1 जनवरी : नवादा की प्रमुख ख़बरें

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तिलैया-राजगीर रेलखंड पर पैनल का शुभारंभ

नवादा : जिले के तिलैया-राजगीर रेलखंड पर स्थित ओड़ो स्टेशन के पैनल इंटर लॉकिग को रेलवे अधिकारियों की टीम ने चालू किया। इसके साथ ही यह स्टेशन क्रॉसिग स्टेशन के रूप में तैयार हो गया। यह कार्य वर्षो से लंबित था। यह कार्य मुख्य संकेत व दूर संचार अभियंता निर्माण महेंद्रूघाट पटना के मनीष कुमार के नेतृत्व में किया गया।

मौके पर उपमुख्य संकेत व दूर संचार निर्माण पंकज कुमार, उपमुख्य अभियंता, राजगीर भीएन मीणा, वरीय मंडल संकेत व दूर संचार अभियंता आरके कुशवाहा, सीनियर डीईएन दानापुर प्रतीक रस्तोगी, पूर्व मध्य रेल के राजगीर-तिलैया सेक्शन के यातायात निरीक्षक राकेश कुमार, सिंह इंटर प्राइजेज के दिवाकर सिंह समेत कई रेलवे पदाधिकारियों की मौजूद थे। इस कार्य के प्रभारी के रूप में भूमिका निभा रहे वरीय अनुमान्य अभियंता संकेत सिग्नल निर्माण महेंद्रूघाट के अजय मणि तिवारी भी मौजूद रहे।

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बताया गया इस स्टेशन को क्रॉसिग स्टेशन के रूप में चालू होने से जेठियन व तिलैया के बीच में ब्लॉक स्टेशन के रूप में तैयार हो गया है। जिससे इस रेलखंड पर गाड़ियों के आवागमन की क्षमता में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। वहीं यातायात निरीक्षक ने बताया इस स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा बहाल हो गई है।
इस स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के रूप में कुंदन कुणाल व सहायक स्टेशन मास्टर के रूप में राजेश राजन को पदस्थापित किया गया है। विभाग के माध्यम से निविदा हुई है, उन्हें टिकट काटने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इस कार्य से क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड पड़ी। 2019 जाते-जाते रेलवे विभाग ने इस स्टेशन पर एक सौगत दे दिया है।

सनद रहे कि इस स्टेशन पर वर्ष 2014 व 2016 में रिले रूम, पैनल रूम समेत अन्य रूम में विभाग के माध्यम से लगाए गए करोड़ों रुपये के उपकरण समेत अन्य सामग्री को अज्ञात चोरों ने चुरा लिया था। जिस कारण सिग्नल सिस्टम व क्रॉसिग सिस्टम समाप्त हो गया था। उसके बाद से इस रेलखंड पर बिना सिग्नल व क्रॉसिग हुए रेल का परिचालन हो रहा था।

इस रेलखंड पर जेठियन स्टेशन पर चोरी के घटना के बाद यही हाल बना हुआ था। उसके बाद ओड़ो पंचायत की पूर्व मुखिया सह समाजसेवी अरविन्द मिश्र ने ओड़ो स्टेशन के सुंदरीकरण व विकास के लिए सार्थक प्रयास किया था। उन्होंने पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के अलावा रेलवे विभाग के डीआरएम समेत अन्य पदाधिकारियों को कई वार ज्ञापन देकर ध्यान आकृष्ट कराया था। मौके पर नलीन बिलोचन मिश्र, केशरीकांत पांडेय, विनय पाण्डेय समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

डोहड़ा गांव के समीप पंचाने नदी पर नहीं है पुल ,स्कूली बचों के साथ ही आमलोगों को भी होती है परेशानी

नवादा : जिले के नारदीगंज प्रखंड के डोहड़ा गांव में स्थित गायत्री-युगल इंटर विद्यालय में पढ़ाई करना बच्चों के लिए आसान नहीं है। बरसात के चार -पांच माह तो उनकी परेशानी बढ़ी रहती है। स्कूल के पास से गुजरने वाली पंचाने नदी पर पुल नहीं होना समस्या की मुख्य वजह है। बरसात का मौसम शुरू होते ही बच्चे या तो स्कूल नहीं जा पाते हैं या फिर जान जोखिम में डालकर पहुंच पाते हैं। परेशानी सिर्फ बच्चों को ही नहीं आम ग्रामीणों को भी हो रही है। लेकिन शासन-प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है।

डोहरा गांव ग्रामीण संपर्क पथ से जुड़ा हुआ है। बोधगया-राजगीर राजमार्ग 82 पर वनगंगा के समीप से डोहरा गांव तक जाने के लिए संपर्क पथ है। गांव से दक्षिण पंचाने नदी बहती है। स्कूल नदी के उसपार स्थित है। बरसाती नदी होने के कारण साल के चार-पांच माह तक नदी में पानी का प्रवाह होता है। नदी में जून-जुलाई से पानी का प्रवाह शुरू होता है तब नदी पार कर स्कूल जाना बच्चों के लिए परेशानी का पैदा करता है। कमोवेश शिक्षकों को भी इसी प्रकार की समस्या से दो चार होना पड़ता है।


कई गांवों के बच्चें आते हैं स्कूल

– इस गांव में आसपास के दर्जन भर गांवों के बच्चे पढ़ने आते हैं। नदी के उत्तरी इलाके के गांवों डोहड़ा, चोरमा, सांगोवर, मधुवन, मोर्तनाजे, मुजफ्फरनगर, वनगंगा आदि गांवों के बच्चों को बरसात के दिनों में स्कूल जाने में परेशानी होती है। विद्यार्थियों के अलावा कार्यरत शिक्षक भी नदी में पानी रहने पर जान जोखिम डालकर विद्यालय पहुंचते हैं। विद्यालय में करीब 320 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। 12 शिक्षक, एक आदेशपाल के साथ एक लिपिक स्कूल में पदस्थापित हैं। पुल का निर्माण नहीं होने से विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी से स्पष्ट तौर पर स्थानीय लोगों में देखी जा रही है।

ग्रामीणों को भी होती है परेशानी

एक ओर जहां नदी के उत्तरी छोर पर बसे गांवों के बच्चे को स्कूल जाने में परेशानी होती है तो दूसरी ओर नदी के दक्षिणी छोर पर स्थित हिरामन बिगहा, वरियो, बलवापर, बुच्ची, आंगे आदि गांवों के आम लोगों को बरसात के दिनों में प्रखंड मुख्यालय बाजार नारदीगंज आने-जाने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

पुल निर्माण से दो राजमार्गों का होता जुड़ाव

– डोहरा गांव के पास पंचाने नदी पर पुल का निर्माण होने से नदी के दोनों छोर पर स्थिति गांवों के लोगों को तो फायदा होगा ही संपर्क पथ का जुड़ाव दो राजमार्गों राजगीर बोधगया राजमार्ग 82 और पटना-रांची राजमार्ग 31 से भी हो जाता।

किसानों की समस्या का भी होता निदान

नदी के दक्षिणी इलाके के गांवों में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती होती है। लेकिन बरसात के दौरान चार-पांच माह तक आवागमन की सुविधा ग्रामीणों को नहीं मिल पाती है। ऐसे में किसानों का उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पाता है। जिससे उन्हें काफी नुकसान होता है।

कहते है ग्रामीण

– इस स्थल पर पुल निर्माण के लिए सांसद से विधायक तक को अवगत कराया गया। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। नदी पार करने के क्रम में प्रतिवर्ष एक-दो लोग असमय काल कलवित भी हो रहे हैं।
मनोज कुमार यादव,डोहड़ा।

– इस नदी पर पुल का निर्माण होने से स्थानीय लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है। सरकार को इस स्थल पर पुल का निर्माण आवश्यकरूप से करा देना चाहिए।
-सरिता देवी, डोहड़ा।

– आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है, ग्रामीणों की आंखें भी पथरा गई है,अगर यही स्थिति रही तो इलाके के लोग चुनाव में अपना वोट का वहिष्कार भी करने का मन बना रहे हैं।
-ललित यादव, डोहड़ा।

– नदी के दक्षिणी किनारे बसे गांव के किसान सब्जी उत्पादन कर अपनी जीविकापार्जन करते हैं, पुल नहीं होने से किसानों के उत्पादित सब्जी व फसल मंडी तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ रही है।
-कमलेश कुमार कुशवाहा, हिरामनबिगहा।

– विद्यालय में पढ़ने जाने के लिए बरसात के दिनों में नदी पार करना पड़ता है। विद्यालय आने-जाने में काफी परेशानी होती है, पुल का निर्माण होने से समस्या से निजात मिल जाती।
-सन्नू कुमारी छात्रा,नवम कक्षा।

– सरकार विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए कल्याणकारी योजना का लाभ दे रही है,लेकिन नदी में पुल का निर्माण नहीं होने से हमलोगों की पढ़ाई पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
-सुमन कुमारी,छात्रा,नवम कक्षा।

– बरसात के दिनों में नदी में पानी रहता है, स्थिति काफी भयावह बनी रहती है,नदी पार करने का कोई रास्ता भी नहीं है, ऐसे में पढ़ाई छूट जाती है।
-प्रिया कुमारी,छात्रा,नवम कक्षा।

-पढ़ने का ललक रहने के बाद भी बरसात के दिनों में नदी को पार कर स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है, इस स्थिति में घर पर बैठकर पढ़ना मजबूरी बना रहता है, सरकार को हमलोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए।
-जूली कुमारी,छात्र,नवम कक्षा।

– नदी पर पुल होने से विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों, छात्रों के अलावा स्थानीय ग्रामीणों को आवगमन में सुविधा मिल जाती। विद्यालय में पठन-पाठन प्रभावित नहीं होता। नदी पर पुल निर्माण आवश्यक है।
-राजेश कुमार,प्रभारी प्राचार्य,गायत्री युगल इंटर विद्यालय डोहड़ा।

कहते हैं अधिकारी

– पुल निर्माण के लिए विभागीय अधिकारी को अवगत कराया जाएगा, ताकि स्कूली बच्चों व ग्रामीणों की परेशानी दूर हो सके।
-राजीव रंजन,बीडीओ।

जिलेभर में 25 किसानों से अब तक खरीदे गए 174 एमटी धान

नवादा : जिले में कड़ाके की ठंड की वजह से धान की खरीदारी भी प्रभावित होकर रह गई है।
इस साल जिले में 1.30 लाख एमटी धान खरीद का सरकारी लक्ष्य तय किया गया है। इसके जवाब में 174 एमटी धान की खरीद ही जिले भर के पैक्सों से हो सकी है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 25 किसानों से ये धान खरीदे गए हैं। इनमें से 20 किसानों का भुगतान किया गया है। विभागीय कर्मी धान की खरीदारी की सुस्ती के पीछे पिछले दो सप्ताह से जारी ठंड को एक बड़ी वजह मानते हैं। सुबह और शाम में ठंड और कुहासा के कारण खरीदारी प्रभावित हो रही है।

नवादा जिले में इस साल 98 सहयोग समितियों के द्वारा जगह-जगह धान खरीदारी का लक्ष्य रखा गया है। इनमें 91 पैक्स व 7 व्यापार मंडल की ओर से धान की खरीदारी होनी है। वैसे जिले में समितियों की संख्या 201 है।

जिले में निबंधित किसानों की संख्या पैक्सों में 2140 है। वहीं व्यापार मंडल के तहत 401 किसान निबंधित हैं। जिला सहकारिता पदाधिकारी शहनवाज ने बताया कि जिले में अब तक 174 एमटी धान की खरीद हो गई है। मौसम की वजह से थोड़ी दिक्कत आ रही है। अभी धान में 20 से 22 फीसद तक नमी है। जबकि गाइडलाइन के अनुसार 17 फीसद तक नमी वाले धान को ही खरीदना है। उन्होंने बताया कि 31 मार्च तक धान की खरीदारी की जानी है। मौसम जैसे ही सामान्य होगा धान की खरीदारी में तेजी आ जाएगी। लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

सरकारी व्यवस्था मुकम्मल नहीं, बाजार देती है अच्छी कीमत

-जिले के अनेकों किसान सरकारी स्तर पर धान की खरीद प्रक्रिया को मुकम्मल नहीं बताते। नवादा प्रखंड अंतर्गत सिसवां के किसान अश्विनी कुमार बताते हैं कि बाजार में सोनम धान 20-22 रुपये किलो की भाव से बिक जाता है। पैसा भी एकाउंट में तुरंत आ जाता है। उनकी मानें तो सरकारी व्यवस्था परेशान करने वाली है। धान को उतरवाने से लेकर उसकी कुटाई तक में नाजायज राशि ली जाती है।
धान बेचने के बाद रुपये मिलने में भी काफी देरी होती है। वह इस साल धान की पैदावार भी कम होने की बात बताते हैं।

मुर्गा फॉर्म से चार किवंटल मुर्गा की लूट

नवादा : जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के बेलढ़ा गाँव के एक मुर्गा फॉर्म में जमकर उत्त्पात मचाते हुये चार किवंटल मुर्गा लूट लिया l लूटने के बाद बचे सैकड़ो मुर्गा को मार दिया l पीड़ित मुर्गा फॉर्म के मालिक बेलढ़ा निवासी महेश राउत के पुत्र रजनीश कुमार ने वारिसलीगंज थाना को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है l

पीड़ित रजनीश ने बताया की नये साल के लिए चार सौ केजी मुर्गा लाया था l 31 दिसम्बर के 9 बजे रात्रि फॉर्म बंद कर घर चले गये l 1 जनवरी की सुबह जब फॉर्म के पास पहुंचा तब देखा की फॉर्म का करकट टुटा हुआ है और मुर्गा गायब है l तथा शेष बचे सैकड़ो मुर्गा को जान से मार दिया गया है l उसने अज्ञात के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है।

कड़ाके की ठंड ने बढ़ाई इलेक्ट्रिक हीटर की मांग, जनजीवन ठप

नवादा : जिले में लगभग एक सप्ताह से जारी कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। एक सप्ताह से लगातार तापमान में गिरावट के कारण लोग अलाव या इलेक्ट्रिक हीटर के सहारे अपने अपने घरों में दुबके रह रहे हैं। पिछले सप्ताह से दिन भर कड़ाके की ठंड के कारण देहाती क्षेत्र के बहुत ही कम लोग बाजार पहुंच पाते हैं। वहीं जरूरी काम से बाजार पहुंचे लोग भी जहां-तहां अलाव तापते देखे जा रहें हैं। जबकि कुछेक दुकानदार आपस में जलावन का इंतजाम कर सुबह से ही दुकान के आगे अलाव जलाकर ग्राहकों का इंतजार करते देखे जाते हैं।

हाड़कपा देने वाले ठंड के कारण बाजार आने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आई है। जिस कारण बाजार की सड़कों पर दिन के लगभग10 बजे तक सन्नाटा पसरा रहता है।

सुबह में तो तापमान लगभग 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। हल्की हवा तथा तापमान में गिरावट के कारण दोपहर तक लोग ठिठुरते रहे। करीब दो बजे के बाद भगवान भाष्कर का दर्शन होने के बाद लोग रोजमर्रे का सामान लाने बाजार पहुंचे जिस कारण थोड़ी भीड़ देखी गई। लेकिन बाजार पहुंचने और काम निपट जाने के बाद जल्द ही घरों की ओर प्रस्थान कर गए। इस कड़ाके की ठंड से बचने के लिए गरीब व आम लोग जलावन का उपयोग कर अलाव जलाने का कार्य कर रहे हैं।

वहीं नौकरी पेशा और अन्य प्रकार से संपन्न लोग क्षेत्र में अच्छी बिजली मिलने के कारण बाजार में मिल रहे इलेक्ट्रिक हीटर का उपयोग कर रहे हैं।  हीटर और इलेक्ट्रॉनिक सामानो के विक्रेता डबली कुमार ने बताया कि एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड में लगभग 500 की संख्या में छोटे बड़े इलेक्ट्रिक हीटर की बिक्री हो चुकी है। बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इसबार ठंड में बढ़ोतरी से हीटरों की बिक्री बढ़ी हुई है।

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