मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा के दौरान धरना प्रदर्शन करेंगे भगवानपुर पंचायत के मोतनाजे गांव के निवासी

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– डीएम, एसडीओ, डीईओ को पत्र भेज कर दिया जानकारी, गांव वालों ने शिफ्ट किए गए स्कूल को दोबारा गांव में वापस लाने की कर रहे हैं मांग

– वर्ष 2019 में गांव के स्कूल को दूसरे पंचायत में कर दिया गया है शिफ्ट, पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं गांव के सैकड़ों बच्चे

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नवादा नगर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा सदर प्रखंड के भगवानपुर पंचायत में पहुंचने वाली है। लेकिन भगवानपुर पंचायत के ही मोतनाजे गांव के लोगों ने 20 जनवरी से ही धरना प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है। ग्रामीणों ने डीएम, एसडीओ, डीईओ और जिला प्रशासन के अन्य पदाधिकारियों को ज्ञापन देकर 20 जनवरी से मुख्यमंत्री के आगमन तक धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है। मोतनाजे गांव के ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 2009 में काफी प्रयास के बाद गांव में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गई थी। यह विद्यालय गांव में वर्ष 2019 तक संचालित होता रहा। इस दौरान गांव के सैकड़ों बच्चे इसी विद्यालय से पास आउट होकर आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

लेकिन गांव के इस विद्यालय के पास अपना भवन नहीं होने के कारण 15 जुलाई 2019 से नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को दूसरे पंचायत देदौर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय तेतरिया में शिफ्ट कर दिया गया है. इसके बाद से गांव के बच्चों को स्कूल में पढ़ाई करना मुश्किल हो गया है। तेतरिया गांव इस प्रकार के लोकेशन में बसा है कि वहां तक पैदल जाना संभव ही नहीं है। नदी और पहाड़ से घिरे इस गांव से 3 किलोमीटर दूर तक 5 से 10 साल तक के बच्चों को पढ़ने के लिए जाना संभव नहीं है। ग्रामीण फिर से उस विद्यालय को अपने गांव में स्थापित करने की मांग कर रहे हैं।

किचन सेट, शौचालय और अर्ध निर्मित हिस्सा बना है

समाधान यात्रा के पहले ग्रामीण अपनी समस्या के समाधान को लेकर चिंतित हैं। ग्रामीणों ने घोषणा कर दिया है कि जब तक गांव में स्कूल की शुरुआत नहीं होगी कार्यक्रम होने तक हमारा धरना जारी रहेगा। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सार्वजनिक रूप से मंदिर में स्कूल का संचालन होता था। स्कूल के लिए किचन सेट, शौचालय आदि बना हुआ है। इस संबंध में पिछले 3 वर्षों में दर्जनों पत्र मुख्यमंत्री से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी तक दिया गया है। लेकिन आज तक विद्यालय को फिर से गांव में लाने का प्रयास नहीं किया गया है। गांव में विद्यालय शुरू नहीं होने से बच्चों का भविष्य संकट में पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि वह खुद के खर्चे से भी विद्यालय भवन बनाने को तैयार हैं। शिक्षा विभाग को पहले ही कहा गया है कि हमारे पास जमीन उपलब्ध है बनाने के खर्च भी ग्रामीण उठाने को तैयार हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण

गांव के बच्चे सुबह से लेकर शाम तक खेलते रहते हैं। स्कूल जाना संभव ही नहीं है क्योंकि 3 किलोमीटर तक पैदल बच्चों को जाना संभव नहीं है।

सोनी देवी, ग्रामीण

गांव का लोकेशन इस प्रकार से है कि एक तरफ नदी और दूसरी तरफ पहाड़ है। शिफ्ट किए गया स्कूल में जाने का कोई रास्ता ही नहीं है. बच्चे बिना स्कूल के दिन भर खेलते रहते हैं।

काशी प्रसाद, ग्रामीण

गांव में स्कूल नहीं होने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा के दौर में भी यदि समाधान नहीं होगा तो कब होगा।

तुलसी चौहान, ग्रामीण

मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा के पहले 20 जनवरी से 22 जनवरी तक हम सभी ग्रामीण धरना देंगे। पंचायत सरकार भवन के आगे धरना का कार्यक्रम करेंगे।

कुश चौहान, ग्रामीण

पढ़ने के लिए स्कूल काफी दूर है वहां हम लोग नहीं जाते हैं। यहां पर किसी तरफ से हम लोग क ख ग घ आदि सीख पाते हैं।

रितिक कुमार, बच्चे

खेलने के लिए हम लोग सब बच्चा इकट्ठा होते हैं. पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं, बहुत दूर है।

ज्योति कुमारी, बच्चे

विशाल कुमार की रिपोर्ट

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