पारम्परिक खरीदारी के लिये बाजारों में उमड़ी भीड़, बर्तन, सर्राफा, इलेक्ट्रोनिक्स तथा वाहन मंडी रही गरम
नवादा : धन्वंतरी पूजा यानि धनतेरस पर खरीदारी का पौराणिक महत्व माना जाता रहा है। दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। शुक्रवार को धनतेरस के अवसर पर लोगों ने जमकर खरीददारी की।
सुबह से उमड़ी भीड़ देर रात तक दुकानों में लगी रही। लोग बर्तन, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक तथा वाहनों की खरीदारी के लिये आपाधापी करते नजर आ रहे थे, इसके साथ ही परम्परा के अनुसार धनतेरस पर झाड़ु खरीदना शुभ माना जाता है।वर्तमान में इलेक्ट्रॅानिक उपकरणों की मांग काफी बढ़ गयी है। इसके अलावा गाड़ियों की खरीदारी का भी अलग क्रेज बन गया है। पौराणिक परपंरा के अनुसान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान, अमृत का कलश लेकर धनवंतरी प्रकट हुए थे।
इस वजह से इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्वास्थ्य रक्षा के लिए धनवंतरी देव की उपासना की जाती है। इस पर्व को कुबेर का दिन भी माना जाता है और धन सपन्नता के लिए कुबेर की पूजा की जाती है। धनतेरस को लेकर हर लोग अपने औकात के हिसाब से खरीदारी करने जुटे थे। बाजार में हर तरह के खरीदार नजर आ रहे थे, जिसमें किसी ने मंहगे समान की खरीददारी की तो किसी ने झाड़ु खरीदकर धनतेरस की परंपरा को निभाया। अनुमानित तौर पर कहा जा रहा है कि पूरे जिले में करीब 50 करोड़ का कारोबार हुआ।
ठठेरी गली में बर्तन की खरीदारी में रही आपाधापी
शहर के पुरानी बाजार ठठेरी गली में दर्जनों बर्तन दुकानों में दिनों भर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। इतना ही नहीं देर शाम तक खरीदारी के लिए दुकानों में भीड़ थमने का नाम नहीं ले रहा था, हालांकि मौसम में बदलाव से गुलाबी ठंड के बावजूद बाजार में भीड़ लगी रही।
कांसा, पीतल और स्टील सहित फाइवर आदि के बर्तनों की खरीदारी जिस स्तर से लोगों ने की, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरे जिले में बर्तन का कारोबार करीब एक करोड़ का हुआ। मंडी में फुटपाथ पर दर्जनों दुकानें लगी रही। हालात ऐसी थी कि ठठेरी गली में लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो रहा था। बर्तन कारोबारियों ने बताया कि आर्थिक मंदी के बावजद ग्राहकों ने अपनी परम्पराओं को बरकरार रखते हुए देर शाम तक खरीदारी में जुटे रहे।
सर्राफा बाजार में सिक्कों की रही धूम
धनतेरस को लेकर लक्ष्मी गणेश व रानी विक्टोरिया के चिन्ह वाले सोने-चांदी के सिक्कों की बिक्री हुई। लोंगों ने इसके अलावा जेवरों की खरीदारी की। वहीं डायमंड ज्वेलरी केक्षकई प्रमुख सर्राफा दुकानों में ग्राहकों की भीड़ लगी रही। हर वर्ग के लोग अपने हिसाब से सोने-चांदी की खरीदारी कर परम्परा को निभाने में जुटे थे। दुर्गा ज्वेलर्स व विवेक ज्वेलर्स वारिसलीगंज में हॉल मार्क के जेवरों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ देर शाम तक लगी रही।
दुकानदार सदानंद प्रसाद तथा विवेक कुमार ने बताया कि ग्राहकों के मांगों के अनुरुप फैंसी जेवरों के एक से बढ़कर एक आभूषणों का संग्रह लोगों को आकर्षित किया। सोने-चांदी के सिक्कों का उन्नत भेरायटी के लिए लोग जुट रहे थे। उन्होनें बताया कि इस बार बंबईया सिलवर सिक्का मंगाया गया था, जिसे लोगों ने खुब पसंद किया। पूरे जिले में करीब 15 से 20 करोड़ का कारोबार सर्राफा मार्केट में किये जाने का अनुमान है।
वाहनों की खरीदारी का क्रेज बना रहा
विश्वकर्मा पूजा से ज्यादा महत्व वाहनों की खरीद के लिये धनतेरस को दिया जाने लगा है। जिले भर के वाहन शो रूम में करीब 30 से 35 करोड़ का कारोबार होने की जानकारी मिल रही है। जिसमें छोटी-बड़ी वाहनों के अलावा दुपहिया वाहन भी शामिल है। जिले के वारिसलीगंज नगर परिषद क्षेत्र के सरस्वती मोटर शो रुम में सुबह से बाइक की खरीदारी करने में लोग जुटे रहे। शोरूम संचालक मंटू सिंह ने बताया कि बाइक की आपूर्ति के लिये एक माह पूर्व से ही तैयारी की जा रही थी साथ ही बुकिंग का काम भी चल रहा था।
इलेक्ट्रोनिक मंडी में रहा उफान
शहर के कई जाने माने इलेक्ट्रोनिक दुकानों में धनतेरस को लेकर खरीदारी का उफान रहा। धनतेरस में भीड़ को देखते हुए लोगों द्वारा एडवांस बुकिंग किया गया था।
जिले के कई इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक ने बताया कि जिस उम्मीद के साथ धनतेरस की तैयारी की गई थी, उससे बेहतर रिजल्ट मिला है। सोनी, वर्लपुल, एमआई मोबाइल तथा हायर के होम प्रोडक्ट की खरीदारी करने में ग्राहक जुटे रहे। यहां उपकरणों की बिक्री के लिये ग्राहकों को किफायती दर पर बेचकर रिकॉर्ड कायम करने की होड़ मची रही।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जन सुनवाई संपन्न
नवादा : जिले का एकमात्र उद्योग वारिसलीगंज चीनी मिल कबाड़ में बिक्री बाद क्षेत्र के किसानों- मजदूरों को मिल की जगह लगने वाली सिमेंट फैक्टरी पर टिकी है। पहले एचपीसीएल तथा बाद में अडानी समूह का अम्बुजा सीमेंट फैक्टरी लगाने की घोषणा अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी है, जिससे क्षेत्र के लोगो में निराशा की स्थिति बन रही थी। इस बीच शुक्रवार को वियाडा एवं अडानी समूह के अधिकारियों, जिले के आला अधिकारियों एवं क्षेत्र के मजदूर किसानों के बीच लोक सुनवाई बैठक बाद मिल की जमीन पर सीमेंट फैक्ट्री लगने का रास्ता साफ हो गया।
हलांकि, बैठक में उपस्थित नारोमुरार ग्रामीण सियाराम सिंह, बाजार के कई प्रबुद्ध नागरिकों समेत कुछ किसानों ने सीमेंट फैक्ट्री से क्षेत्र में भारी प्रदूषण फैलने की बात कहते हुए उक्त भूमि पर कृषि आधारित उद्योग लगाने का आग्रह किया। कंपनी एवं वियाडा के अधिकारी सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि यहां स्थापित होने वाली अम्बुजा सीमेंट की फैक्ट्री से प्रदूषण काफी कम फैलेगा। साथ ही प्रदूषण रोकने का हर सम्भव व्यवस्था कंपनी करेगी। इसके लिए प्रति दिन पानी का छिड़काव, हरे भरे पेड़ पौधे लगवाने तथा हवा में प्रदूषण रोकने वाली अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा।चीनी मिल की जमीन पर सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की शुक्रवार को जन सुनवाई बैठक संपन्न हो गई।
कार्यक्रम में पहुंचे अधिकारियों ने फैक्ट्री में अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने तथा प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभिन्न उपायों की जानकारी लोगों को दी। बता दें कि पिछले 30 वर्षों से बंद वारिसलीगंज चीनी मिल की 74 एकड़ जमीन वियाडा के माध्यम से देश के अग्रणी उद्यग ब्रांड अडानी ग्रुप को लीज पर दी गई है। जहां अडानी ग्रुप के द्वारा अंबुजा सीमेंट की फैक्ट्री लगाई जानी है।
वियाडा के उप प्रबंधक मनोज कुमार के नेतृत्व में आयोजित लोक सुनवाई बैठक में वियाडा के कार्यकारी निदेशक चंद्रशेखर सिंह, डीजीएम मनोज श्रीवास्तव तथा एरिया मैनेजर प्रशांत श्रीवास्तव समेत जिले के अधिकारियों एडीएम उज्जवल कुमार सिंह, एसडीएम अखिलेश कुमार, सीमेंट फैक्ट्री के डिप्टी मैनेजर प्रभात श्रीवास्तव, बीरभद्र प्रसाद, अंबुजा फाउंडेशन के प्रमोद कुमार, सीओ प्रेम कुमार, प्रखंड बीडीओ पंकज कुमार एवं सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी स्थानीय लोगों को सीमेंट फैक्ट्री लगाने से क्षेत्रवासियों को होने वाले नफा नुकसान की जानकारी दी।
बताया गया कि सीमेंट फैक्ट्री से डस्ट निकलेगी। जिसे नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रकार का यंत्र के साथ-साथ तीन स्तर पर पेड़ लगाया जाएगा। जबकि सीमेंट फैक्ट्री से निकले धूल कण से आबादी प्रभावित न हो इसके लिए सीमेंट बनाने का कार्य बंद एरिया में किया जाएगा। पानी का छिड़काव होगा जिससे कम से कम धूल कण बाहर निकल सकेगा।
बता दे की जिले में एकमात्र स्थापित हो रही सीमेंट फैक्ट्री के लिए जनसुनवाई की जानकारी बाद बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी बैठक में पहुंचे थे। प्रखंड कार्यालय स्थित कृषि भवन के एक छोटे से हाल में कार्यक्रम आयोजित था। फलतः मात्र कुछ लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। जिस कारण सैकड़ो लोग बैठक में भाग नहीं ले पाए।
मनुष्य के स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं होगी सीमेंट फैक्ट्री
जनसुनवाई में पहुंचे स्थानीय बुद्धिजीवियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता सियाराम सिंह आदि लोगों ने चीनी मिल की जमीन पर पुनः चीनी मिल या कृषि आधारित उद्योग लगाने की मांग की। कहा कि सीमेंट फैक्ट्री से कम लोगों के रोजगार मिलने के साथ-साथ क्षेत्र वासियों को धूलकण से परेशान होना पड़ेगा। इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होकर अलबत्ता नुकसान की संभावना है। जिस पर उपस्थित अधिकारियों ने कहा कि धूलकण कम से कम प्रभावित करें, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अधिकारियों ने कहा कि मनुष्य के स्वास्थ्य से बढ़कर सीमेंट फैक्ट्री नहीं होगी।
मौके पर डा. गोविंद जी तिवारी मुखिया राजकुमार सिंह ,अनिल यादव, सहदेव यादव, राम रतन सिंह, सतीश सिंह आदि उपस्थित रहे। रोजगार के साथ-साथ सामाजिक और शैक्षणिक मजबूती के लिए कंपनी करेगा कार्य कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण की हरकहांएए प्रयास के साथ-साथ सीमेंट फैक्ट्री लगने के बाद अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगी।
कहांए की सीमेंट फैक्ट्री लगने के बाद कंपनी के द्वारा क्षेत्र में सामाजिक सुधार के कई कार्य किए जाएंगे। जिसकी रूपरेखा भी कंपनी द्वारा तैयार कर ली गई है। क्षेत्र के अकुशल श्रमिकों को प्रशिक्षित कर कुशल श्रमिक बनाया जाएगा। अधिक से अधिक क्षेत्र वासियों को रोजगार के साथ-साथ प्रखंड के पिछड़े गांव का विकास तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार का प्रयास कंपनी के द्वारा किया जाएगा।
पथ दुर्घटना में जख्मी रालोजपा नेता का असामयिक निधन -अकबरपुर प्रखंड अध्यक्ष थे भरत सिंह, जिलाध्यक्ष ने जताया दुख
नवादा : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा पारस गुट) के नेता भरत सिंह का असामयिक निधन हो गया। वे जिले के अकबरपुर प्रखंड के अध्यक्ष थे। सड़क दुर्घटना का शिकार हुए थे। इलाज के क्रम में मौत हो गयी। पार्टी के जिलाध्यक्ष अभिमन्यु कुमार ने घटना पर दुख जताया है।
उन्होंने बताया कि बुधवार की शाम को नवादा बाईपास हड्डी गोदाम के पास बाइक चलाने के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गए थे। संभवतः किसी वाहन के टक्कर मारने से घटना हुई थी। हादसे में उनके सर में गंभीर चोटें आई थी। उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के क्रम में सुबह मौत हो गई।
उनकी मौत के बाद घर परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पत्नी, चार छोटे- छोटे बच्चों सहित अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। लोजपा नेता मूलतः अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के गंगटा गांव के निवासी थे। निधन पर जिलाध्यक्ष सहित पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दुख जताया है।
एम्स के फॉरेंसिक रिपोर्ट से खुला कारा अधीक्षक को फंसाने का राज
नवादा : मंडल कारा में कैदी गुड्डू कुमार 5 सितम्बर 2021 की मौत मामले में मानवाधिकार आयोग द्वारा जांच के लिए भेजे गए पटना एम्स फॉरेंसिक की रिपोर्ट ने जांचकर्ता के रिपोर्ट को भ्रामक बताते हुए नवादा के तत्कालीन एसडीपीओ उपेन्द्र प्रसाद तथा एसडीओ रहे उमेश कुमार भारती को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जो परिस्थितियां बनी है इससे साफ जाहिर है कि जात-पात की भावना से प्रेरित होकर कारा अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय को गलत तरीके से साजिश के तहत फसाया गया।
फोरेंसिक लैब ने कहा है कि मृतक कैदी के शरीर पर जख्म के निशान 5 दिन पुराने हैं, जबकि जेल पहुंचने के 2 दिन बाद उसकी मौत हो जाती है। इससे साफ जाहिर है कि जेल आने के पूर्व ही कैदी की पिटाई हुई थी, जिसे रजौली के तत्कालीन थानाध्यक्ष दरबारी चौधरी ने छिपाया। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-54 के अनुसार जख्मी कैदी को मेडिकल रिपोर्ट कराकर ही जेल भेजना है, लेकिन चौधरी ने इन तथ्यों को छुपाते हुए बिना मेडिकल कराये ही जेल भेज दिया। जेल में चिकित्सक नहीं रहने के कारण कैदी के जख्म की जांच नहीं हो सकी थी, जिससे जाहिर है कि जेल के बाहर पिटाई से कैदी की मौत हुई।
बिहार कारा सेवा संघ के अध्यक्ष ने जांच पदाधिकारी के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए बिहार के गृह सचिव, जेलर आईजी को प्रतिरोध पत्र लिखकर बेवजह निलंबित किए गए उनके पदाधिकारी अभिषेक कुमार पांडेय को शीघ्र निलंबन से मुक्त कर गलत जांच रिपोर्ट करने वाले पदाधिकारी के विरुद्ध मुकदमा चलाने की मांग की है। न्यायिक दंडाधिकारी की जांच रिपोर्ट को भी फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट ने कटघरे में खड़ा करते हुए उन्हें इस तरह के जांच रिपोर्ट के लिए अयोग्य बताया है।
विभागीय जांच अधिकारी मगध प्रमंडल के कमिश्नर की रिपोर्ट ने कारा अधीक्षक श्री पांडेय को हत्या के मामले में निर्दाेष करार देते हुए लापरवाही के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार बताया है, जिससे नवादा के एसडीओ रहे उमेश कुमार भारती तथा नवादा के एसडीपीओ रहे उपेन्द्र प्रसाद की कारा अधीक्षक श्री पांडेय को हत्या आरोपी बताने जैसी जांच रिपोर्ट की धज्जियां उड़ गई।
प्रमंडलीय आयुक्त की जांच में नवादा के जांच पदाधिकारी की रिपोर्ट को एक तरह से फर्जी तथा मनगढ़ंत बताया। आयुक्त की रिपोर्ट में तो न्यायिक जांच पदाधिकारी की रिपोर्ट को भी सीमा से बढ़कर मनगढ़ंत रिपोर्ट पेश करने की बात कही गई, जिसे आरोपी तत्कालीन कारा अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दे चुके हैं। जेलर उमाशंकर सिंह ने न्यायिक जांच पदाधिकारी पर एक कैदी को विशेष सुविधा देने की सिफारिश नहीं मानने पर न्यायिक जांच पदाधिकारी द्वारा मनगढ़ंत रिपोर्ट पेश कर परेशान करने की बात कही गई है।
जांच में न्यायिक जांच की भी धज्जियां उड़ चुकी है।कारा उप महानिरीक्षक तथा स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक ने भी जांच में कारा अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय को निर्दाेष बताया है। जेल में मौत के बाद नवादा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने भी औचक निरीक्षण कर कैदियों का बयान लिया था, जिसमें भी कारा अधीक्षक को निर्दाेष बताया गया था। जांच में यह बात भी सामने आई है कि गिरफ्तार किए जाने के बाद ग्रामीणों ने मॉब लिंचिंग में उसकी पिटाई की थी। उसके बाद रजौली के थानाध्यक्ष दरबारी चौधरी तथा दरोगा निरंजन सिंह ने भी जमकर पिटाई किया था, जिससे कैदी को गंभीर चोट आई थी।
कैदी ने अपने वार्ड में इस बात का खुलासा साथी कैदियों के बीच की थी। इस प्रकार संपूर्ण जांच रिपोर्ट देखने से स्पष्ट है कि नवादा के एसडीओ तथा एसडीपीओ भावनाओं से ग्रसित होकर तत्कालीन कारा अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय को हत्या के मामले में फंसाने की साजिश की, जिसे प्रमंडलीय आयुक्त ने पूर्णतः गलत करार दिया।
प्रमडलीय आयुक्त ने अपनी जांच में यह माना है कि संस्थान के मुखिया होने के कारण इलाज में लापरवाही के लिए कारा अधीक्षक अभिषेक पांडेय को आंशिक रूप से दोषी माना जा सकता है। उन्होंने कारा अधीक्षक की सीबीआई तथा सीआईडी की जांच की मांग को भी सरकार के पास अनुशंसित करते हुए उचित निर्णय की बात कही है।
तत्कालीन कारा अधीक्षक के अंगरक्षक को जेल में घुसकर पिटाई की बात कही गई थी, लेकिन सच्चाई थी कि उस दिन अंगरक्षक छुट्टी पर था। छुट्टी के मामला भी प्रमाणित हो चुका है, जिससे उसके द्वारा पिटाई की बात भी झूठी साबित हुई। इस तरह से माना जाए तो जांच पदाधिकारियों ने श्री पांडेय को हत्या के मामले में फंसाने के लिए कूट रचना की है, जिसके विरुद्ध श्री पांडेय पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। मगध प्रमंडल के आयुक्त की जांच रिपोर्ट ने जांच पदाधिकारियों के साथ ही न्यायिक जांच की धज्जियां उड़ाकर रख दी है।
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा है कि कारा अधीक्षक द्वारा कैदी की हत्या का कोई कारण नजर नहीं आता। जांच पदाधिकारी ने शंका के आधार पर आरोप लगा दिया था, लेकिन हत्या के मामले में संलिप्तता का किसी प्रकार का साक्ष्य नहीं जुटा पाए। प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है, जिससे जांच करने वाले पदाधिकारियों में हड़कंप मचा है। बिहार कारा सेवा संघ ने कहा है कि बेवजह हमारे निर्दाेष पदाधिकारी को 2 वर्षों से निलंबित रखा गया है, जो बिल्कुल गैर कानूनी है। कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
व्यवहार न्यायालय के इतिहास में जुड़ा नया अध्याय
नवादा : व्यवहार न्यायालय के इतिहास में शुक्रवार को नये अध्याय का शुभारंभ हुआ। पहली बार सूचना के अधिकार पर सुनवाई आरंभ की गयी तो आगे भी सुनवाई जारी रहेगी। ऐसा जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील द्वारा मांगी गयी सूचना के तहत हुआ। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सर्वप्रथम अपीलीय प्राधिकार सिविल कोर्ट के समक्ष प्रथम अपील की सुनवाई सुनिश्चित की गई थी जिसके आलोक में वे 2 बजे उपस्थित हुए । प्रथम अपील की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजीएम को प्रतिनियुक्त किया गया था।
सीजेएम ने प्रथम अपील की सुनवाई करते मामले की गंभीरता को देखते हुए 23.11.2023 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश व्यवहार न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने की तिथि निर्धारित की है। आवेदक के पक्ष रखे जाने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश दंडाधिकारी सीजीएम द्वारा बताया गया कि इस मामले में लोक सूचना पदाधिकारी सब जज 1 एवं आपकी दोनों की उपस्थिति जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष होगी और इस मामले में स्पीकिंग ऑर्डर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पारित करेंगे।
हालांकि सीजेएम ने दिये गये तार्किक पक्ष को सही माना एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्णय लेंगे इस बात पर सुनवाई को अगली तिथि निर्धारित कर दी। सहायक लोक सूचना पदाधिकारी अभय कुमार श्रीवास्तव जी के द्वारा बताया गया कि जिले में आप पहले ऐसे आरटीआई अपीलार्थी हैं जिसकी भौतिक उपस्थिति में सीजेएम सुनवाई कर रहे हैं और जिला एवं सत्र न्यायाधीश आगे सुनवाई करेंगे। इस बावत आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि इसमें गंभीर फर्जीवाड़ा उजागर होने की संभावना है , इसलिए सूचना को छिपाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
डीएम समेत अधिकारियों ने किया मंडल कारा का निरीक्षण
नवादा : आशुतोष कुमार वर्मा जिलाधिकारी व अम्बरीष राहुल पुलिस अधीक्षक ने अहले सुबह पुलिस लाइन स्थित मंडल कारा का संयुक्त रूप से 2 घंटे तक औचक निरीक्षण किया।शनिवार की सुबह-सुबह मंडल कारा में 18 दंडाधिकारियों के साथ पुलिस अधिकारी और सशस्त्र पुलिस वलों के द्वारा जेल के सभी 21 वार्डो का तलाशी लिया गया। इसके लिए जिलाधिकारी के द्वारा विशेष व्यवस्था की गई थी।
सभी दंडाधिकारी सुबह-सुबह 5:00 बजे पहुंच कर निर्धारित वार्डो का तलाशी लिया, लेकिन किसी भी वार्ड में किसी प्रकार की आपत्तिजनक सामान नहीं पाया गया। मंडल कारा में शौचालय, किचेन, हॉस्पिटल, पुस्तकालय, मंदिर आदि स्थानों पर सघन तलाशी अभियान चलाया, गया लेकिन किसी भी स्थल पर कोई आपत्तिजनक सामान नहीं पाया गया।मंडल कारा में कुल 21 वार्ड है ,जिसमें दो वार्ड महिला वार्ड में है,जिसकी महिला दंडाधिकारी के द्वारा सघन तलाशी ली गई।
कुल कैदियों की संख्या 1084 है, इसमें 44 महिला कैदी है।इसके अलावे महिलाओं के साथ 4 साल के 6 बच्चे भी हैं। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य सुविधा, भोजन आदि के बारे में कैदियों से फीडबैक लिय। तलाशी अभियान में दीपकए कुमार मिश्रा उप विकास आयुक्त, अखिलेश कुमार अनुमंडल पदाधिकारी नवादा सदर, अजय कुमार एसडीपीओ नवादा सदर के साथ में काफी संख्या में दंडाधिकारी, दंडाधिकारी के रूप में वरीय उप समाहर्ता, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, जिला योजना अधिकारी, राजस्व अधिकारी, स्टोनो आदि उपस्थित थे।
चार तो क्या, चालीस घंटों में भी नहीं हो सका हत्या का खुलासा, पुलिस का दावा हवा हवाई
नवादा : जिले के नेमदारगंज थाना क्षेत्र के तेयार में गैस एजेंसी संचालक हत्याकांड से पर्दा उठाने में पुलिस विफल रही है। हत्या व शव बरामद के बाद पहुंचे रजौली एसडीपीओ ने चार घंटे के अंदर खुलासा करने का दावा किया था लेकिन चालिस घंटों से अधिक कि अवधि व्यतीत होने के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी तो कारणों का खुलासा तक नहीं हो सका है। ऐसे में पुलिस का दावा हवा हवाई साबित तो हो ही रही है कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगना शुरू हो गया है। थाना की स्थापना अपराध पर अंकुश लगाने के लिए किया गया था लेकिन अपराध दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
गैस स़ंचालक की गोदाम में अपराधियों द्वारा की गयी हत्या से जन मानस को झकझोर दिया है तो नवादा पुलिसिंग पर उंगलियां उठने लगी है। हालात यह है कि पुलिस पत्रकारों पर निशाना साधने में अपनी भलाई समझ रही है और निशाना बनाया जा रहा है। बहरहाल पुलिस लाख दावा करे लेकिन जिले में अपराध चरम पर है। बालू- दारू का शह मात का खेल जारी है।
सरकार ने भी माना अल्पसंख्यक महिला अत्याचार मामले में थानाध्यक्ष हैं दोषी
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित परनाडाबर थानाध्यक्ष को अल्पसंख्यक महिला अत्याचार मामले में दोषी माना है। बिहार विधान परिषद में नौ नवम्बर को भाजपा सदस्य पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजय पासवान द्वारा पूछे गये सवाल के जबाब में स्वीकार किया है। सरकार ने भले ही थानाध्यक्ष को दोषी करार दिया हो लेकिन एसपी द्वारा अबतक किसी प्रकार की कार्रवाई न कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में पुलिस से जिले के नागरिकों का भरोसा समाप्त हो गया है।
यह कोई ऐसा पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी एसपी द्वारा कराये गये जांच में कई थानाध्यक्षों को जांच पदाधिकारी ने दोषी मानते हुए कार्रवाई की अनुसंशा की है बावजूद एसपी द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। सारा मामला थानाध्यक्षों के भ्रष्टाचार से जुड़ा है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि खाता न सही पुलिस जो चाहे वही सही। फिर भ्रष्टाचार को रोक पाना संभव भी नहीं। अब जिले के लोगों का एकमात्र सहारा न्यायालय रह गया है। दोषी सरकार मानती है लेकिन कार्रवाई के नाम पर एसपी का पसीना छूट रहा है।