03 जनवरी : नवादा की मुख्य खबरें

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सरकार की कागजों पर बंद है अभ्रक खदान, करोड़ों रुपए का हो रहा अवैध कारोबार

नवादा : जी हां,चौकिये नहीं,यह तस्वीरें किसी खेत या मैदान की नहीं बल्कि उसी अभ्रक खदान की है जिसे कागज पर 17 सालों से बंद बताया जा रहा है। हर दिन इसी तरह के कई झुंड अवैध अभ्रक खदान पर दिखती है। इसमें औरत मर्द से लेकर बूढ़े और बच्चे भी शामिल रहते हैं। ये तो सिर्फ प्यादे हैं असली कमाई तो माफियाओं की हो रही है जिनके इशारे पर यह मजदूर दिन भर खनन करते हैं। उनकी कमाई हर माह करोड़ों में हो रही है। ऐसा तब है जब वन संरक्षण कानून लागू होने के बाद जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली में सभी माइका खदानें बंद कर दी गई। बावजूद इसके लगातार माइका का कारोबार फलता फूलता जा रहा है।

यह जानकर हैरानी होगी कि न तो बाजार में माइका की डिमांड कम हुई है और न ही बाजार बंद हुआ है। लेकिन राजस्व बंद होने के चलते अभ्रक की चमक से चमकने वाले बिहार एवं झारखंड की चमक भले ही फीकी हो गई है। जिला में एक भी वैध अभ्रक खदान नहीं होने के बाद भी अवैध रूप से व्यापार निरंतर चल रहा है। वन क्षेत्र से अभ्रक संग्रह कराने का काम पुराने खदान वाले इलाके में जारी है।

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बच्चे और महिलाएं बन रहे माफियाओं के मोहरे

इस काम में इलाके के लोगों की आजीविका निर्भर है, इस कार्य में पूरा परिवार लगा हुआ है। जिसमें अधिकांश 16 साल के कम उम्र के बच्चे व महिलाएं शामिल हैं। गौरतलब है कि एक दशक पूर्व रजौली थाना क्षेत्र में तकरीबन सैकड़ों अभ्रक खदानें संचालित थी। एक ही लोकेशन का कई खदान सवैयाटांड़ के शारदा, ललकी, बसरौन सहित टोपा पहाड़ी के जंगली क्षेत्र में इन दिनों दर्जनों जेसीबी के माध्यम से माइका का अवैध खनन किया जा रहा है।

जंगली क्षेत्र से शक्तिमान(ट्रक) व अन्य वाहनों के माध्यम से हजारों टन माइका शहर के गोदामों व फैक्ट्रियों तक लाई जाती है फिर माइका प्रोसेसिंग होकर विदेशों में निर्यात होता है। वर्तमान में सबसे ज्यादा उत्खनन कोडरमा की जंगली क्षेत्र रजौली प्रखंड अंतर्गत सवैयाटांड़ पंचायत व इसके आसपास स्थित फगुनी, ललकी आदि स्थानों में बंद पड़े माइका खदानों से हो रहा है।

करोड़ों का हो रहा अवैध कारोबार

स्थानीय जानकार नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि माइका के कचरे का प्रतिवर्ष कारोबार करोड़ों में है। उन कचरों को संग्रह कर चूरा तैयार करने का काम सवैयाटांड़ के सपही में लगभग 30 से 40 स्थानों पर किया जाता है। जहां पुराने माइंस थे, आज वह कागजातों में बंद हो गये हैं। लेकिन उन स्थानों के साथ-साथ जंगलों से ढीबरा चुना जाता है। जिसे स्थानीय व्यापारी 5 से लेकर 20 रुपए प्रति किलो खरीदते हैं। यह कचरा कुबेर का खजाना है।

माइका कारोबार में अपराधी हावी

अपराधियों का इस कारोबार में परोक्ष रूप से दबदबा है। जो कारोबार में बिचौलिए की भूमिका निभाते हैं। पिछले दिनो वर्चस्व को लेकर गोलीबारी में कोडरमा जिले के डोमचांच थाने में माफियाओं पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी । जिसमें कई माफिया जेल की हवा भी खा चुके हैं। माइका खनन में परोक्ष रूप से झारखंड के माफिया शामिल होते हैं। हालांकि झारखंड पुलिस इस कारोबार पर नकेल कसने की पुरजोर कोशिश की है। बावजूद खनन का कारोबार रूकने के बजाए बढ़ता जा रहा है।

कहते हैं अधिकारी

जानकारी मिली है। माइका खरीद करने वाले बिचौलियों पर कार्रवाई की जाएगी । साथ उत्खनन पर भी नकेल कसने की तैयारी की जा रही है। मनोज कुमार, रेंजर, रजौली वन क्षेत्र, नवादा:

खलिहान में लगी आग, धान-पुआल जलकर राख

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली अनुमंडल मुख्यालय नगर पंचायत की रामदास गांव के खलिहान में आग लगने से धान -पुआल जलकर राख हो गया। रामदासी गांव निवासी संजय कुमार ने बताया कि मंगलवार की दोपहर बाद धान के खलिहान में अज्ञात कारणों से आग लग गई। आगजनी में खेत में काटकर रखे धान के लगभग 90 हजार आटी नेवारी एवं 6 बोरा धान जलकर राख हो गया।

पीड़ित किसान ने बताया कि स्थानीय लोगों एवं आसपास के किसानों की सहायता से समरसेबुल द्वारा पानी से आग पर किसी तरह काबू पाने की कोशिश जारी रही।पीड़ित किसान ने बताया कि अग्निशमन कार्यालय में दूरभाष के माध्यम से सूचना देने के बाद अग्निशामक दल घटनास्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।

घटना से किसान के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। रोते हुए कह रहे थे कि अब इस साल हमलोग मवेशियों को क्या खिलाएंगे।सब नेवारी तो जलकर राख हो गया। पीड़ित किसान ने बताया कि धान की खलिहान में लगी आग को देख उनका दिमाग काम करना बंद कर दिया।इस वजह से वे अग्निशमन कार्यालय में फोन करने में देर हो गयी। आग पर काबू नहीं पाया गया होता तो आसपास रहे खेतों के धान भी जलकर राख हो जाता। सूचना अंचल अधिकारी व थानाध्यक्ष को दी गरी है।

मगही कहानीकार नरेश सिंह ‘रजपुरिया’ का निधन, जिले में शोक की लहर, सलरी तथा वंशीधर कांटा नामक दो पुस्तकें हो चुकी है प्रकाशित

नवादा : जिले के वारिसलीगंज प्रखंड अंतर्गत सौर पंचायत के राजपुर ग्राम निवासी मगही मंडप के सचिव सह मगही कहानीकार नरेश प्रसाद सिंह “रजपुरिया” (65 वर्ष) का आकस्मिक निधन शनिवार को उनके पैतृक आवास पर हो गया। इसकी खबर मिलते ही कवियों , लेखकों, साहित्यकारों, पत्रकारों, शिक्षाप्रेमिओं तथा सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यकर्ताओं में शोक व्याप्त हो गया।

सारथी पत्रिका के संपादक सह मगही मंडप के अध्यक्ष कवि मिथिलेश ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि स्व. सिंह के निधन से मगही अभियान को अपूरणीय क्षति हुई है। मगही क्षेत्र के लोगों को उन्होंने अपनी दो कहानी संकलन क्रमशः सलरी तथा बंशीधर कांटा नामक पुस्तक दो वर्ष पूर्व प्रकाशित करवाकर मगही अभियान को गति देने में अहम भूमिका निभाई थी।

स्व. सिंह ने कोरोना काल से संचालित देश देशांतर मगहिया दालान कार्यक्रम का भी हिस्सा बनते रहे हैं। उनके निधन पर मगही व हिंदी भाषा में दर्जनों पुस्तकों के रचयिता वरीय पत्रकार मकनपुर ग्रामीण राम रतन प्रसाद सिंह रत्नाकर, जयनंदन, नागेन्द्र शर्मा ‘बन्धु’, कृष्ण कुमार ‘भट्टा’, शिक्षाविद डॉ. गोविंद जी तिवारी, सौर पंचायत के पूर्व मुखिया अक्षय कुमार उर्फ गोरेलाल सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता चंद्रमौलि शर्मा, भाजपा नेता श्यामसुंदर सिंह, डॉ. रणजीत कुमार, प्रमोद कुमार ‘चुन्नू’, सरपंच ब्रह्मदेव पंडित, पत्रकार अशोक कुमार, उमाशंकर पाठक, सुजीत कुमार, सुबोध कुमार आदि ने गहरा दुःख प्रकट किया है।

कनकनी-कोहरा और बर्फीली हवा ने बढ़ाई कनकनी, तापमान का गिरना जारी

नवादा : जिले में ठंढ का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। भीषण कोहरा, बादल, बर्फीली हवा और नमी में भारी उतार-चढ़ाव के कारण मौसम तेजी से ठंडा हो रहा है । ठंड से लोगों को कंपकंपी छूट रही है । एक तरफ भीषण कनकनी के चलते लोग दोपहर में ठंड का अहसास कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सुबह शाम जबरदस्त कोहरा से कामकाज बाधित हो रहा है। वातावरण में कनकनी होने से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है।

बाजारों में भी आम दिनों की तरह चहलपहल देखने को नहीं मिल रही है। सोमवार को दोपहर के बाद 12 बजे के करीब सूर्यदेव के दर्शन हुए भी थे लेकिन मंगलवार को तो सूर्य बादलों में ही छिपे रहे। ऐसे में तापमान में गिरावट से लोग दिनभर ठिठुरते रहे। सुबह-शाम घने कोहरे व कड़ाके की ठंड के कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया । गर्म कपड़ें पहनकर लोग घरों में अलाव के समीप बैठ अपने आपको ठंढ से बचाने का प्रयत्न करते रहे। दिन का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस रहा।

ठंडी हवाएं बढ़ा रही कनकनी

ऐसे तो एक सप्ताह से ठंड बढ़ रही है। लेकिन बर्फीली हवाओं की रफ्तार थोड़ी तेज होने के चलते कनकनी और बढ़ गई है। जिले में नमी करीब 68 प्रतिशत है और हवा 10 से 12 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से रही। वातावरण मे ठंढ की अधिकता होने के कारण लोग पूरे दिन कम्बल में ही लिपटे रहने को मजबूर हो गये। अति आवश्यक होने पर लोगों ने घर से बाहर का रूख किया।

सड़कों पर पसरा सन्नाटा

ठंड के चलते जहां लोग घरों से निकलना उचित नहीं समझ रहे हैं वही दूसरी तरफ कोहरे के चलते सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। राजकीय एवं राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की गति को लगाम लग गया है। जगह-जगह छोटे-बड़े वाहन खड़े रहते है। बसें भी रेंगते हुए चल रही है। जिसके चलते कहीं आने-जाने में यात्रियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मौसम के जानकारों का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों तक मौसम में परिवर्तन की गुंजाइश नहीं है।

खेती बारी भी मुश्किल

खेतों की सिंचाई करना भी किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। गांवों में घने कोहरे के साथ-साथ कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पिछले चार-पांच दिनों सही से धूप नहीं के बराबर निकला है। ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले तीन-चार दिनों से कड़ाके की ठंड व कोहरे के चलते जहां आम जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया वही दूसरी तरफ सूर्य के दर्शन न होने से लोग परेशान हैं। सर्वाधिक परेशानी पशुओं को हो रही है। ठंड से मौत का सिलसिला जारी है। रजौली के रमरायचक गांव के बृद्ध की मौत बाजार से घर वापस लौटने के क्रम में रास्ते में हो गयी। थानाध्यक्ष दरबारी चौधरी ने इसकी पुष्टि की है।

सड़क किनारे मिला वृद्ध का शव, जांच में जुटी पुलिस, ठंड से मौत की आशंका

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना इलाके में मंगलवार की सुबह एक वृद्ध का शव पाया गया। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को बरामद किया। मृतक के पॉकेट से बरामद आधार कार्ड से पहचान की गई।

बताया जाता है कि सतगीर जाने वाली मार्ग पर धर्मपुर गांव के समीप सड़क के किनारे वृद्ध का शव पड़ा था। जानकारी के बाद ग्रामीणों की भारी भीड़ वहा जमा हो गई। ग्रामीणों ने ही पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस पहुंची और मामले की जांच पड़ताल की। मृतक की पहचान सिरदला थाना क्षेत्र के रमरायचक गांव निवासी 70 वर्षीय शिवचरण भुइयां पिता चमड़ी भुईयां के रूप में हुई।

घटनास्थल पर पहुंचे थानाध्यक्ष दरबारी चौधरी ने मृतक के पास रहे आधार कार्ड व पासबुक के आधार पर पहचान की। आशंका जताई जा रही है कि इनकी मृत्यु ठंड के कारण हुई है। वैसे पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। परिजनों के बयान से काफी कुछ साफ होगा।

तेज रफ्तार ट्रैक्टर के पलटने से किसान की मौत, परिवार में मचा कोहराम

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित थाली थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव में तेज रफ्तार ट्रैक्टर के पलटने से किसान की मौत हो गयी। मृतक की पहचान माधोपुर गांव के 35 वर्षीय कामता चौधरी के रूप में की गयी है।

परिजनों ने बताया कि मृतक कामता चौधरी अपने खेत से काम कर घर वापस लौट रहे थे। काफी तेज गति से जा रहा ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया और पैदल जा रहे युवक पर पलट गया जिसके कारण युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। स्थानीय लोगों की मदद से आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसे चिंताजनक हालत देखते हुए डॉक्टर के द्वारा बेहतर इलाज के लिए नवादा रेफर किया गया। इलाज के क्रम में मौत हो गई।

इलाके के लोगों ने कहा कि इन दिनों बड़ी गाड़ी की रफ्तार काफी तेज रहती है।जिसके कारण पर किनारे पैदल आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। तेज रफ्तार पर जिला प्रशासन की ओर से कोई लगाम नहीं लगाया जाता है जिसके कारण इस तरह का घटना देखने को मिलतू है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा है।

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