20 जुलाई : अरवल की मुख्य खबरें

0

दस हजार मानदेय के साथ आशा कार्यकर्ताओ को सरकारी कर्मी का मिले दर्जा – महानंद सिंह

अरवल : आशा कार्यकर्ता संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल के तहत आशा कार्यकर्ताओं ने जिला पदाधिकारी अरवल के समक्ष प्रदर्शन किया। जिसकी अध्यक्षता आशा कार्यकर्ता संघ गोप गुट के जिला सचिव आशा देवी एवं फैसिलेटर ललिता देवी ने संयुक्त रूप से किए। 9 सूत्री मांगों को लेकर 12 जुलाई से जिले के आशा कार्यकर्ता लगातार हड़ताल जारी रखे हुए हैं इस अवसर पर स्थानीय विधायक महानंद सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जिले में कमीशन खोरी नहीं चलेगा अगर कोई भी पदाधिकारी आशा कार्यकर्ता से कमीशन मांगता है तो हमें और गोप गुट महासंघ के जिला सचिव को सूचित करें ताकि इसके लिए उचित करवाई किया जा सके।

उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता दिन रात मेहनत करके ग्रामीण चिकित्सा को बढ़ावा देती हैं लेकिन सरकार प्रोत्साहन के तौर पर एक हजार नगद देती है जबकि एक हजार रुपया में एक गैस सिलेंडर भी नहीं मिल पा रहा है महंगाई की मार से आशा कार्यकर्ताओं को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है उन्होंने सरकार से आशा कार्यकर्ताओं को दस हजार रुपया प्रतिमाह मानदेय के साथ-साथ सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की है।

swatva

कोरोना महामारी के समय में भी आशा कार्यकर्ताओं का सेवा बहुत ही बेहतर रही है इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य सेवाओं में आशा कार्यकर्ताओं का योगदान सराहनीय रहता है फिर भी सरकार द्वारा इन लोगों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जा रहा है भाकपा माले जिला सचिव जितेंद्र यादव ने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन भाकपा माले कर रही है इस अवसर पर कांति देवी पूनम देवी रेनू देवी ललिता देवी के अलावा काफी संख्या में आशा कार्यकर्ता मौजूद थे।

जिला पशुपालन कार्यालय में टीकाकरण अभियान का किया गया शुभारंभ

अरवल : जिला पशुपालन कार्यालय अरवल मे नगर परिषद अध्यक्ष साधना कुमारी एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी अरवल डॉ.अरविंद कुमार के द्वारा केंद्र प्रायोजित टीकाकरण अभियान की शुरुआत संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला पशुपालन पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे अरवल जिला अंतर्गत सभी प्रखंडों के तीन हजार सात सौ नब्बे सूकरों में टीकाकरण करने का लक्ष्य पशुपालन निदेशालय के द्वारा निर्धारित किया गया है जिसे बीस जुलाई से पांच अगस्त के बीच निजी टिकाकर्मियों के माध्यम से कराया जाएगा।

मंच संचालन कर रहे पशु चिकित्सक डॉ.उपेंद्र कुमार ने बताया कि क्लासिकल स्वाइन फीवर गंभीर विषाणु जनित संक्रामक रोग है जो कि पेस्टीवायरस से होता है। इस रोग का एकमात्र निदान टीकाकरण हीं है। इस वायरस का ऊष्मायन काल 2 से 14 दिनों का है, इसके संक्रमण के पश्चात सुअरों को तीव्र ज्वर, साँस लेने में दिक्कत, अत्यधिक लार गिराना इत्यादि लक्षणों के साथ मृत्यु होना शामील है।

आमंत्रित विशिष्ट अतिथि नगर परिषद अध्यक्षा साधना कुमारी ने सभी अरवल जिला के सुकर पालकों से आह्वान किया कि सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण निःशुल्क टीकाकरण कार्यक्रम का लाभ अपने अपने सूकरों को टीकाकृत एवं ऑनलाइन पंजीकरण करवाकर लें।कार्यक्रम में अरवल जिला में पदस्थापित सहायक कुक्कुट पदाधिकारी एवं कार्यक्रम के जिला नोडल पदाधिकारी डॉ.सशिकान्त सिंह, डॉ.आशुतोष, डॉ.प्रवीण, डॉ. शैलेश के साथ साथ अन्य सभी पशुचिकित्सक, टिकाकर्मी एवं कई पशुपालक मौजूद थे।

वर्षा नहीं होने के कारण किसान के चेहरे के साथ फसल भी मुरझाने लगे

अरवल : मौसम के बदलते तेवर से किसानों में कभी मायूसी तो कभी चेहरे पर मुस्कान की हालत जैसी उनके खेतों में लगे विचडो के साथ जुड़ गया है किसान के खेतों में वर्षा होने के बाद फसल लहलाहने लगते हैं वही वर्षा के अभाव में इन दिनों किसान के खेतों में लगे फसल मुरझाने लगे है इन दिनों भगवान भास्कर के प्रभाव के साथ-साथ वर्षा भी गायब हो गया है जिसके कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है।

बिजली विभाग की लापरवाही कहीं या तकनीकी गड़बड़ी के कारण निर्बाध रूप से खेतों की सिंचाई के लिए विद्युत भी नहीं उपलब्ध हो पा रही है जिसके कारण किसान किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में पहुंच गए हैं जिला क्षेत्र के कुछ भागों में रोपानी का कार्य प्रारंभ किया गया है लेकिन इन हालातों में उसे बचा पाना लोहे के चने चबाना जैसी हो गई है सोन नहर इलाके के किसानों की भी स्थिति डगमग अवस्था में चल रही है।

क्योंकि सोन नहर से भी दर्जनों गांव के किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। इसका मुख्य कारण इन गांवों में खेतों की सिंचाई के लिए नहर में कम से कम साढ़े सात गेज पानी उपलब्ध होना आवश्यक है। लेकिन ज्यादा कदा नहरों में पानी का लेवल ऊपर आने के बाद खेतों तक पानी पहुंच रही है, जबकि धान की रोपाई करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसके लिए लगातार पानी की उपलब्धता आवश्यक है खेतों में लगे बिछड़े को बचाने के लिए किसान दिन रात लगे हुए हैं जबकि धान रोपाई वाले खेतों में पानी के लिए किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं बिजली के भरोसे पर खेतों में धान की रोपाई करने वाले किसानों के मंसूबे पर भी पानी फिर रहा है।

अरवल ब्यूरो देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here