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जीएसटी के दायरे में अब पंचायत की योजनाएं, मनमानी पर लगेगी रोक

नवादा : जिले में पंचायतों की योजनाओं से संदिग्ध भुगतान और कर चोरी रोकने और के लिए अब पंचायतों को जीएसटी के दायरे में लाया गया है। खासकर एक ही सप्लायर को ढाई लाख से अधिक भुगतान पर टीडीएस काटना अनिवार्य है। जिले के सभी 182 पंचायतों और 14 पंचायत समितियों के लिए जीएसटी में निबंधन कराना है।

इस मामले में अभी जिले में निराशाजनक स्थिति है और काफी कम पंचायतों के पास जीएसटी का निबंधन है। हालांकि पंचायती राज विभाग पंचायतों को अपडेट कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। पिछले सप्ताह ही पंचायती राज पदाधिकारी के द्वारा वर्कशॉप लगाकर जीएसटी और टीडीएस के बारे में जानकारी दी गई थी। बावजूद अबतक रुचि नहीं दिखाई जा रही है।

डीपीआरओ के द्वारा सभी पंचायतों को अनिवार्य रूप से जीएसटी का निबंध करा लेने का निर्देश दिया गया है। पंचायतों में अक्सर फर्जी भुगतान और अनियमितता के मामले सामने आते रहते हैं। यह भुगतान अपंजीकृत फर्मों से छोटे-छोटे टेंडर या कोटेशन नाम पर किए जाते हैं। इस पर रोक लगाने को लेकर शिकंजा कसने की तैयारी है। वाणिज्य कर विभाग की ओर से ढाई लाख या उससे अधिक का भुगतान करने पर टीडीएस कटौती अनिवार्य कर दी गई हैं। जिले के ग्राम पंचायतों व पंचायत समिति व स्थानीय निकायों लिए भी जीएसटी में पंजीयन आवश्यक कर दिया गया में है।

राज्य कर विभाग ने दिया है निर्देश

राज्य कर आयुक्त द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार माल व कर सेवा अधिनियम 2017 की धारा 51 के अंतर्गत कार्य संवेदकों एवं आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान के समय विहित शर्तों के अधीन कर की कटौती कर टीडीएस काटे जाने का प्रावधान है। पत्र में बताया गया है कि कटौती कर्ता मतलब ग्राम पंचायत, पंचायत समिति को, प्राधिकार को जीएसटी अधिनियम के अंतर्गत डिडक्टर के रूप में निबंधन लेना होगा।

पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जीएसटी अधिनियम के प्रावधान के अनुसार कटौती नहीं किये जाने एवं कर भुगतान तथा विवरणियां दाखिल नहीं किये जाने की स्थिति में पंचायत इकाइयों को व्याज एवं लेट फीस देना होगा।

दो प्रतिशत तक की कटौती

ग्राम पंचायत व पंचायत समितियों द्वारा सरकार से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में जीएसटी व आयकर दोनों की कटौती होगी। विभागीय अफसरों के अनुसार किसी भी योजना के क्रियान्वयन में वेंडर द्वारा विपत्र प्रस्तुत किये जाने पर पंचायत व पंचायत समिति द्वारा 2 प्रतिशत जीएसटी व 1 प्रतिशत आयकर कर की राशि की कटौती होगी। जबकि यह राशि आयकर विभाग के माध्यम से सरकारी खजाने में जमा हो जाएगी। अफसरों के अनुसार जीएसटी व आयकर कटौती से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।

भुगतान का पूरा डिटेल रखना जरूरी

जीएसटी में निबंधन कराने के साथ ही भुगतान की पूरी प्रक्रिया डिजिटलाइज और पारदर्शी बन जाएगी। पहले पंचायत ईकाई के माध्यम से सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन में पैसे के भुगतान के दौरान वेंडर जीएसटी से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते थे।

14 पंचायत समितियों के पास पहले से निबंधन

– जिले के सभी 14 पंचायत समितियों के पास पहले से निबंधन है, लेकिन बड़ी संख्या में पंचायतों के पास जीएसटी निबंधन नहीं है। जीएसटी से निबंधित कराने तथा भुगतान की प्रक्रिया के दौरान टीडीएस आदि का ध्यान रखने को लेकर सभी पंचायत इकाइयों को जागरुक किया जा रहा है।

अंशु कुमारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी