हैं।

चार दिवसीय यह पर्व सनातन धर्मावलंबियों के लिए नियम-निष्ठा और स्वच्छता का कठोर पर्व है। कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी को नहाए खाए के साथ पर्व शुरू होता है। इस दिन वर्ती समेत सभी लोग कद्दू और भारत का प्रसाद ग्रहण करते हैं उस के दूसरे दिन पंचमी को खरना होता है। भर्ती किसी नदी या तालाब किनारे या फिर घर में नया चूल्हा पर गुड़ का रसिया बनाती है। इस का भोग मां षष्टी को लगता है और उन्हें आध्य दिया जाता है। तत्पश्चात सभी प्रसाद ग्रहण करते हैं षष्टी तिथि एवं सतमी तिथि को नदी, तालाब, पोखर या फिर घर में बने गड्ढे में स्वच्छ जल भरकर वरती उसमें खड़ी होकर सूर्य देव को ध्यान करते हैं। षष्ठी तिथि के दिन शाम के समय डूबते सूर्य को और सप्तमी तिथि को उदयीमान सूर्य को पूजा होती है और उन्हें फल एवं पकवानों के साथ दूध हुआ जलसे अध्य दिया जाता है।

दोनों तिथियों में छठ पूजा होने के बावजूद षष्टी तिथि को प्रमुखता प्राप्त है क्योंकि इस दिन डूबते सूर्य की पूजा होती है।सूर्य उपासना से विभिन्न दिशाओं की और क्रमश: मुख कर आराधना करने से बहुतेरे मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं।

यवा- भगवान सूर्य की पूरब दिशा की ओर मुख कर आराधना करने से उन्नति, पश्चिम मुख होकर आराधना करने से दुर्भाग्य का अंत, उत्तर मुख आराधना करने से धन की प्राप्त तथा दक्षिण मुख साधना करने से रोग शोक क्षय तथा शत्रु का नाश होता है।

धार्मिक ग्रंथों में संध्या कालीन छठ पर्व को संभवत: इसलिए प्रमुखता दी गई है ताकि संसार को यह ज्ञात हो सके कि जब तक हम डूबते सूर्य अर्थात बुजुर्गों को आदर सम्मान नहीं देंगे तब तक उगता सूरी अर्थात नई पीढ़ी उन्नत और खुशहाल नहीं होगी। संस्कारों का बीज बुजुर्गों से ही प्राप्त होता है। बुजुर्ग जीवन के अनुभव रूपी ज्ञान के कारण वेद पुराणों के समान आदर के पात्र होते है। इनका निरादर करने की वजय इनकी सेवा करो और उनसे जीवन का अनुभव रूपी ज्ञान प्राप्त करो यही छठ पूजा के संध्या कालीन सूर्य पूजा का तात्पर्य है।

सुरक्षित गर्भ समापन पर कार्यशाला का आयोजन

नवादा : जिले के नारदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सुरक्षित गर्भ समापन विषय पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारदीगंज मे हुआ।  कार्यक्रम साझा प्रयास नेटवर्क पटना व युवा कल्याण केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। इसका विधिवत उदघाटन जिला पार्षद उगिया देवी, डीआईओ डॉ अशोक कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ वीरेन्द्र कुमार, संस्था सचिव पंकज कुमार ने सयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।

इस कार्यक्रम में जीविकाकर्मी, मीडियाकर्मी, जनप्रतिनिधियें के अलावा समाजिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षित गर्भसमापन बिषय पर विस्तृत जानकारी दिया गया।

डीआईओ ने कहा पूरे दुनियां में शिशु व मातृ दर मे कैसे कमी आये इस पर बिषय पर कार्य किया जा रहा है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया मातृ मृत्यू दर कैसे कम हो, यह सबसे अहम मुदा है।

उन्होंने कहा छह सप्ताह तक एर्वोसन करना खतरे से बाहर है, लेकिन उससे अधिक समय बीत जाने पर खतरा अधिक है, जच्चा-बच्चा की जान भी जा सकती है।

मौके पर वीभीएच पटना खुर्शीद आलम, अरविन्द कुमार, आशा संध के प्रदेश महामंत्री इन्दू झा, पूर्व प्रमुख गौरी सिंह, विपिन कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।

घरेलू विवाद में चली पांच राउंड गोली

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र के तिलैया गांव में किराया पर रहने वाले क्लिनिक संचालक अजीत कुमार के द्वारा घरेलू विवाद में पांच राउंड गोली चलाई गई। हालांकि गोलीबारी में कोई हताहत होने की सूचना नहीं है।

बताया जाता है कि क्लिनिक संचालक व उसके पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।पति-पत्नी के बीच उपजे विवाद को सुलझाने के पत्नी के मायके से दो भाई आये। जिन्हें देख क्लिनिक संचालक आग बबूला हो गया।और अवैध हथियार से अपने रिश्तेदारों पर गोलियां चलाई। गोलियों की गड़गड़ाहट से एक क्षण के लिए गांव वाले हक्का बक्का रह गये। लेकिन जब गांव वालों को घटना की जानकारी मिली तो क्लिनिक संचालक को पकड़ने के लिए घटना स्थल पर पहूंचे।

ग्रामीणों का जमावड़ा को देखते ही क्लिनिक संचालक खेतों के मुंडेर के रास्ते भाग निकला। इस गोलीबारी में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।गोलीबारी की घटना की जानकारी रजौली पुलिस को दी गई।

पुलिस को सूचना मिलते हीं एएसआई मुनीलाल लाल पासवान दलबल के साथ घटना स्थल पर पहूंचे और घटना के बारे में क्लिनिक संचालक के पत्नी से विस्तृत जानकारी हासिल की।

पूछताछ के दौरान महिला ने गिरे हुए गोली की खोखे को पुलिस को सौंप दी।घटना के बाद पहुंची पुलिस ने क्लिनिक संचालक के बाइक को जब्त कर थाने ले आई।

समाचार लिखे जाने तक पिड़ीत पत्नी या अन्य रिश्तेदारों के द्वारा किसी भी प्रकार की लिखित आवेदन नहीं दिया गया है। ज्ञात हो की कुछ वर्ष पहले भी क्लिनिक संचालक को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इधर थानाध्यक्ष सुजय विद्यार्थी के सरकारी नंबर पर फोन कर जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि इस संबंध में  विशेष जानकारी हमें नहीं है।

अब देखना यह होगा कि रजौली थानाध्यक्ष अवैध हथियार के मामले में केश दर्ज कर गिरफ्तार करते हैं या फिर  मामले को आवेदन नहीं दिये जाने बात कह कर रफा-दफा करते हैं।