कार्तिक पूर्णिमा मेला एवं चन्द्रग्रहण पर उत्तरायण गंगा के उमानाथ घाट पर श्रध्दालुओं की उमड़ी भीड़

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बाढ़ : पावन कार्तिक पूर्णिमा एवं चन्द्रग्रहण पर सुप्रसिध्द ” उमानाथ ” मंदिर-घाट पर उमड़ी लाखों श्रध्दालुओं की भीड़ ने उत्तरायण गंगा नदी में डुबकियां लगाकर देर शाम तक पास के मंदिरों में पूजा-अर्चना की। कार्तिक पूर्णिमा के मेले में सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण एसडीएम कुंदन कुमार खुद कर रहे थे। कार्तिक पूर्णिमा पर लगे मेले में यात्रियों के लिये प्रशासन ने सुरक्षा ब्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया। कार्तिक पूर्णिमा मेले में आये यात्रियों की कड़ी निगरानी वीडियो नवकंज कुमार, सीओ जितेंद्र कुमार सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष गुप्ता कर रहे थे।

बिहार का बनारस यानि काशी के नाम से प्रसिध्द प्राचीन बाढ़ अनुमंडल के “उमानाथ” घाट पर हर बर्ष की भांति इस बर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा के मेले एवं चन्द्रग्रहण के अवसर पर अनुमंडल के उमानाथ, अलखनाथ, बनारसी घाट, पोस्ट ऑफिस घाट, बाल शनिधाम घाट एवं गौरीशंकर आदि घाटों पर देर शाम को लाखों श्रध्दालुओं ने उत्तरायण गंगा नदी में डुबकियां लगाकर पास के भगवान उमानाथ शंकर सहित सभी मंदिरों में जलाभिषेक के साथ पूजा-अर्चना कर अपनी-अपनी मन्नतें पूरी होने की देवी-देवताओं से कामना की।

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बतातें चलें कि बाढ़ अनुमंडल में अबस्थित उत्तरायण गंगा तट पर अतिप्राचीन ” उमानाथ ” मंदिर की महत्ता धर्मशास्त्रों में विस्तार से वर्णित है और यहां बर्ष में तीन मेले क्रमशः माघ की पूर्णिमा,वैशाखी और कार्तिक मेले लगा करता है, जिसमें राज्य के कोने-कोने से काफी संख्या में श्रध्दालु आया करते हैं।

लोगों में धारणा हैं कि यहां श्रध्दालुओं द्वारा भगवान उमानाथ महादेव से मांगी गई हर मन्नते पूरी होती है।उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर अबस्थित उमानाथ मंदिर को राज्य पर्यटक केंद्रों की सूची में शामिल किये जाने की मांग सरकार से स्थानीय लोगों द्वारा करीब तीन दशकों से की जा रही है,पर इस मांग को सरकार द्वारा अब तक पूरा नही किये जाने से लोगों में क्षोभ है।

सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट

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