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1 अप्रैल : सारण की मुख्य ख़बरें

घरों में रहकर ही मनाए रामनवमी, नहीं निकलेगी शोभायात्रा

सारण : छपरा शहर में हर साल श्रीराम जन्मोत्सव शोभायात्रा समिति के तत्वाधान में रामनवमी के अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है। पर इस बार 2 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर शोभायात्रा का आयोजन करने के लिए समिति के द्वारा तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। परन्तु देश मे फैले कोरोना वायरस महामारी एवं लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए इस बार की शोभायात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है।

इस संबंध में श्रीराम जन्मोत्सव शोभायात्रा समिति छपरा के कार्यकारी अध्यक्ष सियाराम सिंह (अनुज्ञप्तिधारी) ने बीते 24 मार्च को एक वीडियो संदेश एवं प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि इस बार समिति के द्वारा 2 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर निकलने वाली शोभायात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए शोभायात्रा समिति के द्वारा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था।

समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सियाराम सिंह ने सभी रामभक्तों से अपील की है कि कल 2 अप्रैल को सभी रामभक्त अपने घरों पर ही रहें और लॉकडाउन के आदेश का पालन करते हुए अपने घरों पर ही रामनवमी के उत्सव मनाएं। सभी रामभक्त अपने घरों पर ही सपरिवार पूजा-पाठ का आयोजन करें। यदि संभव हो तो हवन का आयोजन अवश्य करें तथा शाम में अपने घरों के बाहर तिल के तेल में या घी में कम से कम 5 दीये अवश्य जलाएं।
घर पर ही रहे, कोरोना वायरस से लड़ने में सहयोग करें, अपने घर के आस-पास के गरीब जरूरतमंद लोगों की यथासंभव सहायता अवश्य करें।

विदेश यात्रा से लौटे लोगों की हो रही पहचान, 14 दिनों के क्वारेंटाइन की दी सलाह

सारण : कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई अहम फैसले लिए जा रहें है। स्वास्थ्य विभाग के साथ डिवेलपमेंट पार्टनर भी पूरा सहयोग कर रहें है। सारण में दूसरे देशों से आये लोगों की ट्रैकिंग की जिम्मेदारी केयर इंडिया, डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ की टीम को दी गयी। दूसरे देशों या राज्यों से अपने गांव आए व्यक्तियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। केयर इंडिया के बीएम, यूनिसेफ के बीएमसी तथा डब्ल्यूएचओ के एफ़एम प्रखंड स्तर पर इस अभियान में सहयोग कर रहें है। विदेश से यात्रियों से पूरा जनकरी एकत्रित किया जा रहा है। यात्री किस देश से आएं है? कब आएं? किसी तरह का लक्षण है या नहीं? एयरपोर्ट पर जांच किया गया या नहीं? इन सभी जानकारियों को एकत्रित किया जा रहा है। विदेश से आये यात्रियों की ट्रैकिंग पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।

विदेश से आएं है 766 लोग :

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि सारण जिले में दूसरे देशों से कुल 766 लोग आएं है। जिनका ट्रैकिंग तीनों संस्था के सहयोग से किया जा रहा है। दूसरे देशों से आये यात्रियों का प्रखंडवार डिटेल्स संबधित टीम को भेजा गया है। जिसके आधार पर घर घर जाकर ट्रैकिंग किया जा रहा है।

14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह:

विदेश से आये प्रत्येक यात्रियों 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ हीं कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। विदेश से आये यात्रियों व उनके परिवार के सदस्यों को कोविड-19 के लक्षण के संबंध में जागरूक किया जा रहा।

गूगल शीट में अपडेट किया जा रहा ट्रैकिंग रिपोर्ट :

दूसरे देशों या अन्य राज्यों से गांव आए व्यक्तियों का डेटाबेस गूगल सीट में तैयार किया जा रहा है। प्रत्येक दिन गूगल सीट को अपडेट किया जा रहा है। इस अभियान के सुगमता को बनाए रखने के लिए तीनों संस्थाओं के बीच प्रखंड का बंटवारा किया गया है। प्रतिदिन संध्या 6:00 बजे डेवलपमेंट पार्टनर द्वारा तैयार किए गए डेटाबेस की अद्यतन स्थिति से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराया जा रहा है।

क्वारेंटाइन होम किनके लिए जरूरी है :

ऐसे लोग, जो कोरोना संक्रमित देश, प्रदेश अथवा शहर से आए हैं। यह लोग भले ही स्वस्थ हों, लेकिन कोरोना वायरस के कैरियर अथवा मरीज हो सकते है। इन्हें नजदीकी अस्पताल में जांच करानी चाहिए। इसका वायरस 14 दिन तक ग्रो कर सकता है, इसलिए इन लोगों को घर में एकआइसोलेट होने की जरूरत है। अगर संबंधित व्यक्ति के पास घर में आइसोलेशन के लिए स्थान नहीं है। वह क्वारेंटाइन सेंटर में रह सकता है।

होम आइसोलेट होने पर क्या करें:

• 14 दिन की अवधि उसी कमरे में बिताना है।
• परिवार के लोग यदि मिलना चाहें तो दो मीटर की दूरी से मिलें।
• क्वारेंटाइन पेशेंट मास्क या रुमाल मुंह पर लगाएं।
• हाथों को बार-बार साबुन पानी से धोते रहें।
• खुद में कोरोना के लक्षणों को देखें, कहीं कोई लक्षण डेवलप तो नहीं हो रहा। अगर गले में खराश हो, सर्दी-खांसी हो, बुखार जैसा लगे तो तत्काल अस्पताल में जांच कराने जाएं।

• होम आइसोलेशन अथवा क्वारेंटाइन में रखने का मतलब यह नहीं है कि संबंधित व्यक्ति कोरोना का पॉजिटिव अथवा संदिग्ध मरीज है। इसलिए घबराएं नहीं। बेझिझक बताएं कि मैं क्वारेंटाइन पीरियड में हूं। मुझसे आप दूर रहें।

परिवार व आस- पड़ोस के लोग क्या करें :

• जिस व्यक्ति को क्वारेंटाइन में रखा गया है। उसके प्रति दुर्भावना न रखें। वह हमारी बेहतरी के लिए है।

• जिस व्यक्ति के घर के बाहर होम क्वारेंटाइन का बोर्ड लगा हो, उसका फोटो खींचकर, सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें। क्योंकि संबंधित मकान में रहने वाला व्यक्ति केवल निगरानी में है। वह बीमार नहीं है।

रेड क्रॉस सोसाइटी ने मुख्यमंत्री रहत कोष में दिए 46 हजार रुपए

सारण : अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक संगठन इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की छपरा इकाई ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए 46 हजार रुपए का चेक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन को बुधवार को सुपुर्द किया। इस राशि से जिला प्रशासन के द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने तथा बचाव कार्य के लिए मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स, कैप समेत अन्य सामान खरीदे जाएंगे, जिसे चिकित्साकर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे योद्धाओं को उपलब्ध कराया जायेगा।

रेड क्रॉस सोसायटी शाखा सारण के सचिव जीनत जरीना मसीह ने बताया कि इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की राज्य इकाई के अध्यक्ष की ओर से जिला इकाई को कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए यह राशि उपलब्ध कराई गई है। इस राशि को जिलाधिकारी के द्वारा अपने स्तर से खर्च किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी से निपटने में सभी का योगदान जरूरी है । उन्होंने समाज के सभी साधन संपन्न लोगों से अपने सामर्थ्य के अनुसार प्रशासन तथा सरकार को सहयोग व सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्यों तथा पदाधिकारियों के द्वारा सरकार व प्रशासन को हर संभव सहयोग व सहायता उपलब्ध कराने का संकल्प लिया गया है। जिला प्रशासन जब जहां जरूरत पड़ेगी इस कार्य में रेड क्रॉस के सदस्यों तथा पदाधिकारियों से सहयोग ले सकता है। ज्ञात हो कि पूर्व में 16 मार्च को भी रेड क्रॉस सोसाइटी छपरा के युवा इकाई ने कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता अभियान चलाया था जिसमे जागरूकता के साथ करीब 250 मास्क वितरित किये गए थे और बचाव के लिए सावधानिया बताई गई थी।

कोरोना संक्रमण के कारण नहीं बंद होंगे पोषण पुनर्वास केंद्र

सारण : कोरोनावायरस के संबंधित मामले देश के साथ अब राज्य में भी बढ़ रहे हैं. कोरोना की रोकथाम एवं इससे बचाव को लेकर बिहार सरकार द्वारा कई अहम कदम भी उठाये जा रहे हैं. इसी कड़ी में पोषण पुनर्वास केन्द्रों के संचालन को लेकर भी राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा एक अहम फैसला लिया गया है। कोरोना संक्रमण के कारण अब राज्य के पोषण पुनर्वास केंद्र बंद नहीं होंगे। इन केन्द्रों में चिकित्सकीय जटिलतायुक्त कुपोषित बच्चों की भर्ती जारी रहेगी। कोविड 19 के निर्धारित मानकों के अनुसार सभी पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती होने वाले कुपोषित बच्चों एवं उनकी माताओं को कोरोना संक्रमण से बचाव किया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर विस्तार से दिशा निर्देश दिया है।

 चिकित्सकीय जटिलतायुक्त कुपोषित बच्चों की होगी भर्ती :

पत्र के माध्यम से बताया गया है कि पोषण पुनर्वास केंद्र में सिर्फ जटिलतायुक्त कुपोषित बच्चों की भर्ती की जाएगी. इन केन्द्रों में कोविड 19 के प्रस्तावित मानकों (कोविड 19 एस.ओ.पी) के अनुसार बच्चों और उनकी माताओं का ध्यान रखा जायेगा. कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है ताकि इन केन्द्रों पर अल्प कुपोषित बच्चों व उनकी माताओं की संख्या में कमी लायी जा सके और केन्द्रों के संचालन में कोई असुविधा न आये।

संतोषप्रद कार्य करनेवाली स्वयंसेवी संस्थाओं के अनुबंध का होगा विस्तार :

पत्र के माध्यम से बताया गया है कि जिन पोषण पुनर्वास केन्द्रों का संचालन स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा किया जा रहा है, उनके संतोषप्रद कार्य के आलोक में उनका अनुबंध 30 जून तक सशर्त बढ़ाया जा सकता है। पत्र में बताया गया है जिन स्वयंसेवी संस्थाओं का संचालन संतोषप्रद नहीं पाया जाता है वहां जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से आवश्यक मानव बल की प्रतिनियुक्ति कर उक्त केंद्र का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किया जायेगा। जहाँ इन केन्द्रों का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किया जा रहा है, वहां मार्च 2020 के बाद भी जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा ही संचालन जारी रखा जायेगा।

एफडी एवं सीबीसीइ पदों की जल्द होगी नियुक्ति :

पत्र के माध्यम से बताया गया है कि सीबीसीइ( कम्युनिटी बेस्ड केयर एक्सटेंडर) एवं एफडी पदों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और शीघ्र इसे पूरा कर लिया जायेगा. इससे पोषण पुनर्वास केन्द्रों में मानव बल की कमी को दूर किया जा सकेगा और केन्द्रों के सुचारू रूप से संचालन में मदद मिलेगी. जब तक इस नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं कर ली जाती है तब तक सम्बंधित जिला स्वास्थ्य समिति वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सभी स्वीकृत पदों पर कर्मियों की स्थानीय व्यवस्था कर पोषण पुनर्वाव केंद्र का संचालन सुचारू रूप से जारी रखेगी।

प्रेम प्रसंग के मामले में तीन सगी बहनों को मारा चाकू

सारण : जलालपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पिरारी गांव में प्रेम-प्रसंग के आरोप में एक युवक ने तीन सगी बहनों को मंगलवार की दोपहर चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जख्मी बहनें स्व.रामजी प्रसाद की पुत्री नीतू देवी, स्नेहा कुमारी तथा बेबी कुमारी बताई गई है। तीनों का फिलहाल सामुदायिक अस्पताल जलालपुर में इलाज चल रहा है।

जलालपुर थानाध्यक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी मुकेश कुमार कुशवाहा को उसके गांव से ही दबोच लिया। जानकारी के अनुसार आरोपी मुकेश का भाई संजीत घर में ही दो दिनों पूर्व फांसी पर लटक कर जान दे दी थी। इसी पर दोनों परिवारों में झगड़ा चल रहा था। मृतक संजीत के परिवार वाले का कहना था कि तीनों बहनें ही मृतक संजीत को उकसा रही थी। फिलहाल गांव में तनाव का वातावरण बना हुआ है। वहीं घायल तीनों बहनों ने बताया कि दोपहर में जब हमलोग घर में थे तो घर में घुसकर आरोपी युवक ने चाकू मारना लगा। गांव में कोई बचाने भी नहीं आया। जिसके कारण घर में ही लहूलुहान होकर पड़ी रही।

सेवानिवृत व्यवहार न्यायलय कर्मी को दी गई भावभीनी विदाई

सारण : व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी नंदकिशोर चौरसिया एवं शत्रुघ्न पांडे सेवानिवृत्त हो गए इस अवसर कर्मचारियों ने उन्हें भावभीनी बिदाई दिया और माला पहनाया तथा उपहार दिया एवं लंबी जीवन तथा स्वस्थ रहने की कामना की इस अवसर पर जिला जज के प्रधान लिपिक अंजनी कुमार श्रीवास्तव , सी जे एम के प्रधान लिपिक अरुण तिवारी,लिपिक राजेश कुमार सैनी, सुधीर मिश्रा, मनोहर मनवर, नसीम अख्तर नकवी,आरके चक्रवर्ती रोशन कुमार, मिथिलेश कुमार, संतोष, बबलू कुमार रजक आदि उपस्थित थे।

सेवानिवृत प्राध्यापकों को दी गई विदाई

सारण : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के दो प्राध्यापक मंगलवार के दिन सेवानिवृत्त हो गए। इसमें हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीरेंद्र नारायण यादव एवं रसायन विभाग के प्रोफेसर उमाशंकर यादव शामिल है। बताते चले कि दोनों विद्वान जयप्रकाश विश्वविद्यालय के में अपनी सुदीर्घ सेवा देते हुए विश्वविद्यालय के विभिन्न पदों को सुशोभित किए थे।

ये दोनों विद्वान अपना सेवा स्थानीय रामजयपाल कॉलेज से शुरू किए थे तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न पदों पर रहते हुए जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रगति के लिए अपनी अग्रसर भूमिका का निर्वाह किए। इसमे डॉ. वीरेंद्र नारायण यादव विधान पार्षद के रूप में अपनी सेवा दे रहे है। इस अवसर पर प्रो अजय कुमार ,प्रो उदय अरविंद, प्रो हरिश्चंद्र, प्रो सिद्धार्थ शंकर, प्रो अशोक कुमार आदि ने इन दोनों विद्वानों के स्वास्थ्य एवं भावी जीवन की कामना की तथा उनके अविश्मरणीय अवदान की प्रशंसा की।

कृषि कार्यों में मशीन के प्रयोग की जिलाधिकारी ने की अपील

सारण : जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा कहा गया है कि फसल कटनी एवं दौनी का कार्य यथासंभव समय से पूरा किया जाय तथा इसके लिए आधिकाधिक मशीन यथा रीपर कम बाइंडर, थ्रेशर आदि का उपयोग किया जाय। हस्तचारित यंत्र तथा हँसिया आदि के उपायोग के समय दिन में कम से कम तीन बार उपकरण को साबुन पानी से अच्छी तरह धोकर संक्रमण रहित किया जाय मशीन के चालन हैंडिल, स्टीयरिंग की विशेष सफाई की जाए। जिलाधिकारी ने कहा है कि फसल कटनी एवं दौनी करते समय खेत में या थ्रेशिंग फ्लोर पर एक दूसरे व्यक्ति के बीच कम से कम दो मीटर की दूरी बनाकर रखी जाय। यह जान लें की संक्रमण रोकने के लिए समाजिक दूरी ही सबसे उपयोगी हथियार है।

मजदूर अपने खाने का बर्तन अलग-अलग रखें तथा खाना खाने के बाद इसे अच्छी तरह धो लें। पीने के पानी का बोतल अलग-अलग रखें। प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग कटाई उपकरण का उपयोग करें। एक दूसरे के यंत्र को बदल-बदल कर कदापि उपयोग नहीं करें। कटनी एवं दौनी के दौरान कुछ कुछ समय पर हाथ साबुन पानी से धोते रहें। कटनी एवं दौनी के समय पहने गए कपड़ों का दोबारा उपयोग धोने के बाद अच्छी तरह धूप में सूखाकर हीं करें। जिलाधिकारी ने कहा कि कटनी एवं दौनी के समय नाक एवं मुँह को ढकने लिए मास्क का उपयोग करें। जीविका समूह के द्वारा तैयार मास्क का उपयोग किया जा सकता है।

अगर किसी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, सरदद,र् बुखार के लक्षण हों तो उन्हें कदापि कटाई एवं दौनी कार्य में नहीं लगायें तथा बीमार व्यक्ति की सूचना निकट के स्वास्थ्य कर्मी को अवश्य दें। जिलाधिकारी ने कहा है कि खेत में एवं थ्रेशिंग फ्लोर पर पर्याप्त मात्रा में पानी एवं साबुन की व्यवस्था रखा जाये। सावधानी ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर दिए निर्देंशों का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जाये। फसल कटनी के उपरांत फसल अवशेष को जलाया नहीं जाये बल्कि उसका उचित प्रबंधन किया जाय।

जरूरतमंदो के बीच बांटी गई खाद्य सामग्री

सारण : विश्व भर में महामारी का रूप ले चुकी कोरोना वायरस से लाखों लोग प्रभावित है। इसके संक्रमण को रोकने के लिए भारत में 21 दिनों का लॉक डाउन लगाया गया है। इस लॉक डाउन से गरिओ व असहाय लोग काफी हद तक प्रभावित हो रहे है। प्रभावित लोग खाने के लिए भटकने को मजबूर है। ऐसे लोगों मदद के लिए रोटी बैंक के सदस्यों के साथ आज बुधवार को इनरव्हील क्लब सारण के सक्रिय सदस्य गुड़िया जायसवाल व पति अजय जयसवाल के द्वारा रोटी बैंक को 50 किलो चावल दाल आलू तेल नमक जैसे खाद्य पदार्थ दिया गया।

जिसके माध्यम से जरूरतमंद भूखे लोगों के बीच रोटी बैंक भोजन उपलब्ध कराएगी वही इस अवसर पर रोटी बैंक के दर्जनों सदस्य उपस्थित रहे। जहां मुख्य रूप से संजीव कुमार सत्येंद्र कुमार रवि शंकर उपाध्याय राकेश रंजन पिंटू गुप्ता रामजन्म माझी किशन कुमार रंजीत कुमार सहित कई अन्य उपस्थित रहे।

कालाबाज़ारी के आरोप में पैक्स अध्यक्ष गिरफ़्तार

सारण : कोपा थाना क्षेत्र के पैक्स अध्यक्ष समेत तीन लोगों को पुलिस ने ब्लैक मार्केटिंग करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। आगे की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया है। बताया जाता है कि पैक्स अध्यक्ष सरोज राय को बीती रात अनाज का ब्लैक मार्केटिंग करते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जहां साथ में 80 बोरा चावल को भी जब्त कर लिया गया है। इस सम्बन्ध में सभी जानकारी पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने दी।

लालू प्रसाद की रिहाई की उठाई मांग

सारण : युवा राजद जिला उपाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि देश में बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण देखते हुए राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अविलंब रिहा करने की मांग की है। ज्ञात हो कि 17 मार्च 2020 को माननीय उच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने करुणा के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश के सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि जेल में बंद कैदियों की संख्या अधिकतम होने के कारण कैदियों से भी संक्रमण बढ़ने का खतरा है ऐसे में सभी राज्य सरकार अविलंब उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर वैसे कैदियों को जमानत या पैरोल पर छोड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित करें कि जिन कैदियों को 7 साल या उससे कम सजा होने की स्थिति में विचार अधीन हैं।

कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विश्व के कई देशों जैसे अमेरिका इटली फ्रांस चीन आदि देशों ने अब तक अपने देशों में सजाए पथ सहित कई विचार अधीन कैदियों को रिहा कर चुका है लेकिन हमारे देश के सभी राज्यों की सरकार इस दिशा मे कछुआ जैसी चाल चल रही है ऐसे में जेल में बंद कैदियों में भी संक्रमण बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है। झारखंड एवं बिहार सरकार को अविलंब सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पालन करते हुए आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी सहित अन्य सभी कैदियों को जमानत या पैरोल पर छोड़ने की अभिलंब व्यवस्था करनी चाहिए।