श्री सीताराम विवाह उत्सव में आकर्षक झांकी के रूप में दिखे स्कूली बच्चे
– महंत श्री करुणानिधि शरण जी महाराज एवं प्रभंजनानंद शरण जी महाराज के नेतृत्व में राम विवाह उत्सव का किया गया था आयोजन
नवादा नगर : प्रभंजनानंद शरण जी महाराज कथा महंत श्री करुणानिधि शरण जी महाराज के नेतृत्व में कराए गए श्री राम विवाह उत्सव में जिला मुख्यालय के रेजिडेंशियल जीवन ज्योति अकादमी के विद्यार्थियों ने आकर्षक झांकी प्रस्तुत की। भगवान प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के रूप के अलावे राधा कृष्ण और अन्य रूप में विद्यार्थी सज कर लोगों का मन मोहा।
सनातन धर्म में मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को अत्यंत ही शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु के अंशावतार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम तथा देवी लक्ष्मी का अवतार सीता का विवाह हुआ था। तभी से इस पंचमी को ‘श्रीपंचमी’ या ‘विवाहपंचमी’ पर्व के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार विवाह पंचमी पर झुंनकिया बाबा सियाराम किला अयोध्या से संचालित स्वामी प्रभंजनानंद शरण जी महाराज के नेतृत्व में देवघर के जसीडीह में भव्य राम सीता विवाह उत्सव का आयोजन किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में कलाकार के रूप में नवादा के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर अपनी भूमिका निभाई। भगवान प्रभु श्री रामचंद्र जी महाराज की भूमिका में विद्यार्थी राजाराम, सीता के रोल में सिद्धार्थ तथा लक्ष्मण के रोल में रितु ने अपनी भूमिका निभाई। इसी प्रकार से कृष्ण के रोल में राधा रमन तथा श्वेता राधा के रोल में रहे। आकर्षक झांकी के रूप में सजे विद्यार्थी वास्तविक में आयोजन के दौरान भगवान का प्रतिरूप दिख रहे थे। संस्थान संचालक चंद्रशेखर कुमार नौसे ने बताया कि स्वामी जी के द्वारा अचानक सूचना देकर कलाकारों को बुलाया गया। कलाकारों ने जिस चतुराई के साथ पूरा अभिनय किया पूरे विवाह उत्सव को जीवंत बना दिया।
राम विवाह उत्सव से आती है सुख समृद्धि
मान्यता है कि इस दिन जो कोई भी व्यक्ति मां सीता और प्रभु श्री राम का विवाह कराता है, उसके जीवन में सुख और समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीराम और सीताजी का विवाह रामायण में लंकापति रावण के अंत के लिए बढ़ाया हुआ एक पग भी है, क्योंकि रावण के अंत का सृजन सीताजी के हरण की घटना से ही प्रारंभ हो गया था।
विवाह पंचमी का महत्व
अनेक धर्म ग्रंथो के अनुसार विवाह पंचमी के दिन न सिर्फ भगवान श्री राम और सीता का विवाह हुआ था बल्कि इसी दिन गोस्वामी तुलसी दास जी ने रामायण का अवधी संस्करण पूरा किया था। इस पर्व पर देवघर के जसीडीह में विशेष आयोजन हुआ था जिसमें नवादा जिला के कलाकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की।
विशाल कुमार की रिपोर्ट