कटिहार : सदर अस्पताल लगातार अपनी खामियों की वजह से ही सुर्खियां बटोरता रहता है। इन दिनों एक तरफ अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित भवनों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे यहां पहुंचने वाले मरीजों की बेहतर से बेहतर चिकित्सा व्यवस्था हो सके। लेकिन लोग जितने निर्माण कार्य से परेशान नहीं होते हैं। उससे ज्यादा यहां पहुंचने वाले मरीजों की समस्या है। यहां व्यवस्थित ढंग से कोई भी कार्य नहीं होना।
लोग मुख्य गेट के सामने से लेकर अंदर तक अपनी वाहन खड़ा करते हैं। जहां आम लोगों का वाहन खड़ा नहीं हो सकता उन स्थानों पर अस्पताल पहुंचने वाले डॉक्टर साहब की गाड़ियां खड़ी होती है। जिसके कारण अस्पताल पहुंचने वाले मरीज काफी समस्या का सामना करते हैं हद तो तब हो जाती है जब एंबुलेंस गंभीर अवस्था के मरीज को भी सीधे अस्पताल के अंदर प्रवेश नहीं मिल पाता।
इस व्यवस्था को सुधारना अस्पताल प्रशासन और सिविल सर्जन की नैतिक जिम्मेवारी है। कम से कम तब तक जब तक नव निर्माण कार्य चल रहा है तब तक यहां पहुंचने वाले मरीजों को कम से कम समस्या का सामना करना पड़े अस्पताल के अंदर भी दोनों तरफ बेड लगाया गया है। जिसके कारण मरीजों को भी और अंदर वार्डो में भर्ती मरीज व उनके परिजनों को इस भीषण गर्मी में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से गार्ड अवश्य लगाए गए हैं लेकिन वरीय अधिकारी को यह गार्ड कुछ बोलने से कतराते हैं, नहीं तो उनके नौकरी पर खतरा मंडराने लगेगा ऐसे में पृथ्वी पर कहे जाने वाले भगवान डॉक्टर साहब अगर अपनी नैतिक जिम्मेवारी को समझें तो शायद मरीजों की समस्या कम हो और सीएस को भी सभी कार्यों का निष्पादन में काफी सहयोग मिलेगा।