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05 अगस्त : नवादा की मुख्य खबरें

350 व्यवसायियों के पास वाणिज्य कर विभाग का 11 करोड़ रुपए बकाया

नवादा : पिछले कुछ वर्षों जिले में वाणिज्य कर चुकाने की प्रवृत्ति में बृद्धि हुई है, लेकिन कुछ व्यवसायियों की आनाकानी अब भी बरकरार है। जिले के सैकड़ों व्यवसायियों के पास अब भी 10 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया पड़ा है। राजकोष में इतनी राशि आ जाती तो कई विकास कार्यों को बल मिलता। जानकारी के अनुसार जिले के करीब 350 कारोबारियों के यहां वाणिज्य कर विभाग का 11 करोड़ रुपये बकाया है। इनमें से सर्वाधिक नगर के कारोबारी और जिले के ईट भट्ठा संचालक हैं।

राशि पिछले कई वर्षों से विभिन्न मदों में बकाया है। जबसे जीएसटी शुरू हुआ है तब से ही कई के यहां बकाया है। इनमें से कुछ राशि तो वर्षों पहले लगने वाले वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) मद में बकाया है। इनमें निर्धारित कर (एसेस टैक्स) व स्वीकृत कर (एडमिटेड टैक्स) दोनों की बकाया राशि शामिल है। एक दर्जन बड़े बकायेदारों के पास ही करोड़ों से अधिक का बकाया है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई बकायेदारों ने अपना प्रतिष्ठान बंद कर दिया है। कुछ बकायेदारों ने वाणिज्य कर विभाग द्वारा निर्धारित किये गये टैक्स के विरुद्ध नेशनल कम्पनी लिक्विडेशन ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) समेत अन्य उपरी कार्यालयों में सुनवाई के लिए अर्जी दे रखा है।

तीन वर्षों में 8 करोड़ कम हुआ ओवरड्यू 

पिछले 3 सालों में अच्छी रिकवरी हुई है। 2019 में जिले में कुल ओवरड्यू 19 करोड़ के आसपास था जो अब 11 करोड़ के आसपास आया है। भारी-भरकम राशि बकाया होने के कारण कारोबारी भी अपना कारोबार फैला नहीं पा रहे हैं। बकायेदारों में हार्डवेयर कारोबारी, ईंट भट्ठा संचालकों, मिल संचालक व कोयला कारोबारियों के अलावा विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े कारोबारी शामिल हैं। ऐसे बकायेदारों को कई बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है। कोई सक्षम प्राधिकार में अर्जी लगा रहा है तो कोई कोर्ट चला गया है।

अटैचमेंट और नीलामवाद का प्रावधान 

बार-बार रिमाइंडर देने के बाद भी बकाया टैक्स नहीं जमा करने पर कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। राशि अटैचमेंट और नीलामवाद तक किया जा सकता है। दो-तीन साल पहले ही जिले के 90 बकायेदारों पर नीलाम वाद (सर्टिफिकेट केस) की कार्रवाई की गई थी । इससे पूर्व इन्हें नोटिस दी गयी थी, परंतु अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर विभाग ने इनके विरुद्ध मामला दायर किया था। अब सालों से जिनके यहां बकाया है उनके खिलाफ फिर इसी तरह की कार्रवाई की तलवार लटक रही है। बकायेदारों के विरुद्ध वाणिज्य विभाग ने बैंक अटैचमेंट (राशि कुर्क करने) की कार्रवाई का प्रावधान है।

जीएसटी की वसूली को लेकर विभाग सख्त 

निर्धारित टैक्स का डिमांड होने के बाद भी जमा नहीं करने के अलावा टैक्स चोरी जारी है। इस साल टैक्स चोरी रोकने और राशि वसूली को लेकर वरीय अधिकारियों के निर्देश पर स्थानीय वाणिज्य कर अधिकारियों द्वारा कई बकायेदारों के प्रतिष्ठानों में छापेमारी की थी, तब करीब आधा दर्जन प्रतिष्ठानों में करोड़ों की टैक्स चोरी का मामला सामने आया था। इन दिनों जीएसटी की वसूली को लेकर विभाग सख्त है। इनके विरुद्ध अन्य कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इनके दूसरे अकाउंट तथा दूसरी जगहों पर चल रहे कारोबार का पता लगाया जा रहा है। पता चलते ही अकाउंट तथा कारोबार की संपत्ति अटैच कर ली जाएगी।

कारोबारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

टैक्स जमा नहीं करने वाले कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्हें बार-बार रिमाइंडर भेजा जा रहा है। जुलाई माह में भी 29 कारोबारियों के पास 54 लाख 86 हजार का ओवरड्यू है। डिमांड निकला है। व्यवसायी सही समय पर जमा कर दें।

कीटनाशकों के प्रयोग से तालाबों में विलुप्त हो रहीं देशी मछलियां

नवादा : जिले में मछली उत्पादन को लेकर लगातार बढ़ते रसायनों के प्रयोग से एक बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है। इस आबादी में मछली पालने वाले लोग भी शामिल हैं। जलाशयों की साफ-सफाई के लिए कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। मानक के विपरीत कीटनाशक का प्रयोग खतरनाक साबित हो रहा है। इसके साथ ही खेती के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग भी इसका कारण बन रहा है। कीटनाशक के तौर पर कई प्रतिबंधित दवाओं का धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है।इसके कारण इसका असर तेजी से जलीय जीवों और देशी मछलियों पर हो रहा है।

रजौली अनुमंडल मुख्यालय से सटे बहुआरा डैम,जॉब डैम, फुलवरिया डैम, गोविन्दपुर के पुरैनी व कोल महादेव डैम, अकबरपुर के कुतिया व पिरौटा जलाशय में बड़े पैमाने पर कभी देशी, मांगुर, रेहू ,कतला, टेंगरा,कवई मछली होती थी, लेकिन मौसम में हो रहे बदलाव के साथ ही तालाबों में मछली व्यवसाय को पीछे छोड़ दिया है। जानकार बताते हैं कि जलाशयों और तलाबों में डाले जाने वाले रसायन के उपयोग के कारण देशी मछली जल्द मर जाती है। ऐसे में दूसरा व्यवसाय करना इनकी लाचारी है।

कम है मुनाफा तो कैसे होगा मछली का व्यवसाय

मछली पालन में लगे लोगों का कहना है कि मंहगाई एवं घाटे के सौदे के कारण देशी मछलियों का पालन करने में पीछे हट रहे हैं। अब अधिक मुनाफा के लिए कीटनाशक का अत्यधिक प्रयोग कर रहे है। इससे विभिन्न प्रकार के देशी मछलियां विलुप्त होने के कगार पर है।

जलाशयों व छोटी-बड़ी नदियों में वर्षों पूर्व पानी भरा पड़ा रहता था। कम पानी के कारण देशी मछलियां विलुप्त होने के कगार पर है। कभी देशी मछलियों के कारण व्यापक पैमाने पर मछुआरे मछली निकालकर रोजगार से जुड़ते थे। इससे उनकी आजीविका चलती थी और परिवार का भरण पोषण कर अच्छा मुनाफा कमाते थे। लेकिन क्षेत्र में कम पानी की उपलब्धता ने देसी मछलियों से होने वाले रोजगार पर ग्रहण लगा दिया है।

पहले बाजार में आसानी से मिलती थी देशी मछलियां

कवई, टेंगरा, पताशी, इचना, झींगा, मांगुर, देशी रेहू, कतला पोठि मछलियां यहां आसानी से मिलती थी। लेकिन अब बाजार में यह कम ही दिखती है। वर्षों पूर्व नदियों और तालाबों में मछली मारकर लोगो रोजगार से जुड़े थे और अपना पोषण कर रहे थे। लेकिन मछलियों के विलुप्त होने के कारण हाट बाजार में अब ये मछलियां कम ही देखने को मिल रही है।

मछुआरा राकेश हलधर ने बताया कि देशी मछलियों को पकड़ हाट बाजार व गांव में बेचकर आजीविका पुश्तैनी कार्य है। कुछ वर्षों पूर्व तक उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ करता था। लेकिन आज कम पानी व अधिक खेती के दौर में देशी मछलियों की कमी के कारण रोजगार थम सा गया है। लक्ष्मण महलदार, राम प्रसाद, सदानन्द महलदार ने कहा कि आज रोजगार को लेकर दिल्ली पंजाब पलायन करना पड़ता है।

कीटनाशक का प्रयोग नहीं करने की सलाह

जिला मत्स्य पदाधिकारी ज्ञान शंकर सहनी ने बताया कि मत्स्य पालकों को कीटनाशक का प्रयोग नहीं करने की सलाह दी जाती है। कीटनाशक के प्रयोग नहीं करने को लेकर मत्स्य विभाग के द्वारा पालक को जागरूक किया जाता है। हाईब्रीड मछलियों के मुकाबले देशी मछलियों के पालन में थोड़ी बहुत परेशानी होती है। इससे किसान इन मछलियों के पालन से दूर हो रहे है।

वारिसलीगंज पहुंची पश्चिम बंगाल पुलिस, साइबर क्राइम मामले में हुई बड़ी कार्रवाई, दो गिरफ्तार

नवादा : जिले में साइबर क्राइम के लगातार बढ़ते मामले मामले में बंगाल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार को पश्चिम बंगाल की पुलिस नवादा पहुंच साइबर क्राइम का खुलासा करते हुए दो युवक को गिरफ्तार कर बंगाल ले गई। मामला वारसलीगंज थाना क्षेत्र के चकबाय पंचायत के मीरबीघा गांव का है। सुबह-सुबह दो साइबर वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार युवक की पहचान शत्रुध्न प्रसाद का पुत्र सूरज कुमार व श्रवण कुमार का पुत्र उज्जवल कुमार के रुप में हुआ है। दोनों युवकों को पश्चिम बंगाल पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई।

जानकारी के अनुसार दोनों युवकों के पास से कई दस्तावेज बरामद हुएहै। दोनों युवकों के द्वारा आर्मी के जवान पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रहने वाले सलाउद्दीन सेठ से 26 लाख 400 का ऑनलाइन ठगी किया था। इंडियन ऑयल गैस एजेंसी दिलवाने के नाम पर ऑनलाइन रुपया मंगवा लिया था। 15 दिन बीत जाने के बाद किसी भी प्रकार का कोई कागज घर पर नहीं पहुंचा तो साइबर क्राइम के शिकार हुए आर्मी जवान के द्वारा इसकी शिकायत पश्चिम बंगाल के बीरभूम थाना में की गई। पश्चिम बंगाल पुलिस ने साइबर क्राइम करने वाले दो युवकों को बिहार के नवादा से गिरफ्तार किया है।

वारिसलीगंज थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि पश्चिम बंगाल की पुलिस पहुंची थी और नवादा पुलिस के सहयोग से पश्चिम बंगाल पुलिस ने साइबर क्राइम करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है। बता दें जिले में साइबर क्राइम करने वाले तेजी से जाल बिछा रहे हैं। पुलिस की दबिश के बाद भी साइबर क्राइम करने वाले लोग बड़े बड़े पैमाने पर लोगों की ठगी कर रहे हैं।

चाचा-भतीजे के बीच मारपीट, एक परिवार के 4 जख्मी, एक की हालत नाजुक

नवादा : जिले के कादिरगंज ओपी क्षेत्र के नजर डीह गांव में बच्चों के विवाद में मारपीट हुआ। भतीजे ने अपने चाचा की पिटाई कर दी। मारपीट में 4 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जख्मी श्रीकांत सिंह, मीना देवी, लक्ष्मी नारायण सिंह और करिश्मा कुमारी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिसमें 2 लोगों की हालत काफी गंभीर है। घायल लक्ष्मी नारायण सिंह ने बताया कि भतीजा ने मारपीट की है। विरोध किया तो सभी परिवार वाले मिलकर लाठी-डंडा से पीटने लगे। हम चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। बच्चों के विवाद में मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया है।

2 साल से चल रहा जमीन विवाद:

घायलों ने बताया कि एक बीघा जमीन विवाद 2 साल से है। इसी विवाद को लेकर थोड़ी-थोड़ी बात में मारपीट होती रहती है। भतीजा व अन्य लोगों के खिलाफ फर्द बयान देकर कार्रवाई की मांग की गई है। एसआई विजय कुमार सिंह ने बताया कि मारपीट हुई है। एक का सिर फट गया है। अपने ही भतीजा के खिलाफ फर्द बयान दिया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।

जिंदगी की डोर तोड़ रहा टूटे खिलौनों को जोड़ने वाला केमिकल सुलेशन

नवादा : खिलौनों से खेलने की उम्र में उसी को जोड़ने में काम आने वाला केमिकल बच्चों और किशोरों के जीवन की डोर तोड़ रहा है। इस सस्ते और घातक नशे की गिरफ्त में अधिकतर कूड़ा चुनने वाले हैं। स्थिति इस कदर भयावह हो चली है कि इस वर्ग के बच्चे हर टोले, मोहल्ले व चौक, चौराहे पर रूमाल या प्लास्टिक में केमिकल छिड़क उसे सूंघते दिखने लगे हैं।

स्टेशनरी से लेकर किराना दुकान, साइकिल दुकान और गुमटी चलाने वाले व्यवसाई चंद रुपयों की लालच में किसी को सुलेशन व फेविकोल बेच दे रहे हैं। कम से कम 10 रुपये में नशे का यह साधन उपलब्ध है। दुकानदार सोनू कुमार व चंदन कुमार की मानें तो यह सुलेशन प्लास्टिक के सामान व टूटे-फूटे पार्ट पूर्जे को जोड़ने के साथ कागज चिपकाने में काम आता है। वाहनों के ट्यूब पंक्चर बनाने में भी इसका प्रयोग होता है।

इस तरह होता है इस्तेमाल

संबंधित केमिकल के एक पैकेट को खरीद कर कहीं अकेले में बैठ कर प्लास्टिक की पन्नी पर उसे पहले निचोड़ देते हैं। उसके बाद हथेली में बंद कर नाक के पास ले जाकर सांस खींचते हैं।पांच मिनट बाद उन पर नशा हावी होने लगता है। नशे का प्रभाव चार से पांच घंटे तक रहता है। इस तरह दिन में दो बार और कभी कभी शाम में भी इसकी एक डोज लेते हैं। यह नशा शरीर को सुन्न कर देता है।

ये है दुष्प्रभाव

जिले के वरीय चिकित्सकडॉ. शत्रुघ्न प्रसाद सिंह बताते हैं कि सभी केमिकल हानिकारक हैं। फेफड़े में सूजन आ जाती है व हृदय, श्वास नली पर इसका सीधा दुष्प्रभाव होता है। समय पर इसका उपचार नहीं हुआ तो मौत भी हो सकती है। नशा करने के बाद किशोर कहीं भी घंटों निढाल बैठे रहते हैं। चार-पांच बच्चे अगर एक जगह बैठे रहते हैं, तो आपस में बात तक नहीं करते। खुद में सिमटे रहते हैं। चिकित्सक ने बताया कि नशा सेवन करने वाले का शरीर शिथिल कर देता है। सोचने समझने की शक्ति क्षीण हो जाती है। ऐसे में वह अनजाने में कोई अपराध भी कर सकता है।

नशा करने का यहां है ठिकाना

रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, पोस्टमार्टम रोड, मिर्जापुर, पार नवादा रेलवे लाइन समीप, चाय पान की दुकान, रेलवे पुल, रेलवे यार्ड, रेलवे पटरी के आसपास बच्चों का कुतर्क, भूख नहीं लगती, थकान भी मिट जाती नशा सेवन करने वाले कुछ बच्चों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि माता-पिता के सिर से साया उठ जाने के बाद कोई देखने वाला नहीं है। कूड़ा-कचरा चुनकर जीवन यापन करते हैं। अब तो लोग भीख देना भी बंद कर दिए हैं।

कूड़े की ढेर में कुछ उपयोगी वस्तुएं मिल गईं, तो उसे बेचकर भोजन करते हैं।10 से 15 रुपये में मिलने वाले सुलेशन सूंघने से कई घंटे तक भूख नहीं लगती, थकान भी मिट जाती है। एक किशोर ने पूछने पर बताया कि तेजी से केमिकल सुंघने के बाद शरीर हल्का हो जाता है। बच्चों से कोई हुनर सीख जीवनयापन करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। – 10 रुपये में फेविकाल का मिलता पाउच

रविवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आएंगे नवादा

नवादा : 6 अगस्त रविवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व पूर्व मंत्री संतोष मांझी का आगमन नवादा के गांधी इंटर स्कूल में होने वाला है। इसी को लेकर नवादा के सर्किट हाउस में हम पार्टी के प्रवक्ता श्यामसुंदर शरण और नेता लव कुमार सिंह की देखरेख में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।

प्रेस वार्ता के माध्यम से प्रवक्ता ने कहा कि- हम पार्टी की भ्रूण हत्या करने चले थे नीतीश कुमार। लेकिन हमारे नेता ने ऐसा होने नहीं दिया, और अपने पार्टी को बचाया है। 6 अगस्त रविवार को गांधी इंटर स्कूल में लाखों की लाख संख्या में लोग पहुंचेंगे। और गरीब जनसभा को मांझी के द्वारा संबोधित किया जाएगा।

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मांझी समाज के अस्तित्व को खत्म करना चाहते थे। जिसके कारण ही हमारे नेता ने नीतीश कुमार को ठुकरा कर भारतीय जनता पार्टी के साथ विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए चले गए। नवादा में विशाल यात्रा की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की शुरुआत मगध की क्षेत्र नवादा से की जा रही है।

गांधी इंटर स्कूल में हो रही तैयारी:-

हम प्रवक्ता श्यामसुंदर शरण, हम के नेता लव कुमार, अभिषेक सिंह के द्वारा बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की गरीब जनसभा को सफल बनाने के लिए गांव-गांव जाकर सभा में आने के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं। 10 दिन से पूरी जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। और इस तैयारी की पूरी बागडोर इन युवाओं के कंधे पर है। यह चारों व्यक्ति ऐसे हैं जो नवादा की हर दुख सुख में उन गरीबों की आवाज बनकर उठते हैं जो गरीब की हित की बात करते हैं। इसलिए गरीब सभा में वह लोग पहुंचेंगे जिन लोगों ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया था।