बाढ़ : पावन सावन माह के सातवें सोमवार को अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर हजारों श्रध्दालुओं ने उत्तरवाहिनी गंगा नदी में डुबकियां लगाकर पास के मंदिरों में महादेव शंकर का जलाभिषेक करते हुये पूजा-अर्चना किया। सोमवार को अनुमंडल के सुविख्यात उमानाथ महादेव, अलखनाथ, गौरी-शंकर, बाल शनिधाम, बनारसी घाट सहित सभी शिव मंदिरों में श्रध्दालुओं ने देर शाम तक जलाभिषेक करने के साथ ही पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये भगवान शंकर से कामना की।
इस अवसर पर भगवान शंकरजी को श्रिगांरिक रूप देने के साथ ही मंदिरों को भी काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया।ज्ञात हो कि सावन माह की सोमवारी के व्रत को धर्मशास्त्रों में काफी महत्वपूर्ण माना गया है। 19 वर्षों बाद संयोग बना है कि इस बार मलमास होने के कारण सावन दो माह का है और अधिक मास होने के कारण पूरे सावन माह में कुल आठ सोमवारी है।
धर्मग्रंथों के मुताबिक सावन माह भगवान शंकर और माता गौरी की प्रिय माह मानी गयी है और पूरे सावन माह के साथ ही सोमवारी की गई व्रत एवं पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होता है। सोमवारी पर कई शिव मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया है। सोमवार की सुबह अनेकों श्रध्दालुओं ने उमानाथ उत्तरवाहिनी गंगा नदी से गंगा जल भर कर कावंड़ लेकर वैकठपुर, अशोक धाम तथा देवघर में देवाधिदेव महादेव पर जलाभिषेक करने के लिये बोल बम के नारों के साथ कूच कर गये।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट