गोरखधंधा नाटक की प्रस्तुति सामाजिक अंधविश्वास व राष्ट्रीय कुव्यवस्था को प्रदर्शित कर नव विचारधारा सृजित किया
मधुबनी : भारत सरकार सांस्कृतिक मंत्रालय के सहयोग से अस्मिता आर्ट एण्ड कल्चरल फाउंडेशन (दिल्ली) द्वारा “गोरखधंधा” नाटक की प्रस्तुति दिनांक 29 दिसंबर 2022 को रामचौक मधुबनी पुलिस लाईन के बगल में राधा रानी विवाह भवन में किया गया। इस नाटक के लेखक श्री कश्यप कमल हैं। यह नाटक संतोष कुमार द्वारा निर्देशित किया गया है एवं सहायक निर्देशक रौशन कुमार है।
इस नाटक की भूमिका में प्रमुख कलाकार क्रमशः संतोष कुमार, रानी देवी, रौशन कुमार, मिथिलेश कुमार, अर्जुन राय, काजल कुमारी, नंदिता शर्मा, मनीष कार्तिकेय, नीरज कुमार पांडेय, शक्ति नारायण ठाकुर, संजीव कुमार सुमन, चंदन कुमार, विजय कुमार एवं संगीत में शुभम मिश्रा, राहुल मनीष, शशि शर्मा है। सभी कलाकार ने अपने भूमिका को अच्छे ढंग से निभाया। यह नाटक सामाजिक अंधविश्वास एवं राष्ट्रीय कुव्यवस्था पर आधारित है। यह नाटक देख कर सभी दर्शकों में उत्तेजना जगी और नव विचारधारा का सृजन हुआ।इस नाटक की प्रस्तुति सफल रही।
प्रभारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन एवं किशोर श्रम प्रतिषेध से संबधित जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई आयोजित
मधुबनी : प्रभारी जिला पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त, विशाल राज की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में बाल श्रम उन्मूलन एवं किशोर श्रम प्रतिषेध विनियमन अधिनियम हेतु राज्य कार्य योजना 2017 में प्रावधानित जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई।
उक्त बैठक में बाल श्रम उन्मूलन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। इनमें प्रखंड स्तरीय एवं पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स का गठन एवं क्रियाकलाप के संबंध में परिचर्चा, धावादल के प्रभावशाली संचालन हेतु एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम, जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम तथा बाल श्रम के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं को शामिल करना, बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल का नियमित संचालन तथा विमुक्त बाल श्रमिकों की सीएलटीएस पोर्टल में प्रविष्टि, शहरी क्षेत्रों में सभी दुकानों/प्रतिष्ठानों में नियोजको से बाल श्रमिकों से नियोजित नहीं करने से संबंधित शपथ पत्र भरवाना तथा बाल श्रमिकों के पुनर्वासन हेतु राज्यकार योजना 2017 के आलोक में विभिन्न विभागों के द्वारा विमुक्त बाल श्रमिकों तथा उनके परिवार का पुनर्वास सहित अन्य मुद्दे शामिल थे।
इसके अतिरिक्त सीएलटीएस पोर्टल में दर्ज अन्य जिले के विमुक्त बाल श्रमिकों को संबंधित जिलों में स्थानांतरण किए जाने तथा सीएलटीएस पोर्टल में दर्ज डबल ट्रिपल एंट्री को सीएलटीएस पोर्टल में से डिलीट करने के संबंध में निर्णय, 14 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों का विद्यालय में नामांकन एवं नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने, प्रधान सचिव श्रम संसाधन विभाग बिहार पटना से प्राप्त निर्देश के आलोक में बाल श्रम से विमुक्त बच्चों का नामांकन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विद्यालय में कराना। इस बैठक में श्रम अधीक्षक-सह-सदस्य सचिव द्वारा विस्तार पूर्वक विमुक्त बाल श्रमिकों के पुनर्वास मद में विभिन्न विभागों के दायित्व की जानकारी दी गई।
बैठक को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में वांछित परिणाम हासिल करने के लिए केवल सरकारी कार्रवाई से ही काम नहीं चलेगा। बल्कि, आम लोगों के बीच जागरूकता से भी व्यापक रूप से परिवर्तन लाया जा सकता है। समाज के हर व्यक्ति को बाल श्रमिक से कार्य लेने से पूर्व यह सोचना चाहिए कि उसके अपने घर के बच्चे से यदि वे बाल श्रम नहीं करवा सकते, तो उन्हें किसी और बच्चे से भी बाल श्रम नहीं करवाना चाहिए।
बच्चों की उम्र पढ़ाई लिखाई की होती है और आज के पढ़ने वाले बच्चे कल समाज का भविष्य बनेंगे। ऐसे में अब डिस्कशन से आगे चलकर हमें एक्शन की भी जरूरत है। इस परिपेक्ष में निर्देश देते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि धावा दल को और भी प्रयास करने की जरूरत है। ताकि, जहां कहीं भी बाल श्रमिक मौजूद हैं, उनके हितों की रक्षा की जा सके। इसके लिए उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि शादियों के मौसम में अल्पकालिक रूप से बाल श्रमिकों से काम लिया जाता है। ऐसे मौकों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अनुदान दिए जाने के साथ-साथ जिला प्रशासन की बाल श्रमिकों के प्रति कई और भी जवाबदेही है। इनमें उनके लिए उचित शिक्षा की व्यवस्था करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि जब बाल श्रम उन्मूलन से जुड़े हुए सभी स्टेकहोल्डर्स समन्वयित रूप से प्रयास करेंगे तभी समाज से बाल श्रम का ठीक प्रकार उन्मूलन हो सकेगा। इस अवसर पर श्रम अधीक्षक द्वारा वार्षिक कार्य प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया गया। बताया गया कि उक्त में कुल 25 विमुक्त बाल श्रमिक में से योग्य 16 विमुक्त बाल श्रमिक को तत्काल आर्थिक सहायता राशि एवं 13 को मुख्यमंत्री सहायता कोष की राशि से लाभ प्रदान कर दिया गया है।
उप विकास आयुक्त द्वारा स्पष्ट रूप से सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सीएनटीएस में दर्ज सभी विमुक्त बाल श्रमिक के शैक्षणिक आर्थिक एवं सामाजिक पुनर्वास हेतु विशेष अभियान चलाते हुए यथाशीघ्र पुनर्वास की कार्रवाई पूर्ण की जाए। बैठक के अंत में दो विमुक्त बाल श्रमिक मोहम्मद नसीम एवं मोहम्मद शाहिद को मुख्यमंत्री राहत कोष की एफडी राशि का प्रमाण पत्र भी जिला पदाधिकारी द्वारा प्रदान किया गया तथा नियमित शिक्षा प्रदान करने हेतु भी परामर्श किया गया।
उक्त के अतिरिक्त मृत प्रवासी कामगार स्वर्गीय आशीष कुमार, ग्राम भवानीपुर पंडोल, मृत कामगार प्यार एल पासवान, राजनगर, स्वर्गीय अजीत ठाकुर, पंडोल एवं स्वर्गीय रामदेव ठाकुर राजनगर के आश्रितों को भी क्रमसा प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना एवं बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना 2011 के तहत अनुदान राशि का स्वीकृत आदेश जिला पदाधिकारी द्वारा प्रदान किया गया।
उक्त बैठक में श्रम अधीक्षक, राकेश रंजन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, दिनेश कुमार चौधरी, डीपीएम जीविका, वसीम अंसारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, विन्दुभूषण ठाकुर, चाइल्डलाइन मधुबनी से निर्मला एवं सनी कुमार तथा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी गण उपस्थित हुए।
जिला सड़क सुरक्षा समिति एवं जिला स्तरीय विद्यालय परिवहन समिति की बैठक हुई आयोजित
मधुबनी : प्रभारी जिला पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त व अध्यक्ष जिला सड़क सुरक्षा समिति, विशाल राज की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की चतुर्थ त्रैमासिक बैठक एवं जिला स्तरीय विद्यालय परिवहन समिति की बैठक आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में संपन्न हुई।
बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें वाहन दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों व मृतकों की संख्या एवं उन्हें दिए जाने वाले अंतरीम मुआवजे के निष्पादन की समीक्षा, सड़क सुरक्षा जागरूकता हेतु की गई कार्रवाई, ब्लैक स्पॉट एवं दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान एवं इनके सुधार बारे में किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा, विद्यालय वाहनों के सुरक्षित परिचालन, गुड सेमिरीटन हेतु पंजी का संधारण एवं एंबुलेंस उपलब्धता की समीक्षा, यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई, यातायात के मुक्त प्रवाह हेतु अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की समीक्षा, वाहन पार्किंग स्थलों को चिन्हित करने के कार्रवाई की समीक्षा सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे।
बैठक को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि विद्यालयों के वाहनों में प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल की शिकायत के मद्देनजर इसे दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों की सहायता करने वाले गुड सेमिरिटन को उनके अच्छे काम के लिए चिन्हित कर सम्मान किया जाना है। ऐसे में घायलों की सहायता करने वालों की सूची तैयार कर जिला को प्रेषित किया जाए।
उन्होंने जिले में लोगों के द्वारा हेलमेट और सीट बेल्ट के कम इस्तेमाल पर गहरी चिंता जताते हुए इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिया कि सघन चेकिंग अभियान चलाकर यातायात के नियमों को तोड़ने वालो पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने जिले में आए दिन सड़क दुर्घटना के मामलों में हो रहे इजाफे को लेकर दुःख जताते हुए सभी चिन्हित ब्लैक स्पॉट को सही तरीके से संधारित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी एक महत्वपूर्ण पक्ष है। ऐसे में जिले के प्रमुख स्थलों पर सड़क सुरक्षा को लेकर फ्लेक्स लगाए जाएं और सभी स्कूलों में प्रातः कालीन होने वाले चेतना सत्र में कम से कम सप्ताह के एक बार सड़क सुरक्षा को लेकर संभाषण अथवा चर्चा की जानी चाहिए।
मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी, शशि शेखरण, जिला शिक्षा पदाधिकारी, दिनेश कुमार चौधरी, सड़क सुरक्षा कोषांग प्रभारी, धर्मपाल, जिला मोटर एसोसिएशन के अध्यक्ष, उमा शंकर ठाकुर, जिला स्कूल एसोसिएशन के समन्वयक, कैलाश भारद्वाज व सभी संबंधित विभागों के कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे।
एलएनएमयू की लापरवाही परीक्षा होने के बाद किया गया रद्द, छात्र निलेश ने कहा छात्रों के भविष्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़
मधुबनी : बिहार में आये दिन कभी बीपीएससी तो कभी यूपीएससी जैसे परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र वायरल का मामला आम सा हो गया है। छात्रो और शिक्षा जगत के साथ ये खिलवाड़ कब तक चलता रहेगा कोई अनुमान नहीं है। हाल ही में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के के स्नातक दुतीय खंड का परीक्षा चल रहा है। 26 दिसंबर को भौतिकी विज्ञान का परीक्षा परीक्षार्थी ने परीक्षा केंद्र पर पहुँचकर दिया।
लेकिन, उसी शाम को पता की चला की पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो चुका था, जिसके कारण विश्वविद्यालय ने परीक्षा को रद्द कर दिया गया। इस कारण कई हज़ार छात्रों का नुक़सान हुआ है। छात्रों की समस्या को देखते हुए सीएम साइंस कॉलेज के छात्र निलेश कुमार चौधरी ने इस मुद्दे को लेकर परीक्षा नियंत्रक से मिलकर सवाल जवाब किया। छात्र निलेश ने कहा क़रीब आठ हज़ार छात्र छात्राएँ प्रभावित हुए है। सबसे ज़्यादा ग़रीब परीक्षार्थी है, जो कही से कर्ज उधार लेकर परीक्षा देने जाते है।
उन्होंने विश्विद्यालय पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें कही ना कही विभागीय अधिकारियों की मिली भगत है, जो कई हज़ार छात्रो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसका जवाब विश्वविद्यालय प्रशासन हो देना चाहिए, नहीं तो छात्र हित में आंदोलन को बाध्य होंगे। इस बाबत परीक्षा नियंत्रक ने कहा की पेपर लीक की जानकारी मिलते ही मुक़दमा करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। आगे की जाँच पुलिस प्रशासन की है।
केवीएससी कॉलेज के कर्मचारी का विदाई सह सम्मान समारोह, छात्र संघ ने कहा अभिभावक जैसे मिला सम्मान
मधुबनी : जिले के बेनीपट्टी में आज कालिदास विद्यापति साइंस महाविद्यालय उच्चैठ के कर्मचारी शंकर कामत का विदाई सह सम्मान समारोह किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रधानाचार्य डॉ. अलोक कुमार पाठक और छात्र संघ ने मिथिलांचल रीतिरिवाज के अनुसार पाग दुपटा और फ़ुल माला से सम्मानित कर उपहार स्वरूप कंबल और वस्त्र दिया। इस अवसर पर छात्र संघ के अध्यक्ष सुधीर कुमार यादव ने कहा कि महाविद्यालय में इस तरह के कर्मचारी बहुत कम मिलते है।
इन्होंने अपने कार्यकाल में छात्रों के साथ अपनापन वाले रिश्ते को क़ायम रखकर सदैव सेवा दिये है जो प्रशंसनीय है। इस मौक़े पर सभी शिक्षक एवं शिक्षक संघ के अध्यक्ष राघव पाठक, डॉ. अंजीत ठाकुर, लिपिक ब्रजबिहारी, डॉ. अंजित ठाकुर शिक्षकेतर कर्मचारी, छात्र संघ अध्यक्ष सुधीर कुमार यादव, उपाध्यक्ष आरती कुमारी, परिषद सदस्य सतीश कुमार, रंजीत यादव, रोधन यादव, भारती कुमारी, नैना कुमारी, सतीश भंडारी उपस्थित थे।
जमीनी विवाद का हुआ निराकरण
मधुबनी : जिले के खजौली में प्रभारी अंचलाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार, थानाध्यक्ष अजीत प्रसाद सिंह एवं अंचल निरीक्षक पंकज कुमार के नेतृत्व में शनिवार को स्थानीय थाना परिसर में जमीन संबंधी विवाद के निराकरण को लेकर कैंप का आयोजन किया गया। इस दौरान भूमि विवाद से जुड़े कई मामलों का ऑन द स्पॉट निराकरण किया गया।
कन्हौली पंचायत निवासी प्रथम पक्ष लक्ष्मीराम एवं द्वितीय पक्ष पलटू राम के बीच के जमीनी विवाद के सुनवाई के क्रम में दोनों पक्षों के कागजातों के अवलोकन के बाद जमीन की मापी करवाकर सामाजिक समन्वय बनाकर मामले का निष्पादन कर लेने का निर्णय लिया गया। दो पक्षों के बीच के बाद की कार्रवाई को समाप्त की गई। इसके अतिरिक्त थाना क्षेत्र के स्थानीय सरावे पंचायत के तारापट्टी गांव सहित अन्य गांव से जुड़े जमीनी विवाद के मामलों की सुनवाई की गई।
सुमित कुमार की रिपोर्ट