स्कूल रसोईया का बेटा कैनवास पर पेंटिंग बना, भर रहा ऊँची उड़ान

0

नवादा नगर : अनगढ़ गँवई पत्थर को तराशने की शुरुआत करके स्कूल शिक्षक के द्वारा रसोईया के बेटे को कलाकार के रूप में स्थापित किया गया है। नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय तेयार के रसोईया का बेटा सौरभ गिरी ने अपने पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाकर कला उत्सव के दौरान सभी अधिकारी और आम लोगों को हतप्रभ कर दिया। छात्र सौरभ कुमार गिरि पर सबसे पहली नजर कला के पारखी एवं जिले के मास्टर ऑफ फाइन आर्ट अरुण कुमार वर्मा की पड़ी और उन्होंने बालक सौरभ गिरी को पेंटिंग सिखाना शुरू किया, जबकि आज सौरभ गुदड़ी के लाल के रूप में पूरे जिले में प्रतिष्ठा पा चुका है। वह पूरे जिले वासियों की नजर में आ चुका है और अब खूब प्रशंसा पा रहा है।

बनाए गए पेंटिंग को अधिकारियों ने सराहा 

swatva

डीडीसी दीपक कुमार मिश्रा ने सौरभ के द्वारा बनाई पेंटिंग को देश के बड़े पेंटरों के समकक्ष बताया, सदर एसडीओ उमेश कुमार भारती ने सौरभ कुमार गिरि की बनाई हुई पेंटिंग को अपने हाथ में ले-लेकर उसकी प्रशंसा की तथा उसका उत्साहवर्द्धन किया। जिला खेल पदाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता राजीव रंजन ने कहा कि सौरभ आगे चलकर नवादा का नाम रोशन करेगा। सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक सह वरीय उप समाहर्ता अर्पणा झा ने उसकी बनाई हुई पेंटिंग को खरीदने की पेशकश कर दी। इसके साथ ही उन्होंने उसे और भी प्रतीकात्मक एवं महापुरुषों आदि के चित्रों को बनाने की सलाह भी दी।

युवा महोत्सव में छाई रही सौरभ गिरी की चर्चा

जिला प्रशासन के द्वारा टाउन हॉल में कराए गए युवा महोत्सव में उत्क्रमित उच्च विद्यालय तेयार के विद्यार्थी सौरभ गिरी के द्वारा बनाए गए पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई गई। साथ ही साथ उन्होंने पेंसिल स्केच की मदद से कई अधिकारियों की तस्वीर उनके सामने ही बना डाली। युवा महोत्सव के निर्णायक रहे साहित्यकार डॉ. गोपाल प्रसाद ‘निर्दोष’ ने कहा कि वह अपनी पुस्तक में सौरभ गिरी की बनाई तस्वीरों को कवर पेज पर स्थान दिलाएंगे। इसके अलावा अन्य पत्र-पत्रिकाओं के लिए इसकी पेंटिंग को स्थान दिलाने का प्रयास करेंगे।

कला के पारखी गुरु अरुण वर्मा से सीखी पेंटिंग

स्कूल में पढ़ाई के दौरान सौरभ गिरी के द्वारा बनाए गए पेंटिंग की प्रतिभा को देखकर स्कूल में ही कार्यरत गणित के शिक्षक और फाइन आर्ट्स के बड़े जानकार अरुण वर्मा ने उसकी प्रतिभा को पहचाना और उसे ट्रेनिंग देना शुरू किया। स्कूल के पढ़ाई के दौरान उनके द्वारा दिए गए ट्रेनिंग का असर यह रहा कि अलग-अलग तरह की पेंटिंग में सौरभ गिरी को महारत हासिल हो गई है।

सौरभ गिरी के पिता घनश्याम गिरि राजमिस्त्री का काम करते हैं जबकि मां तारा देवी स्कूल में रसोईया है. इस तरह के पारिवारिक परिवेश होने के बावजूद सौरव की प्रतिभा ने उसे आगे बढ़ाया है। कहा गया है कि गुरु की पारखी नजर पत्थर को तराश कर पारस बना देती है, कुछ इसी तरह की स्थिति उत्क्रमित उच्च विद्यालय तेयार के विद्यार्थी सौरभ गिरी की दिख रही है। सौरभ गिरी के द्वारा युवा महोत्सव में लगाए गए पेंटिंग एग्जीबिशन में उनके द्वारा बनाए गए कई तस्वीरें लोगों को उनकी प्रतिभा का लोहा मानने को मजबूर किया।

ऑयल पेंटिंग, पेंसिल स्केच और मिट्टी मूर्ति निर्माण में कर रहा कमाल

नित्य कुछ नया सीखते एवं करते रहनेवाला सौरभ ऑयल पेंटिंग एवं पेंसिल स्केच में अब अपनी पकड़ बना चुका है तो इन दिनों वह मिट्टी से मूर्ति बनाना भी सीख रहा है। सौरभ गिरी के पिता घनश्याम गिरि जो पेशे से राजमिस्त्री हैं ने बताया कि सौरभ बचपन से ही अपनी कॉपी पर चित्र बनाता रहता था जबकि स्वयं सौरभ ने बताया कि मेरी इस चित्रकला में निखार लाने का काम गणित के मेरे शिक्षक अरुण कुमार वर्मा ने किया जो कि खुद फाईन आर्ट के मास्टर हैं। एक दिन उनकी नजर मेरे बनाये चित्र पर पड़ी तो उन्होंने मेरी पीठ थपथपा दी और उसी दिन से उन्होंने मुझे चित्रकला के गुर सिखाना शुरू कर दिया।

विशाल कुमार की रिपोर्ट

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here