जयमंगला वाहिनी ने किया एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन
बेगूसराय : जयमंगला वाहिनी द्वारा ‘स्वस्थ तन, स्वस्थ मन, स्वस्थ वतन’ अभियान के तहत गोपाल झा के नेतृत्व में एकदिवसीय योग शिविर का आयोजन शहर के तेलिया पोखर पर किया गया, जिसमें युवाओं के साथ-साथ महिलाओं व बुजुर्गों ने भी बढ़ चढ़कर कर हिस्सा लिया।
योग गुरु गोपाल झा ने कहा कि योग हमारे जीवन की शक्ति, ध्यान करने की क्षमता और उत्पादकता को बढ़ाता है योग मनुष्य के शरीर, मन और भावना को स्थिर और नियंत्रित भी करता है।
वहीं जयमंगला वाहिनी के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि यदि शरीर व मन स्वस्थ नही हैं तो लक्ष्य को पाना असम्भव हैं योग करने से मन और शरीर दोनों स्वस्थ होते हैं।
मौके पर नगर अध्यक्ष ज्योति पाठक, नवल किशोर चन्द्रवंशी, मनोज महतों, प्रदीप पासवान, नवल राम,रवि राज,शांति देवी, महेंद्र शर्मा, शम्भू चौधरी, ब्रह्मदेव पासवान के साथ-साथ अधिकाधिक संख्या में जन समुदाय मौजूद थे।
बच्चों ने समर कैंप का खूब लुफ्त उठाया
बेगूसराय : पांच दिवसीय कुल समर कैंप का समापन समारोह अध्यक्षता सरिता सुल्तानिया और संचालन अशोक कुमार सिन्हा द्वारा की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर नलिनी रंजन, श्रीमतीअंजली राय, प्राचार्या बीआरडी एवी स्कूल, समाजसेवी कृष्ण मोहन पप्पु थे।
डॉक्टर नलिनी ने कहा साहित्य, सभ्यता, शिक्षा, संगीत इनका मिलाप ही संस्कृति है। उन्होंने कहा दवाइयो में कोई खुशी नहीं जबकि खुशी में ही दवाई है और ये केम्प हजारों दवाइयों का मिश्रण है।
अंजलि मैडम ने बच्चों को संबोधित किया कि हरेक बच्चा जो भी केम्प सीखा है उसे दस बच्चों को सिखाएगा। साथ ही यह भी कहा कैंप सिर्फ 25 बच्चों का छोटा है पर उद्देश्य इसका काफी विस्तृत है।
अशोक सिन्हा जी ने बच्चों की ख्वाईश पर केम्प बारम्बार लगाने की अपील की और कैंप के उद्देश्य पर खुशी जताई।
कृष्ण मोहन ने कैंप की पंचदिवसीय क्रिया कलापो पर अपनी हार्दिक खुशी के साथ साथ कैंप की अपार सफलता पर शुभकामनाये दी।
वही कैंप कर रहे नानी घर आई नव्या की माँ ने कहा ऐसे कैम्प होने बहुत जरूरी है बच्चों ने अपनी छुट्टियों का भरपूर फायदा उठाया है।गोंडा में स्कूल चला रही पूजा ने अपने बेटे के द्वारा कुल समर कैंप की तारीफो की बौछारें की। वही रीतू मंगोटिया ने कहा कि मेरी बच्ची आराध्या काफी खुश है कैंप करके। सभी अभिभावकों का कहना था हमारे बच्चे छुट्टियों में भी कैंप के नाम पर सुबह ही रेडी हो जाते।
कैंप कर रहे बच्चों का कहना था आंटी आप विंटर कैंप भी करो हमलोग इंतजार करेंगे आपके कैंप का।
नानी घर आये लक्षिता, विवान, निर्वाण, अच्युत, रक्षण आदि बच्चों ने जी भरकर कैंप में पिकनिक का आनंद लेते हुए योगा, क्राफ्ट, डांस, म्यूजिक, कुकिंग सीखा। साथ ही क्यूज एवं बालविकास संबंधित खेल खेले अपनी जयश्री दीदी के नेतृत्व में।
क्राफ्ट में जब बोट पेन स्टैंड, रैबिट बनाया अपने छोटे छोटे हाथों से स्मिता के डायरेक्शन में, तब ये नजारा देखने लायक था। बच्चों की छोटी छोटी चुहल बाजी, नोकझोंक, मासूम भरे प्रश्नों का उत्तर देना ये सभी सही मायनो में जिंदगी के रंग भर रहे थे।
जब तीन साल के केशव ने कहा ‘सभी बच्चों अपना अपना काम अच्छे से करो मैं सबको देख रहा हु’ तब ठहाकों से कैंप गूंज उठा।
‘शिक्षा जीवन का अनमोल उपहार है तो संस्कार जीवन का सार’
इन दोनों के बिना धन दौलत, जमीन जायदाद, पद प्रतिष्ठा, मान सम्मान सब बेकार।
आज प्रतियोगिता के युग मे ज्ञान का विस्तृत करण में बच्चे अपने बचपन की अनुभूतियों एवं संस्कृति के अनुभव से वंचित रह जाते है उनकी इस कमी को समर केम्प पूरा करने की एक छोटी सी कोशिश करता है। यही इस केम्प का उद्देश्य है।
पाँच दिवसीय समर केम्प में योगा ओम की चेंटिंग, क्राफ्टिंग, डांसिंग, म्यूजिक, क्यूज, ज्ञानवर्धक गेम के साथ हमारे भारतीय परिधानों का भी ख्याल रखा गया था।
पहला दिन योगा डे…..पीली ड्रेस सूर्य एवं योगा की ऐनर्जी को दिखाते हुए।
दूसरा दिन… म्यूजिक डे सफेद ड्रेस जो सात सुर और सात रंग मिलकर सफेद रंग बनाता है।
तीसरा दिन…कुकिंग लाल ड्रेस जो खतरे से आगाह करता है।
चौथा दिन…भारतीय परिधान जो हमारी संस्कृति का परिचायक है
पांचवा दिन…पिकनिक डे ,ब्लू ड्रेस यानी शांति मनोरंजन का परिचायक
समर कैंप की परिचारिका सरिता सुल्तानिया ने कुछ इस तरह अपने कैंप की विस्तृत जानकारिया देते हुए खुशी जाहिर की अपने माननीय अतिथियों, अभिभावकों एवं बच्चों से।
पानी में छपाक-छपाक की आवाज स्विमिंग पूल में करना, क्राफ्टिंग के दौरान एक दूसरे के गालों में रंग लगाना फिर चुपके से पोछना, खेल में पैरों को बीच मे लाकर दूसरे को गिराना, स्टार के लिए रूठना, आयुष सर के साथ गानों की धुन पर डांसिंग में मस्ती करना आदि कितनी ही बाते है जो वर्णनातीत है।
वो मासूमियत या बचपन को जीना है तो समर कैंप में आओ।
समापन समारोह मे काफी तादाद में महिलाएं थी। नेहा, यामिनी, सोनी, ऋतु, प्रीति, पूजा, संध्या, स्वेता, चेरी, शिवानी, निशा, अनिता आदि कई सम्मानित महिलाओ ने समर कैंप में आकर उत्साह दिखाया।
कभी पानी के संग मस्ती
कभी रसोई के संग मस्ती
कभी क्राफ्ट के संग मस्ती
तो कभी गानों के संग मस्ती
“कैम्प तो एक बहाना है बचपन को तो सिर्फ बहना है”