क्वारंटाइन केंद्रों पर सरकारी बदइंतजाम ने बढ़ायी प्रवासियों की पीड़ा
- प्रवासी सुविधाओं से मरहूम तो अधिकारी बेपरवाह
सिवान : कोरोना संकर्मण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण उत्पन्न समस्या को ले देश के कोने-कोने से अपने प्रदेश को प्रवासी कामगार लौट रहे है। पर प्रवासियों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रहा हैं। ऐसा लग रहा है कि अधिकारी इनकी समस्याओं पर संवेदना से इतर सरकारी खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं।
ऐसा ही एक वाक्या देखने को आज तब मिला जब डीएलएसए के सचिव एन के प्रियदर्शी ने अपनी टीम के साथ शहर के डीएवी पब्लिक स्कूल कंधवारा एवम जेड एच यूनानी मेडिकल कॉलेज स्थित कोरेंटिंन सेंटर का निरीक्षण करने पंहुचे।कोरेंटिंन केंद्र के कार्यालय में कोरोना की व्यवस्था में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं कर्मियों के लिए भी कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक सामग्री मसलन हैंडवाश, साबुन, सैनिटाइज़र, मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग हेतु स्कैनर एवं पीने का स्वच्छ जल नदारद दिखा।
वहीं केंद्र में रह रहे प्रवासियों की कोई सूची, मेडिकल स्टाफ या उनका कोई ब्यौरा केंद्र पर उपलब्ध नहीं है। बकौल प्रतिनियुक्त कर्मचारी उन की व्यथा का आलम यह है कि वरीय पदाधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं है। दो दिन पूर्व आये 102 प्रवासिओं को साबुन तक नसीब नहीं हुआ, डिग्निटी सेट की बात तो दूर है। कभी कभी सामानों की अनुपलब्धता का दंश कर्मियों को झेलना पड़ता है। वही जेड एच मेडिकल कॉलेज में राह रहे 3 महिला समेत 28 प्रवासी में कोरोना के पॉजिटिव लक्षण हैं।जो वह रह रहे हैं।
जांच में मिली इन अनियमितताओं के मद्देनजर डीएलएसए के सचिव श्री प्रियदर्शी ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिलाधिकारी को पत्र लिख कर कार्रवाई करने को कहा है। जांच टीम में डीएलएसए के पैनल एडवोकेट डॉ विजय कुमार पांडेय,रेड क्रॉस सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्य राजीव रंजन राजू एवं लोक अदालत के कर्मी शामिल थे ।
डॉ विजय कुमार पांडेय