कृषि फार्म में आग से 10 एकड़ में लगी अरहर की फसल राख, कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया जा सका काबू
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड के बहादुरपुर पंचायत के करिगांव के कृषि फार्म में 10 एकड़ में लगी अरहर की फसल में अचानक आग लग गई। आग की लपटें देख हाथों में बाल्टी लेकर ग्रामीण खेत की तरफ दौड़ कर आग बुझाने का प्रयास करने लगे। तेज हवाओं के कारण आग की लपटें काफी तेजी से फैल रही थी।
काफी मशक्कत के बाद आग पर 2 घंटे बाद काबू पाया जा सका। लेकिन तब तक कृषि फार्म को भारी नुकसान हो चुका था। देखते ही देखते 10 एकड़ अरहर की फसल जलकर राख हो गई। ग्रामीणों की सूचना के बाद फायर बिग्रेड की गाड़ी और रजौली थाना के एसआई मनीष कुमार पहुंचे। लेकिन तब तक सब कुछ नष्ट हो चुका था। आग कैसे लगी, इसकी जानकारी किसी को नहीं हो पाई है।
कृषि हलवाहा के पद पर तैनात नरेश प्रसाद ने बताया कि खेत से ना बिजली का तार गुजरा है और ना ही कहीं मशीन से गेहूं की कटनी चल रही है। अचानक 10 एकड़ में लगी फसल में आग लग गई और देखते-देखते जल कर सारा अरहर जल कर राख हो गया। कृषि पदाधिकारी प्रभात कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि आग किस कारण से लगा है पता अभी तक नहीं चल पाया है। मामले की जांच की जा रही है।
बालू लदा दो ट्रैक्टर जब्त, चालक फरार
नवादा : जिले की नेमदारगंज पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्यां 20 पर तेयार मोड़ के पास छापामारी कर चोरी की बालू लदे दो ट्रैक्टर को जब्त कर लिया। इस क्रम में चालक फरार होने में सफल रहा। इस बावत अग्रेतर कार्रवाई आरंभ की गई है।
बताया जाता है कि गश्त के दौरान पुलिस को तेयार मोड़ के पास बालू लदे ट्रैक्टर पर नजर पड़ते ही चालक को रोकने का प्रयास किया। पुलिस पर नजर पड़ते ही चालक वाहन छोड़ फरार हो गया। पुलिस ने ट्रैक्टर को जब्त कर थाना लाया तथा सूचना खनन विभाग को दी। खनन विभाग से प्राप्त आवेदन के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई आरंभ की जायेगी।
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को किया अलर्ट
नवादा : आसपास के जिलों में कोरोना मरीज मिलने के बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए एक बार फिर कोरोना से जंग की तैयारियां शुरू हो गई है। राज्य मुख्यालय के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है।
पिछले साल की तरह ही इस बार भी कोविड-19 वार्ड, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन, दवाई आदि का इंतजाम किया गया है। 200 से अधिक जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर रखा गया है। आपदा आने के बाद कैसे निपटना है, इसको लेकर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों ने मॉकड्रिल की है। मुख्यालय से सिविल सर्जन समेत स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को कोविड से निपटने की तैयारी करने का निर्देश दिया गया है,जिसको लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है।
कोविड से निपटने के लिए हर तैयारी की जा रही है। पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेट करने के लिए सदर अस्पताल में तो वार्ड तैयार है ही प्रखंड लेवल पर भी व्यवस्था को मजबूत किया गया है। होम आइसोलेशन में इलाज के लिए व्यवस्था की गई है और जरूरत पड़ने पर कोविड मरीजों को वार्ड में रखा जाएगा और इलाज किया जाएगा। सभी पीएचसी व सीएचसी पर भी ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वहीं अन्य जरूरी के सामान भी उपलब्ध करा लिया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके।
प्रखंडस्तरीय अस्पतालों में 5-5 की संख्या में तैयार किए जाएंगे कोविड बेड
कोविड से लड़ने के लिए सिर्फ सदर अस्पताल में ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के सरकारी अस्पतालों में तैयारी की जा रही है। सदर अस्पताल के अलावे प्रखंडों के सरकारी अस्पतालों में भी कोविड वार्ड तैयार करने का निर्देश सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी व हेल्थ मैनेजर को दिया गया है। प्रखंडों के सरकारी अस्पतालों में पांच-पांच बेड का कोविड वार्ड तैयार किया जाएगा। इसके साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडर समेत अन्य चीजों का भी इंतेजाम करने का निर्देश दिया गया है। कोविड संक्रमण के प्रसार को लेकर जिले का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड़ में है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर कोविड से पहले की तैयारियां की जा रही है। इसी के तहत नवादा सदर अस्पताल में मॉकड्रिल की गई।
2 ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी दिक्कत
जिले में दो अक्सीजन प्लांट है। एक प्लांट नवादा सदर अस्पताल में जबकि दूसरा रजौली में। सदर अस्पताल और रजौली अनुमंडलीय अस्पताल में कोविड-19 से निपटने के लिए जो ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है, उसमें तकनीकी खराबी है। इसके चलते अभी चालू नहीं है। तकनीकी खराबी को दूर करने के लिए राज्य मुख्यालय को सूचना दिया गया है। अगर यह दोनों ऑक्सीजन प्लांट फंक्शनल हो जाता है, तो जिला ऑक्सीजन के लिए पूरी तरह आत्म निर्भर हो जाएगा। सदर अस्पताल के सभी वार्डों तक 24 घंटे ऑक्सीजन पहुंचाने में सक्षम है।
रोजाना एक हजार से अधिक लोगों की हो रही कोविड जांच
स्वास्थ्य प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में 23 बेड कोविड-19 मरीजों के लिए तैयार किए गए। रजौली अनुमंडल अस्पताल में भी 25 बेड तैयार हैं। इसके अलावा कोविड मरीजों के लिए हर प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में भी 5- 5 बेड सुरक्षित किए गए है। 200 से अधिक जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर है।
उन्होंने बताया कि जिले के लोंगो को कोरोना को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है। लेकिन सावधानियां बरतनी जरूरी है। आईडीएसपी की प्रभारी डॉ तहमीन जहां ने बताया कि जिले में अभी प्रतिदिन 1 हजार से अधिक लोगों की कोविड जांच की जा रही है। सदर अस्पताल के अलावे प्रत्येक एपीएचसी, सीएचसी समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में जांच की जा रही है।
गोलीकांड का आरोपी गिरफ्तार, देशी कट्टा वह जिंदा कारतूस बरामद
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र के गंगाबिगहा गांव में पुलिस ने छापामारी कर गोलीकांड के फरार अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार की निशानदेही पर अन्य गांव में छापामारी कर गोलीकांड में प्रयुक्त किया गया देशी कट्टा वह जिंदा कारतूस बरामद किया गया। आरोपी फरार होने में सफल रहा।
थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी ने बताया कि पूर्व में दिनांक 03.03.23 को ग्राम बड़हर में हुए गोलीकांड के अप्राथमिकी अभियुक्त रंजन कुमार उर्फ रंजन यादव पिता अंबिका प्रसाद यादव पता गंगा बिगहा थाना रजौली जिला नवादा को दिनांक 13.04.23 को मध्य रात्रि में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया है।रंजन कुमार उर्फ रंजन यादव के द्वारा अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि बड़हर गांव में हुए गोलीकांड में जिस पिस्तौल से गोली चलाई गई थी। वह गोली प्रदीप उर्फ पाकुम के द्वारा मारा गया था और वह पिस्तौल प्रदीप कुमार उर्फ पाकुम अपने घर में छुपा कर रखे हुए है।
जिसके पश्चात रंजन कुमार उर्फ रंजन यादव के बताए गए निशानदेही के आधार पर ग्राम गंगा बिगहा में प्रदीप कुमार उर्फ पाकुम के घर पर छापेमारी कर एक देसी कट्टा एवं दो जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। गोलीबारी की घटना में शामिल प्रदीप कुमार उर्फ पाकुम अपने घर से फरार पाया गया। इस बावत प्रदीप कुमार उर्फ पाकुम के विरुद्ध शस्त्र अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई आरंभ किया गया है। फरार की गिरफ्तारी के लिए छापामारी जारी है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने चलाया स्वच्छता अभियान
नवादा : भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित “सामाजिक न्याय सप्ताह” के तहत जिला अध्यक्ष अनिल मेहता की अध्य्क्षता में स्वच्छता अभियान के तहत रेलवे परिसर में सफाई, मिर्ज़ापुर में स्थित सूर्य मंदिर प्रांगण में तालाब की सफाई,तथा वृक्षारोपण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश मंत्री पूनम शर्मा, पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर विमल कुमार ,पूर्व जिला अध्य्क्ष संजय कुमार मुन्ना, जिला उपाध्यक्ष रामदेव यादव,सतीश कुमार सिन्हा, अरबिंद गुप्ता, प्रताप रंजन, जिला कोषाध्यक्ष जितेंद्र पासवान जी, आइटी सेल से अभिजीत, तेजस, सुधीर, मीडिया प्रभारी नंद किशोर चौरसिया समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल मौजूद थे।
फसल अवशेष प्रबंधन की अपर समाहर्ता ने की बैठक
नवादा : जिला पदाधिकारी उदिता सिंह के निर्देश के आलोक में उज्ज्वल कुमार सिंह अपर समाहर्ता ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित से संबंधित समीक्षात्मक बैठक किया। उन्होंने कहा कि कम्बाईन हार्वेस्टर से फसल कटाई उपरान्त फसल अवशेष खेतों में अनियंत्रित रूप से विखर जाते हैं, जिसके कारण उनका प्रबंधन करना अति आवश्यक है।
फसल अवशेष को जलाने से मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु, मित्रकिट, केंचुआ आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे खेतों में उर्वरा शक्ति कम जाती है जो फसलों के पैदावार और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे किसानों को ही काफी हानि होती है। इसके अलावे हमारे वातावरण में विभिन्न प्रकार की हानिकारक गैसें जैसे-कार्बन आक्साईड, कार्बन मनोआक्साईड आदि की मात्रा बढ़ जाती है, इससे सभी जीवों पर स्वास्थ्य प्रभावित होती है और पर्यावरण प्रदूषित होता है।
अपर समाहर्ता ने कहा कि फसल की कटाई के बाद बचे हुए डंठल, पुआल आदि को फसल अवशेष कहते हैं। पराली वेस्ट नहीं, वेल्थ है। पराली को समुचित प्रबंधन करना आज आवश्यक है। इसके लिए जिले के कृषकों को जागरूक एवं प्रेरित किया जाए। उन्हें बताएं कि फसल अवशेष खेतों में जलाने से केवल और केवल नुकसान ही होता है। कृषक फसल अवशेष का सदुपयोग करें, खेतों में नहीं जलाएं। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों यथा-कम्बाईन हार्वेस्टर, एसएमएस, स्टॉबेलर आदि के बारे में जानकारी दें।
उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने स्तर से किसानों को जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करें। केवीके शेखोदेवरा के रंजन कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि जिले के प्रगतिशील शिक्षकों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने कहा कि किसान फसलों के अवशेष (खूंटी, पुआल, भूसा आदि) को खेतों में नहीं जलाए इसके लिए जिलास्तर पर विभिन्न विभागों यथा-कृषि विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, सहकारिता विभाग, पंचायती राज विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग आदि को समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई करना है।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष पशु चारा बनाने में, कम्पोस्ट निर्माण, विद्युत उत्पादन, प्लेट/कटोरी/पैकेजिंग सामग्री आदि उत्पाद का निर्माण के कार्याें में उपयोग किया जा सकता है। जिला में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हर संभव प्रयास किए जाए। विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के द्वारा फसल अवशेष का प्रबंधन किया जा रहा है।
गुंजन कुमार सहायक निदेशक कृषि ने बताया कि स्ट्रा बेलर यंत्र के माध्यम से फसल अवशेष को जमीन से उठाकर दबाव के साथ 15 से 25 किलोग्राम का सलेंडर के रूप में परिवर्तित कर देता है, जिससे आसानी से फसल प्रबंधन किसान कर सकते हैं। यह प्रति घंटा साढ़े सात क्विंटल फसल अवशेष को सिलेंडर के रूप में बदल देता है। एक एकड़ खेत से 05 घंटे में सभी फसल अवशेष को सिलेंडर के रूप में परिवर्तित कर देता है। इसपर सरकार के द्वारा काफी अनुदान दी जाती है।
समान्य जाति के लिए 02 लाख 25 हजार रूपये एवं एससीएसटी एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 02 लाख 50 हजार रूपये दी जाती है। इसके अलावे किसान स्ट्रा रिपर और स्ट्रा बेलर (इक्वायर बेलर) का भी प्रयोग कर सकते हैं। बैठक में सत्येन्द्र प्रसाद जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, डाॅ0 रंजन सिंह वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान कृषि विज्ञान केन्द्र, गुंजन कुमार सहायक निदेषक कृषि अभियंत्रण, बीरेन्द्र कुमार जिला शिक्षा पदाधिकारी, राम कुमार प्रसाद सिविल सर्जन के साथ अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।