एलएनएमयू बना CED-BED:2020 का नोडल विश्वविद्यालय
दरभंगा : कुलाधिपति सचिवालय की अधिसूचना ज्ञापांक BSU (Regulation) के द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा को B.Ed नियमित/शिक्षा शास्त्री नियमित/बी०एड० दूरस्थ मोड में सत्र 2020-22 नामांकन हेतु CED-BED:2020 के आयोजन करने के लिए नोडल विश्वविद्यालय के रूप में नामित किया गया है।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के द्वारा परीक्षा के विधि सम्मत एवं सफल संचालन हेतु एक कोर कमेटी का गठन किया गया है एवं CED-BED परिनियम के आलोक में प्रो० अजीत कुमार सिंह, पूर्व कुलसचिव एवं पूर्व संकायाध्यक्ष वाणिज्य को माननीय कुलपति महोदय के द्वारा राज्य नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया साथ हीं डॉ अरविंद कुमार मिलन, विभागाध्यक्ष बी०एड० नियमित को समन्वयक के रूप में कार्य करने का दायित्व सौंपा गया।
इस वर्ष CET-BED की सारी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है। आवेदन प्रपत्र भरने से लेकर काउंसलिंग तथा कॉलेजों का आवंटन सभी ऑनलाइन किया जाएगा। ऑनलाइन प्रक्रिया को बहुत ही सरल एवं सहज बनाया गया है। ताकि अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
सारी प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए दिनांक 01.02.2020 के मध्यरात्रि से CET-BED के लिए निश्चित वेबसाइट www.bihar-cetbed-lnmu.in पर लाइव कर दिया गया हैI अब, इच्छुक अभ्यर्थियों के द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता हैI वेबसाइट पर CET-BED से संबंधित सभी सूचनाएं उपलब्ध हैI किसी भी प्रकार की कठिनाई होने पर अभ्यर्थी हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं।
‘यौन उत्पीड़न बचाओ प्रकोष्ठ’ की ओर से कार्यक्रम का आयोजन
दरभंगा : छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण अनिवार्य है। वे अपनी सीमाओं के अंदर रहकर हर कार्य कर सकती हैं। वे आत्मसंयमी बनें,पर अन्याय को चुपचाप सहन ना करें,बल्कि दोषियों को अनिवार्य रूप से सजा दिलाएं। उक्त बातें सीएम कॉलेज के यौन उत्पीड़न बचाव प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रो मंजू राय ने “परिसर में महिलाओं की सुरक्षा” विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि स्त्री इस सृष्टि की श्रेष्ठतम रचना है,पर सदियों से चली आ रही पितृसत्तात्मक समाज के कारण उसे अनेक संकटों का सामना करना पड़ा है। उच्चतम न्यायालय के विशाखा गाइडलाइन के अनुसार सभी कार्यक्षेत्रों में एक यौन उत्पीड़न बचा प्रकोष्ठ का गठन अनिवार्य है,ताकि महिलाएं अपनी समस्याओं का निदान करवा सकें।
महाविद्यालय महिला सेल की समन्वयक प्रो इंदिरा झा ने कहा कि छात्राओं को शालीन वेशभूषा पहनना चाहिए। घर से बाहर निकलने पर समय-समय पर घर से संपर्क रखते हुए साथ में तीखा स्प्रे, चाकू, मोबाइल आदि अपनी सुरक्षा हेतु साथ में रखना चाहिए।वे पूरे आत्मविश्वास के साथ कार्य करें। डॉ प्रीति कनोडिया ने कहा कि लड़कियां भावात्मक रूप से कमजोर होकर जल्द ही दूसरों पर विश्वास करती हैं जो कभी-कभी उनके लिए काफी घातक सिद्ध होता है।
उन्हें भावना से नहीं,बल्कि बुद्धि व विवेक से काम करना चाहिए। डॉ तनिमा कुमारी ने छात्राओं को उनके लिए बने विभिन्न कानून की धाराओं से अवगत कराया। संगोष्ठी को डॉ पुनीता कुमारी,डॉ मीनाक्षी राणा, ई प्रेरणा कुमारी,डा दिव्या शर्मा, प्रो रीतिका मौर्य, ड्रा मीनू कुमारी,प्रो अभिलाषा कुमारी आदि ने संबोधित करते हुए योन-शोषण से संबंधित विस्तृत जानकारी, सुरक्षा एवं नियम-कानूनों की जानकारी दी।कोषांग की छात्रा प्रतिनिधि जया कुमारी,राजनंदनी, अनुराग कुमारी,कोमल सनाया, श्रेया किरण, अनुष्का, चाहत उन्नत, आतिका बद्र, चांदनी प्रवीण, अर्चना आदि ने प्रकोष्ठ के कार्यों की प्रशंसा करते हुए अपने अनुभव और समस्याओं से अवगत कराया।
कार्यक्रम में 80 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। आगत अतिथियों का स्वागत प्रो रागनी रंजन तथा संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डा एकता श्रीवास्तव ने किया।
मुरारी ठाकुर