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16 नवंबर : नवादा की मुख्य ख़बरें

अकेलापन बना केदारलाल परिवार के सामूहिक सुसाइड की वजह?

नवादा : केदारलाल पर 12 लाख का था कर्ज, बड़े कर्जदारों का ब्याज चुकाने में हो गए कई छोटे महाजनों का कर्जदार केदारलाल गुप्ता की मौत की वजह को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि पूरी बात पुलिस अनुसंधान से स्पष्ट हो पाएगी।

इन कयासों के बीच आसपास के लोगों और परिजनों से बातचीत के आधार पर मौत की वजह सूदखोरों की प्रताड़ना ही बताया जा रहा है। जैसा कि मौत के पहले केदारलाल के बयान और सुसाइड नोट में जिक्र है। मूलधन का दोगुणा से अधिक राशि अदा करने के बाद भी मुक्ति नही मिली थी।

बेटी साक्षी ने भी मौत की वजह सूदखोरी बताई है। दूसरी बेटी ने भी मौत की वजह कर्ज को बताई थी। केदारलाल पर 12 लाख का कर्ज था। जैसा कि मौत के पहले केदारलाल ने कहा था। लोग बताते हैं कि महाजन 5-20 प्रतिशत मासिक ब्याज पर कर्ज देते हैं। पांच प्रतिशत की दर से 60000 रुपए प्रतिमाह होता था। इसके अलावा दो दुकान, घर का किराया और परिवार का खर्च मिलाकर 80000 से 100000 रुपए अनुमानित है। इतनी राशि फल और चाट की दुकान से जुटाना संभव नहीं हो रहा था।

एसपी ने कहा

डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित| एसपी डाॅ. गौरव मंगला ने बताया कि केदार लाल के भाई शंभूलाल के बयान के अधार पर सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। केदारलाल और उनकी दो बेटियों के बयान के मुताबिक, कर्ज के दबाव में आत्महत्या की बात कही गई है। कांड का अनुसंधान और कार्रवाई के लिए डीएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई है।

केदारलाल ने किसी को नहीं बताई थी परेशानी, कई अफवाहें भी सहते रहें

कोरोना संक्रमण के समय से आमदनी प्रभावित थी। घर चलाना मुश्किल हो रहा था। पिछले साल 21 नवंबर को दूसरी बेटी ब्यूटी की शादी भी किए थे। इस बीच एक अफवाह फैल गई थी कि केदार लाल नवादा छोड़कर जानेवाले हैं। लिहाजा, महाजन सख्ती बरत रहे थे और घरों पर धमकियां देने लगे थे। आपत्तिजनक बातें करने लगे थे।

दुकानों से सामान उठाने लगे थे। ऐसे महाजनों से निपटने के लिए काफी दिनों तक कई छोटे सूदखोरों से कर्ज लेकर ब्याज अदा किए। बड़े सूदखोरों की ब्याजदरों के कारण उन्हें कर्ज से मुक्ति नही दिखी। ऐसा माना जाता है कि वे खुद को अकेला मानने लगे, किसी को अपनी परेशानी शेयर नही किए और ऐसा गलत कदम उठा लिए।

केदारलाल परिवार का मजार से था पुराना नाता, हर हफ्ते जाते थे मजार

जिस मजार के समीप केदारलाल ने पत्नी, बेटे और तीन बेटियों के साथ सुसाइड किया, उस मजार से इस परिवार का पुराना नाता रहा है। बेटी गूंजा और बेटे अमित गुप्ता ने बताया कि वे लोग भी बचपन से जाते थे। केदारलाल के छोटे भाई शंभूलाल ने बताया कि उनका हलवाई समाज दोनों संप्रदाय में भरोसा रखते हैं। वे भी हर हफ्ते जाते हैं।

उनके भाई भी जाते थे। जहां तक मौत का सवाल है तब विपदा में कोई नही सोचता कि मजार है कि दुर्गा मंडप। केदारलाल पर उनके बेटे बेटियों का अटूट विश्वास और स्नेह था। बड़ी बेटी गूंजा ने बताया कि ऐसा परवरिश मिला था कि हम सभी पापा के फैसले का विरोध नही कर सकते थे। मैं रहती तो मैं भी नही टाल सकती थी।

पूंजीवादी व्यवस्था के मकड़जाल का शिकार हुआ नवादा का पूरा परिवार

नवादा : समाज में पूंजीवादी व्यवस्था का अंधेरा प्रगाढ़ हो गया है, जो मानवीय मूल्य, संवेदनाएं, सद्भाव और आत्मीयता को अलग-अलग कारणों से रौंदते निर्मम भाव से बढ़ता जा रहा है। श्रम से लोगों को हतोत्साहित कर रहा है। नवादा के केदारलाल इसी निर्मम पूंजीवादी व्यवस्था के शिकार हो गए।

छह साल पहले ठेले पर चाट बेचते थे, पत्नी व चार आश्रित संतानों को बेहतर जीवन देने की आकांक्षा ने उन्हें और अधिक श्रम करने को प्रेरित किया, पूंजी नहीं थी तो सूद पर रकम ले ली, इससे शहर में दो जगह फल दुकान खोली, मेहनत व मुनाफे का हिसाब लगाया था तो लगा कड़े सूद के बावजूद समय पर रकम लौटा देंगे, परंतु वह कर्ज के ऐसे मकड़जाल में फंसे की उससे ऊबर नहीं सके।

सारी कमाई प्रतिमाह सूद चुकाने में ही खत्म होने लगी, मूलधन वैसे का वैसा खड़ा रहा, जिस माह सूद नहीं चुका पाते, अगले माह सूदखोर उस रकम को मूलधन में बदल देते, नतीजतन कर्ज अंधा कुआं बन गया, कितना भी डालो भरता ही नहीं था।

उनकी डायरी के मोबाइल के स्क्रीनशाट में मिले पन्ने गवाह हैं कि छह साल के दौरान वह मूलधन के बराबर सूद चुका चुके थे। परंतु किसी नियम-कानून को न मानने वाले सूदखोर उनपर मूलधन से भी ज्यादा 12 लाख रुपये एक बार में लौटाने का लगातार दबाव दे रहे थे, बेटियों को घर से उठा लेने की धमकी दे रहे थे, जिससे केदारलाल टूट गए और परिवार के छह सदस्यों के साथ खुदकुशी कर ली।

यह बात पिता, मां, तीन बहनों व एक भाई को मुखाग्नि देने के बाद परिवार के बड़े बेटे अमित गुप्ता और बहन गुंजा ने कही थी। यह घटना समाज के लिए बड़ा सबक है, गैरनिबंधित सूदखोरों से कर्ज लेना आग के दरिया की तरह है, जिसमें आपको डूबकर जाना है। इससे बच गए तो आपकी किस्मत, वर्ना अंजाम बेहद बुरा होता है।

सूदखोरों से बचें, बैंक से लें कर्ज : डीएम

नवादा डीएम उदिता सिंह कहती हैं, ऐसे सूदखोर रजिस्टर्ड नहीं होते हैं, आमजन को इनसे कर्ज लेने से बचना चाहिए, इनका ब्याज दर मनमाना होता है। अत: बैंक से लोन लें, सरकार भी स्वरोजगार के विभिन्न साधनों से लिए अच्छी-खासी सब्सिडी दे रही है। डीएम ने बताया कि किसी को भी सूद का कारोबार करने के लिए अंचल अधिकारी को आवेदन देकर लाइसेंस लेना होता है।

अंचल कार्यालय से मिलता है सूदखोरी का लाइसेंस

नवादा सदर अंचल के सीओ रविशंकर राय ने कहा कि उनके अंचल क्षेत्र में कोई भी रजिस्टर्ड सूदखोर नहीं है। उन्होंने बताया कि यदि कोई कानूनी तौर पर सूदखोरी का नियमानुसार व्यवसाय करना चाहते हैं तो इसके लिए वह अंचल कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। सरकार के नियम व मापदंड के अनुसार उस पर विचार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि अंचल स्तर से इसके लिए लाइसेंस दिए जाते हैं। जिसमें सारे प्रविधान के तहत लेन-देन किया जाना है। इसके लिए एक रजिस्टर होता है। जिसमें निबंधित लोगों के नाम-पते दर्ज रहते हैं। समय-समय पर ऐसे लाइसेंसी के कार्यप्रणाली की जांच-पड़ताल भी की जाती है। सरकार की बैंकिंग नियमावली के अनुसार सूद की दर भी निर्धारित होती है।

महाजनों के शोषण पर नियंत्रण को बना था कानून

ब्रिटिश शासनकाल में गठित अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व में 1937 में सबसे पहले महाजनों के शोषण पर नियंत्रण को कानून पारित किया गया था। इस कानून में व्यवस्था थी कि अगर महाजन से लिए गए उधार की रकम का सूद मूलधन के बराबर हो जाता है तो महाजन को कर्जदार के आग्रह पर सूद में रियायत देनी होगी। इस कानून में सूद का प्रतिशत निर्धारित नहीं था। मूलधन के बराबर सूद की रकम नहीं होने पर यह कानून प्रभावी नहीं था।

1974 में हुआ कानून में संशोधन, तय हुई सूद की दर

देश की आजादी के बाद 1974 में इस कानून में संशोधन किया गया। जिसमें प्रावधान किया गया कि महाजनी करने वाले या निजी फाइनेंस कंपनियों को जिलाधिकारी के यहां आवेदन देकर खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा। तभी वे सूदखोरी को व्यवसाय के तौर पर कर सकते हैं। इसमें सूद के प्रतिशत का भी उल्लेख करना होगा। बाद में यह अधिकार अंचलाधिकारी को दे दिया गया।

धान काटने के लिए नहीं मिल रहे मजदूर, किसान परेशान

नवादा : जिले में मजदूरों के लगातार पलायन से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। किसानों की चिंता का कारण खेतों में तैयार धान की फसल को खलिहान तक लाने की है। धान की फसल खेत में ही झड़ने से किसान पहले से ही चिंतित नजर आ रहे हैं।

दलालों व ठेकेदारों द्वारा प्रतिदिन दूसरे राज्यों के ईंट भट्ठों के मालिकों से मोटी रकम लेकर स्थानीय अधिकारियों की मिली भगत से मजदूरों के पलायन में सहयोगी बनते जा रहे हैं। इस कारण धान की कटनी पर असर पड़ता दिख रहा है। धान की बाली पूरी तरह तैयार होकर कटने के इंतजार में है। ऐसी स्थिति में कटाई नहीं होने पर उपज में कमी होने की आशंका बनी हुई है। धान फसल की कटाई समय पर नहीं होने की स्थिति में कई तरह के रोग मसलन सुखाड़, हल्दिया, बाली का झड़ना आदि की संभावना उत्पन्न होने लगी है।

मजदूरों का स्वरोजगार पर जोर

मजदूरी करने वाले परिवारों में भी पढ़ाई करने की ललक पैदा हो गयी है। पढ़े-लिखे मजदूरों का युवा वर्ग मजदूरी करने के बजाय रोजी-रोजगार की जुगत में खेती से शहर की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे लोग स्वयं व अपने परिवार के सदस्यों को स्वरोजगार करने का दबाव बनाने लगे हैं।

इसके अलावा मनरेगा सहित अन्य विकास योजना का काम करना पसंद करते हैं। ऐसी स्थिति में दिन व दिन मजदूरों की कमी होती जा रही है। मजदूरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने से भी इस पर असर पड़ रहा है। मजदूर वर्ग के लोग अब पट्टा, बटैया व चौरहा पर खेत लेकर स्वयं खेती करने लगे हैं। इसका भी असर साफ दिख रहा है।

यांत्रिकरण ही मात्र विकल्प

खेती बारी के लिए मजदूर नहीं मिलने की समस्या कोई अस्थायी नहीं है. यह समस्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है. ऐसी स्थिति में किसानों के समक्ष एक मात्र विकल्प यांत्रिकीकरण रह गया है। जो काम कई मजदूरों द्वारा दस दिनों में किया जायेगा, यह कार्य कृषि यंत्र घंटों में कर रहा है। अब खेती करने से लेकर जुताई, कटाई में भी कृषि यंत्रों का उपयोग किसान के लिए लाभकारी है। मजदूरों की कमी किसानों को नहीं खलेगी।

नवजात बच्चे को परिजनों ने ट्रेन में छोड़ा.. जीआरपी ने कराया अस्पताल में भर्ती

नवादा : एक बार फिर से मानवता शर्मसार हुई है। एक अबनार्मल बच्चा ट्रेन से लावारिश हालत में मिला है.जिसके बाद बच्चें एवं उसके मां-पिता के बारे में तरह -तरह की चर्चा होने लगी है। लावारिश हालत में दो साल का यह बच्चा गया-रामपुर हाट पैसेंजर ट्रेन में नवादा स्टेशन के पास से मिला है.ऐसा लगता है कि परिवार वालों ने जान-बूझकर इस बच्चे को ट्रेन में छोड़ दिया था।

सूचना के बाद बच्चे को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई.फिर जीआरपी की टीम मौके पर पहुंचकर बच्चे को अपने कब्जे मे लिया और तत्काल उसे अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया है। बच्चा फिलहाल ठीक है.बरामद बच्चे का सिर थोड़ा बड़ा नजर आ रहा है और उसकी एक्टिविटी भी सामान्य बच्चे से अलग दिख रहा है। जीआरपी की टीम आसपास के लोगों से पुछताछ कर नवजात बच्चे के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है, आस-पास के थाना को भी सूचित किया गया है।

व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता हो रहे उपेक्षा के शिकार

नवादा : जिला व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता उपेक्षा के शिकार हैं। न्यायाधीश कक्ष में उनके बैठने तक कि समुचित व्यवस्था का अभाव है। ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संंघ के उपाध्यक्ष डा. ज्योति कुमार ने इसकी शिकायत महासचिव से करते हुए समस्या का समाधान कराने का आग्रह किया है।

आरोप है कि न्यायाधीश कक्ष में बैठने की व्यवस्था नहीं रहने से बुजुर्ग अधिवक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा किशोर न्यायालय के पांच से छह किलोमीटर दूर स्थानांतरित किये जाने से अधिवक्ताओं को परेशानी हो रही है सो अलग। उन्होंने समस्या का समाधान कराने का आग्रह किया है।

इस बावत महासचिव संत शरण शर्मा ने कहा कि सारे समस्याओं से पूर्व में ही जिला जज को अवगत कराया जा चुका है. अफसोस यह है कि दिये गये आवेदन की प्राप्ति नहीं दिये जाने से परेशानी हो रही है। इसकी शिकायत निरीक्षी जज से की जायेगी।

पशु चिकित्सालय में ताला बंद रहने से पशु पालक परेशान

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के अंधरवारी प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय में ताला लगे रहने से पशु पालक परेशान हैं। प्रतिनियुक्त चिकित्सक से लेकर कर्मचारी तक कहां रहते हैं किसी को पता तक नहीं चलता।

यह हाल तब है जब जिले में पशुओं के बीच लम्बी रोग का सैलाब तेजी से हो रहा है। लम्बी रोग से कई पशुओं की मौत हो चुकी है और मौत का सिलसिला जारी है। इस बात पशु चिकित्सालय जुड़े ग्रामीणों टूटू राय, रामानुज, कारु सिंह आदि ने जिलाधिकारी कोआवेदन देकर मामले की जांचोपरांत समुचित कार्रवाई की गुहार लगायी है।

डीएम ने किया में जन शिकायत निवारण शिविर

नवादा : जिलाधिकारी श्रीमती उदिता सिंह की अध्यक्षता में नारदीगंज प्रखंड के अन्तर्गत मसोढ़ा ग्राम पंचायत के कुज्जा गाॅव में प्रखंड स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी के आदेश के आलोक में शिविर में 20 विभागों के द्वारा स्टाॅल लगाया गया था। आज इस शिविर में 300 से अधिक जन समस्या से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से जिलाधिकारी के द्वारा 138 आवेदनों को आॅन स्पाॅट निष्पादन कर दिया गया।

जिलाधिकारी स्वयं सभी स्टाॅलों का निरीक्षण किए एवं उपस्थित आम जनता की समस्याओं को यथाशीघ्र निवारण करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया। इसके अलावा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक हुई। उन्होंने अधिकारियों को सभी योजनाओं को ससमय गुणवत्ता के साथ लागू करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया।

शिविर में मुख्यमंत्री सात निष्चय योजना, राजस्व, नीलाम पत्रवाद, खनन, उत्पाद एवं मद्य निषेध, लोक शिकायत निवारण, आरटीपीएस, विकास, आपूर्ति, आईसीडीएस, शिक्षा, समाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना आदि से संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए विभिन्न विभागों के द्वारा स्टाॅल लगाया गया था। शिविर में आने वाले सभी आम नागरिकों की समस्या को सुना गया और साथ ही साथ सरकार की जनोपयोगी योजनाओं के संबंध में जागरूक किया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि जो भी आवेदन प्राप्त हुए हैं, उन्हें यथाशीघ्र निष्पादित करें। उन्होंने पंचायत सरकार भवन का भी समीक्षा किया।

समीक्षा के क्रम में बताया गया कि 11 पंचायतों में से हड़िया पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। परमा और मसोढ़ा में पंचायत सरकार भवन निर्माणाधीन है। 03 पंचायतों में जमीन चिन्हित कर दिया गया है और शेष 05 पंचायतों में जमीन चिन्हित करने की कार्रवाही चल रही है। बिहार सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना है।

जिलाधिकारी के निदेश के आलोक में प्रत्येक सप्ताह के बुधवार और गुरुवार को चयनित प्रखंडों के पंचायत में ग्राम विकास शिविर का आयोजन कर स्थानीय लोगों के समस्याओं को आॅन स्पाॅट निष्पादन किया जा रहा है। शिविर में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, साईबर क्राइम से बचने के उपाय के साथ-साथ महत्वकांक्षी एवं जन उपयोगी सरकार के विभिन्न योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया।

विशेष शिविर में श्री उज्ज्वल कुमार सिंह अपर समाहर्ता, श्री दीपक कुमार मिश्रा उप विकास आयुक्त, श्री उमेश कुमार भारती अनुमंडल पदाधिकारी नवादा सदर, प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री रंजीत कुमार, अंचलाधिकारी श्रीमती अमिता सिहा के साथ-साथ प्रखंड के अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

डीएम ने किया प्रेस दिवस का उद्घाटन, पत्रकारों को किया सम्मानित

नवादा : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के तत्वाधान में समाहरणालय सभाकक्ष में राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका पर परिचर्चा आयोजित हुई। इस अवसर श्री विजय कुमार पाठक के संस्था सृजन आर्ट के उत्कृष्ट बालिका कलाकारों के द्वारा सुमधुर स्वागत गीत प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया।।

श्री सत्येन्द्र प्रसाद जिला सूचना एवं जन सम्पर्क पदाधिकारी ने मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्रीमती उदिता सिंह को बुके देकर सम्मानित किया। जिलाधिकारी श्रीमती उदिता सिंह डीपीआरओ एवं सम्मानित पत्रकारों के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जिलाधिकारी ने स्वयं अपने कर कमलों से सभी सम्मानित मीडिया बंधुओं/आगत अतिथियों को बारी-बारी से गुलाब का फूल भेंट कर सम्मानित किया। इसपर सभी मीडिया बन्धुओं ने खुशी जाहिर की।

राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों एवं बुराईयों को मिटाने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिलाधिकारी ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता के साथ-साथ प्रेस की जिम्मेदारियों को भी ध्यान आकृष्ट करता है। उन्होंने सभी उपस्थित सम्मानित पत्रकारों को धन्यवाद और शुभकामना दिया। प्रशासन का मीडिया से हमेशा सहयोग मिलता रहता है। जिले में घटने वाली घटनाओं के संबंध में मीडिया से भी लागातार फिडबैक मिलता रहता है। समय पर जिला प्रशासन का सहयोग करने के लिए पत्रकारों का आभार व्यक्त किया।

जिलाधिकारी ने कहा कि मीडिया को समाज का दर्पण कहा जाता है। मीडिया के द्वारा समाज में एक विचारधारा भी प्रस्तुत किया जाता है। यदि आपलोग अच्छे विचारधारा प्रस्तुत करेंगे तो समाज में सकारात्मक सोच के साथ चलेगा। पर्व त्योहारों में भी मीडिया का रोल काफी महत्वपूर्ण होता है। सोशल मीडिया पर कोई समाचार चलती हो तो बिना कन्फर्म किये उसको नहीं चलायें। मीडिया के अपेक्षित सहयोग से ही जिला में सभी पर्व त्योहार शांतिपूर्ण मनाने में सफल हुए हैं।

राष्ट्र के निर्माण में मीडिया का महत्वपूर्ण रोल प्रारम्भ से अबतक काफी महत्वपूर्ण रहा है। सरकार की नीतियों को आम जनता तक पहुंचाने में मीडिया का महत्वपूर्ण रोल होता है। जिला प्रशासन के सभी कार्यकलापों में मीडिया के द्वारा बेहतर फिडबैक प्राप्त होता है। प्रिंट, इलेक्ट्राॅनिक और सोशल मीडिया काफी सजग और अनुभवी हैं। लेकिन सोशल मीडिया के नये-नये पत्रकारों में अपेक्षाकृत अनुभव की कमी पायी जाती है। वरिष्ठ पत्रकारों से अपेक्षा किया कि नए पत्रकारों का मार्गदर्शन करें।

इस अवसर पर श्री सत्येन्द्र प्रसाद डीपीआरओ ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में मीडिया की प्रारम्भ से ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मीडिया सरकार के कार्याें, योजनाओं तथा नीतियों को आम जनता तक कम समय में पहुंचाने में सशक्त माध्यम है। जनता की आशाओं, अपेक्षाओं और उनके आवाजों को सरकार तक पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण माध्यम है। मीडिया सरकार और जनता के बीच एक निर्णायक भूमिका अदा करता है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि मीडिया आपदा, शासन-प्रशासन, वाणिज्य, मनोरंजन, साहित्यिक, राजनीतिक आदी क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता सिद्ध करता रहा है। मीडिया के बिना राष्ट्र निर्माण की बात करना मुश्किल होगा।

श्री विजय शंकर पाठक, सृजन आर्ट के निदेशक ने कार्यक्रम का संचालन कियु और मीडिया को राष्ट्र के निर्माण में सजग और सहयोगी बताया। श्री अशोक कुमार प्रियदर्शी, ब्यूरो चीफ दैनिक भास्कर, श्री मनमोहन कृष्णा संवाददाता हिन्दुस्तान, श्री मिथिलेश कुमार जिला प्रभारी केवल सच, मो0 शमा जी उर्दू अखवार, श्री विशाल कुमार संवाददाता प्रभात खबर ने राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका पर इ ऐतिहासिक काल से लेकर आज तक किये गए सहयोग के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराए।

विशेष कार्यक्रम में सन्नी भगत, सोनू कुमार, अरविन्द कुमार, मुकेश कुमार पाण्डेय, शैलेश कुमार, मनोज कुमार, अनील शर्मा, मनीष कमलीया, ऋषभ कुमार, गुड्डू सिंह, अमृत गुप्ता, रंजीत कुमार, विश्वास कुमार, नितेष कुमार, पंकज सिंहा, अवध भारती, साहब आलम के साथ-साथ प्रियंका कुमारी, प्रिती उराव, चन्दा कुमारी, जय प्रकाश गुप्ता, रजनी कुमारी, कमलेश कुमार, कमला कुमारी, आशा कुमारी सिंहा, राजा बाबू आदि के सहयोग से कार्यक्रम का सफल संचालन किया गया।

उप विकास आयुक्त ने किया विभिन्न योजनाओं की समीक्षा, दिया निर्देश

नवादा : श्रीमती उदिता सिंह जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में श्री दीपक कुमार मिश्रा उप विकास आयुक्त ने आकांक्षी जिला के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं के संबंध में समीक्षात्मक बैठक किया। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला कृषि पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस को निर्देश दिये कि आकांक्षी जिला के तहत चयनित सभी योजनाओं को यथाशीघ्र और गुणवत्ता के साथ कार्यान्वित करना सुनिश्चित करें।

कौआकोल और सिरदला प्रखंड के चयनित 10-10 आंगनबाड़ी केन्द्रों को माॅडल केन्द्र के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। सभी अधिकारियों को अपने-अपने कार्यालय के बैंक खाता जिला योजना पदाधिकारी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कन्हाई इंटर विद्यालय नवादा में साईन्स पार्क स्थापित किया जा रहा है जो विज्ञान के गुढ़ विषय को समझने में अध्ययनरत विद्यार्थियों को काफी सहयोगी होगा।

जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सुक्ष्म सिंचाई योजना को किसानों के बीच प्रचारित कराना सुनिश्चित करें, जिससे जल संरक्षण होगा और उत्पादन में भी बृद्धि होगी। इसके लिए सरकार के द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान दी जा रही है। पूर्व वर्ष में इसके लिए 300 हेक्टर जमीन चिन्हित किया गया था जो वर्तमान वित्तीय वर्ष में 375 हेक्टेयर किया गया है।

जिला पशुपालन पदाधिकारी को निर्देश दिये कि जिले की विभिन्न पशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए शत्-प्रतिशत टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें। जिला शिक्षा पदाधिकारी को कहा गया कि वर्ग 06, 08 और 09 में नामांकित सभी बच्चों का डाटा जिला योजना पदाधिकारी को दें।

सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सदर हाॅस्पीटल में डिजिटल लेबोरटरी खोलने के लिए सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण करें। इसके माध्यम से सभी प्रकार की जाॅच आटोमेटिक कराना संभव हो सकेगा। अल्ट्रासोनोग्राफी के लिए अनुभवी आपरेटर को प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया। बैठक में सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

मॉडर्न ग्रुप के विभिन्न विद्यालयों से शामिल होकर विद्यार्थियों ने दिखाया अपनी तर्कशक्ति का जलवा

नवादा : 57 वें राष्ट्रीय प्रेस दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर बुधवार को मॉडर्न इंगलिश स्कूल, कुंतीनगर, नवादा के बहुद्देश्यीय सभागार में अंतर-विद्यालयीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल हिसुआ, मॉडर्न इंगलिश स्कूल न्यू एरिया, मॉडर्न इंगलिश स्कूल कुंतीनगर, नवादा एवं मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल, नारदीगंज के अष्टम से दशम वर्ग के कुल 24 विद्यार्थियों ने भाग लेकर वाद-विवाद के ज्वलंत विषय “सोशल मीडिया- वरदान या अभिशाप” पर अपनी तार्किक प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन किया।

वाद-विवाद प्रतियोगिता के द्वारा विद्यालय के हज़ारों बच्चों एवं किशोरों ने सोशल मीडिया के उन गंभीर पक्षों को जाना, जो उनके विद्यार्थी एवं सामाजिक जीवन को अत्यंत गहराई से प्रभावित करते हैं।कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों और इंटरनेट मीडिया से जुड़े वरीय पत्रकारों में डॉ संजय कुमार सुमन, साकेत बिहारी,वरुणेंद्र कुमार, रमेश, सुधीर कुमार गुप्ता एवं विशाल कुमार के साथ मॉडर्न शैक्षणिक समूह के निदेशक डॉ. अनुज कुमार के द्वारा रिबन काटकर एवं मंगलदीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए निदेशक ने कहा कि वाद-विवाद प्रतियोगिता विद्यार्थियों की तर्कशक्ति एवं विचारों को विकसित करता है। किसी भी मुद्दे को गहराई से समझकर उसके पक्ष-विपक्ष के सभी पहलुओं को समझने का अवसर मिलता है। ऐसे कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भाग लेकर सभी को लाभान्वित होना चाहिए। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र की सफलता में प्रेस के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रेस दिवस के महत्व का वर्णन किया एवं मीडिया में विद्यार्थियों के कैरियर के बारे में बताया।

प्रतियोगिता का आयोजन हिंदी विभाग, मॉडर्न इंगलिश स्कूल के द्वारा हिंदी शिक्षक रवि रंजन की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें विद्यालय के हिंदी शिक्षकों विपुल कुमार एवं वीरेंद्र कुमार की सक्रिय भूमिका सराहनीय रही। प्रतियोगिता में निर्णायक की गरिमापूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन मॉडर्न ग्रुप के वरिष्ठ हिंदी शिक्षकों एस.के. रंजन, श्रीनारायण पाठक एवं उमेश पांडेय के द्वारा किया गया।

सुबह 09 बजे प्रारंभ हुए प्रतियोगिता में सम्मिलित सभी प्रतिभागियों ने वाद-विवाद का विषय “सोशल मीडिया- वरदान या अभिशाप” के पक्ष एवं विपक्ष में अपने जोरदार तर्क देकर 4 घंटे तक अनवरत वाद-विवाद करके कार्यक्रम को सफल बनाया। अपनी उत्कृष्ट तार्किक क्षमता एवं तथ्यात्मक व्याख्या से इस प्रतियोगिता में मॉडर्न इंगलिश स्कूल, नवादा के आयुष कुमार ने प्रथम, नाम्या माथुर, उज्ज्वल कुमार एवं तनु कुमारी ने संयुक्त रूप से द्वितीय एवं अंजली भदानी और साक्षी कुमारी ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इनके अलावे सत्यम कश्यप, गरिमा राज, रोशनी सिन्हा, भव्या कुमारी, पीयूष कुमार, यानवी, शिवम कुमार, रिमझिम कुमारी, दुर्गेश नंदिनी, नायाब फातिमा, नैंसी नायक, शिवम शाश्वत एवं प्रिंस राज आदि का भी प्रदर्शन अत्यंत सराहनीय रहा। प्रतियोगिता के सफल आयोजन में विद्यालय के इंचार्ज सुजय कुमार एवं एम.के. विजय के साथ मणिकांत मिश्रा, नीरज मिश्रा, समीर सौरभ सारिका कुमारी, सरस्वती कुमारी, बिस्मिता साहू, अनिता मैम एवं अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रशंसनीय भूमिका निभाई।